“अनंत अनुबंध,” लियाहोना, अक्टूबर 2022.
मासिक लियाहोना संदेश, अक्टूबर 2022
अनंत अनुबंध
वे सभी जिन्होंने परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाया है, उनके पास एक विशेष प्रकार के प्रेम और दया तक पहुंच है।
युद्धों और युद्धों की अफवाहों से जूझते इस संसार में, यीशु मसीह की सच्चाई, प्रकाश और उसके प्रेम की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। मसीह का सुसमाचार महान है, और हमें इसका अध्ययन करने और इसके उपदेशों के अनुसार जीने की आशीष मिली है। हम इसे साझा करने में आनन्दित होते हैं—हम जहां कहीं भी हों, इस सच्चाई की गवाही देते है।
मैंने इब्राहिमिक अनुबंध और इस्राएल के एकत्रित होने के महत्व के बारे में बार-बार चर्चा की है। जब हम सुसमाचार को अपनाते हैं और बपतिस्मा लेते हैं, तो हम यीशु मसीह के पवित्र नाम को अपने ऊपर लेते हैं। बपतिस्मा वह द्वार है जो परमेश्वर द्वारा इब्राहीम, इसहाक, याकूब, और उनके वंश को दिए गए सभी प्रतिज्ञाओं के संयुक्त उत्तराधिकारी बनने की ओर ले जाता है।1
“नया और अंनत अनुबंध”2 (सिद्धांत और अनुबंध 132:6) और इब्राहिमिक अनुबंध वास्तव में एक ही है—अलग-अलग समय पर नश्वर पुरुषों और महिलाओं के साथ बनाए गए अनुबंध को फिर से लिखने के दो तरीके।
अनंत विशेषण यह दर्शाता है कि यह अनुबंध संसार की उत्पत्ति से पहले भी अस्तित्व में था! स्वर्ग में महान परिषद् में रखी गई योजना में हम सभी को बता दिया था कि हम सभी परमेश्वर की उपस्थिति से अलग कर दिये जाएंगे। हालाकि, परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि वह एक उद्धारकर्ता देगा जो पतन के परिणामों पर विजय प्राप्त करेगा। परमेश्वर ने आदम से उसके बपतिस्मे के बाद कहा:
“तुम उसकी रीति के अनुसार हो जो बिना दिनों के आरंभ या वर्षों के अंत का था।
“देखो, तुम मुझ में एक हो, परमेश्वर के बेटे; और ताकि इस प्रकार सब मेरे बेटे बन सकें” (मूसा 6:67–68)।
आदम और हव्वा ने बपतिस्मे की विधि को स्वीकार किया और परमेश्वर के साथ एक होकर काम शुरू किया। उन्होंने अनुबंध के मार्ग में प्रवेश किया था।
जब आप और मैं भी उसी मार्ग में प्रवेश करते हैं, तो हमारे पास भी जीवन का एक नया मार्ग होता है। इस प्रकार हम परमेश्वर के साथ एक संबंध बनाते हैं जो उसे हमें आशीष देना और बदलना संभव करता है। अनुबंध का मार्ग हमें वापस उसके पास ले जाता है। यदि हम अपने जीवन में परमेश्वर को प्रबल होने देते हैं, तो वह अनुबंध हमें उसके अधिक निकट ले जाएगा। सभी अनुबंध जोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। वे अनंत संबंधों के साथ रिशता बनाते हैं।
एक विशेष प्यार और दया
एक बार जब हम परमेश्वर के साथ अनुबंध बना लेते हैं, तो हम हमेशा के लिए बदल जाते हैं। परमेश्वर किसी भी विश्वसनीय अनुबंध का पालन करने वाले के साथ अपना संबंध नहीं तोड़ेगा। असल में, वे सभी जिन्होंने परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाया है, उनके पास एक विशेष प्रकार के प्रेम और दया तक पहुंच है। इब्रानी भाषा में, उस अनुबंध के प्रेम को हेसेड कहा जाता है। (חֶסֶד)3
हेसेड का पर्याप्त अंग्रेजी समकक्ष नहीं है। बाइबिल के किंग जेम्स संस्करण के अनुवादकों ने हेसेड को अंग्रेजी में कैसे प्रस्तुत किया जाए, इसके लिए सोच विचार किया होगा। वे अक्सर “प्रेममय-दया” चुनते थे। यह बहुत कुछ बता देता है लेकिन हेसेड के सभी अर्थ नहीं। अन्य अनुवाद भी किए गए, जैसे “करुणा” और “भलाई।” हेसेड एक अनूठा शब्द है जो ऐसे अनुबंध संबंध का वर्णन करता है जिसमें दोनों पक्षों को एक दूसरे के प्रति वफादार और विश्वासी होने के लिए बाध्य होना चाहिए।
