पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 5


खंड 5

मार्टिन हैरिस के अनुरोध पर मार्च 1829 को, हारमनी, पैनसिलविनिया में, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ के द्वारा दिया गया प्रकटीकरण ।

1–10, यह पीढ़ी प्रभु के वचन को जोसफ स्मिथ के द्वारा प्राप्त करेगी; 11–18, तीन गवाह मॉरमन की पुस्तक को प्रमाणित करेंगे; 19–20, प्रभु के वचन प्रामाणित किए जाएंगे जैसे पिछले समयों में हुए थे; 21–35, मार्टिन हैरिस पश्चाताप करेगा और गवाहों में से एक होगा ।

1 देखो, मैं तुम से कहता हूं, कि जैसे मेरे सेवक मार्टिन हैरिस ने मेरी ओर से गवाह होने की इच्छा की है, कि तुम, मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., ने पट्टियां प्राप्त की थी जिसकी तुमने गवाही और साक्षी दी है जो तुमने मुझ से प्राप्त की है;

2 और अब, देखो, यह तुम उससे कहोगे—वह जिसने तुम से बात की थी, तुम्हें कहा था: मैं, प्रभु, परमेश्वर हूं, और इन चीजों को तुम्हें दिया है, मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., और तुम्हे आदेश दिया है कि तुम इन चीजों के गवाह रहोगे;

3 और मैने तुम्हें बाध्य किया है कि मेरे साथ एक अनुबंध बनाओ, कि तुम इन्हें किसी को नहीं दिखाओगे सिवाय उन व्यक्तियों के जिन्हें दिखाने का मैंने तुम आदेश दिया था; इन पर तुम्हारा कोई अधिकार नहीं सिवाय इसे मैं तुम्हें दूं ।

4 और तुम्हारे पास पट्टियों का अनुवाद करने का उपहार है; और यह एक पहला उपहार है जो मैंने तुम्हें प्रदान किया है; और मैंने आदेश दिया है कि तुम किसी अन्य उपहार पाने का दावा नहीं करोगे जबतक इसका उद्देश्य पूर्ण न हो जाए; क्योंकि मैं तुम्हें अन्य कोई उपहार नहीं दूंगा जबतक यह पूरा न हो जाए ।

5 मैं तुम से सच कहता हूं, कि पृथ्वी के वासियों पर कष्ट आएगा यदि वे मेरे वचनों पर ध्यान नहीं देंगे;

6 क्योंकि इसके बाद तुम्हें नियुक्त किया जाएगा और तुम मेरे वचनों को मानव संतान को सुनाओगे ।

7 देखो, यदि वे मेरे वचनों पर विश्वास नहीं करेंगे, वे तुम पर विश्वास नहीं करेंगे, मेरे सेवक जोसफ, यदि यह संभव होता है कि तुम इन सब चीजों को उन्हें दिखाओ जो मैंने तुम्हें सौंपी है ।

8 ओह, यह अविश्वासी और हठी पीढ़ी—मेरा क्रोध तुम्हारे विरूद्ध भड़कता है ।

9 देखो, मैं तुम से सच कहता हूं, मैंने उन चीजों को आरक्षित किया है जो मैंने तुम्हें सौंपी हैं, मेरे सेवक जोसफ, अपने बुद्धिमान उद्देश्य के लिए, और इसे भविष्य की पीढ़ियों पर प्रकट किया जाएगा;

10 लेकिन यह पीढ़ी तुम्हारे द्वारा मेरे वचन प्राप्त करेगी;

11 और तुम्हारी गवाही के अतिरिक्त, मेरे तीन सेवकों की गवाही, जिन्हें मैं बुलाऊंगा और नियुक्त करूंगा, जिन्हें मैं ये चीजें दिखाऊंगा, और वे मेरे वचनों के साथ जाएंगे जो तुम्हारे द्वारा दिए जाएंगे ।

12 हां, वे निश्चितरूप से जानेंगे कि ये बातें सच्ची हैं, क्योंकि मैं स्वर्ग से इसकी घोषणा उन पर करूंगा ।

13 मैं उन्हें शक्ति दूंगा कि वे इन्हें उस तरह देखे और अवलोकन करें जैसे वे हैं;

14 और किसी अन्य को मैं यह शक्ति नहीं दूंगा, इस पीढ़ी के बीच यह गवाही प्राप्त करने की, इसमें निर्जन प्रदेश से मेरे गिरजे की स्थापना होने और प्रकट किए जाने का आरंभ—ऐसा निर्मल जैसे चांद, और ऐसा चमकीला जैसे सूर्य, और ऐसा भंयकर जैसे झंडों के साथ सेना ।

15 और तीन गवाहों की गवाही में मैं अपना वचन भेजूंगा ।

16 और देखो, जो कोई मेरे वचनों पर विश्वास करता है, उनसे मैं अपनी आत्मा के प्रत्यक्षीकरण से मिलूंगा; और वे मुझ में जन्म लेगा, जल और आत्मा से—

17 और तुम्हें अभी थोड़ी प्रतिक्षा करनी चाहिए, क्योंकि तुम्हें अभी नियुक्त नहीं किया गया है—

18 और उनकी गवाही भी इस पीढ़ी के लिए दंड लाएगी यदि वे अपने हृदयों को उनके विरूद्ध कठोर करते हैं;

