अध्याय 2
येरेदाई एक प्रतिज्ञा की हुई भूमि की अपनी यात्रा की तैयारी करते हैं—यह एक उत्तम प्रदेश है जहां लोगों को मसीह की सेवकाई करनी है या फिर नाश हो जाना है—येरेद के भाई से प्रभु तीन घंटे तक बातें करता है—येरेदाई नौकाएं बनातें हैं—प्रभु येरेद के भाई को सुझाव देने के लिए कहता है कि नौकाएं किस प्रकार प्रकाशित होंगी ।
1 और ऐसा हुआ कि येरेद और उसका भाई, और उनके परिवार, और येरेद और उसके भाई के मित्र और उनके परिवार भी, अपने हर प्रकार के जानवरों, नर और मादा के समूहों के साथ उत्तरी दिशा की ओर स्थित खाड़ी में गए, (खाड़ी का नाम निम्रोद था जिसका नाम शक्तिशाली शिकारी के नाम पर रखा गया था) ।
2 और उन्होंने जाल भी बिछाए और हवा में उड़नेवाले हर प्रकार के पक्षियों को पकड़ा; और उन्होंने एक पात्र भी बनाया जिसमें वे पानी की मछलियों को रखकर ले गए ।
3 और वे अपने साथ डेजेरेट भी ले गए जिसका अनुवाद मधुमक्खी है; और इस प्रकार वे अपने साथ मधुमक्खियों का झुंड ले गए, और सबकुछ जो उस प्रदेश में उगता था, उनके बीजों को ले गए ।
4 और ऐसा हुआ कि जब वे निम्रोद की खाड़ी में नीचे पहुंचे तो प्रभु नीचे आया और उसने येरेद के भाई से बात की; और वह एक बादल में था, और येरेद के भाई ने उसे नहीं देखा ।
5 और ऐसा हुआ कि प्रभु ने उन्हें आज्ञा दी कि उन्हें निर्जन प्रदेश में आगे बढ़ना चाहिए, हां, उस जगह में जहां कभी भी मनुष्य नहीं गया था । और ऐसा हुआ कि प्रभु उनके आगे-आगे चला, और उसने उनसे बात की जब वह बादल में खड़ा था, और उन्हें निर्देश देता कि उन्हें किस तरफ जाना चाहिए ।
6 और ऐसा हुआ कि उन्होंने निर्जन प्रदेश में यात्रा की, और नौकाएं बनाईं, और प्रभु के हाथों द्वारा निरंतर निर्देश प्राप्त करते हुए, वे उनमें यात्रा कर पानी के पार गए ।
7 और प्रभु नहीं चाहता था कि वे समुद्र के पार निर्जन प्रदेश में रुकें, परन्तु वह चाहता था कि वे प्रतिज्ञा की हुई भूमि तक पहुंचें, जो कि सारे प्रदेशों से उत्तम थी, जिसे प्रभु परमेश्वर ने धार्मिक लोगों के लिए बचाकर रखा था ।
8 और क्रोध में उसने येरेद के भाई से प्रतिज्ञा की थी कि जो कोई भी इस प्रतिज्ञा के प्रदेश में रहेगा, उस समय से लेकर सदा के लिए उसकी, सच्चे और एकमात्र परमेश्वर की सेवा करेगा, अन्यथा वे नष्ट कर दिए जाएंगे जब उसका क्रोध चरम सीमा पर पहुंच जाएगा ।
9 और अब, हम इस प्रदेश से संबंधित परमेश्वर के नियमों को देख सकते हैं, कि यह एक प्रतिज्ञा का प्रदेश है; और जो भी जाति इस पर अधिकार करेगी वह परमेश्वर की सेवा करेगी, अन्यथा वे नष्ट कर दिए जाएंगे जब उसका क्रोध चरम सीमा पर पहुंच जाएगा । और उसका भयंकर क्रोध उन पर तब आता है जब वे बुराई में परिपक्व हो जाते हैं ।
