अध्याय 6
राजा बिन्यामीन लोगों के नाम लिखता है और याजकों को उन्हें शिक्षा देने के लिए नियुक्त करता है—मुसायाह धार्मिक राजा के रूप में राज्य करता है । लगभग 124–121 ई.पू.
1 और अब, राजा बिन्यामीन ने लोगों से बोलना समाप्त करने के पश्चात सोचा, कि उन लोगों का नाम लिखना उचित होगा जिन्होंने परमेश्वर के साथ उसकी आज्ञाओं का पालन करने का अनुबंध बनाया हो ।
2 और ऐसा हुआ कि एक भी व्यक्ति ऐसा न निकला, सिवाय छोटे बच्चों को छोड़कर, जिसने अनुबंध बनाया हो और अपने ऊपर मसीह का नाम ग्रहण किया हो ।
3 और फिर, ऐसा हुआ कि राजा बिन्यामीन ये सब बातें पूरी कर ली, और अपने बेटे मुसायाह को अपने लोगों के ऊपर शासक और राजा समर्पित करने, और उसे राज्य से संबंधित सारा कार्यभार सौंपने, और लोगों को शिक्षा देने के लिए याजकों को नियुक्त करने, ताकि वे परमेश्वर की आज्ञाओं को सुन और समझ सकें, और उन्हें उस प्रतिज्ञा को याद करने के लिए उकसा सकें जो उन्होंने बनाई थी, के बाद उसने भीड़ को विदा किया, और वे, हर एक, अपने परिवार के साथ, अपने स्वयं के घर को वापस लौट गया ।
4 और मुसायाह अपने पिता के स्थान पर शासन करने लगा । और उसने अपनी आयु के तीसवें वर्ष में, लेही के यरूशलेम छोड़ने के समय से, कुल मिलाकर, चार सौ छियत्तर वर्ष के पश्चात, शासन करना आरंभ किया था ।
5 और राजा बिन्यामीन तीन वर्ष तक जीवित रहा और उसकी मृत्यु हो गई ।
6 और ऐसा हुआ कि राजा मुसायाह प्रभु के मार्ग पर चलता रहा, और उसकी व्यवस्था और उसके नियमों को मानता रहा, और सब बातों में उसकी आज्ञाओं का पालन करता रहा जो कुछ भी उसने उसे आज्ञा दी ।
7 और राजा मुसायाह ने अपने लोगों को खेत में हल लगवाए । और उसने स्वयं भी हल लगाया, कि वह अपने लोगों पर बोझ न बन जाए, कि वह सभी कामों को वैसा ही करता रहा जैसा उसके पिता किया करते थे । और उसके लोगों के बीच तीन वर्ष तक कोई विवाद न नहीं था ।