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18. पौरोहित्य विधियां और आशीषें संपन्न करना


“18. पौरोहित्य विधियां और आशीषें संपन्न करना,” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन (2023)।

“18. पौरोहित्य विधियां और आशीषें संपन्न करना,” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन

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परिवार मंदिर के निकट चलते हुए

18.

पौरोहित्य विधियां और आशीषें संपन्न करना

18.0

परिचय

विधियां और आशीषें पौरोहित्य के अधिकार द्वारा और यीशु मसीह के नाम में संपन्न किए गए पवित्र कार्य हैं। पौरोहित्य विधियां और आशीषें परमेश्वर की शक्ति तक पहुंच प्रदान करती हैं (सिद्धांत और अनुबंध 84:20 भी देखें)।

विधियों और आशीषों को स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह में विश्वास और पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के अनुसार संपन्न किया जाना चाहिए। मार्गदर्शक यह सुनिश्चित करते हैं कि इन्हें उचित स्वीकृति (जहां आवश्यक हो), आवश्यक पौरोहित्य अधिकार, उचित तरीके से और योग्य प्रतिभागियों द्वारा संपन्न किया जाता है (देखें 18.3)।

18.1

उद्धार और उत्कर्ष की विधियां

पौरोहित्य में सुसमाचार विधियों को प्रशासित करने का अधिकार शामिल है जो उद्धार और उत्कर्ष के लिए आवश्यक हैं। जब लोग इन विधियों को प्राप्त करते हैं, तो वे परमेश्वर के साथ पवित्र अनुबंध बनाते हैं। उद्धार और उत्कर्ष की विधियां नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • बपतिस्मा

  • पुष्टिकरण और पवित्र आत्मा का उपहार

  • मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्रदान करना और किसी पद पर नियुक्ति (पुरुषों के लिए)

  • मंदिर वृत्तिदान

  • मंदिर मुहरबंदी

यदि अनुबंध में पैदा हुआ बच्चा 8 साल की आयु से पहले मर जाता है, तो किसी विधि की आवश्यकता नहीं है या संपन्न नहीं की जाती है। यदि बच्चा अनुबंध में पैदा नहीं हुआ था, तो उसे केवल माता-पिता के साथ मुहरबंद किए जाने की विधि की आवश्यकता है। उद्धारकर्ता के प्रायश्चित के कारण, 8 वर्ष की आयु से पहले मरने वाले सभी बच्चे “सिलेस्टियल राज्य में बचाए जाते हैं” (सिद्धांत और अनुबंध 137:10; मोरोनी 8:8–12 भी देखें)।

18.3

विधि या आशीष में भाग लेना

जो लोग किसी विधि या आशीष को संपन्न करते या भाग लेते हैं, उनके पास आवश्यक पौरोहित्य अधिकार और योग्यता होनी चाहिए। आम तौर पर, योग्यता का मापदंड वही है जो मंदिर संस्तुति के लिए आवश्यक है। हालांकि, आत्मा और इस अध्याय के निर्देशों द्वारा निर्देशित किए जाने पर, धर्माध्यक्ष और स्टेक अध्यक्ष उन पिताओं और पतियों को जो आवश्यक पौरोहित्य पदों को धारण करते हैं, कुछ विधियों और आशीषों को संपन्न करने या उनमें भाग लेने की अनुमति दे सकते हैं, भले ही वे पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हों। कोई पौरोहित्य धारक जिसने गंभीर पापों का पश्चाताप नहीं किया है, उसे भाग नहीं लेना चाहिए।

कुछ विधियों और आशीषों को संपन्न या प्राप्त करने के लिए उस पीठासीन मार्गदर्शक की स्वीकृति की आवश्यकता होती है जो आवश्यक कुंजियां धारण करता है (देखें 3.4.1)। आवश्यकतानुसार, स्वीकृति किसी सलाहकार द्वारा दी जा सकती है जिसे वह अधिकृत करता है। निम्न चार्ट देखें। स्टेक अध्यक्षों के संदर्भ मिशन अध्यक्षों पर भी लागू होते हैं। धर्माध्यक्षों के संदर्भ शाखा अध्यक्षों पर भी लागू होते हैं।

किन मार्गदर्शकों के पास उद्धार और उत्कर्ष की विधियों को संपन्न या प्राप्त करने की अनुमति देने की कुंजियां हैं?

विधि

कौन कुंजियां धारण करता है

विधि

बपतिस्मा

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष (8 साल के बच्चों के लिए और 9 और उससे अधिक आयु के सदस्य बच्चों के लिए जिनके बपतिस्मे में बौद्धिक अक्षमताओं के कारण देरी हुई थी)

मिशन अध्यक्ष (परिवर्तितों के लिए)

विधि

पुष्टिकरण और पवित्र आत्मा का उपहार

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष (8 साल के बच्चों के लिए और 9 और उससे अधिक आयु के सदस्य बच्चों के लिए जिनके बपतिस्मे में बौद्धिक अक्षमताओं के कारण देरी हुई थी)

मिशन अध्यक्ष (परिवर्तितों के लिए)

विधि

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्रदान करना और किसी पद पर नियुक्ति (पुरुषों के लिए)

कौन कुंजियां धारण करता है

स्टेक अध्यक्ष

विधि

मंदिर वृत्तिदान

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष और स्टेक अध्यक्ष

विधि

मंदिर मुहरबंदी

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष और स्टेक अध्यक्ष

किन मार्गदर्शकों के पास अन्य विधियों और आशीषों को संपन्न या प्राप्त करने की अनुमति देने की कुजियां हैं?

