अध्याय 13
नफी दिव्य दर्शन में अन्य जातियों के बीच शैतान के गिरजे, अमरीका की खोज और उपनिवेश बनने, बाइबिल के कई स्पष्ट और बहुमूल्य भागों के लुप्त होने, अंततः अन्यजाति की स्वधर्मत्याग की अवस्था, सुसमाचार की पुनःस्थापना, अंतिम-दिनों के धर्मशास्त्र के आने, और सिय्योन के निर्माण को देखता है । लगभग 600–592 ई.पू.
1 और ऐसा हुआ कि स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: नजरें उठाओ ! और मैंने नज़रे उठाई और कई राष्ट्रों और राज्यों को देखा ।
2 और स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: तुम क्या देखते हो ? और मैंने कहा: मैं कई राष्ट्रों और राज्यों को देखता हूं ।
3 और उसने मुझसे कहा: ये राष्ट्र और राज्य अन्यजातियों के हैं ।
4 और ऐसा हुआ कि मैंने राष्ट्रों के बीच अन्यजातियों के एक विशाल गिरजे के गठन को देखा ।
5 और स्वर्गदूत ने मुझ से कहा: उस गिरजे के गठन को देखो जो अन्य सभी गिरजों में अत्यंत घृणित है, जो परमेश्वर के संतों की हत्या करता, और हां, उन्हें यातना देता और बंधनों से बांधता, और उनकी गर्दनों पर लोहे के जुए रखता है, और उन्हें गुलाम बनाता है ।
6 और ऐसा हुआ कि मैंने इस विशाल घृणित गिरजे को देखा; और मैंने शैतान को देखा कि वह उसका संस्थापक था ।
7 और मैंने सोना, और चांदी, और रेशम, और लाल, और उत्तम सन के वस्त्र, और सब प्रकार की अनमोल पोशाकों को भी देखा; और मैंने बहुत सी वेश्याओं को देखा ।
8 और स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: सोना, और चांदी, और रेशम, और लाल, और उत्तम सन के वस्त्र, और अनमोल पोशाकों, और वेश्याओं को देखो, ये इस विशाल और घृणित गिरजे की इच्छाएं हैं ।
9 और संसार की प्रशंसा के लिए ये परमेश्वर के संतों को नष्ट करते हैं, और उन्हें गुलाम बनाते हैं ।
10 और ऐसा हुआ कि मैंने नज़र उठाई और मैंने कई समुद्र देखे; और वे अन्यजातियों को मेरे भाइयों के वंश से अलग करते थे ।
11 और ऐसा हुआ कि स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: देखो परमेश्वर का क्रोध तुम्हारे भाइयों के वंश के ऊपर है ।
12 और मैंने नज़रे उठाई और अन्यजातियों के बीच एक पुरुष को देखा, जो मेरे भाइयों के वंश से कई समुद्रों द्वारा अलग किया गया था; और मैंने परमेश्वर की आत्मा को देखा, कि वह उतरी और उस व्यक्ति पर प्रभाव डाला; और वह कई समुद्रों को पार करता हुआ मेरे भाइयों के वंशों के पास गया जो कि प्रतिज्ञा के प्रदेश में थे ।
13 और ऐसा हुआ कि मैंने परमेश्वर की आत्मा को देखा, कि उसने अन्यजातियों पर प्रभाव डाला; और वे गुलामी से बाहर निकल कर कई समुद्रों को पार करते हुए आगे बढ़ गए ।
14 और ऐसा हुआ कि मैंने अन्यजातियों की कई भीड़ को प्रतिज्ञा के प्रदेश में देखा; और मैंने परमेश्वर के क्रोध को देखा, जो कि मेरे भाइयों के वंशों के ऊपर था; और वे अन्यजातियों के सामने तितर-बितर हो गए और पीटे गए ।