10 परन्तु देखो, यह वह प्रदेश है जो सारे अन्य प्रदेशों से उत्तम है; इसलिए वह जो इस पर अधिकार रखेगा, परमेश्वर की सेवा करेगा अन्यथा नष्ट कर दिया जाएगा; क्योंकि यही परमेश्वर का अनंत नियम है । और उन्हें तब तक नष्ट नहीं किया जाएगा जब तक कि प्रदेश में रह रहे बच्चों के बीच बुराई पूरी तरह न फैल जाए ।
11 और तुम्हारे पास यह आता है, हे तुम अन्य जातियों, कि तुम परमेश्वर के नियमों को जान सको—जिससे कि तुम पश्चाताप कर सको, और जब तक कि परिपूर्णता नहीं आती तब तक तुम अपनी बुराइयों में जारी न रह सको, कि तुम स्वयं पर उन लोगों के समान परमेश्वर का भयंकर क्रोध न ला सको जैसा कि अब तक प्रदेश के निवासियों ने किया है ।
12 देखो, यह एक उत्तम प्रदेश है, और जो भी जाति इसमें रहेगी वह दासता और अधीनता, और स्वर्ग के नीचे रह रही सारी अन्य जातियों से मुक्त होगी यदि वे प्रदेश के परमेश्वर की सेवा करेंगे जो कि यीशु मसीह है, और जो उन सब बातों से प्रकट होता है जिसे हमने लिखा है ।
13 औऱ अब मैं अपने अभिलेख में आगे बढ़ता हूं; क्योंकि देखो, ऐसा हुआ कि प्रभु येरेद और उसके भाइयों को उस महासमुद्र तक ले आया जो प्रदेशों को विभाजित करती है । और जब वे समुद्र के पास आए तब उन्होंने अपना तंबू लगाया; और उन्होंने उस स्थान को मोरियंकुमर नाम दिया; और वे तंबुओं में रहे, और चार वर्षों तक समुद्रतट पर बने तंबुओं में रहे ।
14 और ऐसा हुआ कि चार वर्षों के अंत में प्रभु फिर से येरेद के भाई के पास आया, और एक बादल में खड़ा हुआ और उससे बात की । और तीन घंटें तक प्रभु ने येरेद के भाई से बात की, और उसे डांटा-फटकारा क्योंकि उसे प्रभु के नाम को पुकारना याद नहीं रहा था ।
15 और येरेद के भाई ने उस बुराई से पश्चाताप किया जिसे उसने किया था, और अपने उन भाइयों के लिए प्रभु के नाम को पुकारा जो उसके साथ थे । और प्रभु ने उससे कहा: मैं तुम्हारे और तुम्हारे भाइयों के पापों को क्षमा कर दूंगा; परन्तु तुम अब और पाप नहीं करोगे, क्योंकि तुम्हें याद रखना होगा कि मेरी आत्मा सदा के लिए मनुष्यों के साथ प्रयत्न नहीं करती है; इसलिए, यदि तुम पूरी तरह से पाप में पड़ने तक पाप करते रहे तो तुम्हें प्रभु की उपस्थिति से अलग कर दिया जाएगा । और उस देश के लिए यही मेरे विचार हैं जिसे मैंने तुम्हें तुम्हारी धरोहर के रूप में दिया है; क्योंकि यह अन्य सारे प्रदेशों में उत्तम प्रदेश होगा ।
16 और प्रभु ने कहा: काम पर जाओ और उन्ही नौकाओं की तरह नौकाएं बनाएं जैसा कि तुमने अब तक बनाई हैं । और ऐसा हुआ कि येरेद का भाई, और उसके बंधु भी काम पर गए, और प्रभु के निर्देशानुसार उसी प्रकार की नौकाओं को बनाया जैसा कि अब तक बनाई थी । और वे छोटी-छोटी थी, और वे पानी पर हल्की थी, वैसी ही हल्की जैसे कि पानी पर एक पक्षी होता है ।