विधि या आशीष

कौन कुंजियां धारण करता है

विधि या आशीष

बच्चों का नामकरण और आशीष

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष

विधि या आशीष

प्रभु-भोज

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष

विधि या आशीष

हारूनी पौरोहित्य प्रदान करना और किसी पद पर नियुक्ति (युवकों और पुरुषों के लिए)

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष

विधि या आशीष

नियुक्तियों में सेवा करने के लिए सदस्यों को अलग करना

कौन कुंजियां धारण करता है

देखें 30.8

विधि या आशीष

तेल को अर्पित करना

कौन कुंजियां धारण करता है

स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है

विधि या आशीष

रोगियों को आशीष देना

कौन कुंजियां धारण करता है

स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है

विधि या आशीष

पिता की आशीषों सहित, दिलासा और सलाह की आशीषें

कौन कुंजियां धारण करता है

स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है

विधि या आशीष

घरों को समर्पित करना

कौन कुंजियां धारण करता है

स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है

विधि या आशीष

कब्रों को समर्पित करना

कौन कुंजियां धारण करता है

सभा की अध्यक्षता करने वाला पौरोहित्य मार्गदर्शक

विधि या आशीष

कुलपति की आशीषें

कौन कुंजियां धारण करता है

धर्माध्यक्ष

18.4

नाबालिग बच्चों के लिए विधियां

किसी नाबालिग बच्चे को आशीष देना, बपतिस्मा, पुष्टिकरण करना, किसी पौरोहित्य पद पर नियुक्ति, या नियुक्ति के लिए अलग किया जाना, केवल (1) माता-पिता, जिनके पास निर्णय में भाग लेने का वैध अधिकार है या (2) वैध अभिभावक की सहमति से किया जा सकता है।

18.6

बच्चों का नामकरण और आशीष

बच्चों का नामकरण और आशीष दिया जाना आम तौर पर उसी वार्ड में उपवास और गवाही सभा के दौरान होता है जहां उनके माता-पिता सदस्य हैं।

18.6.1

आशीष कौन प्रदान करता है

किसी बच्चे का नामकरण और आशीष दिया जाना मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारकों द्वारा सिद्धांत और अनुबंध 20:70 के अनुरूप किया जाता है।

कोई व्यक्ति या परिवार अपने बच्चे के नामकरण और आशीष दिए जाने के लिए, धर्माध्यक्ष के साथ इस विधि के लिए विचार-विमर्श करता है। वह बच्चों का नामकरण और आशीष दिए जाने के लिए पौरोहित्य कुंजियां धारण करता है।

धर्माध्यक्ष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता को उसके बच्चे के नामकरण और आशीष देने की अनुमति दे सकता है, भले ही पिता पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हो (देखें 18.3)। धर्माध्यक्ष पिता को अपने बच्चों को आशीष देने के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

18.6.2

निर्देशन

धर्माध्यक्ष के निर्देशन में, मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक किसी बच्चे का नाम रखने और आशीष देने के लिए घेरे में एकत्र होते हैं। वे अपने हाथों को शिशु के नीचे रखते हैं, या वे अपने हाथों को बड़े बच्चे के सिर पर हल्के से रखते हैं। फिर आशीष प्रार्थना करने वाला:

  1. स्वर्गीय पिता को संबोधित करते हुए प्रार्थना करता है।

  2. वह कहता है कि यह आशीष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा दी जा रही है।

  3. बच्चे को एक नाम देता है।

  4. बच्चे को संबोधित करता है।

  5. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष बच्चे को देता है।

  6. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.6.3

बाल अभिलेख प्रपत्र और आशीष प्रमाण पत्र

बच्चे को आशीष देने से पूर्व, क्लर्क Child Record Form तैयार करने के लिए Leader and Clerk Resources (LCR) प्रणाली का उपयोग करता है। आशीष दिए जाने के बाद, वह उस प्रणाली में (LCR) सदस्यता अभिलेख बनाता है और Blessing Certificate तैयार करता है। प्रमाण पत्र पर धर्माध्यक्ष के हस्ताक्षर होने के पश्चात इसे बच्चे के माता-पिता या अभिभावकों को दिया जाता है।

सदस्यता अभिलेख और प्रमाण पत्र पर नाम सरकारी जन्म प्रमाण पत्र, नागरिक जन्म पंजीकरण संस्था, या वर्तमान वैध नाम से मेल खाना चाहिए।

18.7

बपतिस्मा

किसी व्यक्ति को गिरजे का सदस्य बनने और पवित्र आत्मा प्राप्त करने के लिए अधिकृत व्यक्ति द्वारा पानी में डूबोकर बपतिस्मा लेना आवश्यक है। वे सभी जो उत्कर्ष चाहते हैं, उन्हें इन विधियों को प्राप्त करके उद्धारकर्ता के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए।

18.7.1

व्यक्ति के बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए अनुमति

18.7.1.1

बच्चे जो अभिलेखित सदस्य हैं

धर्माध्यक्ष 8 वर्ष की आयु के अभिलेखित सदस्य बच्चों का बपतिस्मा दिए जाने के लिए पौरोहित्य कुंजियां धारण करता है। इन बच्चों का बपतिस्मा और पुष्टीकरण उनके 8 वें जन्मदिन पर या उसके तुरंत बाद यथोचित हो जाना चाहिए (देखें सिद्धांत और अनुबंध 68:27)। ये वे बच्चे होते हैं जो गिरजा सदस्यता में पहले से अभिलेखित हैं (देखें 33.6.2)। जब वे 8 वर्ष की आयु के होते हैं, तो धर्माध्यक्ष यह सुनिश्चित करता है कि उनके पास सुसमाचार को स्वीकार करने और बपतिस्मा लेने और पुष्टिकरण का अवसर हो।

धर्माध्यक्ष या उनका अधिकृत सलाहकार बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए अभिलेखित बच्चों का साक्षात्कार करता है। निर्देश 31.2.3.1 में हैं।

बपतिस्मा और पुष्टिकरण पंजीकरण के बारे में जानकारी के लिए, देखें 18.8.3

18.7.1.2

परिवर्तित

मिशन अध्यक्ष मिशन में परिवर्तितों को बपतिस्मा देने के लिए पौरोहित्य कुंजियां धारण करता है। इसके लिए पूर्णकालिक प्रचारक बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए परिवर्तितों का साक्षात्कार करते हैं।

18.7.2

बपतिस्मा सभाएं

बपतिस्मा सभा सरल, संक्षिप्त और आत्मिक रूप से प्रेरणादायक होनी चाहिए। इसका संचालन निम्न प्रकार किया जा सकता है:

  1. आरंभिक संगीत

  2. सभा का संचालन कर रहे भाई की ओर से संक्षिप्त स्वागत

  3. आरंभिक स्तुतिगीत और प्रार्थना

  4. सुसमाचार विषयों, जैसे बपतिस्मा और पवित्र आत्मा का उपहार पर एक या दो छोटे संदेश

  5. स्तुतिगीत

  6. बपतिस्मा

  7. श्रद्धा का समय जबतक बपतिस्मा में भाग लेने वाले सूखे कपड़े पहनकर आते हैं (इस समय के दौरान स्तुतिगीत या प्राथमिक गीत बजाए या गाए जा सकते हैं)।