15 और मैंने प्रभु की आत्मा को देखा, कि वह अन्यजातियों के ऊपर था, और उन्होंने उन्नति की और भूमि को अपनी विरासत में प्राप्त कर लिया; और मैंने देखा कि वे श्वेत, और अत्यन्त गोरे और सुन्दर थे, जैसे मार दिए जाने से पूर्व मेरे लोग थे ।
16 और ऐसा हुआ कि मैं, नफी ने, देखा कि अन्यजातियां जो गुलामी से बाहर निकल कर गई थीं, उन्होंने अपने आपको प्रभु के समक्ष दीन बना लिया; और प्रभु की शक्ति उनके साथ थी ।
17 और मैंने देखा कि उनकी मूल जातियां उन से युद्ध करने के लिए, समुद्रों पर और भूमि पर भी एकत्रित हो गई थीं ।
18 और मैंने देखा कि परमेश्वर की शक्ति उनके साथ थी, और यह भी देखा कि परमेश्वर का क्रोध उन सब पर था जो उन से युद्ध करने के लिए एकत्रित हुए थे ।
19 और मैं, नफी, ने देखा कि अन्यजातियां जो गुलामी से बाहर निकल कर गई थीं उन्हें परमेश्वर की शक्ति द्वारा सभी अन्य राष्ट्रों से मुक्त किया गया था ।
20 और ऐसा हुआ कि मैं, नफी, ने देखा कि उन्होंने उस प्रदेश में उन्नति की; और मैंने एक पुस्तक देखी, और यह उनके बीच ले जाई गई ।
21 और स्वर्गदूत ने मुझ से कहा: क्या तुम उस पुस्तक का अर्थ जानते हो ?
22 और मैंने उससे कहा: मैं नहीं जानता ।
23 और उसने कहा: देखो, वह एक यहूदी के मुख से प्रकट हो रही है । और मैं, नफी ने, इसे देखा; और उसने मुझसे कहा: जिस पुस्तक को तुम देख रहे हो वह यहूदियों का एक अभिलेख है जिसमें प्रभु के अनुबंध हैं, जो उसने इस्राएल के घराने के साथ बनाए हैं; और इसमें पवित्र भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां भी हैं: और वह उसी प्रकार का अभिलेख है जैसे पीतल की पट्टियों पर खुदे हुए हैं, लेकिन ये बहुत नहीं हैं; फिर भी, इनमें प्रभु के अनुबंध हैं, जो उसने इस्राएल के घराने के साथ बनाए हैं; इसलिए, ये अन्यजातियों के लिए मूल्यवान हैं ।
24 और प्रभु के स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: तुमने देखा कि वह पुस्तक एक यहूदी के मुख से प्रकट हुई है; और जबकि वह एक यहूदी के मुख से निकली है, तब उसमें उस प्रभु के सुसमाचार की परिपूर्णता है, जिसका प्रमाण बारह प्रेरित देते हैं; और वे उस सच्चाई के अनुसार गवाही देते हैं जो परमेश्वर के मेमने में है ।
25 इसलिए, ये बातें विशुद्ध रूप में यहूदियों से अन्यजातियों के पास उस सच्चाई के अनुसार जा रही है, जो कि परमेश्वर में है ।
26 और मेमने के बारह प्रेरितों के हाथों द्वारा, यहूदियों से अन्यजातियों को, देने के पश्चात, तुम एक विशाल और घृणित गिरजे का गठन देख रहे हो, जो अन्य सभी गिरजों में अत्यंत घृणित है; क्योंकि देखो, मेमने के सुसमाचार में से उन्होंने बहुत से हिस्सों को निकाल दिया है, जो कि स्पष्ट और बहुमूल्यहैं; और उन्होंने प्रभु के कई अनुबंधों को भी निकाल दिया है ।