एक सिलेस्टियल विवाह एक ऐसे अनुबंध का रिश्ता है। पति और पत्नी एक दूसरे के प्रति वफादार और विश्वासी रहने के लिए परमेश्वर और एक दूसरे के साथ अनुबंध बनाते हैं।
हेसेड एक विशेष प्रकार का प्रेम और अनुग्रह है जिसको परमेश्वर उन लोगों के लिए महसूस करता है जो उसके साथ अनुबंध बनाते हैं। और बदले में हम भी उससे हेसेड रखते हैं।
क्योंकि परमेश्वर उन लोगों के प्रति हेसेड रखता है जिन्होंने उसके साथ अनुबंध बनाया है, और वह उनसे प्रेम करेगा। वह उनके साथ काम करना जारी रखेगा और उन्हें बदलने के अवसर प्रदान करेगा। जब वे पश्चाताप करेंगे वह उन्हें क्षमा करेगा। और यदि वे भटक जाते हैं, तो वह उन्हें अपने पास आने के लिए मार्ग खोजने में सहायता करेगा।
एक बार जब आपने और मैंने परमेश्वर के साथ अनुबंध बना लिया, तो उसके साथ हमारा संबंध हमारे अनुबंध से पहले की तुलना में बहुत अधिक निकट हो जाता है। अब हम एक साथ बंधे हैं। परमेश्वर के साथ हमारे अनुबंध के कारण, वह हमारी सहायता करने के अपने प्रयासों में कभी कमी नहीं करेगा, और हम भी उसके दयालु धैर्य को कभी समाप्त नहीं होने देंगे। परमेश्वर के हृदय में हम सब का एक विशेष स्थान है। उसे हमसे बहुत आशाएं हैं।
आप उस ऐतिहासिक घोषणा को जानते हैं जो प्रभु ने भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को दी थी। यह प्रकटीकरण द्वारा आया था। प्रभु ने जोसफ से कहा, “यह प्रतिज्ञा तुम्हारी भी है, क्योंकि तुम इब्राहीम के हो, और यह प्रतिज्ञा इब्राहीम से बनाई गई थी” (सिद्धांत और अनुबंध 132:31)।
इस प्रकार, इस अनंत अनुबंध को इसकी पूर्णता में सुसमाचार की महान पुन:स्थापना के हिस्से के रूप में पुन:स्थापित किया गया था। इस पर विचार करें! मंदिर में बनाया विवाह अनुबंध सीधे उस इब्राहीम के अनुबंध से जुड़ा होता है। मंदिर में दंपत्ति को इब्राहीम, इसहाक और याकूब की विश्वासी संतान के लिए आरक्षित सभी आशीषों से परिचित कराया जाता है।
जैसे आदम ने किया था, वैसे आपने और मैंने व्यक्तिगत रूप से बपतिस्मे पर अनुबंध के मार्ग में प्रवेश किया था। फिर हम मंदिर में इसे संपूर्ण रूप से ग्रहण करते हैं। इब्राहिमिक अनुबंध की आशीषें पवित्र मंदिरों में प्रदान की जाती हैं। ये आशीषें हमें, पुनरुथान होने पर, ‘सभी बातों में अपने उत्कर्ष और महिमा’ के लिए “सिंहासनों, राज्यों, प्रभुताओं, और शक्तियों, अधिकारों, सभी उंचाइयों और गहराइयों का वारिस होना” संभव करती हैं [सिद्धांत और अनुबंध 132:19]। 4
मलाकी “माता–पिता के मन को उनके पुत्रों की ओर, और पुत्रों के मन को उनके माता–पिता की ओर फेरेगा” (मलाकी 4:6)। प्राचीन इस्राएल में, पूर्वजों के ऐसे संदर्भ में पिता इब्राहीम, इसहाक और याकूब शामिल होते थे। इस प्रतिज्ञा को स्पष्ट किया जाता है जब हम भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को विभिन्न संस्करण में पढ़ते हैं: “[एल्लियाह] पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञा बच्चों के हृदय में डालेगा, और बच्चों के हृदय को पिता की ओर फेरेगा।(Joseph Smith—History 1:39)। उन पूर्वजों में निश्चित रूप से इब्राहीम, इसहाक और याकूब शामिल हैं। (देखें सिद्धांत और अनुबंध 27:9-10।)
यीशु मसीह: अनुबंध का केंद्र
उद्धारकर्ता के प्रायश्चित बलिदान ने पिता को अपने बच्चों से की गई प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में सक्षम बनाया है। यीशु मसीह ने कहा है “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता” (यूहन्ना 14:6)। हमारे उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु मसीह के प्रायश्चित के कारण इब्राहिमिक अनुबंध की पूर्ति संभव होती है। यीशु मसीह इब्राहिमिक अनुबंध का केंद्र है।
