पवित्रशास्त्र
इब्राहीम 1


इब्राहीम की पुस्तक

जोसफ स्मिथ द्वारा, भोजपत्र से अनुवादित

कुछ प्राचीन अभिलेखों का अनुवाद जो हमारे हाथों मिस्र में कब्रों के तहखानों से आये थे । इब्राहीम के लेख जब वह मिस्र में था, इब्राहीम की पुस्तक कहलाती है, स्वयं उसके हाथ से भोजपत्र पर लिखे गए ।

अध्याय 1

इब्राहीम कुलपति की रीति से आशीषें चाहता है—वह झूठे याजकों द्वारा कॉलडिया में सताया जाता है—यहोवा उसे बचाता है—मिस्र के मूल और प्रशासन की जांच होती है ।

1 कॉलडियन के प्रदेश में, मेरे पूर्वजों के निवास पर, मैं, इब्राहीम, ने महसूस किया कि मेरे लिए जरूरी है कि मैं अपने लिए अन्य रहने का स्थान को प्राप्त करूं ।

2 और, क्योंकि मैंने पाया कि वहां मेरे लिए अधिक खुशी और शांति थी, इसलिए मैंने पूर्वजों की आशीषों को पाने का प्रयास किया, और वह अधिकार जिससे मैं उसे प्रदान करने के लिए नियुक्त हो जाता; स्वयं धार्मिकता का अनुसरण करने के कारण, क्योंकि मैंने वैसा होने की इच्छा भी की थी जिसके पास महान ज्ञान हो, और धार्मिकता का महान अनुयायी होने, और अधिक ज्ञान प्राप्त करे, और कई राष्ट्रों का पिता हो, शांति का राजकुमार हो, और निर्देशनों को प्राप्त करने की इच्छा, और परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने के कारण, मैं वैध उत्तराधिकारी बन गया, उच्च याजक, पूर्वजों की संपत्ति का अधिकार प्राप्त करते हुए ।

3 पूर्वजों से मुझे इसे प्रदान किया गया था; यह पूर्वजों से आया था, समय के आरंभ से, हां, इस पृथ्वी के आरंभ से, या इसकी नीवं से भी पहले, वर्तमान समय तक, यहां तक की पहिलौठे का अधिकार, या प्रथम पुरूष, जोकि आदम है, या प्रथम पिता, पूर्वजों के द्वारा मुझे मिला था ।

4 मैंने पौरोहित्य में अपनी नियुक्ति को परमेश्वर की वशं के संबंध में पूर्वजों की नियुक्ति के अनुसार प्रयास किया था ।

5 मेरे पूर्वज, उनकी धार्मिकता, और पवित्र आज्ञाओं का त्याग करते हुए जो प्रभु उनके परमेश्वर ने उन्हें दी थी, मूर्तिपूजकों के ईश्वरों की आराधना के संबंध, मेरी आवाज पर ध्यान देना पूरी तरह अस्वीकार कर दिया था

6 क्योंकि उनके हृदय बुराई करना चाहते थे, और पूर्णरूप से एलकेना के ईश्वर, और लिब्ना के ईश्वर, और महमैकरा के ईश्वर, और कोरश के ईश्वर, और फिरौन के ईश्वर, मिस्र के राजा को मुड़ गए थे;

7 इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को इन मूक मूर्तियों को बलिदान करने की ओर अपने हृदयों को मोड़ा था, और मेरी आवाज पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन मेरे जीवन को एलकेना के याजक के हाथों लेने का प्रयास किया। एलकेना का याजक फिरौन का याजक भी था ।

8 अब, इस समय यह फिरौन, मिस्र के राजा, के याजक की रस्म थी, उस वेदी पर भेंट चढ़ाना जो कॉलडियन के प्रदेश में बनाई गई थी, इन अपरिचित ईश्वरों को पुरूषों, स्त्रियों, और बच्चों की भेंट चढ़ाने के लिए ।

9 और ऐसा हुआ कि याजक ने फिरौन के ईश्वर को भेंट चढ़ाई, और शाग्रील के ईश्वर को भी, यहां तक मिस्रियों की रीति के अनुसार । अब शाग्रील का ईश्वर सूर्य था ।