  8. 8 वर्षीय अभिलेखित सदस्यों का पुष्टिकरण; परिवर्तितों का पुष्टिकरण यदि धर्माध्यक्ष द्वारा निर्धारित किया जाता है (देखें 18.8)

  9. यदि वांछित हो तो नए परिवर्तितों द्वारा गवाही देना

  10. समापन स्तुतिगीत और प्रार्थना

  11. समापन संगीत

जब अभिलेखित बच्चा बपतिस्मा लेने की तैयारी कर रहा होता है, तो धर्माध्यक्षता और प्राथमिक अध्यक्षता का सदस्य उसके परिवार के साथ बपतिस्मा सभा की योजना बनाता और समय निर्धारित करता है। धर्माध्यक्षता का सदस्य सभा का संचालन करता है। यदि किसी महीने में एक से अधिक बच्चे बपतिस्मा लेगें, तो वे एक ही बपतिस्मा सभा में भाग ले सकते हैं।

कई अभिलेखित बच्चों वाले स्टेकों में, विभिन्न वार्डों के बच्चे एक ही बपतिस्मा सभा में भाग ले सकते हैं। स्टेक धर्माध्यक्षता का सदस्य या अधिकृत उच्च पार्षद इस सभा का संचालन करता है।

परिवार के किसी सदस्य के बपतिस्मे में देरी नहीं होनी चाहिए यदि पिता पौरोहित्य प्राप्त कर स्वयं बपतिस्मा संपन्न नहीं कर पाता है।

धर्माध्यक्षता के मार्गदर्शन में, वार्ड मिशन मार्गदर्शक (यदि कोई नियुक्त किया गया है) या एल्डर परिषद अध्यक्षता का सदस्य जो वार्ड में प्रचारक कार्य का मार्गदर्शन करता है, परिवर्तितों के लिए बपतिस्मा सभाओं की योजना बनाता और संचालन करता है। वे पूर्णकालिक प्रचारकों से विचार-विर्मश करते हैं।

18.7.3

विधि कौन संपन्न करता है

बपतिस्मा की विधि याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक द्वारा संपन्न की जाती है। बपतिस्मा संपन्न करने वाले व्यक्ति को धर्माध्यक्ष द्वारा (या मिशन अध्यक्ष द्वारा यदि कोई पूर्णकालिक प्रचारक बपतिस्मा संपन्न कर रहा है) अनुमोदित किया जाना चाहिए।

धर्माध्यक्ष याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता को उसके बच्चे का बपतिस्मा संपन्न करने की अनुमति दे सकता है, भले ही पिता पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हो (देखें 18.3)। धर्माध्यक्ष पिता को अपने बच्चों का बपतिस्मा संपन्न करने के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

18.7.4

विधि कहां संपन्न की जाए

यदि उपलब्ध हो तो बपतिस्मा कुंड में बपतिस्मा संपन्न किया जाना चाहिए। यदि कोई कुंड नहीं है, तो किसी सुरक्षित तलाब या नदी का उपयोग किया जा सकता है।

सुरक्षा के लिए, किसी जिम्मेदार वयस्क को कुंड भरते समय और जब तक इसका पानी निकाल कर, साफ और सुरक्षित न कर दिया जाए वहां उपस्थित रहना चाहिए। प्रत्येक बपतिस्मा सभा के तुरंत बाद कुंड का पानी निकाल दिया जाना चाहिए। जब कुंड उपयोग में न हो तो इसके दरवाजे बंद होने चाहिए।

18.7.5

कपड़े

बपतिस्मा संपन्न करने और बपतिस्मा लेने वाले दोनों व्यक्ति ऐसे सफेद कपड़े पहनते हैं जो गीले होने पर पारदर्शी नहीं होते हैं। वृत्तिदान प्राप्त व्यक्ति बपतिस्मा संपन्न करते समय अपने कपड़ों के नीचे मंदिर पोशाक पहनता है। स्थानीय इकाइयां बजट निधि से बपतिस्मा कपड़े खरीदती हैं और इसके उपयोग के लिए शुल्क नहीं लेती हैं।

18.7.6

गवाह

पीठासीन मार्गदर्शक द्वारा अनुमोदित दो गवाह, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक बपतिस्मा का निरीक्षण करते हैं कि इसे उचितरूप से संपन्न किया जाए। बपतिस्मा प्राप्त गिरजे के सदस्य, बच्चों और युवा सहित, गवाह के तौर पर सेवा कर सकते हैं।

यदि सिद्धांत और अनुबंध 20:73 में दिए शब्द ठीक से नहीं बोले गए हैं तो बपतिस्मा दोहराया जाना चाहिए। यदि व्यक्ति का शरीर, बाल या कपड़े पूरी तरह से नहीं डूबते हैं तो बपतिस्मा दोहराया जाना चाहिए।

18.7.7

निर्देशन

बपतिस्मा की विधि संपन्न करने के लिए याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक:

  1. बपतिस्मा लेने वाले व्यक्ति के साथ पानी में खड़ा होता है।

  2. व्यक्ति की दायीं कलाई को अपने बाएं हाथ से पकड़ता है (सुविधा और सुरक्षा के लिए)। बपतिस्मा लेने वाला व्यक्ति अपने बाएं हाथ से पौरोहित्य धारक की बायीं कलाई को पकड़ता है।

  3. अपने दाहिने हाथ को समकोण पर उठाता है।

  4. व्यक्ति का पूरा नाम बताता और कहता है, “यीशु मसीह का जो अधिकार मुझे दिया गया है, मैं तुम्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा देता हूं। आमीन” (सिद्धांत और अनुबंध 20:73)।

  5. व्यक्ति से उसकी नाक को दाहिने हाथ से पकड़ने को कहता है (सुविधा के लिए); फिर अपने दाहिने हाथ को व्यक्ति की पीठ पर रखता है और कपड़ों सहित व्यक्ति को पूरी तरह से डुबो देता है।

  6. व्यक्ति को पानी से बाहर आने में मदद करता है।

18.8

पुष्टिकरण और पवित्र आत्मा का उपहार

व्यक्ति के बपतिस्मा लेने के बाद, उसकी गिरजे के सदस्य के रूप में पुष्टि की जाती है और वह हाथों के रखने के द्वारा पवित्र आत्मा प्राप्त करता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 20:41; प्रेरितों के काम 19:1–6)। इन दोनों विधियों के संपन्न होने और उचितरूप से अभिलेखित होने के बाद वह व्यक्ति गिरजे का सदस्य बन जाता है (देखें यूहन्ना 3:5; सिद्धांत और अनुबंध 33:11; विश्वास के अनुछेद 27:20; 3 नफी 27:20)।

