पवित्रशास्त्र
ईथर 12


अध्याय 12

भविष्यवक्ता ईथर लोगों को परमेश्वर में विश्वास करने का उपदेश देता है—मोरोनी विश्वास द्वारा किये गए आश्चर्य और अदभुत कार्यों का फिर से विवरण देता है—मसीह को देखने के लिए विश्वास ने येरेद के भाई को समर्थ बनाया था—प्रभु लोगों को दुर्बलताएं देता है ताकि वे विनम्र हो सके—विश्वास के द्वारा येरेद के भाई ने जीरिन पर्वत को हटाया था—विश्वास, आशा, और प्रेम उद्धार के लिए आवश्यक हैं—मोरोनी यीशु को आमने-सामने देखता है ।

1 और ऐसा हुआ कि ईथर का समयकाल कोरियंटूमर के समयकाल में था; और कोरियंटूमर पूरे प्रदेश का राजा था ।

2 और ईथर प्रभु का एक भविष्यवक्ता था; इसलिए ईथर कोरियंटूमर के समयकाल में आया, और लोगों के लिए भविष्यवाणी करने लगा, क्योंकि वह प्रभु की उस आत्मा के कारण नियंत्रित नहीं हो सका जो उसमें थी ।

3 क्योंकि उसने सुबह से लेकर सूरज डूबने तक विनती की, लोगों को पश्चाताप कर परमेश्वर में विश्वास करने के लिए उपदेश देते हुए नहीं तो वे नष्ट हो जाएंगे, उनसे यह कहते हुए कि विश्वास द्वारा सारी बातें पूरी होती हैं—

4 इसलिए, जो कोई परमेश्वर में विश्वास करता है वह निश्चितता के साथ एक बेहतर संसार की, हां, यहां तक कि परमेश्वर के दाहिने हाथ की तरफ रहने की आशा कर सकता है, उस आशा से जो विश्वास से आती है, मनुष्यों की आत्माओं के लिए एक आश्रय बनाती है, जो परमेश्वर की महिमा करने के प्रति सदा अच्छे कार्य करने के लिए उन्हें दृढ़ और अटल बनाएगी ।

5 और ऐसा हुआ कि ईथर ने लोगों को महान और अदभुत बातों की भविष्यवाणी की, जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, क्योंकि उन्होंने उन्हें नहीं देखा था ।

6 और अब, मैं, मोरोनी इन चीजों से संबंधित कुछ बोलूंगा; मैं संसार को दिखाऊंगा कि विश्वास उस चीज की आशा करना है जो दिखाई नहीं देती है; इसलिए, मतभेद मत करो क्योंकि तुमने नहीं देखा है, क्योंकि तुम्हें गवाही तब तक नहीं मिलती जब तक कि तुम्हारे विश्वास की परीक्षा नहीं हो जाती ।

7 क्योंकि यह विश्वास ही था जिसके कारण मसीह ने स्वयं को, मृत्यु से जी उठने के पश्चात हमारे पूर्वजों को दिखाया था; और उसने स्वयं को उन्हें तब तक नहीं दिखाया जब तक कि उन्होंने उसमें विश्वास नहीं किया; इसलिए, यह आवश्यक था कि कुछ लोग उसमें विश्वास करें, क्योंकि उसने स्वयं को संसार को नहीं दिखाया था ।

8 परन्तु मनुष्यों के विश्वास के कारण उसने स्वयं को संसार को दिखाया, और पिता के नाम को गौरवान्वित किया, और एक मार्ग तैयार किया ताकि उसके द्वारा अन्य लोग स्वर्गीय उपहार को ग्रहण करनेवाले हो सकें, जिससे कि वे उन चीजों की आशा कर सकें जिसे उन्होंने देखा नहीं है ।

9 इसलिए, तुम भी आशा कर सकते हो, और उपहार को ग्रहण करनेवाले हो सकते हो यदि तुम्हारे पास विश्वास है ।

10 देखो यह विश्वास ही था जिसके कारण प्राचीन लोगों को परमेश्वर की पवित्र रीति के अनुसार बुलाया गया था ।

11 इसलिए, विश्वास के द्वारा मूसा की व्यवस्था दी गई थी । परन्तु अपने पुत्र के विश्वास के तहत परमेश्वर ने एक उत्तम मार्ग दिया है; और विश्वास के कारण ही यह परिपूर्ण हुई है ।

12 क्योंकि यदि मानव संतानों में विश्वास नहीं होगा तो परमेश्वर उनके बीच कोई चमत्कार नहीं कर सकता है; इसलिए, उसने स्वयं को तब तक नहीं दिखाया जब तक कि उन्होंने विश्वास नहीं किया ।

13 देखो, यह अलमा और अमूलेक का विश्वास ही था जिसके कारण बंदीगृह जमीन पर गिर गया था ।

14 देखो, यह नफी और लेही का विश्वास ही था जो लमनाइयों में बदलाव लाया था, जिसके कारण उन्होंने आग और पवित्र आत्मा से बपतिस्मा लिया था ।

