पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 18


खंड 18

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ, ओलिवर कॉउड्री, डेविड विटमर, और माट्रिन हैरिस, को फैयट, न्यू यार्क, जून 1829 में दिया गया प्रकटीकरण । भविष्यवक्ता के अनुसार, यह प्रकटीकरण “इन अंतिम दिनों में बारह प्रेरितों की नियुक्ति और गिरजे के निर्माण के संबंध में निर्देशों को भी को बताता है ।”

1–5, धर्मशास्त्र दिखाते हैं गिरजे का निर्माण कैसे करना है; 6–8, संसार में अधर्म पनपता जा रहा है; 9–16, आत्मा का मूल्य महान है; 17–25, उद्धार प्राप्त करने के लिए, मनुष्यों को मसीह का नाम अपने ऊपर धारण करना चाहिए; 26–36, बारह की नियुक्ति और कार्य प्रकट किए जाते हैं; 37–39, ओलिवर कॉउड्री और डेविड विटमर को बारह की खोज करनी है; 40–47, उद्धार प्राप्त करने के लिए, मनुष्यों को पश्चाताप, बपतिस्मा लेना, और आज्ञाओं का पालन करना चाहिए ।

1 अब, देखो, इसके कारण जो, मेरे सेवक ओलिवर कॉउड्री, ने मेरे विषय में जानने की इच्छा जाहिर की है, मैं तुम्हें ये वचन देता हूं:

2 देखो, मैंने तुम पर प्रकट किया है, कई अवसरों पर मेरी आत्मा के द्वारा, कि जो बातें तुमने लिखी हैं सच्ची है; इसलिए तुम जानते हो कि वे सच्ची हैं ।

3 और यदि तुम जानते हो कि वे सच्ची हैं, तो देखो, मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, कि तुम उन बातों पर भरोसा रखो जो लिखी हुई हैं;

4 क्योंकि उनमें मेरे गिरजे, मेरे सुसमाचार, और मेरी चट्टान के विषय में सारी बातें लिखी हुई हैं ।

5 इसलिए, यदि तुम मेरे गिरजे का निर्माण, मेरे सुसमाचार और मेरी चट्टान की बुनियाद पर करोगे, तो नरक के फाटक तुम पर प्रबल न होंगे ।

6 देखो, संसार में अधर्म पनपता जा रहा है; और यह अवश्यक है कि मानव संतान को पश्चाताप के लिए उकसाया जाए, अन्य जातियों और इस्राएल के घराने दोनों को ।

7 इसलिए, जब तुम्हारा बपतिस्मा मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु. के हाथों, उस रीति के अनुसार हुआ जैसा मैंने उसे निर्देश दिया है, तो उसने उस कार्य को पूरा किया जिसका निर्देश मैंने उसे दिया था ।

8 और अब, आश्चर्य मत करो कि मैंने उसे अपने उद्देश्य के लिए नियुक्त किया है, जिस उद्देश्य को केवल मैं जानता हूं; इसलिए, यदि वह मेरी आज्ञाओं का पालन करने में सचेत रहता है तो उसे अनंत जीवन से आशीषित किया जाएगा; और उसका नाम जोसफ है ।

9 और अब, ओलिवर कॉउड्री, मैं तुम से बात करता हूं, और डेविड विटमर तुम से भी, आदेश के द्वारा; क्योंकि, देखो, मैं सभी मनुष्यों को हर जगह पश्चाताप करने का निर्देश देता हूं, और तुम से कहता हूं, जैसे पौलुस मेरे प्रेरित से, क्योंकि तुम्हें भी उसी नियुक्ति द्वारा नियुक्त किया गया है जिससे उसे नियुक्त किया गया था ।

10 याद रखो आत्माओं का मूल्य परमेश्वर की दृष्टि में महान है;

11 क्योंकि, देखो, प्रभु तुम्हारे मुक्तिदाता ने शरीर में मृत्यु को सहा था; इसलिए उसने सभी मनुष्यों का दर्द सहा, ताकि सभी मनुष्य पश्चाताप कर सकें और उसके निकट आएं ।

12 और वह फिर से मृत्यु से जी उठा, ताकि वह सभी मनुष्यों को उसके निकट ला सके, पश्चाताप की शर्तों पर ।

13 और उस आत्मा में उसका आनंद कितना महान होगा जो पश्चाताप करती है!

14 इसलिए, तुम्हें इन लोगों को पश्चाताप की घोषणा करने के लिए नियुक्त किया गया है ।

15 और यदि ऐसा होता है कि तुम अपने सारे जीवन-भर इन लोगों से पश्चाताप करने के लिए परिश्रम करते, और एक आत्मा भी मेरे निकट लाते हो, तो तुम्हारा आनंद उसके साथ मेरे पिता के राज्य में कितना महान होगा!

