“21–27 जून। सिद्धांत और अनुबंध 67-70: ‘गिरजे के लिये संपूर्ण पृथ्वी के खजाने के समान थे’” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिएः सिद्धांत और अनुबंध 2021 (2020)
“21–27 जून। सिद्धांत और अनुबंध 67–70,” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिए: 2021
21–27 जून
सिद्धांत और अनुबंध 67–70
“गिरजे के लिये संपूर्ण पृथ्वी के खजाने के समान थे”
हालांकि सिद्धांत और अनुबंध में दिए गए कई प्रकटीकरण विशेष स्थितियों में विशेष लोगों को संबोधित किए गए थे, लेकिन ये “सभी के लिए लाभदायक हैं” (”सिद्धांत और अनुबंध की पुस्तक की सच्चाई के बारे में बारह प्रेरितों की गवाही,” सिद्धांत और अनुबंध का परिचय)। जब आप अध्ययन करते हैं, तो उन सच्चाइयों और नियमों को देखें जो आपके लिए लाभदायक हैं।
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1828 से 1831 तक, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को प्रभु से व्यक्तियों के लिए ईश्वरीय सभा, गिरजे को संचालित करने के लिए निर्देश और अंतिम दिनों के प्रेरणादायक दिव्यदर्शनों सहित कई प्रकटीकरण मिले थे। लेकिन कई संतों ने उन्हें पढ़ा नहीं था। प्रकटीकरण तब तक प्रकाशित नहीं हुए थे और कुछ उपलब्ध प्रतियां सादे कागजों पर लिखी हुई थीं, जिन्हें सदस्यों के बीच बांटा जाता था और प्रचारक लेकर चलते थे।
फिर, 1831 में जोसफ ने प्रकटीकरण के प्रकाशन पर चर्चा करने के लिए गिरजे के मार्गदर्शकों की परिषद बुलाई थी। प्रभु की इच्छा मिलने के बाद, इन मार्गदर्शकों ने आज्ञाओं की पुस्तक को प्रकाशित करने की योजना बनाई—जो आज के सिद्धांत और अनुबंध की अग्रिम-स्वरूप थी। जल्द ही सभी स्वयं पढ़ पाये होंगे कि एक भविष्यवक्ता के माध्यम से प्रकट किए गए परमेश्वर के वचन, इसका प्रबल सबूत हैं कि “हमारे उद्धारकर्ता के राज्य के रहस्यों की कुंजियां फिर से मनुष्य को सौंपी गई हैं।” ये और ऐसे कई अन्य कारणों से, संत तब और अब इन प्रकटीकरणों को “गिरजे के लिये संपूर्ण पृथ्वी के खजाने के समान” मानते हैं (सिद्धांत और अनुबंध 70, खंड का शीर्षक)।
Saints 1:140-43 भी देखें।
व्यक्तिगत धर्मशास्त्र अध्ययन के लिये विचार
सिद्धांत और अनुबंध 67:1–9; 68:3–6
परमेश्वर अपने सेवकों और उसके नाम पर उनके द्वारा बोले वचनों का समर्थन करता है।
जोसफ स्मिथ द्वारा प्राप्त किए गए प्रकटीकरण को प्रकाशित करने का निर्णय आसान लग रहा था, लेकिन गिरजे के कुछ मार्गदर्शकों को यह एक सही विचार नहीं लगा था। प्रकटीकरण लिखने के लिए जोसफ स्मिथ ने जिस भाषा का उपयोग किया था, उसमें कमियों को लेकर चिंता हुई थी। खंड 67 में दिए प्रकटीकरण में उस चिंता का जवाब है। आप पद 1–9 से भविष्यवक्ताओं और प्रकटीकरण के बारे में क्या सीखते हैं? आपको 68:3–6 से आपको कौन सी अतिरिक्त अंतर्दृष्टि मिलती है?
आज्ञाओं की पुस्तक के छपने से पहले, गिरजे के कुछ मार्गदर्शकों ने लिखित गवाही देकर बताया कि पुस्तक में दिए गए प्रकटीकरण सच हैं। उनकी गवाही की प्रति देखने के लिए,“Testimony, circa 2 November 1831,” Revelation Book 1, 121, josephsmithpapers.org देखें।
पवित्र आत्मा से मिली प्रेरणा प्रभु की इच्छा को दर्शाती है।
ओरसन हाइड और अन्य को इन पदों के वचनों को “एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति, और एक शहर से दूसरे शहर, जीवित परमेश्वर की आत्मा के द्वारा, अनंत सुसमाचार की घोषणा करने के लिये ” नियुक्त किया गया था (पद 1)। पद 4 में दी गई घोषणा, सुसमाचार का प्रचार करने के लिए भेजे जाने वाले व्यक्ति की किस प्रकार सहायता कर सकती है? ये वचन आप पर कैसे लागू होते हैं? उस समय के बारे में सोचें, जब आप कुछ कहने और करने के लिए “पवित्र आत्मा के द्वारा प्रभावित होते हैं” (पद 3) था। आपको इन पदों में क्या मिलता है, जो आपको आत्मिक चिन्हों का अनुसरण करने के लिए आत्मविश्वास देता है?
