अध्याय 20
चमत्कारिक रूप से यीशु रोटी और मदिरा प्रदान करता है और फिर से लोगों को प्रभुभोज देता है—याकूब के बचे हुए लोग प्रभु अपने परमेश्वर के ज्ञान में आएंगे और अमेरिका के उत्तराधिकारी होंगे—यीशु मूसा के समान भविष्यवक्ता है, और नफाई भविष्यवक्ताओं के बच्चे हैं—प्रभु के अन्य लोग यरूशलेम में एकत्रित होंगे । लगभग 34 ईसवी ।
1 और ऐसा हुआ कि उसने भीड़ को आज्ञा दी कि वे प्रार्थना करना बंद कर दें, और अपने शिष्यों को भी । और उसने उन्हें आज्ञा दी कि उन्हें अपने मन में प्रार्थना करना बंद नहीं करना चाहिए ।
2 और उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे उठें और अपने पैरों पर खड़े हो जाएं । और वे उठे और अपने पैरों पर खड़े हो गए ।
3 और ऐसा हुआ कि उसने फिर से रोटी तोड़ी और उसे आशीषित किया, और शिष्यों को खाने के लिए दिया ।
4 और जब उन्होंने खा लिया तब उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे रोटी तोड़ें, और उसे भीड़ को दें ।
5 और जब उन्होंने भीड़ को दे दिया तब उसने उन्हें पीने के लिए मदिरा दी, और उन्हें आज्ञा दी कि वे उसे भीड़ को दें ।
6 अब, न तो शिष्यों द्वारा और न ही भीड़ द्वारा रोटी और मदिरा लाई गई थी ।
7 परन्तु उसने वास्तव में उन्हें खाने के लिए रोटी और पीने के लिए मदिरा दी ।
8 और उसने उनसे कहा: वह जो इस रोटी को खाता है, अपनी आत्मा के लिए मेरा शरीर खाता है; और वह जो इस मदिरा को पीता है, अपनी आत्मा के लिए मेरा लहू पीता है; और उसकी आत्मा न तो कभी भूखी रहेगी और न ही कभी प्यासी रहेगी, परन्तु परिपूर्ण होगी ।
9 अब, जब भीड़ ने खा और पी लिया, देखो वे आत्मा से भर गए; और वे एक स्वर में चिल्लाए, और यीशु की महिमा की जिसे उन्होंने देखा और सुना था ।
10 और ऐसा हुआ कि जब उन सबने यीशु की महिमा कर ली, वह उनसे बोला: देखो अब मैं उस आज्ञा को पूरा करता हूं जिसे पिता ने मुझे इन लोगों के संबंध में दी थी जो कि इस्राएल के घराने के बचे हुए लोग हैं ।
11 तुम याद रखना कि मैंने तुमसे बात की है, और कहा है कि जब यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होगी—देखो उन्हें लिखा गया है, तुम्हारे सामने वे हैं, इसलिए उन्हें खोजो—
12 और मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि जब वे बातें पूरी होंगी तब वह अनुबंध पूरा होगा जिसे पिता ने इन लोगों के साथ बनाया था, हे इस्राएल का घराना ।
13 और तब बाकी के बचे हुए वे लोग जो पृथ्वी पर दूर-दूर तक तितर-बितर हो जाएंगे, वे पूर्व से और पश्चिम से, और दक्षिण से और उत्तर से एकत्रित होंगे; और उन्हें उनके उस प्रभु परमेश्वर का ज्ञान कराया जाएगा जिसने उन्हें मुक्ति दी है ।
14 और पिता ने मुझे आज्ञा दी है कि मैं तुम्हें यह धरती तुम्हारी धरोहर के रूप में दूं ।
15 और मैं तुमसे कहता हूं कि मेरे लोगों को तितर-बितर करने के पश्चात, और आशीष प्राप्त करने के पश्चात भी यदि अन्य जातियों ने पश्चाताप नहीं किया—
16 तब तुम लोग जो याकूब के घराने के बचे हुए लोग हो उनके बीच में जाओगे; और तुम उन लोगों के बीच में जाओगे जिनकी संख्या बहुत है; और तुम लोग उनके बीच में वैसे ही होगे जैसे कि जंगल के जंगली पशुओं के बीच में एक शेर, और भेड़ की झुंड में एक शावक के रूप में होगे जो कुचलाता हुआ और फाड़कर टुकड़े-टुकड़े करता चला जाता है, और कोई बचा नहीं सकता है ।
