आओ, मेरा अनुसरण करो
20–26 अप्रैल । मुसायाह 4–6:


“20–26 अप्रैल । मुसायाह 4–6: ‘महान परिवर्तन” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिए: मॉरमन की पुस्तक 2020 2020

“20–26 अप्रैल । मुसायाह 4–6,” आओ, मेरा अनुसरण करो—व्यक्तियों और परिवारों के लिए: मॉरमन की पुस्तक 2020

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राजा बिन्यामीन अपने लोगों को शिक्षा देते हुए

अपने परमेश्वर की सेवा में, वॉल्टर राने द्वारा

20–26 अप्रैल

मुसायाह 4–6

“महान परिवर्तन”

जब आप मुसायाह 4–6 पढ़ते और विचार करते हैं, तो पवित्र आत्मा की प्रेरणाओं पर ध्यान दें । आप किन अच्छी बातों के लिए प्रेरित होते हैं ? (देखें मुसायाह 5:2) ।

अपने विचार लिखें

क्या आपने कभी किसी को आपका जीवन को बदलने के लिए बोलते सुना और महसूस किया है ? हो सकता हो, आपने जो सुना है, उसके कारण थोड़ा अलग ढंग—या बहुत अलग तरीके से जीने का फैसला किया हो । राजा बिन्यामीन का प्रवचन उस तरह का प्रवचन था, और जो सच्चाइयां उसने सीखाई थीं, उसका लोगों पर उस तरह का प्रभाव हुआ था जिन्होंने उन्हें सुना था । राजा बिन्यामीन ने अपने लोगों के साथ साझा किया जो उसे एक स्वर्गदूत ने सिखाया था—वह अद्भुत आशीषें “मसीह के प्रायश्चित लहू” के द्वारा संभव हुई थी (मुसायाह 4:2) । उसके संदेश ने उनके स्वयं के पूरे दृष्टिकोण को बदल दिया (देखें मुसायाह 4:2), उनकी इच्छाओं को बदल दिया (देखें मुसायाह 5:2), और उन्हें परमेश्‍वर से प्रतिज्ञा करने के लिए प्रेरित किया कि वे हमेशा उसकी इच्छा पूरी करेंगे (देखें मुसायाह 5:5) । इस प्रकार राजा बिन्यामीन के शब्दों ने उसके लोगों को प्रभावित किया था । वे कैसे आपको प्रभावित करेंगे ?

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व्यक्तिगत अध्ययन आइकॉन

व्यक्तिगत धर्मशास्त्र अध्ययन के लिए विचार

मुसायाह 4

यीशु मसीह के द्वारा, मैं अपने पापों की मुक्ति प्राप्त कर सकता हूं ।

प्राकृतिक मनुष्य पर विजय प्राप्त करना सरल नहीं है । “प्रभु मसीह के प्रायश्चित द्वारा संत” बनने के लिए, अत्याधिक प्रयास करने की आवश्यकता होती है (मुसायाह 3:19) । कभी-कभी, जब आप अपने पापों को क्षमा कर चुके होते हैं, फिर भी आप उस भावना को दूर रखने और धार्मिकता के मार्ग पर बने रहने के लिए संघर्ष कर सकते हैं । राजा बिन्यामीन ने अपने लोगों को सिखाया था कि कैसे पापों से छुटकारा और मुक्ति दोनों प्राप्त करते हैं और निरंतर संत बने रह सकते हैं । जब आप मुसायाह का अध्याय 4 अध्ययन करते हैं, तो आप स्वयं से निम्न प्रश्न पूछे सकते हैं:

पद 1–12राजा बिन्यामीन के लोगों को पापों के छुटकारे से क्या आशीषें मिली थी ? राजा बिन्यामीन ने उन्हें उनके पापों से छुटकारे में मदद करने के लिए क्या सिखाया था ? उसने हमें उद्धार प्राप्त करने के बारे में क्या सिखाया था ? उस पर ध्यान दें जो राजा बिन्यामीन ने हमें “हमेशा याद रखने के लिए” कहा था (पद 11) । इन बातों को याद करने के लिए आप क्या करने की प्रेरणा महसूस करते हैं ?

