नया नियम 2023
31 जुलाई–6 अगस्त। प्रेरितों के काम 22–28: “सेवक और गवाह”


“31 जुलाई–6 अगस्त। प्रेरितों के काम 22–28: ‘सेवक और गवाह,’” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिए: नया नियम 2023 (2022)

“31 जुलाई–6 अगस्त। प्रेरितों के काम 22–28,” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिएः 2023

पौलुस बंदीगृह में

31 जुलाई–6 अगस्त

प्रेरितों के काम 22–28

“सेवक और गवाह”

पवित्र आत्मा से विचार अक्सर शांत और कभी-कभी अस्थाई होते हैं । अपने विचार लिखने से आप उन पर अधिक गहराई से मनन कर सकते हैं। जब आप प्रेरितों के काम 22–28 पढ़ें, तो उन विचारों और भावनाओं को लिखें जो आपको प्राप्त होती हैं, और उन पर मनन करने के लिए समय निकालें।

अपने विचार लिखें

“जब हम परमेश्वर का कार्य करते हैं,” अध्यक्ष थॉमस एस. मॉनसन ने प्रतिज्ञा की, “तो हम परमेश्वर की मदद के हकदार होते हैं” (“To Learn, to Do, to Be [सीखना, करना, बनना],” Liahona, नव. 2008, 62)। हालांकि, हम किसी सरल मार्ग और सफलताओं की अंतहीन शृंखला के हकदार नहीं होते हैं। इस के प्रमाण के लिए, हमें प्रेरित पौलुस के सिवाय किसी अन्य को देखने की आवश्यकता नहीं है। उद्धारकर्ता ने उसे जो कार्य सौंपा था वह यह था “अन्यजातियों, और राजाओं, और इस्राएलियों के सामने मेरा नाम प्रकट करना” (प्रेरितों के काम 9:15)। प्रेरितों के काम के अध्याय 22–28 में, हम पौलुस को इस कार्य को पूरा करते हुए और गंभीर विरोध—जंजीरों, कारावास, शारीरिक दुर्व्यवहार, जहाज के टूटने, और यहां तक कि सांप के हमले का सामना करते हुए देखते हैं। लेकिन हम यह भी देखते हैं कि यीशु ने “उसके पास खड़े होकर कहा, हे पौलुस, ढाढ़स बांध” (प्रेरितों के काम 23:11)। पौलुस के अनुभव एक प्रेरणादायक अनुस्मारक है कि प्रभु का बुलावा “उल्लासमय स्वर के साथ [उसके] सुसमाचार की घोषणा करने” के लिए इस प्रतिज्ञा के साथ आता है: “अपने हृदयों को ऊपर उठाओ और अनंदित हो, क्योंकि मैं तुम्हारे बीच हूं” (सिद्धांत और अनुबंध 29:4–5; मत्ती 28:19–20 भी देखें)।

व्यक्तिगत अध्ययन आइकन

व्यक्तिगत धर्मशास्त्र अध्ययन के लिए विचार

प्रेरितों के काम 22:1–21; 26:1–29

यीशु मसीह के शिष्य निडरतापूर्वक अपनी गवाहियां साझा करते हैं।

जब पौलुस ने प्रेरितों के काम 22 और 26 में लिखी गवाहियां दी थीं, तो उसे रोमियों के सैनिकों द्वारा बंदी बनाया जा रहा था। जिन लोगों से उसने बोला था, उनके पास उसे मौत की सजा देने का अधिकार था। फिर भी उसने निडरतापूर्वक यीशु मसीह की और उसे जो “स्वर्गीय दिव्यदर्शन” (प्रेरितों के काम 26:19) हुआ था उसकी गवाही देना चुना। उसके वचनों ने आपको कैसे प्रेरित किया है? अपनी गवाही साझा करने के अवसरों पर विचार करें। उदाहरण के लिए, क्या आपके मित्र जानते हैं कि आप यीशु मसीह के बारे में कैसा महसूस करते हैं। या पिछली बार कब आपने अपने परिवार को बताया था कि आपने सुसमाचार की अपनी गवाही कैसे प्राप्त की है?

जब युवा जोसफ स्मिथ द्वारा अपने प्रथम दिव्यदर्शन के बारे में बताने पर उसका उपहास उड़ाया गया, तब वह पौलुस द्वारा उसके दिव्यदर्शन की गवाही देने के तरीके से प्रेरित हुआ (जोसफ स्मिथ—इतिहास 1:24–25)। जोसफ स्मिथ ने पौलुस से जो सीखा, आप उसे संक्षेप में कैसे बताएंगे? आप यीशु मसीह के इन दो गवाहों से क्या सीखते हैं?

प्रेरितों के काम 23:10–11; 27:13–25, 40–44

प्रभु उनके साथ रहता है जो उसकी सेवा करने के लिए भरसक प्रयास करते हैं।

जैसा कि पौलुस की सेवकाई से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि हमारे जीवन में कठिनाइयां इस बात का संकेत नहीं हैं कि परमेश्वर हमें या हम जो कार्य कर रहे हैं उसे अस्वीकार करता है। वास्तव में, कभी-कभी कठिनाइयों के दौरान ही हम उसकी सहायता को सबसे अधिक प्रभावशाली रूप से महसूस करते हैं। आपने हाल ही में पौलुस की सेवकाई के विषय में जो पढ़ा है, उसकी समीक्षा करना और जो उसने सहा था उन में से कुछ की सूची बनाना दिलचस्प हो सकता है (उदाहरण के लिए, प्रेरितों के काम 14:19–20; 16:19–27; 21:31–34; 23:10–11; 27:13–25, 40–44 देखें)। प्रभु उसके साथ कैसे खड़ा रहा? वह आपके साथ कैसे खड़ा रहा?