10 यहां तक कि एक बच्चे की धन्यवाद-भेंट को फिरौने के याजक ने उस वेदी पर भेंट किया जो पोतीपर की पहाड़ी पर थी, ओलिशेम के मैदान के कोने पर ।

11 अब, इस याजक ने इस वेदी पर एक समय में तीन कुवांरियों की भेंट चढ़ाई थी, जोकि ओनिटा की बेटियां थी, सीधे हाम के राजसी वंश से । इन कुवारियों की भेंट दी गई थी उनके चरित्र के कारण; वे लकड़ी या पत्थर की मूर्तियों की आराधना करने के लिए नहीं झुकी थी; इसलिए इस वेदी पर उन्हें मार डाला गया, और यह मिस्रियों की रीति के अनुसार किया गया ।

12 और ऐसा हुआ कि याजकों ने मेरे साथ हिंसा की, कि वे मुझे मार भी डालते, जैसा उन्होंने उन कुंवारिंयों के साथ इस वेदी पर किया; और कि तुम्हें शायद इस वेदी का ज्ञान हो, मैं इस अभिलेख के आरंभ में प्रस्तुतिकरण का उल्लेख करूंगा ।

13 इसे बिस्तर के आकार का बनाया हुआ था, जैसा यह कॉलडियन के बीच होता था, और यह एलकेना, लिब्ना, महमैकरा, कोरश, के ईश्वरों के सामने बना हुआ था, और फिरौन, मिस्र के राजा के ईश्वर के भी ।

14 कि शायद तुम्हें इन ईश्वरों की समझ हो, मैंने उनके स्वरूप के विषय में तुम्हें आरंभ में बताया है, उस तरह के मूर्ति को कॉलडियन राहलीनोस द्वारा बुलाया जाता है, जोकि चित्रलिपि को दर्शाता है ।

15 और जैसे ही उन्होंने अपने हाथों को मेरे ऊपर उठाया, ताकि वे मेरी भेंट चढ़ा सकें और मेरा जीवन ले सकें, मैंने अपनी आवाज अपने प्रभु परमेश्वर की ओर उठाई, और प्रभु ने ध्यान लगाकर मुझे सुना, और उसने मुझे सर्वशक्तिमान के दिव्यदर्शन से भर दिया, और उसकी उपस्थिति के स्वर्गदूत मेरे साथ खड़े थे, और तुरंत मेरे बंधनों को मुक्त कर दिया;

16 और उसकी वाणी मैंने सुनी: इब्राहीम, इब्राहीम, देखो, मेरा नाम यहोवा है, और मैंने तुम्हें सुना है, और तुम्हें मुक्त करने नीचे आया हूं, और तुम्हें तुम्हारे पिता के घर से ले जाने आया हूं, और तुम्हारे सब रिश्तेदारों से, एक अंजान प्रदेश में जिसके विषय में तुम नहीं जानते;

17 और यह क्योंकि उन्होंने अपने हृदयों को मुझ से मोड़ लिया है, एलकेना के ईश्वर की आराधना करने के लिए, और लिब्ना के ईश्वर की, और महमैकरा, और कोरश के ईश्वर की, और फिरौन, मिस्र के राजा के ईश्वर की; इसलिए मैं नीचे आया हूं उनसे भेंट करने, और उसका विनाश करने जिसने अपने हाथ तुम्हारे विरूद्ध उठाएं हैं, इब्राहीम, मेरे बेटे, तुम्हारा जीवन लेने के लिए ।

18 देखो, मैं तुम्हारा मार्गदर्शन अपने हाथों द्वारा करूंगा, और मैं तुम्हें ले जाऊंगा, तुम्हें अपना नाम देने के लिए, तुम्हारे पूर्वजों का पौरोहित्य भी, और मेरी शक्ति तुम्हारे ऊपर होगी ।

19 जैसा यह नूह के साथ था ऐसा ही यह तुम्हारे साथ भी होगा; लेकिन तुम्हारी सेवकाई से मेरा नाम पृथ्वी पर हमेशा के लिए जाना जाएगा, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर हूं ।