पद 12–16इन पदों के अनुसार, हमारे जीवनों में क्या होता है यदि हम उन कार्यों को करते हैं जो पद 11 में बताए गए हैं ? क्या आपने इन परिवर्तनों को अपने जीवन में महसूस किया है ? कैसे ये मुसायाह 3:19 में बताए परिवर्तनों के समान हैं ?

पद 16–30गरीबों के साथ साझा करने से हमें अपने पापों को दूर करने में कैसे मदद मिलती है ? मसीह समान बनने के लिए कैसे आप पद 27 को अपने प्रयासों में लागू कर सकते हैं ?

डेविड ए. बेडनार “Always Retain a Remission of Your Sins,” Ensign or Liahona, May 2016, 59–62; Dale G. Renlund, “Preserving the Heart’s Mighty Change,” Ensign or Liahona, Nov. 2009, 97–99 भी देखें ।

मुसायाह 5:1–7

प्रभु की आत्मा मेरे हृदय में महान परिवर्तन कर सकती है ।

लोगों के लिए ऐसा कहना असामान्य नहीं है, “मैं नहीं बदल सकता हूं । मैं ऐसा ही हूं ।” इसके विपरीत, राजा बिन्यामीन के लोगों का अनुभव हमें दिखाता है कि कैसे प्रभु की आत्मा वास्तव में हमारे हृदयों में परिवर्तन कर सकती है । अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने सीखाया है: “हम अपने व्यवहार को बदल सकते हैं ।” हमारी इच्छाएं बदल सकती हैं । … सच्चा परिवर्तन—स्थाई परिवर्तन—केवल यीशु मसीह के प्रायश्चित की चंगा करने, शुद्ध करने, और योग्य बनाने वाली शक्ति के द्वारा आ सकता है । यीशु मसीह का सुसमाचार बदलाव का सुसमाचार है (“Decisions for Eternity,” Ensign or Liahona, Nov. 2013, 108) ।

जब आप उस परिवर्तन के बारे में पढ़ते हैं जो राजा बिन्यामीन के लोगों ने अनुभव किए थे, तो विचार करें कि कैसे “महान परिवर्तन” उस सच्चे परिवर्तन की ओर ले जा सकता है जो आपके जीवन में हुआ है—या हो सकता है । कैसे कुछ “महान” क्षण आपके हृदय परिवर्तन की ओर ले गए थे, या धीरे-धीरे आपका परिवर्तन हुआ था ?

यहजकेल 36:26–27; अलमा 5:14; David A. Bednar, “Converted unto the Lord,” Ensign or Liahona, Nov. 2012, 106–9 भी देखें ।

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मसीह बीमार स्त्री को चंगा करते हुए

उद्धारकर्ता हमारे हृदयों और हमारे जीवनों को बदल सकता है । चंगाई के हाथ, एडम अब्राम द्वारा

मुसायाह 5:5–15

मैं स्वयं के ऊपर मसीह का नाम धारण करता हूं जब मैं अनुबंध बनाता हूं ।

राजा बिन्यामीन का अपने लोगों को संबंधोन करने का एक कारण “इन लोगों को नाम देना” था । कुछ नफाइयों थे और अन्य मूलक के वंशज थे, लेकिन ये नाम उसके मन में नहीं थे । उसने लोगों को परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता के अनुबंध के हिस्से के रूप में उनके ऊपर “मसीह का नाम” धारण करने के लिए आमंत्रित किया था (मुसायाह 1:11; 5:10) । मसीह का नाम अपने ऊपर धारण करने के अर्थ के बारे में मुसायाह 5:7–9 से आप क्या सीखते हैं ?

