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26. मंदिर संस्तुतियां


“26. मंदिर संस्तुतियां,” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन (2023)।

“26. मंदिर संस्तुतियां” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन

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धर्माध्यक्ष व्यक्ति का साक्षात्कार करते हुए।

26.

मंदिर संस्तुतियां

26.0

परिचय

मंदिर में प्रवेश करना एक पवित्र विशेषाधिकार है। वार्ड और स्टेक मार्गदर्शक सभी सदस्यों को योग्य होने और वैध मंदिर संस्तुति होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, भले ही वे किसी मंदिर के पास न रहते हों।

गिरजा मार्गदर्शक यह देखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं कि मंदिर में प्रवेश करने वाले सभी लोग ऐसा करने के योग्य हैं (देखें भजन संहिता 24:3–5)।

किसी मंदिर में प्रवेश के लिए सदस्यों के पास वैध मंदिर संस्तुति होनी चाहिए।

यदि धर्माध्यक्ष के पास मंदिर संस्तुतियों के बारे में ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर इस अध्याय में नहीं दिया गया है, तो वह अपने स्टेक अध्यक्ष से परामर्श करता है। स्टेक अध्यक्ष प्रश्नों के साथ प्रथम अध्यक्षता के कार्यालय से संपर्क कर सकता है।

26.1

मंदिर संस्तुतियों के प्रकार

संस्तुतियां तीन प्रकार की होती हैं:

  1. बिना वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों के लिए मंदिर संस्तुतियां। ये संस्तुतियां उन बिना वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों के लिए होती हैं जो अपने माता-पिता के साथ मुहरबंद किए जा रहे हैं या प्रतिनिधि बपतिस्मा और पुष्टिकरण संपन्न कर रहे हैं। इन्हें Leader and Clerk Resources (LCR) के माध्यम से जारी किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए, देखें 26.4

  2. जीवित विधियों के लिए मंदिर संस्तुतियां। ये संस्तुतियां उन सदस्यों के लिए होती हैं जो अपना स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त कर रहे हैं या अपने पति/पत्नी के साथ मुहरबंद हो रहे हैं। जीवित विधियों के लिए संस्तुति वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों की नियमित मंदिर संस्तुति से सलंग्न होती हैं (नीचे बताया गया है)।

  3. वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों के लिए मंदिर संस्तुति। ये संस्तुतियां उन सदस्यों के लिए हैं जो वृत्तिदान प्राप्त कर चुके हैं। इन्हें LCRके माध्यम से जारी किया जाता है। ये सदस्य को मृतक के लिए सभी मंदिर विधियों में भाग लेने के लिए अधिकृत करती हैं। इनका उपयोग तब भी किया जाता है जब किसी वृत्तिदान प्राप्त सदस्य को जीवित या मृत माता-पिता या बच्चों के साथ मुहरबंद किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए, देखें 26.3

26.2

मंदिर संस्तुतियों की सुरक्षा

26.2.1

मंदिर संस्तुतियों की सुरक्षा करने वाले पौरोहित्य मार्गदर्शक

पौरोहित्य मार्गदर्शक जो मंदिर की संस्तुति पुस्तकें रखने के लिए अधिकृत हैं, उन्हें सावधानीपूर्वक उनकी सुरक्षा करनी चाहिए।

पौरोहित्य मार्गदर्शक यह भी सुनिश्चित करते हैं कि अनधिकृत व्यक्तियों की LCR में मंदिर संस्तुति जानकारी तक पहुंच न हो।

26.2.3

संस्तुतियां खो जाने या चोरी हो जाने पर

धर्माध्यक्ष सदस्यों से तुरंत उन्हें सूचित करने के लिए कहता है यदि उनकी संस्तुति खो या चोरी हो जाती है। वह या उसका कोई सलाहकार या क्लर्क जितनी जल्दी हो सके संस्तुति को रद्द करने के लिए LCR का उपयोग करता है। यदि यह प्रणाली उपलब्ध नहीं है, तो धर्माध्यक्ष संस्तुति को रद्द करने के लिए मंदिर कार्यालय से संपर्क करता है।

