पवित्रशास्त्र
3 नफी 21


अध्याय 21

जब मॉरमन की पुस्तक आएगी तब इस्राएल एकत्रित होगा—अन्य जातियां अमेरिका में स्वतंत्र लोग के रूप में स्थापित होंगी—यदि वे विश्वास करेंगे और आज्ञापालन करेंगे तो उन्हें बचाया जाएगा; नहीं तो उन्हें अलग कर नष्ट कर दिया जाएगा—इस्राएल एक नया यरूशलेम बनाएगा, और खोई हुई जातियां फिर से लौटेंगी । लगभग 34 ईसवी ।

1 और मैं तुमसे सच कहता हूं, मैं तुम्हें एक चिन्ह देता हूं कि जब ये बातें होनेवाली होंगी तब तुम जान सको—हे इस्राएल का घराना, मैं अपने लोगों को उनके लंबे समय तक बिखरे रहने के बाद उन्हें एकत्रित करूंगा;

2 और देखो, यही वह चीज है जो मैं तुम्हें चिन्ह के रूप में दूंगा—क्योंकि मैं तुमसे सच कहता हूं कि जब मैं इन बातों को तुम्हें घोषित करूंगा, और जिन्हें मैं अब से तुम्हें घोषित करूंगा, और जिन्हें तुम्हें उस पवित्र आत्मा के द्वारा बताया जाएगा जिसे पिता तुम्हें देगा, उन्हें अन्य जातियों पर ज्ञात कराया जाएगा ताकि वे याकूब के घराने के बचे हुए इन लोगों के बारे में जान सकें, और मेरे इन लोगों के बारे में भी जो उनके द्वारा तितर-बितर किये गए थे;

3 मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि पिता के द्वारा उन्हें इन बातों का ज्ञात कराया जाएगा, और पिता से होकर ये बातें उनके द्वारा तुम तक आएंगी;

4 क्योंकि यह पिता की समझ है कि उन्हें इस धरती पर स्थापित किया जाए, और पिता के सामर्थ्य द्वारा उन्हें स्वतंत्र लोग के रूप में निर्धारित किया जाए ताकि ये बातें उनके द्वारा तुम्हारे बचे हुए वंशों तक पहुंच सकें, जिससे कि हे इस्राएल का घराना, पिता का वह अनुबंध पूरा हो सके जिसे उसने अपने लोगों से बनाया था;

5 इसलिए, इसके पश्चात ये बातें और तुम्हारे बीच में गढ़ी गई बातें अन्य जातियों द्वारा तुम्हारी वंशों में लाई जाएंगी जो अपनी बुराइयों के कारण अविश्वास में दुर्बल हो जाएंगे ।

6 क्योंकि पिता को यही उचित लगता है कि ये बातें अन्य जातियों द्वारा लाई जानी चाहिए ताकि वह अन्य जातियों को अपना सामर्थ्य दिखा सके, और इस कारण यदि अन्य जाति अपना हृदय कठोर नहीं करेंगे ताकि वे पश्चाताप कर सकें और मेरे पास आएं और मेरे नाम में बपतिस्मा लें और मेरे सिद्धांत के सच्चे तथ्यों को जानें जिससे कि हे इस्राएल का घराना, उनकी गिनती मेरे लोगों में हो सके;

7 और जब ये बातें होंगी तो तुम्हारे वंश इन बातों को जानने लगेंगे—यह उनके लिए एक चिन्ह होगा जिससे वे जान सकें कि पिता का कार्य उस अनुबंध को पूरा करने में आरंभ हो गया है जिसे उसने उन लोगों के साथ बनाया था जो इस्राएल के घराने के हैं ।

8 और जब वह दिन आएगा, ऐसा होगा कि राजा अपना मुंह बंद रखेंगे; क्योंकि जिनके विषय में उन्हें बताया नहीं गया था उसे वे देखेंगे; और जिनके विषय में उन्होंने सुना नहीं था उस पर वे विचार करेंगे ।

9 क्योंकि उस दिन, पिता मेरे लिए एक कार्य करेगा जो कि उन लोगों के बीच में एक महान और अदभुत कार्य होगा; और यद्यपि एक व्यक्ति इसे उनके बीच में घोषित करेगा फिर भी उनमें कुछ लोग ऐसे होंगे जो इस पर विश्वास नहीं करेंगे ।

10 परन्तु देखो, मेरे सेवक का जीवन मेरे हाथ में होगा; इसलिए वे उसे नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, जब कि उनके कारण उन्हें हानि होगी । फिर भी मैं उसे चंगा करूंगा क्योंकि मैं उन्हें दिखाऊंगा कि मेरा विवेक शैतान की धूर्तता से बड़ा है ।

11 इसलिए ऐसा होगा कि जो कोई भी मेरी बातों पर विश्वास नहीं करेगा कि मैं यीशु मसीह हूं, जिसे पिता अन्य जातियों के बीच भेजेगा, और उसे सामर्थ्य देगा कि वह उन्हें अन्य जातियों में लाए, (वैसा ही होगा जैसा कि मूसा ने कहा था) और उन्हें मेरे अनुबंधित लोगों से अलग कर दिया जाएगा ।