धर्माध्यक्ष पुष्टिकरण संपन्न किए जाने की देखरेख करता है। आठ वर्ष के बच्चों का आम तौर पर बपतिस्मा दिए जाने के दिन पुष्टिकरण किया जाता है। परिवर्तितों का पुष्टिकरण आम तौर पर उस वार्ड की प्रभु-भोज सभा में किया जाता है जिसमें वे रहते हैं, अधिमानतः उनके बपतिस्मा के बाद वाले रविवार को।

धर्माध्यक्षता का सदस्य नए सदस्यों का परिचय कराते समय 29.2.1.1 में दिए दिशा-निर्देशों का पालन करता है।

18.8.1

विधि कौन संपन्न करता है

केवल मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक, जो मंदिर के योग्य है, पुष्टिकरण संपन्न करने की प्रार्थना कर सकता है। हालांकि, धर्माध्यक्ष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता को उसके बच्चे की पुष्टिकरण के घेरे खड़े होने अनुमति दे सकता है, भले ही पिता पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हो (देखें 18.3)।

धर्माध्यक्षता का कम से कम एक सदस्य इस विधि में भाग लेता है। किसी परिवर्तित को प्रचारक एल्डर द्वारा सिखाए जाने के बाद धर्माध्यक्ष उन्हें भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।

18.8.2

निर्देशन

धर्माध्यक्ष के निर्देशन में, एक या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पुष्टिकरण में भाग लेते हैं। वे अपने हाथों को व्यक्ति के सिर पर हल्के से रखते हैं। फिर पुष्टिकरण संपन्न करने वाला:

  1. व्यक्ति का उसके पूरे नाम से संबोधन करता है।

  2. कहता है कि यह विधि मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा संपन्न की जा रही है।

  3. उस व्यक्ति की अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के सदस्य के रूप में पुष्टि करता है।

  4. कहता है “पवित्र आत्मा प्राप्त करो” (न कि “पवित्र आत्मा का उपहार”)।

  5. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष के शब्द कहता है।

  6. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.8.3

बपतिस्मा और पुष्टिकरण अभिलेख और प्रमाण पत्र

अभिलेखित बच्चे का बपतिस्मा के लिए साक्षात्कार किए जाने से पूर्व, क्लर्क बपतिस्मा और पुष्टिकरण प्रपत्र तैयार करने के लिए LCR प्रणाली का उपयोग करता है। धर्माध्यक्ष या अधिकृत सलाहकार साक्षात्कार का संचालन और प्रपत्र पर हस्ताक्षर करता है। बपतिस्मा और पुष्टिकरण के बाद, क्लर्क LCR में बच्चे का सदस्यता अभिलेख भरने के लिए इस प्रपत्र का उपयोग करता है।

जब कोई पूर्णकालिक प्रचारक बपतिस्मा के लिए परिवर्तित का साक्षात्कार करता है, तो वह एरिया बुक प्लानर (एबीपी) ऐप का उपयोग करके बपतिस्मा और पुष्टिकरण अभिलेख भरता है। बपतिस्मा और पुष्टिकरण के बाद, प्रचारक एबीपी में जानकारी भरते हैं और इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से वार्ड क्लर्क को भेजते हैं। वार्ड क्लर्क LCR में जानकारी की समीक्षा करता है और सदस्यता अभिलेख बनाता है।

सदस्यता अभिलेख बनाए जाने के बाद, क्लर्क बपतिस्मा और पुष्टिकरण प्रमाण पत्र तैयार करता है। प्रमाण पत्र पर धर्माध्यक्ष के हस्ताक्षर होने के पश्चात इसे व्यक्ति को दिया जाता है।

सदस्यता अभिलेख और प्रमाण पत्र पर नाम सरकारी जन्म प्रमाण पत्र, नागरिक जन्म पंजीकरण संस्था, या वर्तमान वैध नाम से मेल खाना चाहिए।

18.9

प्रभु-भोज

गिरजा सदस्य सब्त दिन परमेश्वर की उपासना करने और प्रभु-भोज में भाग लेने के लिए मिलते हैं। (देखें सिद्धांत और अनुबंध 20: 75; 59:9; मोरोनी 6:5–6)। इस विधि के दौरान, वे उद्धारकर्ता के बलिदान की याद में और अपने पवित्र अनुबंधों के नवीनीकरण के लिए उसकी देह और लहू के रूप में रोटी और पानी ग्रहण करते हैं (देखें मत्ती 26:26–28; जोसफ स्मिथ अनुवाद, मरकुस 14:20–25; लूका 22:15–20; 3 नफी 18; मोरोनी 6:6)।

18.9.1

प्रभु-भोज को प्रशासित करने का अनुमोदन

धर्माध्यक्ष प्रभु-भोज को प्रशासित करने के लिए पौरोहित्य कुंजियां धारण करता है। जो लोग प्रभु-भोज तैयार करने, आशीष देने और बांटने में भाग लेते हैं, उन्हें उससे या उसके निर्देशन में किसी अन्य से स्वीकृति प्राप्त करनी चाहिए।

18.9.2

विधि कौन संपन्न करता है

  • शिक्षक, याजक, और मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक प्रभु-भोज तैयार कर सकते हैं।

  • याजक और मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक प्रभु-भोज आशीष प्रार्थना कर सकते हैं।

  • डीकन, शिक्षक, याजक, और मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक प्रभु-भोज बांट सकते हैं।

18.9.3

प्रभु-भोज के लिए दिशा-निर्देश

प्रभु-भोज की पवित्रता बनाए रखने के लिए, पौरोहित्य मार्गदर्शकों को सावधानीपूर्वक तैयारी करनी चाहिए ताकि यह व्यवस्थित और श्रद्धापूर्ण हो।

जो लोग प्रभु-भोज का संचालन करते हैं, उन्हें गरिमापूर्ण तरीके से ऐसा करना चाहिए, यह महसूस करते हुए कि वे प्रभु का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

प्रभु-भोज का बांटा जाना स्वाभाविक होना चाहिए और इसे अत्यधिक औपचारिक नहीं होना चाहिए।

यद्यपि प्रभु-भोज गिरजे के सदस्यों के लिए है, लेकिन अन्य लोगों को इसमें भाग लेने से नहीं रोका जाना चाहिए।

