पुराना नियम 2022
विचारों को मन में रखना: अनुबंध


“विचारों को मन में रखना: अनुबंध”आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिएः पुराना नियम 2022 (2021)

“विचारों को मन में रखना: अनुबंध”आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिएः पुराना नियम 2022

विचार आइकन

विचारों को मन में रखना

अनुबंध

संपूर्ण पुराने नियम में, आप शब्द अनुबंध को बार बार पढ़ेंगे। आज हम आमतौर पर अनुबंधों को परमेश्वर के साथ पवित्र प्रतिज्ञाओं के रूप में सोचते हैं, लेकिन प्राचीन दुनिया में, प्रतिज्ञाएं एक दूसरे के साथ लोगों की बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी होती थी। अपनी सुरक्षा और अस्तित्व के लिए, लोगों को एक दूसरे पर भरोसा करने की जरूरत होती थी, और अनुबंधों के द्वारा वे एक प्रकार से है उस भरोसे को कायम रखते थे।

इसलिए जब परमेश्वर ने नूह, इब्राहीम या मूसा से अनुबंधों के बारे में बात की, तो वह उन्हें उसके साथ भरोसे का संबंध बनाने के लिए आमंत्रित कर रहा था। पुराने नियम में सबसे प्रसिद्ध उदाहरणों में से एक अनुबंध परमेश्वर ने इब्राहीम और सारा के साथ बनाया था—और फिर उनके वंशज इसहाक और याकूब (इस्राएल भी कहा जाता है) के साथ नवीन किया था। हम अक्सर इसे इब्राहिमिक अनुबंध कहते हैं, हालांकि पुराने नियम में इसे केवल “अनुबंध” के रूप में जाना जाता था। आप देखेंगे कि पुराना नियम मौलिक रूप से उन लोगों की कहानी है जिन्होंने स्वयं को इस अनुबंध के उत्तराधिकारी के रूप में देखा था—अर्थात अनुबंधित लोग।

इब्राहिमिक अनुबंध आज भी महत्वपूर्ण है, विशेषकर अंतिम-दिनों के संतों के लिए। क्यों ? क्योंकि हम भी अनुबंधित लोग हैं, बेशक हम इब्राहीम, इसहाक और याकूब के प्रत्यक्ष वंशज हों या नहीं (देखें गलतियों 3:27–29)। इस कारण से यह समझना आवश्यक है कि इब्राहिमिक अनुबंध क्या है और आज यह हम पर कैसे लागू होता है।

इब्राहिमिक अनुबंध क्या है?

इब्राहीम “धार्मिकता का महान अनुयायी होना” इब्राहीम 1:2 चाहता था, इसलिए परमेश्वर ने उसे उसके साथ अनुबंध का संबंध बनाने के लिए आमंत्रित किया था। इब्राहीम यह इच्छा करने वाला पहला व्यक्ति नहीं था, और न ही वह पहला व्यक्ति था जिसने कोई अनुबंध प्राप्त किया था। उसने “पूर्वजों की आशीषों को पाना” (इब्राहीम 1:2) चाहा था—ये आशीषें आदम और हव्वा को अनुबंध द्वारा दी गई थी, और इसके बाद उन्हें दी गई जिन्होंने इन आशीषों को पाने के लिए परिश्रम किया था।

इब्राहीम के साथ परमेश्वर के अनुबंध में अद्भुत आशीषों की प्रतिज्ञा की गई थी: प्रदेश की विरासत, एक विशाल भावी पीढ़ी, पौरोहित्य विधियों तक पहुंच, और एक ऐसा नाम जो आने वाली पीढ़ियों तक आदर से लिया जाएगा। लेकिन इस अनुबंध की मुख्य बात इब्राहीम और उसके परिवार को सिर्फ आशीषें प्राप्त करने के लिए नहीं थी, लेकिन यह भी थी कि वे परमेश्वर के सभी बच्चों के लिए आशीष होगें। “तुझे आशीष दूंगा,” परमेश्वर ने कहा था, “और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे” (उत्पत्ति 12:2–3)।

क्या इस अनुबंध ने इब्राहीम, सारा और उनके वंशजों को परमेश्वर के बच्चों के बीच एक विशेषाधिकार प्राप्त दर्जा दिया था? केवल इस अर्थ में कि दूसरों को आशीष देना सौभाग्य की बात है। इब्राहीम के परिवार के सदस्य “इस सेवकाई और पौरोहित्य को धारण करेंगे सब राष्टों के लिए” और “सुसमाचार की आशीषें, जोकि उद्धार की आशीषें हैं, अर्थात अनंत जीवन की” आशीषों को साझा करेंगे (इब्राहीम 2:9, 11)।

यह अनुबंध वह आशीष थी जिसे इब्राहीम चाहता था। इसे प्राप्त करने के बाद, इब्राहीम ने अपने हृदय में कहा था. “तुम्हारे सेवक ने तुम्हें गंभीरता से खोजा है; अब मैंने तुम्हें प्राप्त कर लिया है” (इब्राहीम 2:12)।

यह हजारों साल पहले की बात है, लेकिन यह अनुबंध हमारे समय में पुन:स्थापित किया है (देखें 1 नफी 22:8–12)। और वर्तमान में परमेश्वर के लोगों के जीवन में परिपूर्ण हो रहा है। वास्तव में, अनुबंध की परिपूर्णता अंतिम दिनों में तेजी से गति प्राप्त कर रही है जब परमेश्वर का कार्य, संपूर्ण विश्व में परिवारों को आशीष देते हुए आगे बढ़ रहा है। और कोई भी, जो इब्राहीम की तरह, धार्मिकता का बड़ा अनुयायी बनना चाहता है, जो कोई भी प्रभु को दृढ़ता से चाहता है, इसका एक हिस्सा हो सकता है।

परिवार मंदिर के सामने

इब्राहिमिक अनुबंध का मेरे लिए क्या अर्थ है?