पुराना नियम केवल धर्मशास्त्र की पुस्तक नहीं है; यह इतिहास की पुस्तक भी है। आपने सारा और अब्राम के विवाह के बारे में जो पढ़ा है आपको याद है। क्योंकि वे निःसंतान थे, सारा ने अपनी दासी हाजिरा को यहोवा की आज्ञा के अनुसार अब्राम की पत्नी होने के लिये दे दिया। हाजिरा ने इश्माएल को जन्म दिया।5 अब्राम इश्माएल से प्यार करता था, लेकिन यह वह बच्चा नहीं था जिसके द्वारा अनुबंध को पूरा किया जाना था। (देखें उत्पत्ति 11:29–30; 16:1, 3, 11; सिद्धांत और अनुबंध 132:34।)
परमेश्वर की ओर से एक आशीष के रूप में, और सारा के विश्वास के उत्तर में,6 उसने उसकी बुजुर्ग अवस्था में गर्भधारण किया ताकि अनुबंध उसके पुत्र, इसहाक के जन्म से पूरा हो (देखें उत्पत्ति 17:19)। वह अनुबंध में पैदा हुआ था।
परमेश्वर ने सारा और अब्राम को नए नाम दिए—साराह और इब्राहीम (देखें उत्पत्ति 17:5, 15)। उन नए नामों के उपहार से यह परिवार एक नए जीवन और नए भविष्य की शुरुआत के लिए चुन लिया गया था।
इब्राहीम इश्माएल और इसहाक दोनों से प्यार करता था। परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा कि इश्माएल कई गुना बढ़ जाएगा और एक महान राष्ट्र बन जाएगा (देखें उत्पत्ति 17:20)। उसी समय, परमेश्वर ने यह स्पष्ट कर दिया था कि इसहाक के द्वारा ही अनंत अनुबंध स्थापित किया जायेगा (देखें उत्पत्ति 17:19)।
वे सभी जो सुसमाचार को स्वीकार करते हैं, अब्राहम के वंश का हिस्सा बन जाते हैं। गलातियों में हम पढ़ते हैं:
“और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्होंने मसीह को पहिन लिया है।
“… क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।
“और यदि तुम मसीह के हो, तो इब्राहीम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो” (गलातियों 3:27–29)।
इस तरह से, हम या तो जन्म से या गोद लेने के द्वारा अनुबंध के वारिस बन सकते हैं।
इसहाक और रिबका का पुत्र याकूब अनुबंध में उत्पन्न हुआ था। फिर उसने, अपनी मर्जी से प्रवेश करने का विकल्प चुना। जैसा कि आप जानते हैं, याकूब का नाम बदलकर इस्राएल कर दिया गया था (देखें उत्पत्ति 32:28), जिसका अर्थ है “परमेश्वर प्रबल हो” या “वह जो परमेश्वर पर प्रबल हो।”7
निर्गमन में हम पढ़ते हैं कि “परमेश्वर ने इब्राहीम, इसहाक, और याक़ूब के साथ बनाए अपने अनुबंध को याद किया था” (निर्गमन 2:24)। परमेश्वर ने इस्राएलियों से कहा, “इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरे अनुबंध का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे” (निर्गमन 19:5)।
वाक्यांश “निज धन” का अनुवाद इब्रानी सेगुल्लाह, से किया गया था, जिसका अर्थ है एक अत्यधिक मूल्यवान संपत्ति—एक “खजाना।”8
व्यवस्थाविवरण की पुस्तक अनुबंध के महत्व को बताती है। नए नियम के प्रेरित इस अनुबंध के बारे में जानते थे। मंदिर की सीढ़ियों पर पतरस द्वारा एक लंगड़े को चंगा करने के बाद, उसने वहां लोगों को यीशु के बारे में सिखाया। पतरस ने कहा था, “इब्राहीम और इसहाक और याकूब के परमेश्वर, हमारे बापदादों के परमेश्वर ने अपने पुत्र यीशु की महिमा की थी” (प्रेरितों के काम 3:13)।
पतरस ने अपने संदेश के अंत में लोगों से कहा था, “तुम भविष्यवक्ताओं की सन्तान और उस अनुबंध के भागी हो, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बापदादों से बनाया था, जब उसने इब्राहीम से कहा, तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे घराने आशीष पाएंगे” (प्रेरितों के काम 3:25)। पतरस ने उन्हें स्पष्ट किया था कि मसीह के मिशन का एक हिस्सा परमेश्वर के अनुबंध को पूरा करना था।