18.9.4

निर्देशन

  1. जो लोग प्रभु-भोज तैयार करते, आशीष देते, या बांटते हैं, वे अपने हाथों को साबुन या अन्य साफ करने वाले पदार्थ से साफ करते हैं।

  2. शिक्षक, याजक, या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक यह सुनिश्चित करते हैं कि सभा से पहले साबुत रोटी, रोटी की ट्रे में और साफ पानी, पानी की ट्रे में साफ मेजपोश पर कपड़े से ढककर रखे हों।

  3. जब वार्ड के सदस्य प्रभु-भोज स्तुति-गीत गाते हैं, प्रभु-भोज को आशीष देने वाले श्रद्धापूर्वक खड़े हो जाते हैं, रोटी ट्रे से कपड़े को हटाते हैं, और रोटी को छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं।

  4. स्तुति-गीत के बाद, रोटी को आशीष देने वाला व्यक्ति घुटने टेकता है और रोटी के लिए प्रभु-भोज प्रार्थना कहता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 20:77)।

  5. धर्माध्यक्ष सुनिश्चित करता है कि प्रभु-भोज प्रार्थनाएं स्पष्ट, सटीक और गरिमा के साथ बोली जाती हैं। यदि व्यक्ति शब्द में गलती करता और स्वयं सही करता है, तो किसी सुधार की आवश्यकता नहीं होती है। यदि व्यक्ति अपनी गलती ठीक नहीं करता है, तो धर्माध्यक्ष उसे प्रार्थना दोहराने के लिए कहता है।

  6. प्रार्थना के बाद, पौरोहित्य धारक श्रद्धापूर्वक सदस्यों को रोटी बांटते हैं। पीठासीन मार्गदर्शक इसे सबसे पहले प्राप्त करता है, जिसके बाद कोई निर्धारित क्रम नहीं होता है। जब कोई ट्रे सदस्यों को सौंप दी जाती है, तो वे इसे एक दूसरे को दे सकते हैं।

  7. जब संभव हो तो सदस्य अपने दाहिने हाथ से ग्रहण करते हैं।

  8. जब रोटी सभी सदस्यों में बांट दी जाती है, तो प्रभु-भोज बांटने वाले ट्रे को प्रभु-भोज मेज पर वापस रख देते हैं। प्रभु-भोज को आशीष देने वाले रोटी ट्रे को कपड़े से ढक देते हैं और पानी की ट्रे से कपड़ा हटाते हैं।

  9. पानी को आशीष देने वाला व्यक्ति घुटने टेकता है और पानी के लिए प्रभु-भोज प्रार्थना कहता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 20:79)। वह मदिरा शब्द के स्थान के लिए पानी शब्द का उपयोग करता है।

  10. प्रार्थना के बाद, पौरोहित्य धारक श्रद्धापूर्वक सदस्यों को पानी बांटते हैं। पीठासीन मार्गदर्शक इसे सबसे पहले प्राप्त करता है, जिसके बाद कोई निर्धारित क्रम नहीं होता है।

  11. जब पानी सभी सदस्यों में बांट दिया जाता है, तो प्रभु-भोज बांटने वाले ट्रे को प्रभु-भोज मेज पर वापस रख देते हैं। जिन्होंने प्रभु-भोज को आशीष दी है, वे ट्रे को कपड़े से ढक देते हैं, और आशीष देने वाले और बांटने वाले श्रद्धापूर्वक अपने स्थान पर बैठते हैं।

  12. सभा के बाद, जिन लोगों ने प्रभु-भोज तैयार किया था, वे सफाई करते हैं, मेजपोश को तह लगाते हैं, और किसी भी बची रोटी को हटा देते हैं।

18.10

पौरोहित्य प्रदान करना और किसी पद पर नियुक्त करना

पौरोहित्य के दो भाग हैं: मेल्कीसेदेक पौरोहित्य और हारूनी पौरोहित्य (देखें 3.3; सिद्धांत और अनुबंध 107:1, 6)। जब किसी व्यक्ति को पौरोहित्य प्रदान किया जाता है, तो उसे उस पौरोहित्य में किसी पद पर भी नियुक्त किया जाता है। इन पौरोहित्यों में से किसी एक को प्रदान किए जाने के बाद, उस व्यक्ति को केवल उसी पौरोहित्य में अन्य पदों पर नियुक्त होने की आवश्यकता होती है।

18.10.1

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य को प्रदान करने और एल्डर और उच्च याजक के पदों पर नियुक्त करने के लिए स्टेक अध्यक्ष के पास पौरोहित्य कुंजियां होती हैं। हालांकि, धर्माध्यक्ष आमतौर पर इन नियुक्तियों के लिए अनुरोध करता है।

18.10.1.1

एल्डर

18 वर्ष या उससे अधिक आयु के योग्य पुरूष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्राप्त कर सकते हैं और एल्डर पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर, धर्माध्यक्ष यह निर्धारित करता है कि किसी युवक को उसके 18 वें जन्मदिन के तुरंत बाद एल्डर के पद पर नियुक्त करने का अनुरोध किया जाना चाहिए या उसे याजक परिषद में अधिक समय तक रहना चाहिए।

यह निर्णय लेने में, धर्माध्यक्ष पहले युवक और उसके माता-पिता या अभिभावकों के साथ परामर्श करता है। योग्य पुरुषों को 19 साल की आयु तक या कॉलेज जाने, पूर्णकालिक मिशन सेवा करने, सेना में सेवा करने या पूर्णकालिक रोजगार पर जाने से पहले एल्डर पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए।

हाल ही में बपतिस्मा लेने वाले 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों को एल्डर पद नियुक्त किया जाता है यदि उन्होंने:

  • हारूनी पौरोहित्य प्राप्त किया है और याजक के रूप में सेवा की है।

  • सुसमाचार की पर्याप्त समझ विकसित की है।

  • अपने योग्यता को प्रमाणित किया है।

गिरजा सदस्य के रूप में किसी विशिष्ट समय-सीमा की आवश्यकता नहीं है।

18.10.1.2

उच्च याजक

पुरुषों को स्टेक अध्यक्ष, उच्च परिषद या धर्माध्यक्षता में नियुक्त किए जाने से पहले उन्हें उच्च याजक पद पर नियुक्त किया जाता है।