एल्डर डी. टॉड क्रिस्टोफरसन ने सीखया था, “[नैतिक और आत्मिक शक्ति का] स्रोत परमेश्वर है । उस शक्ति तक हमारी पहुंच हमारे अनुबंधों के द्वारा होती है” (“The Power of Covenants,” Ensign or Liahona, May 2009, 20) । जब आप मुसायाह 5:5–15 पढ़ते हैं, तो उन आशीषों की एक सूची बनाएं जो आपके जीवन में आएंगी जब आप परमेश्वर के साथ बनाए अनुबंधों का पालन करते हैं । कैसे अनुबंधों का पालन करने से आपको उस “महान परिवर्तन” को कायम रखने में मदद मिलती है जो यीशु मसीह और उसके प्रायश्चित द्वारा आप में होता है ?

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पारिवारिक अध्ययन आइकॉन

पारिवारिक धर्मशास्त्र अध्ययन और पारिवारिक घरेलू संध्या के लिये विचार

जब आप अपने परिवार के साथ धर्मशास्त्र का अध्ययन करते हैं, तो पवित्र आत्मा उन सिद्धांतों को समझने में आपकी मदद कर सकती है, जिन पर जोर देने और चर्चा करने से आपके परिवार की जरूरतें पूरी हो सकती हैं । यहां कुछ विचार दिए गए हैं ।

मुसायाह 4:9–12

कैसे आपका परिवार अधिक पूर्णरूप से “परमेश्वर में विश्वास” कर सकता है (मुसायाह 4:9) और “हमेशा परमेश्वर की महानता की याद में कायम रह सकता है”? (मुसायाह 4:11) । हो सकता है परिवार के सदस्य मुसायाह 4:9–12 पढ़ें, और उन वाक्यांशों की पहचान करें जो परमेश्वर में उनका विश्वास बनाने में मदद करे । फिर वे इन वाक्यांशों को लिख सकते हैं और घर में यादगार के रूप में लगा सकते हैं । कैसे इन बातों को याद रखना हमें “हमेशा आनंदित रहने” और “[हमारे] पापों के छुटकारे को कायम रखने” में मदद मिलेगी? (मुसायाह 4:12) ।

देखें मुसायाह 4:14–15

इन पदों से हम लड़ाई और बहस करने के बारे में क्या सीखते हैं ?

मुसायाह 4:16–26

किस तरह से हम सभी भिखारी हैं ? इन पदों के अनुसार, हमें परमेश्वर के सभी बच्चों से कैसा व्यवहार करना चाहिए ?(देखें Mosiah 4:26) । किसे हमारी मदद की जरूरत है ?

मुसायाह 4:27

क्या आपका परिवार आपकी क्षमता से अधिक तेज दौड़ रहा है ? हो सकता है कि आप परिवार के सदस्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी गतिविधियों का मूल्यांकन करने के लिए आमंत्रित करें, कि वे परिश्रमी के साथ-साथ बुद्धिमान भी हैं ।

मुसायाह 5:5–15

मसीह का नाम अपने ऊपर धारण करने से उसके साथ हमारे संबंधों के बारे में क्या पता चलता है ? इस बारे में बात करने में मदद हो सकती है कि लोग कभी-कभी अपने सामान पर अपना नाम क्यों लिखते हैं । हम किस प्रकार प्रदर्शित करते हैं कि हम उद्धारकर्ता “से संबंध” रखते हैं ?

बच्चों को सीखाने हेतु अधिक विचारों के लिये, आओ, मेरा अनुसरण करो—प्राथमिक के लिए मेंं इस सप्ताह की रूपरेखा देखें ।

हमारे शिक्षा में सुधार करना

प्रेमी वातावरण का पोषण करना जिस तरह से परिवार के सदस्य एक-दूसरे से व्यवहार करते हैं वह आपके घर की भावना को गहराई से प्रभावित कर सकता है । परिवार के सभी सदस्यों को प्रेमपूर्ण, सम्मानजनक घर स्थापित करने में उनका सहयोग करने दें जिससे प्रत्येक अनुभवों, प्रश्नों, और गवाहियों को बांटने में सुरक्षित महसूस करेगा । (Teaching in the Savior’s Way, 15 देखें ।)

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मसीह आंगन में पक्षियों को खिलाते हुए

उसकी निरंतर देखभाल में, ग्रेग के. ओलसन द्वारा

Chaapo