प्रभु ने ऐसा ही उपदेश प्राचीन अमेरिका के लोगों को दिया था। वहां, पुनर्जीवित मसीह ने लोगों को बताया कि वे वास्तव में कौन थे। उसने कहा था:
“तुम भविष्यवक्ताओं की संतान हो; और तुम इस्राएल का घराना हो; और तुम उस अनुबंध में हो जिसे पिता ने तुम्हारे पूर्वजों से बनाया था, इब्राहीम से यह कहते हुए: और तुम्हारे वंश के द्वारा पृथ्वी की सारी जातियां आशीषित होंगी।
“पिता ने सबसे पहले मुझे तुम्हारे लिए खड़ा किया है, हर एक को [उसकी] बुराइयों से पलटने में आशीषित करने के लिए मुझे भेजा है; और ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम अनुबंधित बच्चे हो” (3 नफी 20:25–26)।
क्या आप इसका महत्व देखते हैं? जो लोग परमेश्वर के साथ अपने अनुबंध का पालन करते हैं, वे पाप न करने की अपनी-प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाते है! जो लोग अपने अनुबंधों का पालन करते हैं उनके पास दुनिया के निरंतर दुष्प्रभाव का विरोध करने की ताकत होगी।
प्रचारक कार्य: अनुबंधों को साझा करना
प्रभु ने आज्ञा दी है कि हम सुसमाचार फैलाए और अनुबंध साझा करें। इसके लिए हमारे पास प्रचारक हैं। वह चाहता है कि उसके प्रत्येक बच्चे को उद्धारकर्ता के सुसमाचार को चुनने और अनुबंध के मार्ग पर चलने का अवसर मिले। परमेश्वर सभी लोगों को उस अनुबंध से जोड़ना चाहता है जो उसने प्राचीन काल में इब्राहीम के साथ बनाया था।
इसलिए, प्रचारक कार्य इस्राएल को एकत्रित करने का एक महान अनिवार्य हिस्सा है। वह एकत्रित करना आज पृथ्वी पर होने वाला सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। इसके महत्व की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। प्रभु के प्रचारक—उनके शिष्य—आज पृथ्वी पर सबसे बड़ी चुनौती, सबसे बड़े कार्य में लगे हुए हैं।
लेकिन इसके अलावा और भी—बहुत कुछ है। परदे के दूसरी ओर के लोगों तक सुसमाचार पहुंचाने की बहुत बड़ी आवश्यकता है परमेश्वर चाहता है कि परदे के दोनों ओर प्रत्येक व्यक्ति उसके अनुबंध की आशीषों का आनंद उठाए। अनुबंध का मार्ग सबके लिए खुला है। हम सभी से विनती करते हैं कि हमारे साथ उस मार्ग पर चलें। कोई अन्य कार्य इतने व्यापक रूप से सब को शामिल नहीं करता है।। “प्रभु उन सब पर दया करता है जो अपने हृदय की सच्चाई से उसके पवित्र नाम को पुकारते हैं” (हिलामन 3:27)।
क्योंकि मेल्कीसिदेक पौरोहित्य की पुन:स्थापना कर दी गई है, इसलिए अनुबंध पालन करने वाले महिलाओं और पुरुषों के पास सुसमाचार की “सभी आत्मिक आशीषों” तक पहुंच है” (सिद्धांत और अनुबंध 107:18; महत्व जोड़ा गया है)।
1836 में कर्टलैंड मंदिर के समर्पण के समय, प्रभु के निर्देशन में, एलिय्याह प्रकट हुआ। उसका उद्देश्य? “मन फिराने के लिए … बच्चों को पिता के पास” सिद्धांत और अनुबंध 110:15)। इलियास भी दिखाई दिया। उसका उद्देश्य? जोसफ स्मिथ और ओलिवर काउड्री को “अब्राहम के सुसमाचार के प्रबंध को सौंपा था, यह कहते हुए कि हम और हमारे पश्चात सारी पीढ़ियों के हमारे वंशज आशीषित होंगे” (सिद्धांत और अनुबंध 110:12)। इस प्रकार, स्वामी ने जोसफ स्मिथ और ओलिवर काउडरी को पौरोहित्य अधिकार और इब्राहिमिक अनुबंध की अनूठी आशीषों को दूसरों तक पहुंचाने का अधिकार प्रदान किया था।9
कलीसिया में, हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अनुबंध के मार्ग पर चलते हैं। जिस तरह विवाह और परिवार आपस में एक विशेष बंधन से जुड़े होते हैं जो की एक विशेष प्रेम को पैदा करता है, ठीक वैसे ही हमारा नया रिश्ता तब बनता है जब हम अपने आप को अनुबंध के द्वारा सीधे अपने परमेश्वर से जोड़ते हैं!