18.10.1.3

साक्षात्कार और समर्थन

स्टेक अध्यक्षता की अनुमति से, धर्माध्यक्ष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य नियुक्ति अभिलेख पर दिए निर्देशानुसार उस व्यक्ति का साक्षात्कार करता है। फिर धर्माध्यक्षता का सदस्य भी उसका साक्षात्कार करता है। मिशन अध्यक्ष की स्वीकृति से, जिला अध्यक्ष एल्डर पद पर नियुक्त किए जाने के लिए किसी व्यक्ति का साक्षात्कार कर सकता है।

18.10.2

हारूनी पौरोहित्य

हारूनी पौरोहित्य को प्रदान करने और डीकन, शिक्षक, और याजक के पदों पर नियुक्त करने के लिए धर्माध्यक्ष के पास पौरोहित्य कुंजियां होती हैं। योग्य युवकों को आम तौर पर निम्न आयु में इन पदों पर नियुक्त किया जाता है, लेकिन पहले नहीं:

  • डीकन, उस वर्ष के आरंभ में जब उनकी आयु 12 की आयु हो जाती है

  • शिक्षक, उस वर्ष के आरंभ में जब उनकी आयु 14 की हो जाती है

  • याजक, उस वर्ष के आरंभ में जब उनकी आयु 16 की हो जाती है

धर्माध्यक्ष या उनका नियुक्त सलाहकार उन लोगों का साक्षात्कार करता है जिन्हें डीकन या शिक्षक नियुक्त किया जाना है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वे आत्मिक रूप से तैयार हैं या नहीं। धर्माध्यक्ष उन युवकों का साक्षात्कार करता है जिन्हें याजक नियुक्त किया जाना है।

पौरोहित्य नियुक्ति के लिए किसी युवक का साक्षात्कार करने से पहले, धर्माध्यक्षता का सदस्य युवक के माता-पिता या अभिभावकों से अनुमति प्राप्त करता है। यदि माता-पिता तलाकशुदा हैं, तो वह जिसके कानूनी संरक्षण में युवक रहता है उस माता, पिता, या दोनों से अनुमति प्राप्त करता है ।

18.10.3

किसी सदस्य को नियुक्त किए जाने से पहले समर्थन के लिए प्रस्तुत करना

किसी युवक का साक्षात्कार होने और पौरोहित्य पद पर नियुक्त किए जाने के योग्य पाए जाने के बाद, उसे समर्थन के लिए प्रस्तुत किया जाता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 20: 65, 67)। एल्डर या उच्च याजक के पद पर नियुक्त किए जाने वाले युवकों को स्टेक अध्यक्षता सदस्य द्वारा स्टेक सम्मेलन के आम सत्र में प्रस्तुत किया जाता है (जिला अध्यक्षों के लिए निर्देशों के लिए 6.3 देखें)। डीकन, शिक्षक, या याजक के पद पर नियुक्त किए जाने वाले युवकों को धर्माध्यक्षता सदस्य द्वारा प्रभु-भोज सभा में प्रस्तुत किया जाता है।

वह व्यक्ति जो प्रस्तुत किए जाने का संचालन करता है, युवक को खड़े होने के लिए कहता है। वह हारूनी या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य (यदि आवश्यक हो) प्रदान करने और युवक को पौरोहित्य पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव की घोषणा करता है। फिर वह प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए सदस्यों को आमंत्रित करता है। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को एल्डर पद पर नियुक्त करने के लिए, वह इस तरह के शब्दों का उपयोग कर सकता है:

“हम प्रस्ताव करते हैं कि [नाम] मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्राप्त करे और एल्डर पद पर नियुक्त किया जाए। वे सब जो समर्थन करते हैं हाथ उठाकर इसे प्रकट कर सकते हैं। [कुछ देर रूकें।] जो विरोध करते हैं, यदि कोई हो, तो इसे प्रकट करें। [कुछ देर रूकें।]”

यदि कोई सम्मानीय सदस्य इस नियुक्ति का विरोध करता है, तो पीठासीन मार्गदर्शक या अन्य नियुक्त पौरोहित्य मार्गदर्शक बाद में उससे अकेले में मिलता है। मार्गदर्शक यह समझने की कोशिश करता है कि उस सदस्य का विरोध क्यों किया गया है। वह जानना चाहता है कि वह सदस्य पौरोहित्य पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति के आचरण के बारे में क्या जानता है जो उसे अयोग्य ठहरा सकता है।

कुछ मामलों में, किसी व्यक्ति को स्टेक सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने से पहले एल्डर या उच्च याजक पद पर नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है। जब ऐसा होता है, तो उसे समर्थन के लिए उसके वार्ड प्रभु-भोज सभा में प्रस्तुत किया जाता है। फिर उसकी नियुक्ति की पुष्टि करने के लिए अगले स्टेक सम्मेलन में उसे प्रस्तुत किया जाता है (ऊपर बताई समर्थन प्रक्रिया को अनुकूलित करते हुए)।

18.10.4

विधि कौन संपन्न करता है

स्टेक अध्यक्ष या उनके निर्देशन में मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक किसी व्यक्ति को एल्डर के पद पर नियुक्त कर सकता है। मिशन अध्यक्ष की स्वीकृति से, जिला अध्यक्ष या उनके निर्देशन में कोई व्यक्ति इस नियुक्ति को संपन्न कर सकता है (देखें 6.3)। केवल मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक इस घेरे में खड़े हो सकते हैं।

स्टेक अध्यक्ष या उनके निर्देशन में मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक किसी व्यक्ति को उच्च याजक के पद पर नियुक्त कर सकता है। केवल उच्च याजक इस घेरे में खड़े हो सकते हैं।

वह व्यक्ति जो किसी व्यक्ति को मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के पद पर नियुक्त करता है, उसे मंदिर योग्य होना चाहिए। स्टेक अध्यक्ष या उनके द्वारा नामित किसी व्यक्ति को उपस्थित होना चाहिए।

याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक किसी व्यक्ति को याजक, शिक्षक या याजक के पद पर नियुक्त कर सकता है। उसे धर्माध्यक्ष द्वारा अधिकृत किया जाना चाहिए। स्टेक अध्यक्ष या उनके द्वारा नामित किसी व्यक्ति को उपस्थित होना चाहिए।

हारूनी पौरोहित्य नियुक्ति में भाग लेने के लिए, व्यक्ति को याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक होना चाहिए।

धर्माध्यक्ष याजक या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता को उसके बच्चे का बपतिस्मा संपन्न करने की अनुमति दे सकता है, भले ही पिता पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हो (देखें 18.3)। धर्माध्यक्ष पिता को अपने स्वयं के बेटे को नियुक्त करने के लिए स्वयं को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