19 क्योंकि सर्वनाश का दंड पृथ्वी वासियों के बीच भेजा जाएगा, और समय-समय पर इसका आना जारी रहेगा, यदि वे पश्चाताप नहीं करते हैं, जबतक कि पृथ्वी खाली न हो जाए, और इसके निवासी मेरे आगमन के तेज से बर्बाद और पूर्णरूप से नष्ट न हो जाएं ।

20 देखो, मैं तुम्हें ये बातें बोलता हूं, जैसे मैंने लोगों को यरूशलेम के विनाश के विषय में बोला था; और मेरे वचन इस समय में प्रमाणित किए जाएगें जैसे यह अबतक प्रमाणित किए गए थे ।

21 और अब मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, मेरे सेवक जोसफ, पश्चाताप करने और मेरे सम्मुख अधिक सीधाई से चलने, और मनुष्यों की धारणाओं के सामने बिलकुल भी न झुकने की;

22 और कि तुम उन आज्ञाओं का पालन करने में दृढ़ रहोगे जो मैंने तुम्हें दी हैं; और यदि तुम ऐसा करते हो, देखो मैं तुम्हें अनंत जीवन देता हूं, यद्यपि तुम्हें मारा डाला जाए ।

23 और अब, फिर से, मैं तुम्हें बोलता हूं, मेरे सेवक जोसफ, उस मनुष्य के संबंध में जो सबूत चाहता है—

24 देखो, मैं उससे कहता हूं, वह स्वयं को श्रेष्ठ समझता है और मेरे सम्मुख स्वयं को पर्याप्त रूप से विनम्र नहीं बनाता है; लेकिन यदि वह मेरे सम्मुख झुकेगा, और शक्तिशाली प्रार्थना और विश्वास में स्वयं को विनम्र बनता है, अपने हृदय की निष्कपटता में, तब मैं उसे उन चीजों का दर्शन करने की अनुमति दूंगा जो वह देखने की इच्छा करता है ।

25 और फिर वह इस पीढ़ी के लोगों से कहेगा: देखो, मैंने उन बातों को देखा है जो प्रभु ने जोसफ स्मिथ, जु., को दिखाई हैं, और मैं निश्चतरूप से जानता हूं कि वे सच्ची है, क्योंकि मैंने उन्हें देखा है, क्योंकि वे मुझे परमेश्वर की शक्ति के द्वारा दिखाई गई हैं और मनुष्य की नहीं ।

26 और मैं प्रभु उसे आज्ञा देता हूं, मेरे सेवक मार्टिन हैरिस, कि वह इन बातों के विषय में कुछ और न कहेगा, सिवाय वह कहेगा: मैंने उन्हें देखा है, और वे मुझे परमेश्वर की शक्ति के द्वारा दिखाई गई हैं; और यही वे शब्द हैं जो वह कहेगा ।

27 लेकिन यदि वह इन्कार करता है तो वह उस अनुबंध को तोड़ता है जो उसने मेरे साथ बनाया है, और देखो, वह दोषी ठहराया जाएगा ।

28 और अब, सिवाय वह स्वयं को विनम्र बनाए और मुझ से उन कामों को स्वीकार करे जोकि गलत हैं, और मेरे साथ अनुबंध बनाए कि वह मेरी आज्ञाओं का पालन करेगा, और मुझ में विश्वास रखेगा, देखो, मैं उससे कहता हूं, उसे ऐसा कोई दर्शन नहीं मिलेगा, क्योंकि मैं उसे किसी भी चीज के दर्शन की अनुमति नहीं दूंगा जो मैंने कही हैं ।

29 और यदि ऐसा होता है, मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, मेरे सेवक जोसफ, कि तुम उसे कहोगे, कि वह बिलकुल कुछ न करे, न ही मुझे इस संबंध में और परेशान करे ।

30 और यदि ऐसा होता है, देखो, मैं तुम जोसफ से कहता हूं, जब तुम कुछ और पृष्ठों का अनुवाद कर लो तो कुछ अवधि के लिए बंद कर देना, जबतक मैं तुम्हें फिर से आज्ञा न दूं; तब तुम फिर से अनुवाद करना ।

31 और जबतक तुम ऐसा नहीं करते, देखो, तुम्हारे पास कोई उपहार न होगा, और मैं उन चीजों को वापस ले लूंगा जो मैंने तुम्हें सौंपी हैं ।

32 और अब, क्योंकि मैं उन्हें देख सकता हूं जो तुम्हें नष्ट करने की ताक में हैं, हां, मैं देख सकता हूं कि यदि मेरा सेवक मार्टिन हैरिस स्वयं को विनम्र नहीं करता और मेरे हाथ से गवाही प्राप्त नहीं करता है, तो वह उल्लंघन में गिर जाएगा;

33 और बहुत से हैं जो तुम्हें पृथ्वी से मिटाने की ताक में हैं; और इसी कारण, ताकि तुम्हारा जीवन लंबा हो सके, मैंने तुम्हें ये आज्ञा दे दी हैं ।

34 हां, इसी कारण मैंने कहा है: रूको, और बंद करो जबतक मैं तुम्हें आज्ञा नहीं देता, और मैं तुम्हें साधन दूंगा जिससे तुम उस कार्य को पूरा कर सके जो मैंने तुम्हें दिया है ।

35 और यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करने में विश्वसनीय रहते हो, तो तुम्हें अंतिम दिन ऊंचा उठाया जाएगा । आमीन ।