15 देखो, यह अम्मोन और उसके भाइयों का विश्वास ही था जिसके कारण लमनाइयों के बीच में इतना महान चमत्कार हुआ था ।

16 हां, और जिन्होंने उनके बीच में चमत्कार किये थे वह भी विश्वास के कारण ही था, यहां तक कि जो मसीह के पहले थे और जो उसके बाद आए उन्होंने भी ऐसा विश्वास के कारण ही किया था ।

17 और ऐसा विश्वास के कारण ही था कि तीन शिष्यों ने एक प्रतिज्ञा प्राप्त कर ली कि वे मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे; और उन्होंने प्रतिज्ञा को तब तक प्राप्त नहीं किया था जब तक उन्होंने विश्वास नहीं किया ।

18 और उनके विश्वास होने तक किसी भी समय पर कोई भी चमत्कार नहीं हुआ था; इसलिए सर्वप्रथम उन्होंने परमेश्वर के पुत्र में विश्वास किया ।

19 और ऐसे कई थे जिनका विश्वास यीशु मसीह के आने से पहले भी अत्याधिक मजबूत था, जिन्हें पर्दे के भीतर देखने से नहीं रोका जा सकता था, परन्तु अपनी आंखों से जिन चीजों को देखा था उसे उन्होंने विश्वास की आंख से देखा था, और वे प्रसन्न थे ।

20 और देखो, इस अभिलेख में हमने देखा है कि इनमें से एक था येरेद का भाई; क्योंकि परमेश्वर में उसका विश्वास इतना महान था कि जब परमेश्वर ने अपनी उंगली को आगे किया तो वह उसे येरेद के भाई की दृष्टि से नहीं छिपा सका, उसकी उस बात के कारण जिसे उसने उससे कहा था, और उस बात के कारण जिसे उसने विश्वास से प्राप्त किया था ।

21 और प्रभु की उंगली को जब येरेद के भाई ने देख लिया उसके पश्चात, उस प्रतिज्ञा के कारण जिसे येरेद के भाई ने विश्वास द्वारा प्राप्त किया था, प्रभु उसकी दृष्टि के सामने से कोई भी चीज नहीं हटा सका; इसलिए उसने उसे सारी चीजें दिखा दीं, क्योंकि उसे पर्दे के भीतर देखने से नहीं रोका जा सकता था ।

22 और यह विश्वास के द्वारा ही है कि मेरे पूर्वजों ने यह प्रतिज्ञा प्राप्त की है कि ये बातें उनके भाइयों पर अन्य जातियों के द्वारा प्रकट की जाएंगी; इसलिए प्रभु ने, हां, यीशु मसीह ने मुझे आज्ञा दी है ।

23 और मैंने उससे कहा: प्रभु, लिखावट में हमारी कमजोरी के कारण, अन्य जातियां इन बातों की हंसी उड़ाएंगी; क्योंकि प्रभु तुमने हमें विश्वास के द्वारा शब्द में तो मजबूत किया है, परन्तु तुमने लिखावट में हमें मजबूत नहीं किया है; क्योंकि तुमने इन लोगों को जो पवित्र आत्मा प्रदान की है उसके कारण तुमने इन्हें बोलने में प्रबल बनाया है ।

24 और हमारे अनाड़ीपन के कारण तुमने हमें लिखने में थोड़ा बहुत प्रबल बनाया । देखो, तुमने हमें येरेद के भाई के समान लिखने में मजबूत नहीं किया है, क्योंकि जो बातें उसने लिखी है उसमें तुमने उसे अपने ही समान मजबूत बनाया है, ताकि पढ़ने से लोग अत्याधिक तीव्र हो जाएं ।

25 तुमने हमारी बातों को भी शाक्तिशाली और महान बनाया है, इतना अधिक कि हम उन्हें लिख नहीं सकते हैं; इसलिए, जब हम लिखते हैं तब अपनी दुबर्लता को देखते हैं, और अपने शब्दों को उचित स्थान पर लिखने से लड़खड़ा जाते हैं; और मुझे डर है कि अन्य जातियां हमारी बातों की हंसी उड़ाएंगी ।

26 और जब मैंने इसे कह लिया, यह कहते हुए प्रभु ने मुझसे कहा: मूर्ख लोग हंसी उड़ाते हैं परन्तु वे विलाप करेंगे; और विनम्र लोगों के लिए मेरा अनुग्रह पर्याप्त है, जिससे कि वे तुम्हारी दुर्बलता का लाभ नहीं उठा सकेंगे;

27 और यदि मनुष्य मेरे पास आएंगे तो मैं उन्हें उनकी दुर्बलता दिखाऊंगा । मैं मनुष्यों को दुर्बलता देता हूं ताकि वे विनम्र हो सकें; और उन सारे मनुष्यों के लिए मेरा अनुग्रह पर्याप्त है जो मेरे सामने स्वयं को विनम्र करते हैं; क्योंकि यदि वे स्वयं को मेरे सामने विनम्र करेंगे, और मुझमें विश्वास रखेंगे, तो मैं दुर्बलताओं को उनके लिए मजबूत कर दूंगा ।

