विवरण पुस्तिका और नियुक्तियां
पौरोहित्य नियम


“3. पौरोहित्य नियम,” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन (2023)।

“3. पौरोहित्य नियम,” सामान्य विवरण पुस्तिका से संकलन

Image
मंदिर के निकट परिवार चलते हुए

3.

पौरोहित्य नियम

3.0

परिचय

पौरोहित्य परमेश्वर का अधिकार और शक्ति है। पौरोहित्य के माध्यम से, स्वर्गीय पिता “मनुष्य के अमरत्व और अनंत जीवन को कार्यान्वित करता है” (मूसा 1:39)। परमेश्वर इस कार्य को करने में सहायता के लिए पृथ्वी पर अपने बेटे और बेटियों को यह अधिकार और शक्ति प्रदान करता है (देखें अध्याय 1)।

3.2

पौरोहित्य की आशीषें

अनुबंधों और पौरोहित्य विधियों के माध्यम से, परमेश्वर अपने सभी बच्चों को पौरोहित्य आशीषें उपलब्ध कराता है। इन आशीषों में शामिल हैं:

  • अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे में बपतिस्मा और सदस्यता।

  • पवित्र आत्मा का उपहार।

  • प्रभु-भोज में भाग लेना।

  • गिरजा नियुक्तियों और कार्यभारों में सेवा करने का अधिकार और शक्ति।

  • चंगाई, दिलासा,और मार्गदर्शन के लिए कुलपति की आशीषें और अन्य पौरोहित्य आशीषें प्राप्त करना।

  • मंदिर में परमेश्वर की शक्ति से वृत्तिदान प्राप्त होना।

  • अनंत काल के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ मुहरबंद किया जाना।

  • अनंत जीवन की प्रतिज्ञा।

3.3

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य और हारूनी पौरोहित्य

गिरजे में, पौरोहित्य के दो भाग हैं: मेल्कीसेदेक पौरोहित्य और हारूनी पौरोहित्य (देखें सिद्धांत और अनुबंध 107:1)।

3.3.1

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य “परमेश्वर के पुत्र की रीति पर पवित्र पौरोहित्य” है (सिद्धांत और अनुबंध 107:3)। यह वह शक्ति है जिसके द्वारा परमेश्वर के बेटे और बेटियां उसके समान बन सकते हैं। (देखें सिद्धांत और अनुबंध 84:19–21; 132:19–20)।

इस अधिकार के माध्यम से, गिरजा मार्गदर्शक सभी आत्मिक कार्यों को निर्देशित एवं प्रशासित करते हैं (देखें सिद्धांत और अनुबंध 107:18)।

स्टेक अध्यक्ष स्टेक में पीठासीन उच्च याजक है (सिद्धांत और अनुबंध 107:8–10; इस विवरण पुस्तिका में अध्याय 6 भी देखें)। वार्ड में धर्माध्यक्ष पीठासीन उच्च याजक है (सिद्धांत और अनुबंध 107:17; इस विवरण पुस्तिका में अध्याय 7 भी देखें)।

मेल्कीसेदेक पौरोहित्य के पदों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी के लिए, देखें 8.1

3.3.2

हारूनी पौरोहित्य

हारूनी पौरोहित्य “उच्चतर या मेल्कीसेदेक पौरोहित्य से जुड़ी है (सिद्धांत और अनुबंध 107:14)। इसमें निम्न कुंजियां शामिल हैं:

  • स्वर्गदूतों की सेवकाई।

  • पश्चाताप का सुसमाचार।

  • पापों की क्षमा के लिए बपतिस्मा सहित अन्य बाह्य विधियां संपन्न करना।

(देखें सिद्धांत और अनुबंध 13:1; 84: 26– 26; 107:20।)

धर्माध्यक्ष वार्ड में हारूनी पौरोहित्य का अध्यक्ष है। (देखें सिद्धांत और अनुबंध 107:15)।

हारूनी पौरोहित्य के पदों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी के लिए, देखें 10.1.3

3.4

पौरोहित्य अधिकार

पौरोहित्य का अधिकार परमेश्वर का प्रतिनिधित्व और उसके नाम पर कार्य करने का अधिकार है। गिरजे में, पौरोहित्य अधिकार का उपयोग उन लोगों के निर्देशन में किया जाता है जो पौरोहित्य कुंजियां धारण करते हैं।

3.4.1

पौरोहित्य कुंजियां

पौरोहित्य कुंजियां परमेश्वर के बच्चों के लिए पौरोहित्य के उपयोग को निर्देशित करने का अधिकार हैं।

3.4.1.1

वे जो पौरोहित्य कुंजियां धारण करते हैं

प्रभु ने अपने प्रत्येक प्रेरित को वे सभी कुंजियां सौंपी हैं जो पृथ्वी पर परमेश्वर के राज्य से संबंधित हैं। वरिष्ठ जीवित प्रेरित, गिरजे के अध्यक्ष, पृथ्वी पर एकमात्र व्यक्ति हैं जो उन सभी पौरोहित्य कुंजियों का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं (देखें सिद्धांत और अनुबंध 81:1–2; 107:64–67, 91–92; 132:7)