18.10.5

निर्देशन

किसी व्यक्ति को पौरोहित्य प्रदान करने और पौरोहित्य पद देने के लिए, एक या अधिक अधिकृत पौरोहित्य धारक उस व्यक्ति के सिर पर हल्के से हाथ रखते हैं। फिर प्रार्थना करने वाला:

  1. व्यक्ति का उसके पूरे नाम से संबोधन करता है।

  2. विधि को संपन्न करने के लिए वह अपने अधिकार को बताता है (हारूनी या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य)।

  3. हारूनी या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्रदान करता है, यदि यह पहले प्रदान नहीं किया गया है।

  4. व्यक्ति को हारूनी या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य में किसी पद पर नियुक्त करता है और उस पद की शक्तियां और अधिकार प्रदान करता है।

  5. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष के शब्द कहता है।

  6. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

यदि कोई व्यक्ति पहले से ही उचित पौरोहित्य धारक हो, तो पौरोहित्य पद पर उसकी नियुक्ति संपन्न करने वाला व्यक्ति चरण 3 को छोड़ देता है।

18.10.6

नियुक्ति अभिलेख और प्रमाण पत्र

हारूनी पौरोहित्य में किसी पद पर व्यक्ति की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार से पूर्व, क्लर्क हारूनी पौरोहित्य नियुक्ति अभिलेख तैयार करने के लिए LCR का उपयोग करता है। धर्माध्यक्ष या अधिकृत सलाहकार साक्षात्कार का संचालन और प्रपत्र पर हस्ताक्षर करता है यदि सभी योग्यता शर्तें पूरी होती हैं।

नियुक्ति के पश्चात, धर्माध्यक्ष या अधिकृत सलाहकार प्रपत्र को पूरा करता और इसे क्लर्क को देता है। वह LCR में नियुक्ति अभिलेख करता है और नियुक्ति प्रमाण पत्र तैयार करता है।

व्यक्ति का वर्तमान कानूनी नाम का उपयोग नियुक्ति अभिलेख और प्रमाण पत्र पर किया जाना चाहिए।

18.11

नियुक्तियों में सेवा करने के लिए सदस्यों को अलग करना

जिन सदस्यों को अधिकांश गिरजा पदों पर नियुक्त और समर्थन किया जाता है, उन्हें उस पद में सेवा करने के लिए अलग किया जाना चाहिए (देखें यूहन्ना 15:16; सिद्धांत और अनुबंध 42:11; इस विवरण पुस्तिका में 3.4.3.1 भी देखें) अलग किए जाने के दौरान, व्यक्ति को (1) नियुक्ति में कार्य करने का अधिकार और (2) आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष दी जाती है।

स्टेक अध्यक्षों, धर्माध्यक्षों और परिषद अध्यक्षों को अलग किए जाने के दौरान अध्यक्षता की कुंजियां दी जाती हैं (देखें 3.4.1.1)। हालांकि, अध्यक्षता में सलाहकारों सहित अन्य नियुक्ति में सेवा करने के लिए सदस्यों को अलग करते समय शब्द कुंजियां का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

18.11.1

नियुक्ति के लिए अलग करना कौन संपन्न करता है

नियुक्ति के लिए अलग करना मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक द्वारा संपन्न किया जाता है। उसे उचित पौरोहित्य कुंजियां धारक मार्गदर्शक से स्वीकृति प्राप्त करनी चाहिए। जो लोग अलग करने के लिए अधिकृत हैं, उन्हें 30.8 में दर्शाया गया है। उच्च याजक पद पर नियुक्ति के लिए अलग किए जाने वाले घेरे में किसी एल्डर को शामिल नहीं होना चाहिए।

पीठासीन मार्गदर्शक के निर्देशन में, एक या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक किसी को अलग किए जाने में भाग लेते हैं। अध्यक्षों को उनके सलाहकारों से पूर्व अलग किया जाना चाहिए।

पीठासीन मार्गदर्शक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पति या पिता को उसकी पत्नी या बच्चे को नियुक्ति के लिए अलग किए जाने के घेरे खड़े होने अनुमति दे सकता है, भले ही वह पूर्णरूप से मंदिर योग्य न हो (देखें 18.3)।

18.11.2

निर्देशन

एक या अधिक अधिकृत मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक उस व्यक्ति के सिर पर हल्के से हाथ रखते हैं। फिर प्रार्थना करने वाला:

  1. व्यक्ति का उसके पूरे नाम से संबोधन करता है।

  2. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा कार्य कर रहा है।

  3. व्यक्ति को स्टेक, वार्ड, परिषद, या कक्षा में नियुक्ति के लिए अलग करता है।

  4. कुंजियां सौंपता है यदि व्यक्ति को उन्हें प्राप्त करनी चाहिए।

  5. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष के शब्द कहता है।

  6. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.12

तेल को अर्पित करना

बीमार या पीड़ित लोगों का अभिषेक करने के लिए उपयोग किए जाने से पहले मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारकों को जैतून के तेल को अर्पित करना चाहिए (देखें याकूब 5:14)। किसी अन्य तेल का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

सदस्यों को अर्पित तेल का सेवन या इसे शरीर के पीड़ित हिस्सों पर नहीं लगाना चाहिए।

18.12.1

विधि कौन संपन्न करता है

एक या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक तेल को अर्पित कर सकते हैं। उन्हें पौरोहित्य मार्गदर्शक से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

18.12.2

निर्देशन

तेल को अर्पित करने के लिए मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक:

  1. जैतून के तेल का खुला पात्र पकड़ता है।

  2. स्वर्गीय पिता को संबोधित करते हुए प्रार्थना करता है।

  3. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा कार्य कर रहा है।

  4. तेल को अर्पित करता है (पात्र को नहीं) और इसे बीमार और पीड़ित लोगों का अभिषेक और आशीष देने के लिए अलग करता है।

  5. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.13

रोगियों को आशीष देना

रोगियों पर “हाथों को रखकर” आशीष देने के दो भाग होते हैं: तेल से अभिषेक करना और अभिषेक को मुहरबंद करना। यदि अर्पित तेल उपलब्ध नहीं है, तो बिना अभिषेक किए मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा आशीष दी जा सकती है।

18.13.1

आशीष कौन प्रदान करता है

केवल योग्य मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक बीमार या पीड़ित लोगों को आशीष दे सकते हैं। उन्हें पौरोहित्य मार्गदर्शक से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। यदि संभव है, तो मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता अपने परिवार के सदस्यों को आशीष दे सकता है।