20 देखो, पोतीपर की पहाड़ी कॉलडिया के उर प्रदेश में थी । और प्रभु ने एलकेना की वेदी को तोड़ डाला, और प्रदेश के ईश्वरों की, और उन्हें बुरी तरह से नष्ट कर दिया, और याजक को इतना दंड दिया कि वह मर गया; और कॉलडिया में बहुत शोक छा गया, और फिरौन के दरबार में भी; जो फिरौन को राजसी खून द्वारा राजा दर्शाता है ।

21 अब यह मिस्र का राजा हाम के वंश से था, और जन्म द्वारा कनानियों के खून से आया था ।

22 इस वंशज से संपूर्ण मिस्रवासी निकले थे, और इस प्रकार कनानियों का खून प्रदेश में सुरक्षित रखा गया था ।

23 मिस्र प्रदेश को सर्वप्रथम एक स्त्री द्वारा खोजा गया था, जोकि हाम की बेटी थी, और मिस्र की बेटी, जो कॉलडियन में मिस्र को दर्शाता है, जोकि उसे दर्शाता है जिसे क्षमा किया गया हो;

24 जब इस स्त्री ने प्रदेश की खोज की तो यह जल के नीचे था, जिसने बाद में अपने बेटों को यहां बसाया था, हाम से, उस जाति को फैलाया जो प्रदेश में सुरक्षित की गई थी ।

25 अब मिस्र के प्रथम प्रशासन को फिरौन द्वारा स्थापित किया गया था, मिस्र का सबसे बड़ा बेटा, हाम की बेटी, और यह हाम के प्रशासन के अनुसार था, जोकि कुलपति था ।

26 फिरौन, धार्मिक पुरूष होते हुए, ने अपने राज्य को स्थापित किया और अपने संपूर्ण समय में अपने लोगों का बुद्धिमानी से और उचित न्याय किया था, मन लगाकर उसका अनुकरण करते हुए जो उसके पूर्वजों द्वारा प्रथम पीढ़ी में स्थापित किया गया था, प्रथम कुलपति के राज के समय में, आदम के राज में भी, और नूह भी, उसके पिता, जिसे पृथ्वी की आशीषों से आशीषित किया गया था, और बुद्धि की आशीषों से, लेकिन उसे पौरोहित्य के संबंध में श्रापित किया ।

27 अब, फिरौन उस वंश का होते हुए जिसके द्वारा वह पौरोहित्य के अधिकार को प्राप्त नहीं कर सकता था, यद्यपि फिरौन नूह से इसका दावा करेगा, हाम के द्वारा, इसलिए मेरे पिता को उनकी मूर्तिपूजा से दूर ले जाया गया था;

28 लेकिन मैं प्रयास करूंगा, इसके बाद, मुझ से लेकर सृष्टि के आरंभ तक के कालक्रम का वर्णन करने का, क्योंकि अभिलेख मेरे हाथों में आ गए हैं, जो वर्तमान समय तक मेरे पास हैं ।

29 अब, एलकेना के याजक को दंड दिए जाने के बाद कि वह मर गया, तब उन बातों का परिपूर्ण होने का समय आया जिन्हें मुझे कॉलडिया के प्रदेश के विषय में बताया गया था, कि प्रदेश में आकाल होगा ।

30 उसी अनुसार आकाल संपूर्ण कॉलडिया प्रदेश में फैल गया, और मेरे पिता ने आकाल के कारण अत्यधिक कष्ट उठाया था, और उसने उस बुराई का पश्चाताप किया जो उसने मेरे विरूद्ध करने का निश्चय किया था, मेरा जीवन लेने के लिए ।

31 लेकिन पूर्वजों के अभिलेख, कुलपतियों के भी, पौरोहित्य के अधिकार के संबंध में, प्रभु मेरे परमेश्वर ने मेरे स्वयं के हाथों में सुरक्षित रखा था; इसलिए सृष्टि के आरंभ के ज्ञान को, और ग्रहों, और तारों के भी, जिस प्रकार वे पूर्वजों को बताए गए थे, जिसे मैंने इस दिन तक सुरक्षित रखा है, और मैं उनमें से कुछ को इस अभिलेख में लिखने का प्रयास करूंगा, अपने वंश के लाभ के लिए जो मेरे बाद आएंगे ।