हो सकता है कि नफी का भी यही अर्थ हो जब उसने कहा था कि परमेश्वर “उनसे प्रेम करता है जो उसे अपना परमेश्वर मानते हैं (1 नफी 17:40)। यही कारण है कि, अनुबंध के हिस्से के रूप में, एक विशेष दया और प्रेम—या हैसेड—उन सभी के लिए उपलब्ध है जो परमेश्वर के साथ इस बंधन के साथ और घनिष्ठ संबंध में प्रवेश करते हैं, यहां तक कि “एक हजार पीढ़ियों तक” भी (व्यवस्थाविवरण 7:9)।
परमेश्वर के साथ अनुबंध को बनाना उसके साथ हमारे संबंध को हमेशा के लिए बदल देता है। यह हमें अतिरिक्त प्रेम और दया की आशीष देता है। 10 यह प्रभावित करता है कि हम कौन हैं और कैसे परमेश्वर हमें वह बनने में मदद करेगा जो हम बन सकते हैं। हमसे प्रतिज्ञा की जाती है कि हम भी उसके लिए एक “निज खजाना” हो सकते हैं (भजन संहिता 135:4)।
प्रतिज्ञाएं और विशेषाधिकार
जो पवित्र अनुबंध बनाते हैं और उनका पालन करते हैं, उनसे अनंत जीवन और उत्कर्ष की प्रतिज्ञा की जाती है, “परमेश्वर के सभी उपहारों में सर्वोत्तम उपहार” (सिद्धांत और अनुबंध 14:7)। यीशु मसीह उन अनुबंधों का गवाह है (देखें (इब्रानियों 7:22; 8:6 देखें); 8:6)। अनुबंधों के पालन करने वाले जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसे अपने जीवन में अन्य सभी बातों पर प्रबल होने की अनुमति देते हैं, वे अपने जीवन में सबसे शक्तिशाली प्रभाव बनाते हैं।
आज हमें कुलपति की आशीष प्राप्त करने और प्राचीन कुलपतियों के साथ हमारे संबंधों के बारे में जानने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है। वे आशीषें आगे क्या होंगी, इसकी एक झलक भी प्रदान करते हैं।
अनुबंधित इस्राएल के रूप में हमारी नियुक्ति यह सुनिश्चित करना है कि गिरजे का प्रत्येक सदस्य परमेश्वर के साथ अनुबंध के द्वारा जुड़े और आनंद, विशेषाधिकारों को महसूस करे। यह प्रत्येक अनुबंध-पालन करने वाले पुरुष और स्त्री, लड़के और लड़की को प्रोत्साहित करने का आह्वान है, की अपने क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों के साथ सुसमाचार साझा करे। यह हमारे प्रचारकों का समर्थन करने और प्रोत्साहित करने का भी आह्वान है, जिन्हें बपतिस्मा देने और इस्राएल को एकत्र करने में मदद करने के लिए भेजा गया है, ताकि एक साथ हम सब परमेश्वर के लोग बन सकें और वह हमारा परमेश्वर हो (देखें सिद्धांत और अनुबंध 42:9)।
प्रत्येक पुरुष और प्रत्येक महिला जो पौरोहित्य विधियों में भाग लेते है और जो परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाते और पालन करते है, उनकी परमेश्वर की शक्ति तक सीधी पहुंच होती है। हम व्यक्ति के रूप से प्रभु का नाम अपने ऊपर लेते हैं। हम लोगों के रूप से प्रभु का नाम अपने ऊपर लेते हैं। अंतिम-दिनों के यीशु मसीह के संतो के गिरजे का सही नाम का उपयोग करने के बारे में अति उत्साही होना यह दर्शाता है की हम लोग उसका नाम अपने ऊपर लेते हैं। वास्तव में, अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह का गिरजा और इसके सदस्यों का हर परोपकारी कार्य परमेश्वर के हैसेड की अभिव्यक्ति है।
