खंड 11
भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा उसके भाई हायरम स्मिथ को हारमनी, पेनसिलवैनिया, मई 1829 में दिया गया प्रकटीकरण । यह प्रकटीकरण यूरिम और थूमिम द्वारा जोसफ की याचना और प्रश्न के उत्तर के रूप में मिला जो था । सफ स्मिथ का इतिहास बताता है कि यह प्रकटीकरण हारूनी पौरोहित्य की पुनास्थापना के बाद मिला था ।
1–6, दाख की बारी में काम करने वाले मजदूर उद्धार प्राप्त करेंगे; 7–14, विवेक की तलाश करें, पश्चाताप करने की याचना करें, आत्मा में भरोसा रखें; 15–22, आज्ञाओं का पालन करें, और प्रभु के वचनों का अध्ययन करें; 23–27, प्रकटीकरण और भविष्यवाणी की आत्मा को अस्वीकार न करें; 28–30, वे जो मसीह को ग्रहण करते हैं परमेश्वर के पुत्र बन जाते हैं ।
1 एक महान और अद्भुत कार्य मानव संतान के बीच होने को है ।
2 देखो मैं परमेश्वर हूं; मेरे वचन की ओर ध्यान दो, जोकि जीवित और शक्तिशाली, जोड़ों और मज्जा दोनों को काटकर अलग करने वाली दोधारी तलवार से तेज है; इसलिए मेरे वचन पर ध्यान दो ।
3 देखो, खेत पककर कटनी के लिए तैयार है; इसलिए, जो फसल एकत्र करना चाहता है वह हंसिये को अपने बल से चलाये, और समय रहते फसल एकत्र कर ले, ताकि वह अपनी आत्मा के लिए परमेश्वर के राज्य में अनंत उद्धार संजोकर रख सके ।
4 हां, जो कोई हंसिया चलायेगा और फसल एकत्र करेगा, वह परमेश्वर द्वारा नियुक्त किया गया है ।
5 इसलिए, यदि तुम मुझ से मांगोगे तो पाओगे; यदि तुम खटखटाओगे तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा ।
6 अब, जैसा तुमने मांगा है, देखो, मैं तुम से कहता हूं, मेरी आज्ञाओं का पालन करो, और सिय्योन के हित को लाने और स्थापित करने का प्रयास करो ।
7 संपत्ति की नहीं अपितु बुद्धि की इच्छा रखो; और, देखो, परमेश्वर के रहस्य तुम पर प्रकट किए जाएंगे, और तब तुम समृद्ध बनाये जाओगे । देखो, जिसके पास अनंत जीवन है वह समृद्ध है ।
8 मैं तुम से, सच, सच, कहता हूं, तुम मुझ से जैसी इच्छा करोगे वैसा तुम पाओगे; और, यदि तुम इच्छा करते हो, तो तुम इस पीढ़ी में बहुत अच्छा करने के माध्यम बनोगे ।
9 इस पीढ़ी से पश्चाताप के सिवाय कुछ मत कहो । मेरी आज्ञाओं का पालन करो, और मेरी आज्ञाओं के अनुसार, मेरे कार्य को करने में सहायता करो, और तुम आशीषित किए जाओगे ।
10 देखो, तुम्हारे पास उपहार है, या तुम्हारे पास एक उपहार होगा यदि तुम मुझ से विश्वास में मांगो, एक निष्कपट हृदय से, यीशु मसीह की शक्ति में विश्वास करते हुए, या मेरी शक्ति में जो तुम से बोलती है;
11 क्योंकि देखो, यह मैं हूं जो बोलता हूं; देखो, मैं वह ज्योति हूं जो अंधकार में चमकती है, और अपनी शक्ति के द्वारा मैं ये वचन तुम्हें देता हूं ।
12 और अब, मैं तुम से सच, सच कहता हूं, अपना भरोसा उस आत्मा में रखो जो भलाई करने की ओर ले जाती है—हां, न्याय से कार्य करने, विन्रमता से चलने, धार्मिकता से न्याय करने; और यह मेरी आत्मा है ।