माता-पिता अपने बच्चों को सिखाने के लिए जिम्मेदार हैं।
प्राथमिक जनरल अध्यक्षा, अध्यक्षा जॉय डी. जोन्स ने सिखाया था,“[A] बच्चों को बहुत ही कम उम्र में प्यार से—धर्मशास्त्र से मूलभूत सुसमाचार सिद्धांत और नियम, विश्वास के अनुच्छेद, For the Strength of Youth पुस्तिका, प्राथमिक गीत, स्तुतिगीत और हमारी स्वयं की व्यक्तिगत गवाही बताने से ही उन्हें पाप-प्रतिरोधी बनने में सहायता मिलती है—इससे बच्चे उद्धारकर्ता की ओर जाएंगे” (“A Sin-Resistant Generation,” Ensign or Liahona, मई 2017, 88)।
सिद्धांत और अनुबंध 68:25–28 के अनुसार, अध्यक्ष जोन्स द्वारा बताए गए वे कुछ “मूलभूत सुसमाचार सिद्धांत” कौन-से हैं, जिन्हें माता-पिता को अपने बच्चों को सिखाने चाहिए? यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माता-पिता को क्यों दी गई है? जिन माता-पिता को लगता है कि वे अपने बच्चों को ये बातें सिखाने के लिए योग्य नहीं हैं, उन्हें आप क्या कहेंगे?
टेड आर. कैलिस्टर,“Parents: The Prime Gospel Teachers of Their Children,” Ensign or Liahona, नवंबर 2014, 32–34 भी देखें।
पारिवारिक धर्मशास्त्र अध्ययन और पारिवारिक घरेलू संध्या के लिए विचार
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सिद्धांत और अनुबंध 67:10–14।ईर्ष्या, डर और अहंकार हमें प्रभु के करीब आने से कैसे रोकते हैं? प्रभु की उपस्थिति में “प्राकृतिक मनुष्य” क्यों नहीं रह सकता है? (पद 12; मुसायाह 3:19)भी देखें। हमें इन पदों में क्या मिलता है, जो हमें “धैर्यवान बने रहो जब तक तुम परिपूर्ण नहीं हो जाते” के लिए प्रेरित करता है? (पद 13)।
परिवार के तौर पर, आप एल्डर जेफ्री आर. होलैंड का संदेश “Be Ye Therefore Perfect—Eventually” (Ensign or Liahona, Nov. 2017, 40–42) भी देख सकते हैं।
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सिद्धांत और अनुबंध 68:3–4।परिवार के सदस्य अनुभव साझा कर सकते हैं कि उनका यह विश्वास मजबूत हुआ है कि प्रभु के सेवकों के वचन “प्रभु की इच्छा होगी,” “प्रभु का विचार होगा,” और “उद्धार के लिये परमेश्वर की शक्ति,” हैं(पद 4)। या वे हाल के महा सम्मेलन के संदेशों को देख सकते हैं जो उस चुनौती पर लागू होते हैं जिसका आपका परिवार शायद सामना कर रहा है।
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सिद्धांत और अनुबंध 68:25–35।इन पदों में “सिय्योन के निवासियों” के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपदेश हैं (पद 26)। इन पदों को पढ़ने के बाद हम क्या बेहतर करने के लिए प्रेरित होते हैं? इन पदों के कुछ नियमों को चित्रित करना और उन्हें अपने घर में छुपाना मजेदार हो सकता है। फिर, आने वाले दिनों में जब किसी को कोई चित्र मिलता है, तो आप उस सिद्धांत के बारे में सिखाने के अवसर के रूप में उसका उपयोग कर सकते हैं। बच्चों के लिए ये बातेें सीखने के लिए घर क्यों सही जगह है?
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सिद्धांत और अनुबंध 69:1–2।ओलिवर कॉउड्री को भविष्यवक्ता के प्रकटीकरण की लिखित प्रतियों को छपवाने के लिए मिसूरी भेजा गया था। साथ ही, उन्हें वहां गिरजा बनाने के लिए पैसे भी दिए गए थे। ओलिवर की यात्रा के बारे में पद 1 में प्रभु ने क्या सलाह दी थी? उन लोगों के साथ रहना क्यों जरूरी है, जो “सच्चे और विश्वासी होंगे”? (पद 1)। अच्छे और बुरे फैसले लेने में मित्र हमें कब प्रभावित करते हैं? हम दूसरों पर अच्छा प्रभाव कैसे डाल सकते हैं?
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सिद्धांत और अनुबंध 70:1–4।प्रभु ने कुछ एल्डरों को प्रकटीकरणों के प्रकाशन की देखरेख करने की जिम्मेदारी दी थी। भले ही, हम पर उस तरह की विशेष जिम्मेदारी नहीं है, तो हम किस तरह से “प्रकटीकरणों और आज्ञाओं के प्रबंधक” माने जा सकते हैं? (पद 3)।
बच्चों को सिखाने हेतु अधिक विचारों के लिये, आओ, मेरा अनुसरण करो—प्राथमिक के लिये में इस सप्ताह की रूपरेखा देखें।
प्रस्तावित गीत:“Home Can Be a Heaven on Earth,” स्तुतिगीत, नं. 298।