अध्याय 11
याकूब ने अपने मुक्तिदाता को देखा—मूसा का कानून उदाहरण देता और साबित करता है कि वह आएगा । लगभग 559–545 ई.पू.
1 और अब, याकूब ने उस समय मेरे लोगों से बहुत सी बातें कही; फिर भी केवल इन्हीं बातों का लिखने का अधिकार मुझे दिया गया, क्योंकि जो बातें मैंने लिखी वे मेरे लिए पर्याप्त हैं ।
2 और अब, मैं, नफी, अधिकतर यशायाह के वचनों को लिखूंगा, क्योंकि मेरी आत्मा उसके वचनों में आनंदित होती है । क्योंकि उसके वचनों को मैं अपने लोगों पर लागू करूंगा, और मैं इन्हें अपने सभी बच्चों को भेजूंगा, क्योंकि उसने सचमुच में मेरे मुक्तिदाता को देखा है, जैसा कि मैं उसे देखता हूं ।
3 और मेरे भाई, याकूब, ने भी उसे वैसे ही देखा है जैसे मैं उसे देखता हूं; इसलिए, मैं उनके वचनों को यह साबित करने के लिए अपने बच्चों को भेजूंगा कि मेरे वचन सच्चे हैं । इसलिए, परमेश्वर ने कहा है कि तीन लोगों की गवाहियों के द्वारा मैं अपना वचन स्थापित करूंगा । फिर भी, परमेश्वर और गवाह भेजेगा, और वह अपने सभी वचनों को साबित करेगा ।
4 देखो, अपने लोगों को मसीह के आने की सच्चाई को साबित करने में मेरी आत्मा आनंदित होती है; क्योंकि इसी लक्ष्य के लिए मूसा की व्यवस्था दी गई है; और संसार के आरंभ से जो बातें परमेश्वर की ओर से मनुष्यों को दी गई हैं, उसका प्रतिनिधित्व करती हैं ।
5 और मेरी आत्मा प्रभु के अनुबंधों में भी आनंदित होती है जिसे उसने हमारे पूर्वजों के साथ बनाया था; हां, मेरी आत्मा उसके अनुग्रह और उसके न्याय, शक्ति में, और मृत्यु से छुटकारे की महान और अनंत योजना की दया में आनंदित होती है ।
6 और मेरी आत्मा मेरे लोगों को यह साबित करने में आनंदित होती है कि यदि मसीह नहीं आया तो सभी मनुष्य नष्ट हो जाएंगे ।
7 क्योंकि यदि कोई मसीह नहीं होता तो कोई परमेश्वर भी नहीं होता; और यदि कोई परमेश्वर नहीं होता तो हम भी नहीं होते, क्योंकि कोई सृष्टि न होती । लेकिन परमेश्वर है, और वह मसीह है, और वह अपने समय की परिपूर्णता में आएगा ।
8 और अब मैं यशायाह के कुछ वचनों को लिखूंगा, ताकि मेरे लोगों में से जो भी इन वचनों को देखेगा खुश होकर सभी मनुष्यों के लिए आनंद मनाएंगे । अब ये वे वचन हैं, और तुम इन्हें अपने और सभी मनुष्यों पर लागू करोगे ।