खंड 96
भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को, कर्टलैंड, ओहायो के शहर या सिय्योन स्टेक की योजना को दिखाते हुए, 4 जून 1833 में, कर्टलैंड के संतों को उदाहरण के तौर पर दिया गया प्रकटीकरण । यह अवसर उच्च याजकों के महा सम्मेलन का था, और विचार किए जाने का मुख्य विषय खास संपत्तियों को बेचना था, जो कर्टलैंड के निकट गिरजे के अधिकार में थी और इन्हें फ्रैंच फार्म के रूप में जाना जाता था । चूंकि महा सम्मेलन में इस बात पर सहमति न हो सकी कि फार्म का उत्तरदायित्व कौन ले, इसलिए इस विषय पर प्रभु से पूछने के लिए सब सहमत हुए थे ।
1, सिय्योन के कर्टलैंड स्टेक को मजबूत किया जाना है; 2–5, धर्माध्यक्ष को संतों के लिए विरासत को बांटना है; 6–9, जॉन जॉनसन को संयुक्त अध्यादेश का सदस्य होना है ।
1 देखो, मैं तुम से कहता हूं, इसमें समझदारी है, जिसके द्वारा तुम जान सकते हो कि तुम्हें इस विषय में कैसे कार्य करना है, क्योंकि मुझ में यह आवश्यक है कि यह स्टेक जिसे मैंने सिय्योन के बल के लिए स्थापित किया है मजबूत किया जाए ।
2 इसलिए, मेरे सेवक न्यूवेल के. विटनी इस स्थान की जिम्मेवारी ले जिसका तुम्हारे बीच जिक्र हुआ है, जिस पर मैं अपने पवित्र घर का निर्माण करने की योजना बनाता हूं ।
3 और फिर, इसे हिस्सों में बांटा जाए, समझदारी के अनुसार, उनके लाभ के लिए जो विरासत पाना चाहते हैं, जैसा यह तुम्हारे बीच परिषद में निधारित किया जाएगा ।
4 इसलिए, ध्यान रखना कि तुम इस विषय में सावधान रहो, और यह हिस्सा जो मेरे अध्यादेश के लाभ के लिए जरूरी है, मानव संतान को मेरे वचन पहुंचाने के उद्देश्य के लिए ।
5 क्योंकि देखो, मैं तुम से सच कहता हूं, मुझ में यह बहुत आवश्यक है, कि मेरा वचन मानव संतान तक पहुंचाया जाए, तुम्हारी भलाई के लिए मानव संतान के हृदयों को प्रभावित करने के उद्देश्य के लिए । तो भी । आमीन ।
6 और फिर, मैं तुम से सच कहता हूं, यह मुझ में समझदारी और आवश्यक है, कि मेरा सेवक जॉन जॉनसन जिसकी भेंट को मैंने स्वीकार किया है, और जिसकी प्रार्थनाएं मैंने सुनी हैं, जिससे मैं अनंत जीवन की प्रतिज्ञा करता हूं अब से जितना वह मेरी आज्ञाओं का पालन करता है—
7 क्योंकि वह यूसुफ का वंशज और उसके पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञा का भागीदार है—
8 मैं तुम से सच कहता हूं, मुझ में यह आवश्यक है कि वह इस अध्यादेश का सदस्य बने, ताकि वह मेरे वचन को मानव संतान तक पहुंचाने में सहायता कर सके ।
9 इसलिए तुम उसे इस आशीष को प्रदान करोगे, और वह उन ऋणों को दूर करेगा जो इस घर पर हैं जिसका जिक्र तुमने किया है, ताकि वह इसमें निवास कर सके । तो भी । आमीन ।