26.2.4

ऐसे संस्तुति धारक जो योग्यता के आदर्शों का पालन नहीं कर रहे हैं

यदि धर्माध्यक्ष निर्णय लेता है कि वैध संस्तुति धारक सदस्य योग्यता के आदर्शों का पालन नहीं कर रहा है (देखें 26.3), तो वह सदस्य से संस्तुति वापस लौटाने का अनुरोध करता है। वह इसे रद्द करने के लिए LCR का उपयोग करता है। यदि यह प्रणाली उपलब्ध नहीं है, तो धर्माध्यक्ष संस्तुति को रद्द करने के लिए मंदिर कार्यालय से संपर्क करता है।

26.3

मंदिर संस्तुतियां जारी करने के लिए सामान्य दिशा-निर्देश

पौरोहित्य मार्गदर्शकों को केवल तभी संस्तुति जारी करनी चाहिए जब सदस्य मंदिर संस्तुति प्रश्नों का उचित उत्तर देता है।

मंदिर संस्तुति के साक्षात्कार में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। इन्हें निजी होना चाहिए। हालांकि, जिस व्यक्ति का साक्षात्कार किया जा रहा है वह किसी अन्य वयस्क को उपस्थित होने के लिए आमंत्रित कर सकता है।

पौरोहित्य मार्गदर्शकों को मंदिर संस्तुति पुस्तक में कोई अन्य प्रश्न या वाक्य नहीं जोड़ना चाहिए। न ही उन्हें कोई आवश्यक प्रश्न हटाना चाहिए।

स्टेक में, स्टेक अध्यक्षता का सदस्य या स्टेक क्लर्क मंदिर संस्तुति जारी होने के बाद इसे LCR में सक्रिय कर देता है। जिलों में, मिशन अध्यक्षता का सदस्य या मिशन क्लर्क मंदिर संस्तुति को सक्रिय कर देता है। प्रतिनिधि बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए मंदिर संस्तुतियां तब सक्रिय हो जाती हैं जब उन्हें धर्माध्यक्षता के किसी सदस्य या शाखा अध्यक्ष द्वारा लिखा जाता है।

26.3.1

वार्ड और शाखाओं में सदस्यों के मंदिर संस्तुति साक्षात्कार

वार्ड में, धर्माध्यक्ष या नियुक्त सलाहकार मंदिर संस्तुति साक्षात्कार और योग्य सदस्यों को इसे जारी करता है। शाखा में, केवल शाखा अध्यक्ष मंदिर संस्तुति साक्षात्कार और योग्य सदस्यों को इसे जारी करता है

वार्ड में, धर्माध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से उन सदस्यों का साक्षात्कार करता है जो:

  • अपना स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त कर रहे हैं ( देखें 27.1 और 27.2)।

  • पति/पत्नी के साथ मुहरबंद हो रहे हैं (देखें 27.3)।

कई मामलों में जब धर्माध्यक्ष उपलब्ध न हो, तो वह अपने किसी सलाहकार को ये साक्षात्कार करने के लिए अधिकृत कर सकता है।

ऊपर सूचीबद्ध किसी भी स्थिति में संस्तुति जारी करने से पहले, धर्माध्यक्ष यह सत्यापित करने के लिए सदस्य के अभिलेख की समीक्षा करता है कि इसमें गिरजा सदस्यता प्रतिबंधों के बारे में कोई टिप्पणी तो शामिल नहीं है। अपने स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त करने वाले या पति/पत्नी के साथ मुहरबंद किए जाने वाले सदस्यों के लिए, वह यह भी सुनिश्चित करता है कि:

  • व्यक्ति का बपतिस्मा और पुष्टिकरण सदस्यता अभिलेख में दर्ज किया गया है।

  • भाइयों को मेल्कीसेदेक पौरोहित्य प्राप्त हुआ है।

धर्माध्यक्षता के सदस्य या शाखा अध्यक्ष के साक्षात्कार के बाद, स्टेक अध्यक्षता का सदस्य उन सदस्यों का साक्षात्कार करता है जो स्टेक में रहते हैं। मिशन अध्यक्षता का सदस्य जिले में रहने वाले सदस्यों के लिए दूसरा साक्षात्कार करता है। जब तक प्रथम अध्यक्षता द्वारा अधिकृत न किया जाए, कोई जिला अध्यक्ष मंदिर संस्तुति साक्षात्कार नहीं करता है।

26.3.2

दूरस्थ क्षेत्रों में सदस्यों के लिए मंदिर संस्तुति साक्षात्कार

कुछ सदस्य ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां स्टेक या मिशन अध्यक्षता के किसी सदस्य से मिलने के लिए महंगी यात्रा या समस्या होती है। इन स्थितियों में, मंदिर अध्यक्ष उस व्यक्ति का साक्षात्कार और संस्तुति पर हस्ताक्षर कर सकता है। साक्षात्कार करने से पहले, वह स्टेक या मिशन अध्यक्ष से संपर्क करता है। धर्माध्यक्ष, अधिकृत सलाहकार, या शाखा अध्यक्ष द्वारा सदस्य का साक्षात्कार और संस्तुति पर हस्ताक्षर पहले किया जाना चाहिए।

26.4

बिना वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों को मंदिर संस्तुति जारी करना

26.4.1

सामान्य दिशा-निर्देश

बिना वृत्तिदान प्राप्त सदस्यों को मंदिर संस्तुतियां निम्नानुसार जारी की जाती हैं:

  • मृतकों के लिए बपतिस्मा और पुष्टिकरण में भाग लेने वाले 11 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सदस्य। (युवतियां और नियुक्त युवक उस वर्ष जनवरी के आरंभ में जब वे 12 वर्ष के होते हैं, वे मंदिर संस्तुति पाने के पात्र हैं।)

  • अपने माता-पिता के साथ मुहरबंद किए जाने वाले 8 से 20 वर्ष की आयु के सदस्य। 8 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अपने माता-पिता से मुहरबंद होने के लिए संस्तुति की आवश्यकता नहीं होती है (देखें 26.4.4)।

  • अपने जीवित भाई-बहनों, या सौतेले भाई-बहनों को अपने माता-पिता से मुहरबंदी देखने वाले 8 से 20 वर्ष की आयु के सदस्य।

जो सदस्य पहले से वृत्तिदान प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें इस खंड में बताई गई कोई भी संस्तुति जारी नहीं की जाती है।

पुरुष गिरजा सदस्य जो पौरोहित्य धारण करने की उचित आयु का है, उसे मंदिर संस्तुति प्राप्त करने से पहले पौरोहित्य पद में नियुक्त किया जाना चाहिए।

26.4.2

नए बपतिस्मा प्राप्त सदस्यों के लिए मंदिर संस्तुतियां

धर्माध्यक्ष नए सदस्यों का साक्षात्कार करता है जो केवल प्रतिनिधि बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए मंदिर संस्तुति प्राप्त करने के लिए सही उम्र के हैं। वह यह साक्षात्कार सदस्य की पुष्टिकरण के तुरंत बाद करता है, सामान्यतः एक सप्ताह के भीतर (देखें 26.4.1)। भाइयों के लिए, यह साक्षात्कार हारूनी पौरोहित्य प्राप्त करने के लिए साक्षात्कार के भाग के रूप में किया जा सकता है।

26.4.3

केवल प्रतिनिधि बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए मंदिर संस्तुतियां

मंदिर संस्तुतियां जो प्रतिनिधि बपतिस्मा और पुष्टिकरण के लिए जारी की जाती हैं उसे केवल इसी उद्देश्य के लिए ही उपयोग किया जाना चाहिए।