गिरजे के अध्यक्ष के निर्देशन में, पौरोहित्य मार्गदर्शकों को कुंजियां सौंपी जाती हैं ताकि वे अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्रों में अध्यक्षता कर सकें। इन मार्गदर्शकों में शामिल हैं:

  • स्टेक और जिला अध्यक्ष।

  • धर्माध्यक्ष और शाखा अध्यक्ष।

  • मेल्कीसेदेक और हारूनी पौरोहित्य परिषद अध्यक्ष।

  • मंदिर अध्यक्ष।

  • मिशन अध्यक्ष और प्रचारक प्रक्षिशण केंद्र अध्यक्ष।

ये मार्गदर्शक अपनी नियुक्तियों के लिए अलग किए जाने पर पौरोहित्य कुंजियां प्राप्त करते हैं।

पौरोहित्य कुंजियां गिरजा संगठनों में स्थानीय पौरोहित्य मार्गदर्शकों या अध्यक्षों के सलाहकारों सहित, अन्य लोगों को नहीं सौंपी जाती हैं। गिरजा संगठनों के अध्यक्ष पौरोहित्य कुंजियां धारकों के निर्देशन में अध्यक्षता करते हैं (देखें 4.2.4)।

3.4.1.2

प्रभु के कार्य की रीति

पौरोहित्य कुंजियां यह सुनिश्चित करने में सहायता करती हैं कि उद्धार और उत्कर्ष का कार्य व्यवस्थित रीति से संपन्न किया जाए (देखें सिद्धांत और अनुबंध 42:11; 132:8)। पौरोहित्य कुंजियां धारक अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्रों के अंतर्गत प्रभु के कार्य को निर्देशित करते हैं। यह अध्यक्षता अधिकार मार्गदर्शक की नियुक्ति से संबंधित विशेष जिम्मेदारियों के लिए मान्य है। पौरोहित्य मार्गदर्शक नियुक्ति से सेवामुक्त होने पर इन कुंजियों को धारण नहीं करते हैं।

3.4.2

पौरोहित्य प्रदान करना और नियुक्ति

पौरोहित्य कुंजियां धारकों के निर्देशन में, हारूनी पौरोहित्य और मेल्कीसेदेक पौरोहित्य गिरजे के योग्य पुरुष सदस्यों को प्रदान किया जाता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 84:14–17)। उचित पौरोहित्य प्रदान किए जाने के बाद, वह व्यक्ति उस पौरोहित्य के किसी पद में नियुक्त किया जाता है, जैसे डीकन या एल्डर। पौरोहित्य धारक उस पद के अधिकारों और कर्तव्यों के अनुसार पौरोहित्य का उपयोग करता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 107:99)।

पौरोहित्य प्रदान करना और नियुक्ति के बारे में, अधिक जानकारी के लिये, देखें 8.1.1 और 18.10

3.4.3

गिरजे में सेवा करने के लिए पौरोहित्य अधिकार का प्रतिनिधित्व

3.4.3.1

नियुक्ति के लिए अलग करना

जब पौरोहित्य कुंजियां धारकों के निर्देशन में पुरुषों और महिलाओं को नियुक्ति के लिए अलग किया जाता है, तो उन्हें परमेश्वर की ओर से उस नियुक्ति में कार्य करने का अधिकार दिया जाता है। जब उन्हें नियुक्ति से सेवामुक्त किया जाता है, तो उनके पास इससे संबंधित कोई अधिकार नहीं होता है।

सभी गिरजा सदस्य जो नियुक्ति के लिए अलग किए जाते हैं, उन्हें नियुक्तियों में कार्य करने के लिए दिव्य अधिकार और जिम्मेदारी दी जाती है। उदाहरण के लिए:

  • वह महिला जिसे धर्माध्यक्ष द्वारा वार्ड सहायता संस्था अध्यक्षा के रूप में नियुक्त और नियुक्ति के लिए अलग किया जाता है, उसे वार्ड में सहायता संस्था के कार्य को निर्देशित करने का अधिकार दिया जाता है।

वे सभी जिन्हें नियुक्त और नियुक्ति के लिए अलग किया जाता है, वे उनकी अध्यक्षता करने वालों के निर्देशन में सेवा करते हैं (देखें 3.4.1.2)।

3.4.3.2

जिम्मदारी

पीठासीन गिरजा मार्गदर्शक जिम्मेदारी के अनुसार अधिकार सौंप सकते हैं। जब पुरुषों और महिलाओं को ये जिम्मेदारियां प्राप्त होती हैं, तो उन्हें कार्य करने के लिए परमेश्वर की ओर से अधिकार दिया जाता है। उदाहरण के लिए:

  • प्रथम अध्यक्षता और बारह प्रेरितों की परिषद सत्तरों को अधिकार सौंपते हैं जिन्हें क्षेत्रों का प्रशासन करने और स्टेक सम्मेलनों की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