12 और मेरे लोग जो याकूब के बचे हुए लोग हैं, वे अन्य जातियों में होंगे, हां, उनके बीच में वैसे ही होंगे जैसे कि जंगली पशुओं के बीच में एक शेर होता है, भेड़ की झुंड में एक शावक के रूप में जो यदि वहां से गुजर जाए तो कुचलता हुआ और फाड़कर टुकड़े-टुकड़े करता चला जाता है, और कोई बचा नहीं सकता है ।

13 उनके हाथ अपने विरोधियों पर उठेंगे, और उनके सारे शत्रु मारे जाएंगे ।

14 हां, अन्य जातियों पर हाय यदि वे पश्चाताप नहीं करती हैं; क्योंकि उस दिन ऐसा होगा, पिता कहता है कि मैं उनके बीच से तुम्हारे घोड़ों को मिटा दूंगा, और मैं तुम्हारे रथों को नष्ट कर दूंगा ।

15 और मैं तुम्हारे प्रदेश के नगरों को मिटा दूंगा, और तुम्हारे सारे किलों को गिरा दूंगा ।

16 और मैं तुम्हारे प्रदेश से जादू-टोना मिटा दूंगा, और तुम्हारे पास कोई ज्योतिषी नहीं रह जाएगा;

17 मैं तुम्हारी बनाई हुई मूर्तियों को मिटा दूंगा, और उनके बीच से तुम्हारी खड़ी मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा, और तब तुम अपने हाथों द्वारा बनाई गई मूर्तियों की उपासना नहीं कर सकोगे ।

18 और मैं तुम्हारे बीच से तुम्हारे बागों को उजाड़ दूंगा; और उसी तरह तुम्हारे नगरों को भी नष्ट कर दूंगा ।

19 और ऐसा होगा कि सारा झूठ, छल-कपट, और ईर्ष्या, और शत्रुता, और अनुचित पूजा उपासना, और वेश्यावृति का अंत हो जाएगा ।

20 क्योंकि पिता कहता है, ऐसा होगा कि उस दिन यदि कोई पश्चाताप नहीं करेगा और मेरे प्रिय पुत्र के पास नहीं आएगा, हे इस्राएल का घराना मैं उन्हें अपने लोगों से अलग कर दूंगा;

21 और मैं उन पर दंड और कोप उसी प्रकार लाऊंगा जैसे कि मूर्तिपूजकों पर तब लाया जाता है जब वे नहीं सुनते हैं ।

22 परन्तु यदि वे पश्चाताप करेंगे और मेरी बात सुनेंगे, और अपने हृदयों को कठोर नहीं करेंगे, तो उनके बीच मैं अपना गिरजा स्थापित करूंगा, और वे अनुबंध में प्रवेश करेंगे और याकूब के बचे हुए उन लोगों में उनकी गिनती होगी जिन्हें मैंने यह धरती उनकी धरोहर के रूप में दी है;

23 और वे याकूब के बचे हुए, मेरे लोगों की सहायता करेंगे, और उन बहुत से लोगों की जो इस्राएल के घराने से आएंगे, ताकि वे एक नगर का निर्माण कर सकें, जो कि नया यरूशलेम कहलाएगा ।

24 और तब वे मेरे उन लोगों की सहायता करेंगे ताकि वे नये यरूशलेम में एकत्रित हो सकें, जो धरती पर तितर-बितर हो गए हैं ।

25 और तब स्वर्ग की शक्ति उन लोगों के बीच आएगी; और मैं भी उनके मध्य में रहूंगा ।

26 और तब इस दिन पिता का कार्य आरंभ होगा, यहां तक कि तभी इन लोगों के बाकी लोगों में इस सुसमाचार का प्रचार किया जाएगा । मैं तुमसे सच कहता हूं कि इस दिन पिता का कार्य मेरे सारे तितर-बितर हुए लोगों में आरंभ होगा, हां, यहां तक कि उन जातियों में भी जो खो गई थीं, जिन्हें पिता यरूशलेम से बाहर ले गया था ।

27 हां, पिता के साथ उस मार्ग को तैयार करने के लिए मेरे सारे तितर-बितर हुए लोगों में कार्य आरंभ होगा जिस पर चलकर वे मेरे पास आ सकेंगे, ताकि वे मेरे नाम में पिता को पुकार सकें ।

28 हां, और तब मार्ग की तैयारी में सारे राष्ट्रों के बीच पिता के साथ कार्य आरंभ होगा जिसके द्वारा उसके लोग अपने पैतृक प्रदेश में एकत्रित हो सकेंगे ।

29 और वे सारे राष्ट्रों से बाहर जाएंगे; और वे न तो हड़बड़ी में जाएंगे न ही भागकर जाएंगे, क्योंकि पिता कहता है कि मैं उनके आगे-आगे चलूंगा, और मैं ही उनके पीछे भी चलूंगा ।