अध्याय 15
यीशु घोषणा करता है कि मूसा की व्यवस्था उसमें पूरी हुई—नफाई वे अन्य भेड़े हैं जिनके विषय में उसने यरूशलेम में बताया था—अधर्म के कारण, यरूशलेम में रह रहे प्रभु के लोग इस्राएल की तितर-बितर हुई भेड़ों के बारे में नहीं जानते हैं । लगभग 34 ईसवी ।
1 और अब ऐसा हुआ कि जब यीशु ने इन बातों को कहना समाप्त कर लिया तो उसने अपनी दृष्टि अपने आस-पास की भीड़ पर डाली, और उनसे कहा: देखो, तुमने उन्हीं बातों को सुना है जिसे मैंने अपने पिता के पास जाने से पहले सिखाया था; इसलिए, जो कोई भी मेरी इन कही हुई बातों को याद रखेगा और उनका पालन करेगा, मैं उसे अंतिम दिन में खड़ा करूंगा ।
2 और अब ऐसा हुआ कि जब यीशु ने इन बातों को कह लिया तब उसने महसूस किया कि उनमें से कुछ लोग थे जो अचम्भीत हुए, और आश्चर्य में पड़ गए कि वह मूसा की व्यवस्था के संबंध में क्या कहना चाहता था; क्योंकि वे इस कथन को समझ नहीं पाए कि पुरानी बातें बीत चुकी हैं, और सारी बातें नई हो गई हैं ।
3 और उसने उनसे कहा: अचम्भीत न हो कि मैंने कहा कि पुरानी बातें बीत चुकी हैं, और सारी बातें नई हो गई हैं ।
4 देखो, मैं तुमसे कहता हूं कि जो व्यवस्था मूसा को दी गई थी वह पूरी हुई ।
5 देखो, मैं ही हूं जिसने व्यवस्था दी थी, और मैं ही हूं जिसने इस्राएल के अपने लोगों से अनुबंध बनाया था; इसलिए, व्यवस्था मुझमें परिपूर्ण हुई, क्योंकि मैं व्यवस्था को परिपूर्ण करने आया हूं; इसलिए यह समाप्त हो गई ।
6 देखो, मैं अपने भविष्यवक्ताओं को नष्ट नहीं करता हूं, क्योंकि जितनी भविष्यवाणियां मुझमें परिपूर्ण नहीं हुई हैं, मैं तुमसे सच कहता हूं कि वे सब परिपूर्ण होंगी ।
7 और क्योंकि मैंने तुमसे कहा है कि पुरानी बातें बीत चुकी हैं, मैं उन बातों को नष्ट नहीं करुंगा जो आनेवाली बातों के संबंध में कही गई हैं ।
8 क्योंकि देखो, जो अनुबंध मैंने अपने लोगों के साथ बनाया है वह सब पूरा नहीं हुआ है; परन्तु जो व्यवस्था मूसा को दी गई थी वह मुझमें खत्म हो गई है ।
9 देखो, मैं ही व्यवस्था और प्रकाश हूं । मेरी तरफ देखो, और अंत तक दृढ़ बने रहो, और तुम जीवित रहोगे; क्योंकि जो अंत तक दृढ़ रहेगा उसे मैं अनंत जीवन दूंगा ।
10 देखो, मैंने तुम्हें आज्ञाएं दी हैं; इसलिए मेरी आज्ञाओं का पालन करो । और यही नियम और भविष्यवक्ता हैं क्योंकि उन्होंने वास्तव में मेरी गवाही दी है ।
11 और अब ऐसा हुआ कि जब यीशु ने इन बातों को कह लिया, उसने जिन बारह लोगों को चुना था उनसे कहा:
12 तुम मेरे शिष्य हो; और तुम इन लोगों के लिए प्रकाश हो जो कि यूसुफ के घराने के बाकी लोग हैं ।
13 और देखो, यह धरती तुम्हारी धरोहर है; और पिता ने इसे तुम्हें दिया है ।
14 और पिता ने मुझे किसी भी समय यह आज्ञा नहीं दी कि इसके विषय में मैं तुम्हारे यरूशलेम के बंधुओं को ही बताऊं ।
15 न ही पिता ने मुझे किसी भी समय यह आज्ञा दी कि मैं इस्राएल के घराने की अन्य जातियों को ही बताऊं जिन्हें पिता प्रदेश से बाहर निकाल ले गया था ।
16 पिता ने केवल मुझे आज्ञा दी कि मैं उन्हें बताऊं ।
17 कि अन्य भेड़ें हैं जो इस बाड़े की नहीं हैं; मुझे उन्हें भी लाना है, और वह मेरी आवाज सुनेंगी; और केवल एक बाड़ा होगा और एक चरवाहा ।
18 और अब, हठ्ठी और अविश्वासी होने के कारण वे मेरी बात समझ नहीं पाए; इसलिए मेरे पिता ने इस विषय में उनसे बात न करने की मुझे आज्ञा दी थी ।
19 परन्तु, मैं तुमसे सच कहता हूं कि पिता ने मुझे आज्ञा दी है, और मैं तुम्हें इसके विषय में बताता हूं कि उनकी बुराइयों के कारण ही तुम उनसे अलग हो गए थे; इसलिए अपनी बुराइयों के कारण ही वे तुम्हारे बारे में नहीं जानते हैं ।
20 और मैं फिर से तुमसे सच कहता हूं कि पिता ने अन्य जातियों को उनसे अलग कर दिया है; और अपनी बुराइयों के कारण ही वे उनके बारे में नहीं जानते हैं ।
21 और मैं तुमसे सच कहता हूं कि तुम वही हो जिससे मैंने कहा था: मेरे पास अन्य भेड़े हैं जो इस बाड़े की नहीं हैं; मुझे उन्हें भी लाना है, और वे मेरी वाणी सुनेंगी; और केवल एक बाड़ा होगा और एक चरवाहा ।
22 और वे मुझे समझ नहीं पाए, क्योंकि उन्हें लगा कि यह अन्य जातियों के लिए था; क्योंकि वे यह समझ नहीं पाए कि उनके प्रचार से अन्य जातियां परिवर्तित हो जाएंगी ।
23 और वे इसका अर्थ समझ नहीं पाए कि मैंने उनसे कहा था कि वे मेरी वाणी सुनेंगे; और वे इसका अर्थ भी समझ नहीं पाए कि अन्य जातियां किसी भी समय मेरी वाणी नहीं सुनेंगी—कि पवित्र आत्मा के अलावा मैं स्वयं को उन पर प्रकट नहीं करूंगा ।
24 परन्तु देखो, तुम दोनों ने मेरी वाणी सुनी, और मुझे देखा; और तुम मेरी भेड़ें हो, और तुम्हारी गिनती उन लोगों में है जिन्हें पिता ने मुझे दिया है ।