  • गिरजा सदस्यों को सेवकाई भाइयों और सेवकाई बहनों के रूप में सेवा करने का अधिकार सौंपा जाता है।

वह अधिकार जिसे जिम्मेदारी के अनुसार सौंपा जाता है उस विशेष कार्यभार और जिम्मेदारी की अवधि तक सीमित होता है।

3.4.4

पौरोहित्य अधिकार का धार्मिकता से उपयोग करना

यह अधिकार केवल धार्मिकता के नियमों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 121:36)। इसका उपयोग अनुनय, धीरज, दयालुता और नम्रता, प्रेम और दया के द्वारा किया जाता है (देखें सिद्धांत और अनुबंध 121: 41– 42)।

जो लोग पौरोहित्य अधिकार का उपयोग करते हैं, वे दूसरों पर अपनी इच्छा नहीं थोपते। वे स्वार्थी उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग नहीं करते हैं।

3.5

पौरोहित्य शक्ति

पौरोहित्य शक्ति वह शक्ति है जिसके द्वारा परमेश्वर अपने बच्चों को आशीष देता है। गिरजे के सभी सदस्य—स्त्री और पुरुष, युवा और वृद्ध—परमेश्वर के साथ बनाए गए अनुबंधों का पालन करने से पौरोहित्य शक्ति प्राप्त करते हैं। जब सदस्य पौरोहित्य विधियां प्राप्त करते हैं तो वे इन अनुबंधों को बनाते हैं। (देखें सिद्धांत और अनुबंध 84:19-20।)

निम्नलिखित पौरोहित्य शक्ति की आशीषें सदस्यों को प्राप्त हो सकती हैं:

  • उनके जीवन के लिए मार्गदर्शन

  • परिवार के सदस्यों और दूसरों की सेवा करने के बारे में जानने की प्रेरणा।

  • चुनौतियों में दृढ़ रहने और विजय पाने का बल।

  • उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आत्मा के उपहार।

  • उस कार्य के लिए प्रकटीकरण प्राप्त करना जिसे करने के लिए उन्हें नियुक्त, नियुक्ति के लिए अलग किया, या सौंपा गया है।

  • यीशु मसीह और स्वर्गीय पिता के समान बनने में मदद और शक्ति।

3.5.1

अनुबंध

अनुबंध स्वर्गीय पिता और उसके बच्चों के बीच एक पवित्र प्रतिज्ञा है। परमेश्वर अनुबंध के लिए शर्तें देता है, और उसके बच्चे उन शर्तों का पालन करने के लिए सहमत होते हैं। परमेश्वर अपने बच्चों को आशीष देने की प्रतिज्ञा करता है जब वे अनुबंध का पालन करते हैं।

वे सभी जो अपने अनुबंधों का पालन करने में अंत तक धीरज धरते हैं, अनन्त जीवन प्राप्त करेंगे (देखें 2 नफी 31:17–20; सिद्धांत और अनुबंध 14:7)।

माता-पिता, गिरजा मार्गदर्शक, और अन्य व्यक्ति अनुबंध बनाने के लिए तैयार होने में लोगों की मदद करते हैं जब वे सुसमाचार के नियमों को प्राप्त करते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति उन अनुबंधों को समझता है जिन्हें वह बनाएगा या बनाएगी। जब कोई व्यक्ति अनुबंध बनता है, तो वे उसका पालन करने में उसकी सहायता करते हैं। (देखें मुसायाह 18: 8– 11, 8-26।)

3.5.2

विधियां

विधि पौरोहित्य के अधिकार द्वारा किया गया पवित्र कार्य है।

बहुत सी विधियों में, लोग परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाते हैं। उदाहरणों में बपतिस्मा, प्रभु-भोज, वृत्तिदान और विवाह मुहरबंदी विधियां शामिल हैं।

उद्धार और उत्कर्ष की विधियां अनंत जीवन के लिए अनिवार्य हैं। अधिक जानकारी के लिए, देखें 18.1

3.6

पौरोहित्य और घर

गिरजे के सभी सदस्य जो अपने अनुबंधों का पालन करते हैं—महिलाएं, पुरूष, और बच्चे—अपने घरों में स्वयं को और अपने परिवारों को मजबूत करने के लिए परमेश्वर की पौरोहित्य शक्ति से आशीषित होते हैं (देखें 3.5)। यह शक्ति सदस्यों को उनके व्यक्तिगत जीवन और परिवारों में परमेश्वर के उद्धार और उत्कर्ष के कार्य को करने में सहायता करेगी (देखें 2.2)।

जो पुरुष मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारण करते हैं, वे परिवार के सदस्यों को निर्देशन, चंगाई और दिलासा देने के लिए पौरोहित्य की आशीष दे सकते हैं। आवश्यकता होने पर, गिरजा सदस्य विस्तारित परिवार के सदस्यों (रिश्तेदार), सेवकाई भाइयों, या स्थानीय गिरजा मार्गदर्शकों से भी ये आशीषें प्राप्त कर सकते हैं।

Chaapo