27 और यह सब उन्होंने इसलिए किया है ताकि वे प्रभु के सही मार्गों को दूषित कर दें, ताकि वे मानव संतान की आंखों पर पर्दा डाल दें और हृदयों को कठोर कर दें ।
28 इसलिए, तुम देखते हो कि इस विशाल और घृणित गिरजे के हाथों में इस पुस्तक के आने के बाद, इस पुस्तक से, जो कि परमेश्वर के मेमने की पुस्तक है, बहुत सी स्पष्ट और अनमोल बातें निकाल दी गई हैं ।
29 और इन स्पष्ट और मूल्यवान बातों के निकल जाने के पश्चात यह पुस्तक अन्यजातियों के सभी राष्ट्रों में गई; और इसके अन्यजातियों के सभी राष्ट्रों में जाने के पश्चात, हां, कई समुद्रों के पार जिसे तुमने अन्यजातियों के साथ देखा है जो कि गुलामी से बाहर निकल कर गए हैं, तुम देखते हो—बहुत सी स्पष्ट और मूल्यवान बातों को उस पुस्तक से निकाल देने के कारण, जो कि मानव संतान के लिए समझने में स्पष्ट थीं, उस स्पष्टता के अनुसार जो कि परमेश्वर के मेमने में है—मेमने के सुसमाचार से उन बातों को निकालने के कारण, बहुत से लोग ठोकर खाते हैं, हां, इतनी अधिक ठोकर खाते हैं कि शैतान उनके ऊपर हावी हो जाता है ।
30 फिर भी, तुम देखते हो कि अन्यजातियां जो कि गुलामी से बाहर निकल कर गए हैं, और परमेश्वर की शक्ति द्वारा सभी राष्ट्रों से उस प्रदेश के लिए चुने गए हैं, जो कि अन्य सभी देशों से सर्वश्रेष्ठ है, यह वही प्रदेश है जिसका अनुबंध प्रभु परमेश्वर ने तुम्हारे पिता से उसके वंशों को विरासत में देने का अनुबंध किया है; इसलिए, तुम देखते हो कि प्रभु परमेश्वर अन्यजातियों को तुम्हारे मिश्रित वंशों, जिसमें तुम्हारे भाई हैं, को पूर्णरूप से नष्ट नहीं करने देगा ।
31 न ही वह अन्यजातियों को तुम्हारे भाइयों के वंशों को नष्ट करने देगा ।
32 न ही प्रभु परमेश्वर चाहेगा कि अन्यजातियां उस भयानक अंधकारपूर्ण अवस्था में हमेशा रहें, जिसमें तुम उन्हें देख रहे हो, क्योंकि मेमने के सुसमाचार में से स्पष्ट और मूल्यवान हिस्सों को को उस विशाल और घृणित गिरजे द्वारा निकाल दिए जाने से उनको दूर रखा है, जिसका गठन तुमने देखा है ।
33 इसलिए परमेश्वर का मेमना कहता है: मैं अन्यजातियों के प्रति तब तक दयालु बना रहूंगा, जब तक कि इस्राएल के घराने के अवशेष के महान न्याय में मिलने नहीं आता ।
34 और ऐसा हुआ कि प्रभु का स्वर्गदूत मुझसे बोला: देखो, परमेश्वर का मेमना कहता है कि इस्राएल के घराने के अवशेष से मिलने के पश्चात—और यह अवशेष जिन के विषय में मैं कहता हूं तुम्हारे पिता के वंश हैं—इसलिए, न्याय के दिन मेरे उनसे मिलने के पश्चात, और अन्यजातियों के हाथों उन्हें दणित करने पश्चात, और अन्यजातियों के अत्याधिक ठोकर खाने के पश्चात, क्योंकि मेमने के सुसमाचार के अत्याधिक स्पष्ट और मूल्यवान हिस्सों को, उस विशाल और घृणित गिरजे, जो कि वेश्याओं की जननी है, उनसे दूर रखे जाने के कारण—मैं उस दिन अन्यजातियों पर दयालु बनूंगा, इतना अधिक कि मैं उन्हें, अपनी स्वयं की शक्ति से, अपने सुसमाचार की अधिकता दूंगा, जो कि स्पष्ट और मूल्यवान होगी, मेमना कहता है ।