17 तुम्हारे हाथ तुम्हारे विरोधियों पर उठेंगे, और तुम्हारे सारे शत्रु मारे जाएंगे ।
18 और मैं वैसे ही अपने लोगों को एक साथ एकत्रित करूंगा जैसे कि एक मनुष्य जमीन पर पड़े अपने गठ्ठरों को एकत्रित करता है ।
19 क्योंकि मैं अपने उन लोगों को बनाऊंगा जिनसे पिता ने अनुबंध बनाया है, हां, मैं तुम्हारी सींगों को लोहे का, और तुम्हारी खुरों को पीतल का बनाऊंगा । और तुम कई लोगों के टुकड़े-टुकड़े कर दोगे; और मैं उनके लाभ को प्रभु के प्रति समर्पित करूंगा, और उनकी वस्तुओं को पूरी पृथ्वी के प्रभु के प्रति समर्पित करूंगा । और देखो, मैं वही हूं इसे जो करता है ।
20 और ऐसा होगा, पिता कहता है कि उस दिन उन पर मेरी न्याय की तलवार लटकेगी; और यदि वे पश्चाताप नहीं करेंगे तो वह उन पर गिर जाएगी, पिता कहता है, हां, यहां तक कि अन्य जातियों के सारे राष्ट्रों पर भी ।
21 और ऐसा होगा कि मैं अपने लोगों को स्थापित करूंगा, हे इस्राएल का घराना ।
22 और देखो, मैं इन लोगों को इस धरती पर उस अनुबंध को पूरा करने के लिए स्थापित करूंगा जिसे मैंने तुम्हारे पिता याकूब के साथ बनाया था; और वह नया यरूशलेम होगा । और स्वर्ग की शक्तियां इन लोगों के बीच में होंगी; हां, मैं भी तुम्हारे बीच में रहूंगा ।
23 देखो, मैं वही हूं जिससे विषय में मूसा ने बताया था, यह कहते हुए: तुम्हारा प्रभु परमेश्वर तुम्हारे इन भाइयों में से ही तुम्हारे लिए अपने समान एक भविष्यवक्ता खड़ा करेगा; और वह जो भी तुमसे कहेगा तुम उसकी सारी बातें सुनोगे । और ऐसा होगा कि प्रत्येक व्यक्ति जो उस भविष्यवक्ता की बात नहीं सुनेगा उसे लोगों के बीच से अलग कर दिया जाएगा ।
24 मैं तुमसे सच सच कहता हूं, हां, और समूएल और उसके बाद के सारे भविष्यवक्ता, जितनों ने भी बोला है उन्होंने मेरी गवाही दी है ।
25 और देखो, तुम भविष्यवक्ताओं की संतान हो; और तुम इस्राएल का घराना हो; और तुम उस अनुबंध में हो जिसे पिता ने तुम्हारे पूर्वजों से बनाया था, इब्राहीम से यह कहते हुए: और तुम्हारे वंश के द्वारा पृथ्वी की सारी जातियां आशीषित होंगी ।
26 पिता ने सबसे पहले मुझे तुम्हारे लिए खड़ा किया है, हर एक को उसकी बुराइयों से पलटने में आशीषित करने के लिए मुझे भेजा है; और ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम अनुबंधित बच्चे हो ।
27 और इसके पश्चात जब तुम्हें आशीषित किया गया तब पिता का वह अनुबंध पूरा हुआ जिसे उसने इब्राहीम से यह कहते हुए बनाया था: तुम्हारे वंश के द्वारा पृथ्वी की सारी जातियां आशीषित होंगी—अन्य जातियों पर मेरे द्वारा पवित्र आत्मा उंडेलते हुए जो कि वह आशीष है जो मेरे लोगों को तितर-बितर करते हुए, अन्य जातियों को सबसे शक्तिशाली बनाएगी, हे इस्राएल का घराना ।
28 और वे इस धरती के लोगों के लिए अभिशाप होंगे । फिर भी, जब वे मेरे सुसमाचार की परिपूर्णता को प्राप्त कर लेंगे और तब भी अपने हृदयों को मेरे विरूद्ध कठोर करेंगे, तो मैं उनकी बुराइयां उनके ही सिर पर डाल दूंगा, पिता कहता है ।
29 और मैं उस अनुबंध को याद करूंगा जिसे मैंने अपने लोगों के साथ बनाया है; और मैंने उनके साथ अनुबंध बनाया है कि मैं उन्हें अपने निश्चित समय में एकत्रित करूंगा, ताकि मैं उन्हें उनकी धरोहर के रूप में उनके पूवर्जों की धरती उन्हें फिर से दे दूं, जो कि यरूशलेम की धरती है और जो सदा उनके लिए प्रतिज्ञा की हुई धरती होगी, पिता कहता है ।