इस्राएल क्यों तितर-बितर हुआ था? क्योंकि लोगों ने आज्ञाओं को तोड़ा और भविष्यवक्ताओं का पथराव किया था। एक प्यार करनेवाले लेकिन दुखी पिता ने इस्राएल को दूर-दूर तक तितर-बितर कर जवाब दिया।11
हालाकि, उसने उन्हें इस प्रतिज्ञा के साथ तितर-बितर कर दिया कि एक दिन इस्राएल फिर से उसके बाड़े में इकट्ठा हो जाएगा।
यहूदा के गोत्र को प्रभु के पहले आगमन के लिए दुनिया को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उस जाति से, मरियम को परमेश्वर के पुत्र की माता होने के लिए चुना गया था।
यूसुफ के गोत्र, उसके और आसनत के पुत्रों, एप्रैम और मनश्शे (देखें उत्पत्ति 41:50–52; 46:20), के माध्यम से, इस्राएल को एकत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, ताकि दुनिया को प्रभु के दूसरे आगमन के लिए तैयार किया जा सके।
ऐसे असामयिक हैसेड भरे रिश्ते में, यह स्वाभाविक है कि परमेश्वर इस्राएल को एकत्र करना चाहता है। वह हमारे स्वर्गीय पिता हैं। वह चाहता है कि उसके प्रत्येक बच्चे—परदे के दोनों ओर—यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमाचार का संदेश सुनें।
प्रेम का एक रास्ता
अनुबंध का मार्ग प्रेम का मार्ग है—यह अविश्वसनीय हैसेड, करुणामय देखभाल को एक दूसरे तक पहुंचना है। यह महसूस करना कि प्रेम मुक्ति और उत्थान कर रहा है। सबसे बड़ा आनंद आप तब अनुभव करेंगे जब आप परमेश्वर और उसके सभी बच्चों के लिए प्रेम से तृप्त हो जाते हैं।
किसी से या किसी भी वस्तु से अधिक परमेश्वर को प्रेम करना वह शर्त है जो सच्ची शांति, आराम, आत्मविश्वास और आनंद लाती है।
अनुबंध का मार्ग परमेश्वर के साथ हमारे संबंधों के बारे में है—उसके साथ हमारा हैसेड वाला संबंध। जब हम परमेश्वर के साथ एक अनुबंध में प्रवेश करते हैं, तो हम उसके साथ एक अनुबंध बनाते है और वो हमेशा अपनी बात पर अटल रहता है। वह हमारी स्वतंत्रता का उल्लंघन किए बिना, हमारी मदद करने के लिए वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है।
मॉरमन की पुस्तक इसी अनुबंध के संदर्भ में आरंभ और समाप्त होती है। अपने शीर्षक पृष्ठ से लेकर मॉरमन और मोरोनी की समापन गवाही तक, मॉरमन की पुस्तक अनुबंध का संदर्भ देती है (देखें मॉरमन 5:20; 9:37)। “मॉरमन की पुस्तक का आना पूरी दुनिया के लिए एक संकेत है कि प्रभु ने इस्राएल को इकट्ठा करना और इब्राहीम, इसहाक और याकूब से किए गए अनुबंधों को पूरा करना शुरू कर दिया है।”12
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, हमें पृथ्वी के इतिहास में इस महत्वपूर्ण समय पर दुनिया को अनंत अनुबंध की सुंदरता और शक्ति के बारे में सिखाने के लिए नियुक्त किया गया है। हमारे स्वर्गीय पिता इस महान कार्य को करने के लिए हम पर पूरा भरोसा करता हैं।
यह संदेश 31 मार्च 2022 को महा सम्मेलन में भी दिया गया था।
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