प्रेरितों के काम 24:24–27; 26:1–3, 24–2927

परमेश्वर के सेवकों के वचनों को ध्यान से सुनने में सुरक्षा और शांति है।

अपनी संपूर्ण सेवकाई के दौरान, पौलुस ने यीशु मसीह और उसके सुसमाचार की सशक्त गवाही दी। बहुत से लोगों ने उसकी गवाही स्वीकार की, लेकिन हर किसी ने ऐसा नहीं किया था। जब आप प्रेरितों के काम 24:24–27 और प्रेरितों के काम 26:1–3, 24–29 पढ़ें, तो उन वचनों और वाक्यांशों को देखें जो दर्शाते हैं कि कैसे यहुदिया में निम्नलिखित रोमन शासकों ने पौलुस की शिक्षाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी:

  • फेलिक्स

  • खेत कटने के लिये पक चुका है

  • राजा अग्रिप्पा

पौलुस द्वारा आजमाए जाने हेतु रोम के लिए जहाज में यात्रा के दौरान कैसर ने भविष्यवाणी की थी कि जहाज और यात्रियों को “विपत्ति और बहुत हानि” का सामना करना पड़ेगा (प्रेरितों के काम 27:10)। यह जानने के लिए कि पौलुस के सह-यात्रियों ने उसकी चेतावनियों पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी, अध्याय 27 पढ़ें। क्या आपको उनके अनुभव से स्वयं के लिए कोई सबक मिलते हैं?

क्या आपने गिरजे के मार्गदर्शकों की शिक्षाओं को सुनते समय कभी इन लोगों में से किसी की तरह प्रतिक्रिया व्यक्त की है? इस प्रकार से प्रतिक्रिया व्यक्त करने के कुछ संभावित परिणाम क्या हैं? आप प्रभु की उसके सेवकों द्वारा मिली सलाह को ध्यान से सुनने के बारे में इन वर्णनों से क्या सीखते हैं?

2 नफी 33:1–2चेतावनी की वाणी,” भी देखें।

पारिवारिक अध्ययन आइकन

पारिवारिक धर्मशास्त्र अध्ययन और घरेलू संध्या के लिए विचार

प्रेरितों के कार्य 24:16अपने मन फिराव से पहले, पौलुस का परमेश्वर के प्रति अभद्र व्यवहारों का एक लंबा इतिहास था। लेकिन क्योंकि वह पश्चाताप करने को तैयार था, वह कहने के योग्य था कि “इस से मैं आप भी यतन करता हूं, कि परमेश्वर, और मनुष्यों की ओर मेरा विवेक सदा निर्दोष रहे” (सिद्धांत और अनुबंध 135:4–5 भी देखें)। हम परमेश्वर और दूसरों के प्रति अपने अपराध बोध से कैसे छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं?

प्रेरितों के काम 26:16–18इन पदों में, प्रभु ने पौलुस को क्या करने के लिए बुलाया था? इसी प्रकार के कार्य करने के हमारे पास कौन से मौके हैं?

प्रेरितों के काम 28:1–9क्या आपके परिवार में किसी को सांप पसंद हैं? आप उस व्यक्ति या परिवार के किसी अन्य सदस्य से प्रेरितों के काम 28:1-9 में मिली कहानियों को बताने के लिए कह सकते हैं। आप के बच्चे इन कहानियों का चित्र बनाने या अभिनय करने का आनंद ले सकते हैं। इन वृत्तांतों से हम क्या सबक सीख सकते हैं? एक यह हो सकता है कि परमेश्वर अपने सेवकों से की गई प्रतिज्ञाओं को पूरा करता है। उदाहरण के लिए, आप मरकुस 16:18 में की गई प्रतिज्ञाओं की तुलना पौलुस के अनुभवों में उनके पूरा होने से कर सकते हैं। आप हाल ही के महा सम्मेलन में संबोधित, प्रभु के एक सेवक द्वारा की गई प्रतिज्ञा को ढूंढ़ सकते हैं—संभवतः एक ऐसी प्रतिज्ञा जो आपके परिवार के लिए सार्थक हो—और इसे अपने घर में प्रदर्शित कर सकते हैं। हम अपने विश्वास को कैसे दिखा सकते हैं कि यह प्रतिज्ञा पूरा होगी?

जहरीला सांप

जब पौलुस को एक जहरीले सांप ने काट लिया था, तब परमेश्वर ने उसे बचाया था।

प्रेरितों के काम 28:22–24पौलुस के समय के गिरजे के समान (पद 22 में “मत” कहा गया है), आज के गिरजे के अक्सर “विरोध में बातें की जाती हैं”। जब लोगों ने उद्धारकर्ता और उसके गिरजे के विरोध में बातें की, तो पौलुस ने कैसे जवाब दिया था? पौलुस के अनुभव से हम क्या सीख सकते हैं?

बच्चों को सिखाने हेतु अधिक विचारों के लिए, आओ, मेरा अनुसरण करो—प्राथमिक के लिए में इस सप्ताह की रूपरेखा देखें।

हमारी शिक्षा में सुधार करना

उन नियमों पर ध्यान दें जो आपके परिवार को आशीषित करेंगे। जब आप धर्मशास्त्रों का अध्ययन करें, तो स्वयं से पूछें, “मुझे यहां क्या मिलने वाला है जो विशेष रूप से मेरे परिवार के लिए सार्थक होगा?” (Teaching in the Savior’s Way [उद्धारकर्ता के तरीके से सिखाना]17 देखें।)

राजा अग्रिप्पा के समक्ष पौलुस

राजा अग्रिप्पा के समक्ष पौलुस Valiant in the Testimony of Jesus Christ [यीशु मसीह की गवाही में बहादुर], डेनियल ए लेविस द्वारा