28 देखो, मैं अन्य जातियों को उनकी दुर्बलता दिखाऊंगा, और उन्हें दिखाऊंगा कि सभी धार्मिकता के सोते—विश्वास, आशा और उदारता उन्हें मेरे पास लाते हैं ।

29 और मुझे, मोरोनी को, इन बातों को सुनकर सांत्वना मिली, और कहा: हे प्रभु, तुम्हारी धार्मिकता पूरी होगी, क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम मानव संतानों के लिए उनके विश्वास के अनुसार कार्य करते हो;

30 क्योंकि येरेद के भाई ने पर्वत जीरिन को कहा था, हट जाओ—और वह हट गया था । और यदि उसमें विश्वास नहीं होता तो वह नहीं हटा होता; इसलिए तुम मनुष्यों में उनके विश्वास के अनुसार कार्य करते हो ।

31 क्योंकि इसी प्रकार तुम स्वयं को अपने शिष्यों पर प्रकट करते हो; क्योंकि जब उन्हें विश्वास हो जाता है, और तुम्हारे नाम में बोलते हैं तो तुम स्वयं को उन्हें महान सामर्थ्य में दिखाते हो ।

32 और मुझे भी याद है कि तुमने कहा था कि तुमने मनुष्य के लिए एक घर तैयार किया है, हां, अपने पिता के भवनों के बीच में, जिसमें मनुष्य शायद उत्कृष्ठता से आशा कर सकेंगे; इसलिए मनुष्य को आशा करनी चाहिए, अन्यथा वह उस उत्तराधिकार के स्थान को प्राप्त नहीं कर सकता है जिसे तुमने तैयार किया है ।

33 और फिर से, मुझे याद है कि तुमने कहा था कि तुमने संसार से इतना प्रेम किया कि संसार के लिए अपना जीवन तक दे दिया, जिससे कि तुम उसे फिर से लेकर मानव संतान के लिए एक स्थान तैयार कर सको ।

34 और अब मैं जानता हूं कि जो प्रेम तुममें मानव संतानों के लिए हुआ होगा वह उदारता है; इसलिए, यदि मनुष्यों में उदारता नहीं है तो वे उस स्थान के उत्तराधिकारी नहीं हो सकते हैं जिसे तुमने अपने पिता के भवनों में तैयार किया है ।

35 इसलिए, मैं इस बात से जानता हूं जिसे तुमने कहा है, कि हमारी दुर्बलता के कारण यदि अन्य जातियों में उदारता नहीं होगी तो तुम उन्हें प्रमाणित करोगे, और उनसे उनकी वह योग्यता भी ले लोगे जिसे उन्होंने प्राप्त किया है, और उन्हें दे देगो जिनके पास बहुत होगा ।

36 और ऐसा हुआ कि मैंने प्रभु से प्रार्थना की कि वह अन्य जातियों पर अनुग्रह करे जिससे कि उनके पास उदारता हो ।

37 और ऐसा हुआ कि प्रभु ने मुझसे कहा: यदि उनके पास उदारता नहीं है तो इससे तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा, तुम विश्वासी रहे हो; इसलिए, तुम्हारे वस्त्र सफेद किये जाएंगे । और क्योंकि तुमने अपनी दुर्बलता को देखा है तो तुम मजबूत किये जाओगे, उस स्थान पर बैठने के लिए भी जिसे मैंने अपने पिता के भवनों में तैयार किया है ।

38 और अब मैं, मोरोनी अन्य जातियों से विदाई लेता हूं, हां, और अपने उन भाइयों से भी जिनसे मैं प्रेम करता हूं, तब तक के लिए जब तक कि हम मसीह के न्याय-आसन के सामने मिल न जाएं, जहां सभी मनुष्य जानेंगे कि मेरे वस्त्रों पर तुम्हारे लहू के धब्बे नहीं लगे हैं ।

39 और फिर तुम जानोगे कि मैंने यीशु को देखा है, और उसने मुझसे आमने-सामने बात की है, औऱ यह कि उसने विनम्र होकर स्पष्टता से मुझे इन बातों के संबंध में वैसे ही बताया है जैसे कि कोई मनुष्य मुझे मेरी भाषा में बताता ।

40 और लिखावट में अपनी दुर्बलता के कारण, मैंने केवल थोड़ा ही लिखा है ।

41 और अब, मैं तुमसे सिफारिश करता हूं कि तुम इस यीशु को खोजो जिसके विषय में भविष्यवक्ताओं और प्रेरितों ने लिखा है, कि पिता परमेश्वर, और प्रभु यीशु मसीह, और उस पवित्र आत्मा का भी अनुग्रह तुम पर सदा हो सके जो उनके विष्य में बताता है । आमीन ।