आप अनुबंध के बच्चे हैं। आपने परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाया था जब आपका बपतिस्मा हुआ था। आप उस अनुबंध को नवीन करते हैं हर बार जब आप प्रभुभोज में भाग लेते हैं। और मंदिर में आप पवित्र अनुबंधों को बनाते हैं। इन अनुबंधों के साथ आप इब्राहिमिक अनुबंध में सहभागी बनाते हैं, जिसकी परिपूर्णता मंदिर विधियों में पाई जाती है। जैसा कि अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने सिखाया था, “अंततः, पवित्र मंदिर में, हम एक अनंत परिवार की आशीष के संयुक्त वारिस बन सकते हैं, जिसकी प्रतिज्ञा कभी इब्राहीम, इसहाक, याकूब और उनकी भावी पीढ़ी से की गई थी।” 1

इन अनुबंधों और विधियों के द्वारा, हम परमेश्वर के लोग बन जाते हैं (देखें निर्गमन 6:7; व्यवस्थाविवरण 7:6; 26:18; यहजकेल 11:20)। हम अपने आसपास की दुनिया से भिन्न बन जाते हैं। हमारे अनुबंध हमारे लिए यीशु मसीह के सच्चे, समर्पित शिष्य बनना संभव करते हैं। “हमारे अनुबंध” अध्यक्ष नेलसन बताते हैं, “ उससे हमारा संबंध स्थापित करते और हमें परमेश्वरत्व की शक्ति देते हैं ।”2 और जब परमेश्वर अपने लोगों को अपनी शक्ति की आशीष देता है, तो यह इस निमंत्रण और आशा के साथ होता है कि वे दूसरों को आशीष देंगे—कि वे “पृथ्वी के सब परिवारों” के लिए “आशीष ठहरेंगे”(इब्राहीम 2:9, 11)।

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ के द्वारा इब्राहिमिक अनुबंध की पुन:स्थापना के कारण हमें यह बहुमूल्य समझ दी गई है। इसलिए जब आप पुराने नियम में अनुबंधों के बारे में पढ़ते हैं, तो केवल इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ परमेश्वर के संबंधों के बारे में न सोचें। अपने साथ उसके संबंधों के बारे में भी सोचेें। जब आप अनगिनत भावी पीढ़ी की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते हैं (देखें उत्पत्ति 28:14), तो केवल उन लाखों लोगों के बारे में न सोचें जो आज इब्राहीम को अपना पूर्वज कहते हैं। अनंत परिवारों और अनंत वृद्धि के लिए परमेश्वर की प्रतीज्ञा के बारे में भी सोचें (देखें सिद्धांत और अनुबंध 131:1–4; 132:20–24)। जब आप प्रदेश की विरासत की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते हो, तो केवल इब्राहीम से प्रतिज्ञा किए गए प्रदेश के बारे में न सोचें। पृथ्वी की सिलिस्टियल नियति के बारे में भी सोचें—एक ऐसी विरासत जिसकी प्रतिज्ञा उन से की गई है जो “नम्र” हैं और “प्रभु की प्रतीक्षा करते हैं” (मत्ती 5:5; भजन सहिंता 37:9, 11; सिद्धांत और अनुबंध 88:17–20) भी देखें। और जब आप उस प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते हो कि परमेश्वर के अनुबंधित लोग “पृथ्वी के सभी परिवारों” (इब्राहीम 2:11) को आशीष देंगे, तो केवल इब्राहीम या उसके बाद आने वाले भविष्यवक्ताओं की सेवकाई के बारे में न सोचें। यीशु मसीह के एक अनुबंधित अनुयायी के रूप में—अपने आस-पास के परिवारों के लिए आशीष बनने के लिए आप क्या कर सकते हैं, इस बारे में भी सोचें।

विवरण

  1. Russell M. Nelson, “Covenants,” Liahona, Nov. 2011, 88.

  2. Russell M. Nelson, “Drawing the Power of Jesus Christ into Our Lives,” Liahona, May 2017, 41. अध्यक्षा लिंडा के. बर्टन ने कहा था: “अनुबंध बनाने और पालन करने का अर्थ स्वर्ग में हमारे पिता और यीशु मसीह से स्वयं को जोड़ने का चयन करना है। यह उद्धारकर्ता का अनुसरण करने के प्रति समर्पित होना है” (“The Power, Joy, and Love of Covenant Keeping,” Liahona, Nov. 2013, 111)।