अध्याय 6
जराहेमला का गिरजा स्वच्छ और सुव्यवस्थित हो जाता है—प्रचार के लिए अलमा गिदोन जाता है । लगभग 83 ई.पू.
1 और अब ऐसा हुआ कि जब अलमा ने गिरजे के लोगों से बात करना खत्म कर दिया, जो कि जराहेमला के नगर में स्थापित था, गिरजे पर अध्यक्षता और देखभाल करने के लिए उसने परमेश्वर के तरीके से हाथों को रखने के द्वारा याजक और एल्डर नियुक्त किये ।
2 और ऐसा हुआ कि जो भी गिरजे के सदस्य नहीं थे उन्होंने अपने पापों से पश्चाताप कर पश्चाताप में बपतिस्मा लिया, और गिरजे में स्वीकारे गए ।
3 और ऐसा भी हुआ कि जो गिरजे के सदस्य नहीं थे उन्होंने अपनी दुष्टता से न तो पश्चाताप किया और न ही परमेश्वर के समक्ष विनम्र बने—मेरा अर्थ उन लोगों से है जो अपने हृदय के अहंकार से भरे हुए थे—वे अस्वीकार किये गए, और उनके नाम दागदार हुए, जिससे उनके नाम धर्मी लोगों के नाम में नहीं लिए गए ।
4 और इस प्रकार उन्होंने जराहेमला के नगर में गिरजे को स्थापित करना आरंभ कर दिया ।
5 अब मैं चाहता हूं कि तुम्हें समझना चाहिए कि परमेश्वर का वचन सबके लिए है, कि परमेश्वर का वचन सुनने के लिए कोई भी स्वयं को एकत्रित करने के सुअवसर से वंचित न कर सके ।
6 फिर भी परमेश्वर के बच्चों को आज्ञा दी गई है कि उन्हें बार-बार एकत्रित होना चाहिए, और उन लोगों की आत्माओं के हित के लिए उपवास और प्रबल प्रार्थना में जुड़ना चाहिए जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं ।
7 और अब ऐसा हुआ कि जब अलमा ने इन नियमों को बना दिया तब वह वहां से प्रस्थान कर गया, हां, उस गिरजे से जो कि जराहेमला के नगर में था, और गिदोन की घाटी में स्थित, सिदोन नदी के पूर्व चला गया जहां एक नगर बन रहा था, जो गिदोन का नगर कहलाया, जो कि उस घाटी में स्थित था और जिसका नाम उस मनुष्य के नाम पर गिदोन रखा गया था, जो निहोर के हाथों द्वारा तलवार से मारा गया था ।
8 और अलमा चला गया और उसके पिता द्वारा कहे गए वचन की सच्चाई के प्रकटीकरण के अनुसार, और भविष्यवाणी की उस आत्मा के अनुसार जो कि उसमें थी, परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह की गवाही के अनुसार जो अपने लोगों को उनके पापों से मुक्ति दिलाने आएगा, और उस पवित्र रीति के अनुसार जिससे उसे नियुक्त किया गया था, गिरजे में परमेश्वर के वचन को बताना आरंभ कर दिया जो कि गिदोन की घाटी में स्थापित था । और इस प्रकार इसे लिखा गया है । आमीन ।