30 और ऐसा होगा कि समय आएगा जब मेरे सुसमाचार की परिपूर्णता को उन्हें सिखाया जाएगा ।
31 और वे मुझमें विश्वास करेंगे कि मैं ही परमेश्वर का पुत्र यीशु मसीह हूं, और मेरे नाम में पिता से प्रार्थना करेंगे ।
32 तब उनके पहरेदार अपनी आवाज उठाएंगे, और एक साथ गाएंगे; क्योंकि वे अपनी आंखों से देखेंगे ।
33 तब पिता उन्हें फिर से एकत्रित करेगा, और यरूशलेम को उन्हें उनकी धरोहर की धरती के रूप में देगा ।
34 तब वे आनंद मानएंगे कि हे तुम यरूशलेम के खण्डहरों, एक साथ गाओ; क्योंकि पिता ने अपने लोगों को सांत्वना दी है, उसने यरूशलेम को मुक्त किया है ।
35 पिता ने सारे राष्ट्रों की दृष्टि में अपनी पवित्र बाहों को खुला रखा है; और पृथ्वी के सभी छोर पिता के उद्धार को देखेंगे; और पिता और मैं एक ही हैं ।
36 और फिर वह होगा जिसे लिखा गया है: हे सिय्योन, जाग, फिर से जाग, और अपना बल धारण कर; अपना सुंदर वस्त्र धारण कर, हे यरूशलेम, पवित्र नगर, क्योंकि अब से तुम अखतनारहित और अशुद्ध लोगों में कोई नहीं आएगा ।
37 हे यरूशलेम, अपने ऊपर लगी धूल को झाड़; उठ, और बैठ जा; हे सिय्योन की बंधक बेटी, स्वयं अपनी गर्दन पर बंधी पट्टी को खोल दे ।
38 क्योंकि इस प्रकार प्रभु कहता है: व्यर्थ में तुमने स्वयं को बेच दिया है, और बिना धन के तुम्हें मुक्त किया जाएगा ।
39 मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि मेरे लोग मेरा नाम जानेंगे; हां, उस दिन वे जानेंगे कि मैं वही हूं जिसके विषय में बोला गया है ।
40 और फिर वे कहेंगे: पहाड़ों पर उसके पैर कितने सुहावने हैं जो उनके लिए सुसमाचार लाते हैं, जो शांति फैलाते हैं; जो उनकी भलाई के लिए अच्छा सुसमाचार लाते हैं, जो उद्धार के बारे में बताते हैं; जिसे सिय्योन के लिए कहा गया है: तेरा परमेश्वर राज्य करता है !
41 और फिर आवाज सुनाई देती है: चले जाओ, चले जाओ, तुम यहां से चले जाओ, जो अशु्द्ध है उसे मत छुओ; उसके बीच से चले जाओ; प्रभु के पात्रों को ढोनेवालों तुम शुद्ध हो जाओ ।
42 क्योंकि न तो तुम शीघ्रता से निकल पाओगे और न ही भाग पाओगे; क्योंकि प्रभु तुम्हारे आगे-आगे चलेगा, और इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे पीछे-पीछे चलेगा ।
43 देखो, मेरा सेवक बुद्धिमानी से काम लेगा; वह उत्कर्षित और प्रशंसनीय होगा और ऊंचा स्थान प्राप्त करेगा ।
44 जैसे तुमको देखकर बहुत से लोग आश्चर्यचकित हुए—वैसे ही उसका रूप भी इतना बिगड़ा हुआ था कि किसी मनुष्य के समान नहीं लगता था, और उसका ढांचा भी मानव संतान जैसा नहीं था—
45 वैसे ही वह बहुत सी जातियों को पवित्र करेगा; उसके सामने राजा अपना मुंह नहीं खोल पाएंगे क्योंकि वे उसे देखेंगे जिसके बारे में उन्हें बताया नहीं गया था; और वे उस पर विचार करेंगे जिसे उन्होंने सुना नहीं था ।
46 मैं तुमसे सच सच कहता हूं कि ये सारी बातें अवश्य होंगी, वैसे ही जैसे कि पिता ने मुझे आज्ञा दी है । तब जाकर पिता का वह अनुबंध पूरा होगा जिसे उसने अपने लोगों से बनाया था; और यरूशलेम में मेरे लोग फिर से निवास करेंगे, और यह उनकी धरोहर की भूमि होगी ।