26.4.4

जीवित बच्चों को माता-पिता के साथ मुहरबंदी करने के लिए मंदिर संस्तुतियां

जो सदस्य 21 या उससे अधिक उम्र के हैं, केवल तभी अपने माता-पिता के साथ मुहरबंद किए या मुहरबंदी देख सकते हैं, जब उन्होंने (1) वृत्तिदान प्राप्त किया हो और (2) उनके पास वैध मंदिर संस्तुति हो।

26.5

विशेष परिस्थितियों में मंदिर संस्तुतियां जारी करना

26.5.1

अपना स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त कर रहे सदस्य

योग्य सदस्य जो अपना स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त करना चाहते हैं, वे ऐसा तभी कर सकते हैं जब वे निम्नलिखित सभी शर्तों को पूरा करते हैं:

  • उनकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो।

  • उन्होंने हाई स्कूल, माध्यमिक स्कूल या सेकंडरी स्कूल पूरा कर लिया हो या अब नहीं जा रहे हो।

  • उनकी पुष्टिकरण को पूरा एक साल बीत चुका हो।

  • वे मंदिर अनुबंधों को प्राप्त कर जीवन भर उनका सम्मान करने की इच्छा करते हैं।

इसके अलावा, पुरूष को अपना वृत्तिदान प्राप्त करने से पहले मेल्कीसेदेक पौरोहित्य मिल जाना चाहिए। अपना स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त करने की तैयारी कर रहे सदस्यों के बारे में जानकारी के लिए, देखें 25.2.8। वृत्तिदान किसे प्राप्त हो सकता है, इसकी जानकारी के लिए देखें 27.2.1

26.5.3

घर से दूर सेवा से वापस लौट रहे युवा प्रचारक

मिशन अध्यक्ष संस्तुति की तिथि देता और सक्रिय करता है, इसलिए यह प्रचारक के घर लौटने की तिथि से तीन महीने बाद समाप्त हो जाती है।

धर्माध्यक्ष साक्षात्कार करके प्रचारकों को तीन महीने की अवधि के अंत में नई मंदिर संस्तुति जारी करता है।

26.5.4

वे सदस्य जो कम से कम एक वर्ष से एक ही वार्ड में नहीं रहे हों

मंदिर संस्तुति साक्षात्कार करने से पहले धर्माध्यक्ष या नियुक्त सलाहकार पूर्व धर्माध्यक्ष से संपर्क करते है।

26.5.7

सदस्य जो विपरीतलिंगी के रूप में पहचाने जाते हैं

स्टेक अध्यक्ष को व्यक्तिगत स्थितियों को संवेदनशीलता और मसीह समान प्रेम के साथ इस विषय में क्षेत्रीय अध्यक्षता के साथ सलाह करनी चाहिए (देखें 38.6.23)।

26.5.8

सदस्य जिन्होंने गंभीर पाप किया है

कोई सदस्य जिसने कोई गंभीर पाप किया है, उसे तब तक मंदिर संस्तुति नहीं मिल सकती जब तक कि वह पश्चाताप न कर ले (देखें 32.6)।

26.5.9

वे सदस्य जिन्हें गिरजा सदस्यता वापस लेने या त्यागपत्र देने के बाद दोबारा शामिल किया गया है

26.5.9.1

सदस्य जिन्होंने पूर्व में वृत्तिदान प्राप्त नहीं किया था

इन सदस्यों को बपतिस्मा और पुष्टिकरण द्वारा गिरजे में पुनः प्रवेश की तारीख के पूरे एक वर्ष बाद तक अपनी स्वयं का वृत्तिदान प्राप्त करने की मंदिर संस्तुति जारी नहीं की जा सकती है।

26.5.9.2

सदस्य जिन्होंने पूर्व में वृत्तिदान प्राप्त किया था

जो सदस्य पूर्व में वृत्तिदान प्राप्त कर चुके थे, उन्हें किसी भी प्रकार की मंदिर संस्तुति तब तक प्राप्त नहीं हो सकती जब तक कि उनकी मंदिर आशीषें विधि द्वारा पुनःस्थापित नहीं की जाती है।

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