आम तौर पर, दो या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक रोगी को आशीष दे सकते हैं। हालांकि, एक व्यक्ति अभिषेक और मुहरबंदी दोनों कर सकता है।

18.13.2

निर्देशन

तेल से अभिषेक करना मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक द्वारा संपन्न किया जाता है। वह:

  1. अर्पित तेल की बूंद रोगी के सिर डालता है।

  2. व्यक्ति के सिर पर हल्के से हाथ रखकर पूरे नाम से उसका संबोधन करता है।

  3. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा कार्य कर रहा है।

  4. कहता है कि वह उस तेल से अभिषेक कर रहा है जिसे रोगियों और पीड़ितों का अभिषेक और आशीष देने के लिए समर्पति किया गया है।

  5. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

अभिषेक को मुहरबंद करने के लिए, एक या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक उस व्यक्ति के सिर पर हल्के से हाथ रखते हैं। फिर अभिषेक को मुहरबंद करने वाला:

  1. व्यक्ति का उसके पूरे नाम से संबोधन करता है।

  2. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा अभिषेक को मुहरबंद कर रहा है।

  3. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष के शब्द कहता है।

  4. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.14

पिता की आशीषों सहित, दिलासा और सलाह की आशीषें

18.14.1

आशीष कौन प्रदान करता है

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को दिलासा और सलाह की आशीषें दे सकते हैं जो उनसे अनुरोध करते हैं।

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक पिता अपने बच्चों को पिता की आशीषें दे सकता है। माता-पिता अपने बच्चों को जरूरत के समय पिता की आशीष लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। व्यक्तिगत उपयोग के लिए पिता की आशीषों को लिखा जा सकता है।

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक को दिलासा और सलाह या पिता की आशीष देने के लिए पौरोहित्य मार्गदर्शक से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

18.14.2

निर्देशन

दिलासा और सलाह या पिता की आशीषें देने के लिए, एक या अधिक मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक उस व्यक्ति के सिर पर हल्के से हाथ रखते हैं। फिर प्रार्थना करने वाला:

  1. व्यक्ति का उसके पूरे नाम से संबोधन करता है।

  2. वह कहता है कि यह आशीष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा दी जा रही है।

  3. आत्मा द्वारा निर्देशित आशीष, दिलासा और सलाह के शब्द कहता है।

  4. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.15

घरों को समर्पित करना

गिरजा सदस्य अपने घरों को मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा समर्पित करवा सकते हैं।

18.15.2

निर्देशन

घर समर्पित करने के लिए मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक:

  1. स्वर्गीय पिता को संबोधित करते हुए प्रार्थना करता है।

  2. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा कार्य कर रहा है।

  3. पवित्र आत्मा का निवास होने लिए घर को पवित्र स्थान के रूप में समर्पित करता है और आत्मा द्वारा निर्देशित अन्य शब्द कहता है।

  4. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

18.16

कब्रों को समर्पित करना

18.16.1

कब्रों को कौन समर्पित करता है

कब्रों को समर्पित करने के लिए व्यक्ति को मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक चाहिए और सभा का संचालन करने वाले पौरोहित्य मार्गदर्शक द्वारा अधिकृत किया जाना चाहिए।

18.16.2

निर्देशन

कब्रों को समर्पित करने के लिए मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक:

  1. स्वर्गीय पिता को संबोधित करते हुए प्रार्थना करता है।

  2. कहता है कि वह मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के अधिकार द्वारा कार्य कर रहा है।

  3. गाड़ने के स्थान को मृतक के शरीर के लिए विश्राम स्थल के रूप समर्पित और पवित्र करता है।

  4. प्रार्थना करता है कि इस स्थान को पुनरुत्थान (जहां उचित हो) तक पवित्र और संरक्षित किया जाएगा।

  5. स्वर्गीय पिता को परिवार को दिलासा देने के लिए कहता है और आत्मा द्वारा निर्देशित विचारों को व्यक्त करता है।

  6. यीशु मसीह के नाम में समाप्त करता है।

यदि गिरजा किसी सदस्य के शरीर का दाह संस्कार किया जाता है, तो पीठासीन मार्गदर्शक यह तय करने के लिए अपने निर्णय का उपयोग करता है कि राख रखने के स्थान को समर्पित करना है या नहीं।

18.17

कुलपति की आशीषें

प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त योग्य सदस्य कुलपति की आशीष प्राप्त करने का पात्र है, जो स्वर्गीय पिता से प्रेरित निर्देशन प्रदान करती है (देखें उत्पत्ति 48:14–1649; 2 नफी 4:3–11)।

धर्माध्यक्ष या उनका अधिकृत सलाहकार कुलपति की आशीषें प्राप्त करने वाले सदस्यों का साक्षात्कार करता है। यदि सदस्य योग्य है, तो साक्षात्कारकर्ता कुलपति की आशीष संस्तुति तैयार करता है। वह इसे ChurchofJesusChrist.org पर Patriarchal Blessing System द्वारा भेजता है।

जो व्यक्ति कुलपति की आशीष संस्तुति जारी करता है, वह सुनिश्चित करता है कि सदस्य आशीष के महत्व और पवित्रता को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व है।

18.17.1

कुलपति की आशीष प्राप्त करना

संस्तुति प्राप्त करने के बाद, सदस्य कुलपति की आशीष प्राप्त करने का दिन नियुक्त करने के लिए कुलपति से संपर्क करता है। उस दिन, सदस्य को प्रार्थना के साथ और रविवार पोशाक में कुलपति के पास जाना चाहिए।

प्रत्येक कुलपति की आशीष पवित्र, गोपनीय और व्यक्तिगत होती है। इसलिए, इसे निजी रूप से दिया जाता है हालांकि सीमित संख्या में परिवार के सदस्य उपस्थित हो सकते हैं।

वह व्यक्ति जो कुलपति की आशीष प्राप्त करता है, उसे इसके शब्दों को स्मरण रखना, मनन करना, और इस जीवन में और अनंत काल में प्रतिज्ञा की गई आशीषों को प्राप्त करने के योग्य रहना चाहिए।

गिरजा सदस्यों को आशीषों की तुलना नहीं करनी चाहिए और इसे करीबी परिवार के सदस्यों के सिवाए किसी अन्य से साझा नहीं करना चाहिए। कुलपति की आशीषों को गिरजा सभाओं या अन्य सार्वजनिक समारोहों में नहीं पढ़ा जाना चाहिए।

Chaapo