13 मैं तुम से सच, सच कहता हूं, मैं तुम्हें अपनी आत्मा प्रदान करूंगा, जो तुम्हारे मन को आलोकित करेगी, जो आत्मा को आनंद से भर देगी;
14 और तब तुम जानोगे, या इस के द्वारा तुम जानोगे, सब बातें जो तुम मुझसे चाहते हो, जोकि धार्मिकता की बातों के संबंध हैं, विश्वास में मुझ में भरोसा करते हुए कि तुम प्राप्त करोगे ।
15 देखो, मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं कि तुम्हें यह मान लेने की आवश्यकता नहीं कि तुम्हें प्रचार करने के लिए नियुक्त किया गया जबतक कि तुम्हें नियुक्त नहीं किए जाते हो ।
16 थोड़ी और प्रतिक्षा करो, जबतक तुम मेरे वचन, मेरी चट्टान, मेरे गिरजे, और मेरे सुसमाचार को प्राप्त नहीं कर लेते, ताकि तुम मेरे सिद्धांत की निश्चितता को जान सको ।
17 और तब, देखो, अपनी इच्छाओं के अनुसार, हां, तुम्हारे विश्वास के अनुसार भी इसे तुम्हारे लिए किया जाएगा ।
18 मेरी आज्ञाओं का पालन करो; शांत रहो; मेरी आत्मा से अनुरोध करो;
19 हां, अपने संपूर्ण हृदय से मुझे से जुड़े रहो, ताकि तुम उन बातों को प्रकाश में लाने में सहायता कर सको जिनके विषय में कहा गया है—हां, मेरे कार्य का अनुवाद; शांत रहो जबतक तुम इसे पूरा नहीं कर लेते ।
20 देखो, यह तुम्हारा कार्य है, मेरी आज्ञाओं का पालन करना, हां, अपने संपूर्ण सार्मथ्य, मन, और शक्ति से ।
21 मेरे वचन की घोषणा करने का प्रयास न करो, पहले मेरा वचन ग्रहण करने का प्रयास करो, और फिर तुम्हारी जुबान खुलेगी; तब, यदि तुम चाहते हो, तुम्हें मेरी आत्मा और मेरा वचन प्राप्त होगा, हां, लोगों को प्रभावित करने के लिए परमेश्वर की शक्ति ।
22 लेकिन अभी शांत रहो; मेरे वचन का अध्ययन करो जो मानव संतान के बीच प्रकट हुआ है, और मेरे वचन का अध्ययन करो जो मानव संतान के बीच आएगा, या जिसका अभी अनुवाद हो रहा है, हां, जबतक तुम उस सब को ग्रहण नहीं करते जो मैं मानव संतान की इस पीढ़ी में प्रदान करूंगा, और फिर सब बातें इसमें जुड़ जाएंगी ।
23 देखो तुम हायरम, मेरे बेटे; परमेश्वर के राज्य की खोज करो, और सब वस्तुएं उसके अनुसार मिलेंगी जो उचित है ।
24 मेरी चट्टान पर निर्माण करो, जोकि मेरा सुसमाचार है;
25 प्रकटीकरण की आत्मा को अस्वीकार मत करो, न ही भविष्यवाणी की आत्मा को, क्योंकि हाय उस पर जो इन बातों को अस्वीकार करता है;
26 इसलिए, अपने हृदय में संजोकर रखो उस समय के आने तक जब मेरी समझ में तुम इसकी घोषणा करोगे ।
27 देखो, मैं उन सबों से कहता हूं जिनके पास भली इच्छाएं हैं, और फसल एकत्र करने के लिए हंसिया चलाए ।
28 देखो, मैं यीशु मसीह हूं, परमेश्वर का पुत्र । मैं संसार का जीवन और ज्योति हूं ।
29 मैं वही हूं जो अपने घर आया और मेरे अपनों ने मुझे ग्रहण नहीं किया;
30 लेकिन मैं तुम से, सच, सच कहता हूं, कि जितनों ने मुझे ग्रहण करते हैं, मैंने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दूंगा, उन्हें भी जो मेरे नाम पर विश्वास रखते हैं । आमीन ।