35 क्योंकि, देखो, मेमना कहता है: मैं तुम्हारे वंश में अपने आपको प्रकट करूंगा, कि वे बहुत सी बातों को लिखेंगे जो मैं उन्हें उपदेश में दूंगा, जो कि स्पष्ट और मूल्यवान होंगी; और तुम्हारे वंश के नष्ट होने, और अविश्वास में विलीन होने के पश्चात, और तुम्हारे भाइयों के वंश भी, देखो, इन बातों को, मेमने के उपहार और शक्ति द्वारा अन्यजातियों को प्रकट किये जाने तक, छिपा दिया जाएगा ।
36 और उनमें मेरा सुसमाचार, और मेरी चट्टान और मेरा उद्धार लिखा जाएगा, मेमना कहता है ।
37 और वे लोग आशीषित हैं जो उस दिन मेरा सिय्योन लाने का प्रयत्न करेंगे, क्योंकि उनको पवित्र आत्मा का उपहार और शक्ति प्राप्त होगी; और यदि वे अंत तक सहनशील बने रहते हैं तो उन्हें अंतिम दिन उत्कर्ष प्राप्त होगा, और मेमने के अनंत राज्य में बचा लिए जाएंगे; और जो कोई शांति कायम करेगा, हां, महान आनंद के समाचार भी, वे पर्वत पर कितने सुंदर लगेंगे ।
38 और ऐसा हुआ कि मैंने अपने भाइयों के वंश के अवशेष, और परमेश्वर के मेमने की पुस्तक को देखा जो एक यहूदी के मुख से निकली थी, कि वह अन्यजातियों से मेरे भाइयों के वंश के अवशेषों को प्राप्त हुई थी ।
39 और यह उनको मिलने के पश्चात मैंने अन्य पुस्तकों को देखा, जो कि मेमने की शक्ति द्वारा, अन्यजातियों से उनको प्राप्त हुई थीं, अन्यजातियों को और मेरे भाइयों के वंश के अवशेषों, और यहूदियों को भी जो कि संपूर्ण पृथ्वी पर बिखरे हुए थे, कि मेमने के भविष्यवक्ताओं और बारह प्रेरितों के अभिलेख सच्चे हैं ।
40 और स्वर्गदूत ने मुझसे कहा: ये अंतिम अभिलेख, जिन्हें तुमने अन्यजातियों के बीच देखा है, उस प्रथम सच्चाई की स्थापना करेंगे, जो मेमने के बारह प्रेरितों की हैं, और स्पष्ट और मूल्यवान बातों की घोषणा करेंगे जिन्हें उनसे दूर कर दिया गया था; और सभी जातियों, भाषाओं, और लोगों को घोषणा करेंगे, कि परमेश्वर का मेमना ही अनंत पिता का पुत्र, और संसार का उद्धारकर्ता है; और कि सभी मनुष्यों को उसके पास आना चाहिए, वरना वे बचाए नहीं जा सकते ।
41 और उन्हें उन शब्दों के अनुसार पास आना चाहिए जिन्हें मेमने के मुंह से स्थापित किया जाएगा; और मेमने के शब्दों की घोषणा तुम्हारे वंश के अभिलेखों में की जाएगी, और मेमने के बारह प्रेरितों के अभिलेखों में भी; इसलिए वे दोनों एक साथ स्थापित किये जाएंगे; क्योंकि संपूर्ण पृथ्वी का एक परमेश्वर और एक चरवाहा है ।
42 और समय आने वाला है कि वह सभी राष्ट्रों पर, यहूदियों और अन्यजातियों दोनों पर भी अपने आपको प्रकट करेगा; और यहूदियों और अन्यजातियों पर अपने आपको प्रकट करने के पश्चात, फिर वह अपने आपको वह अन्यजातियों और यहूदियों पर भी प्रकट करेगा, और अंतिम प्रथम हो जाएंगे, और प्रथम अंतिम हो जाएंगे ।