17 और उन्हें वैसे ही बनाया गया था जैसे कि वे बहुत ही कसी हुई हों, इतनी अधिक कि एक थाली के समान जो पानी को रोक सके; और उसका निचला हिस्सा एक थाली के समान ही कसा हुआ था; और उसके बगल के हिस्से भी थाली के समान ही कसे हुए थे; और उसके छोर नुकिले थे; और उसका ऊपरी हिस्सा एक थाली के समान कसा हुआ था; और उसकी लंबाई एक वृक्ष की लंबाई के समान थी; और उसका दरवाजा, यदि बंद हो जाता तो एक थाली के समान कसा हुआ हो जाता ।
18 और ऐसा हुआ कि यह कहते हुए येरेद के भाई ने प्रभु से विनती की: हे प्रभु, मैंने वह कार्य पूरा कर दिया है जिसे तुमने मुझे करने की आज्ञा दी थी, और तुम्हारे निर्देशानुसार मैंने नौकाओं को बना दिया है ।
19 और देखो, हे प्रभु, उनमें कोई प्रकाश नहीं है; हम किस तरफ जाएंगे ? और हम मर भी जाएंगे, क्योंकि उनमें जो हवा है उसके अलावा हम और सांस नहीं ले सकते हैं; इसलिए हम मर जाएंगे ।
20 और प्रभु ने येरेद के भाई से कहा: देखो, तुम ऊपरी हिस्से में एक सुराख बनाओगे, और निचले हिस्से में भी; और जब तुम्हें हवा की आवश्यकता हो तब तुम सुराख को खोलकर हवा ले लेना । और यदि ऐसा हो कि तुम पर पानी आए, देखो, तब तुम सुराख को बंद कर देना जिससे कि तुम बाढ़ में बह न सको ।
21 और ऐसा हुआ कि येरेद के भाई ने वैसा ही किया, जैसा कि प्रभु ने उसे आज्ञा दी थी ।
22 और यह कहते हुए उसने प्रभु से फिर विनती की: हे प्रभु, देखो मैंने वैसे ही किया है जैसे कि तुमने मुझे आज्ञा दी थी; और मैंने अपने लोगों के लिए नावें तैयार की हैं, और देखो उनमें कोई प्रकाश नहीं है । देखो, हे प्रभु, क्या तुम ऐसा होने दोगे कि हम अंधकार में इस विशाल जल को पार करें ?
23 और प्रभु ने येरेद के भाई से कहा: तुम क्या चाहते हो कि मैं करूं ताकि तुम्हारी नावों में प्रकाश हो ? क्योंकि देखो, तुम्हारे पास खिड़कियां नहीं हो सकती हैं, क्योंकि वे टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगी; न ही तुम अपने साथ आग लेकर जा सकते हो, क्योंकि तुम आग के प्रकाश द्वारा नहीं जाओगे ।
24 क्योंकि देखो, तुम समुद्र में एक व्हेल के समान होगे; क्योंकि पर्वत से आ रही लहरें तुम्हें ठोकर मारेंगी । फिर भी, मैं तुम्हें दोबारा समुद्र की गहराइयों से बाहर निकालूंगा; क्योंकि मेरे मुंह से हवा निकल चुकी है, और मैंने बारिश और बाढ़ भी भेज दी है ।
25 और देखो, मैं तुम्हें इन चीजों का सामना करने के लिए तैयार करता; क्योंकि तुम इस विशाल गहराई को पार नहीं कर सकते हो यदि मैं तुम्हें समुद्र की इन लहरों का सामना करने के लिए तैयार न करूं । इसलिए तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए करूं जिससे कि तुम्हारे पास प्रकाश हो जब तुम समुद्र की गहराइयों में निगले जाते हो ?