अध्याय 5
परमेश्वर ने सब प्राणियों की सृष्टि करने की उनकी योजना को समाप्त किया—उन्होंने सृष्टि को अपनी योजनाओं के अनुसार पूरा किया—आदम प्रत्येक जीवित प्राणी का नाम रखता है ।
1 और इस प्रकार हम आकाश और पृथ्वी को पूरा करेंगे, और उन सब प्राणियों को ।
2 और परमेश्वर ने आपस में कहा: सातवें दिन हम अपना कार्य समाप्त करेंगे, जिसकी हमने सलाह की है; और हम सातवें दिन विश्राम करेंगे अपने सभी कार्यों से जिनकी हमने सलाह की है ।
3 और परमेश्वर ने सातवें दिन कार्य को समाप्त किया, क्योंकि उन्होंने सातवें दिन अपने सभी कार्यों से विश्राम किया जिन्हें बनाने के लिए उन्होंने (परमेश्वर) आपस में सलाह की थी; और इसे पवित्र किया । और इस प्रकार ये उनके निर्णय थे जिनकी उन्होंने आकाश और पृथ्वी को बनाने के लिए आपस में सलाह की थी ।
4 और ईश्वर नीचे आए और इन पीढ़ियों के आकाश और पृथ्वी को बनाया, उन्हें उस दिन बनाया गया था जब परमेश्वरों ने पृथ्वी और आकाश को बनाया था,
5 उन सभी के अनुसार जिनकी उन्होंने मैदान के प्रत्येक पौधे के संबंध में कहा था इसके पृथ्वी में होने से पहले, और मैदान के प्रत्येक छोटे पेड़ इसके उगने से पहले; क्योंकि परमेश्वर ने पृथ्वी पर वर्षा होने की सलाह नहीं की थी, और हल लगाने के लिए मनुष्य को नहीं बनाया था ।
6 फिर भी पृथ्वी से कुहरा ऊपर उठा, और धरती की संपूर्ण सतह को सींच दिया ।
7 और परमेश्वर ने धरती की मिट्टी से आदम बनाया, और इस आत्मा को लिया (अर्थात, आदम की आत्मा), और इसे उसमें डाल दिया; और उसके नथनों में जीवन की सांस को फूंक दिया, और आदम जीवित प्राणी बन गया ।
8 और परमेश्वर ने एक बगीचा उगाया, अदन की पूर्वदिशा में, और वहां उन्होंने आदम को रखा, जिसकी आत्मा उन्होंने उसके शरीर में डाला जिसे उन्होंने बनाया था ।
9 और धरती से परमेश्वर ने प्रत्येक वृक्ष को उगाया जो देखने में मनोहर और खाने में अच्छे थे; और जीवन का वृक्ष, भी, बगीचे के बीच में, और भले और बुरे के ज्ञान का वृक्ष लगाया ।
10 वहां एक नदी अदन से बहकर निकलती थी, बगीचे को सींचते हुए, और वहां से बंटती और इसके चार सिरे बन जाते थे ।
11 और परमेश्वर ने आदम को लिया और उसे अदन के बगीचे में रखा, इसमें काम करे और इसकी रक्षा करने के लिए ।
12 और परमेश्वर ने मनुषय को आज्ञा दी, कहते हुए: बगीचे के प्रत्येक वृक्ष से तुम स्वतंत्र होकर खा सकते हो,
13 लेकिन अच्छे और बुरे के ज्ञान के वृक्ष में से, तुम इसमें से नहीं खाओगे; क्योंकि जिस समय तुम इसमें से खाओगे, तुम अवश्य ही मर जाओगे । अब मैं, इब्राहीम, ने देखा कि यह प्रभु के समय के अनुसार था जो कि कोलब के समय के अनुसार था; क्योंकि अभी परमेश्वर आदम को उसकी गणना के लिए नियुक्त नहीं किया था ।
14 और परमेश्वर ने कहा: आओ हम उसकी मदद के लिए सहायक बनाएं, क्योंकि यह उचित नहीं है कि आदम अकेला रहे, इसलिए हम उसकी मदद के लिए एक सहायक बनाएंगे ।
15 और परमेश्वर ने आदम को गहरी नींद में सुला दिया; और जब वह सो गया, और उन्होंने उसकी एक पसली को निकाला, और उस पर मांस लगाकर बंद कर दिया;
16 और जो पसली परमेश्वर ने आदम से निकाला था, उन्होंने स्त्री को बनाया, और आदम के सामने लाए ।
17 और आदम ने कहा: यह मेरी हड्डी की हड्डी है, और मेरे मांस का मांस है; अब वह नारी कहलाएगी, क्योंकि वह नर से निकाली गई थी;
18 इसलिए पुरूष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा और वे एक तन बने रहेंगे ।
19 और वे दोनों नंगे थे, आदम और उसकी पत्नी, और वे शर्माते नहीं थे ।
20 और परमेश्वर ने धरती के प्रत्येक जानवरों को, और हवा के प्रत्येक पक्षी को, और आदम के पास लाया देखने के लिए कि वह उनका क्या कहकर बुलाता है; और जो कुछ नाम ने प्रत्येक जीवित प्राणी का नाम आदम ने रखा, वही उसका नाम हो गया ।
21 और आदम ने सब पशुओं को, हवा के पक्षियों को, मैदान के प्रत्येक जानवर को नाम दिया; और आदम को, उसकी मदद के लिए एक सहायक मिली गई थी ।