16 और अब, यदि तुम्हारा आनंद उस एक आत्मा के साथ महान होता है जिसे तुम मेरे निकट मेरे पिता के राज्य में लाते हो, तो तुम्हारा आनंद कितना महान होगा यदि तुम बहुत सी आत्माएं मेरे निकट लाते हो!

17 देखो, तुम्हारे समक्ष मेरा सुसमाचार, और मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है ।

18 पिता से मेरे नाम में मांगो, विश्वास में भरोसा करते हुए, कि तुम प्राप्त करोगे, और तुम्हारे पास पवित्र आत्मा होगी, जो तुम्हें सब बातों की गवाही देगी जो मानव संतान के लिए जरूरी हैं ।

19 और यदि तुम्हारे पास विश्वास, आशा, और उद्धारता नहीं है, तो तुम कुछ नहीं कर सकते ।

20 किसी गिरजे के विरूद्ध लड़ाई मत करो, सिवाय उस गिरजे के जो शैतान का है ।

21 अपने ऊपर मसीह का नाम धारण करो, और शालीनता से सच्चाई बोलो ।

22 और जितने पश्चाताप करते और मेरे नाम, यीशु मसीह, में बपतिस्मा लेते हैं, और अंत तक धीरज धरते हैं, उन्हें बचाया जाएगा ।

23 देखो, यीशु मसीह वह नाम है जिसे पिता द्वारा दिया गया है, और कोई अन्य नाम नहीं है जिसके द्वारा मनुष्य बचाया जा सकता है ।

24 इसलिए, सभी मनुष्य अपने ऊपर उस नाम को धारण करें जो पिता द्वारा दिया गया है, क्योंकि उसी नाम में वे अंतिम दिन पुकारे जाएंगे;

25 इसलिए, यदी वे उस नाम को नहीं जानते जिसके द्वारा वे पुकारे गए हैं, वे पिता के राज्य में स्थान नहीं पा सकते ।

26 और अब, देखो, दूसरे हैं जिन्हें मेरे सुसमाचार की घोषणा करने के लिए नियुक्त किया गया है, अन्यजातियों और यहूदी दोनों में;

27 हां, बारह भी; और बारह मेरे शिष्य होगें, और वे अपने ऊपर मेरा नाम धारण करेंगे; और बारह वे होंगे जो अपने ऊपर मेरा नाम लेने की इच्छा संपूर्ण हृदय से करेंगे ।

28 और यदि वे संपूर्ण हृदय से मेरा नाम अपने ऊपर लेने की इच्छा करते हैं, तो उन्हें पूरे विश्व में प्रत्येक प्राणी को मेरा सुसमाचार प्रचार करने के लिए नियुक्त किया जाता है ।

29 और वे वो हैं जिन्हें मेरे नाम में बपतिस्मा देने के लिए नियुक्त किया जाता है, उसके अनुसार जैसा कि लिखा गया है;

30 और वह तुम्हारे पास है जोकि तुम्हारे समक्ष लिखा हुआ है; इसलिए, तुम इसे उन वचनों के अनुसार करना चाहिए जोकि लिखे हुए हैं ।

31 और अब मैं तुम से बोलता हूं, बारह—देखो, तुम्हारे लिए मेरा अनुग्रह ही पर्याप्त है; तुम मेरे समक्ष सीधाई से चलना और पाप न करना ।

32 और, देखो, तुम वो हो जो मेरे द्वारा याजकों और शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए नियुक्त किए गए हो; मेरे सुसमाचार की घोषणा करने के लिए, पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा जोकि तुम में है, मनुष्यों पर नियुक्तियों और परमेश्वर के उपहारों के अनुसार;

33 और मैं, यीशु मसीह, तुम्हारे प्रभु और तुम्हारे परमेश्वर ने, इसे बोला है ।

34 ये वचन लोगों या मनुष्य के नहीं हैं, लेकिन मेरे हैं; इसलिए, तुम गवाही दोगे वे मेरे हैं न कि मनुष्य के;

35 क्योंकि यह मेरी वाणी है जो इन्हें तुम से बोलती है; क्योंकि इन्हें मेरी आत्मा के द्वारा तुम्हें दिया गया है, और मेरी शक्ति के द्वारा तुम इन्हें एक दूसरे से पढ़ सकते हो; सिवाय मेरी शक्ति के द्वारा तुम इन्हें प्राप्त नहीं कर सकते;

36 इसलिए, तुम गवाही दे सकते हो कि तुमने मेरी वाणी सुनी है, और मेरे वचनों को जानते हो ।

37 और अब, देखो, मैं तुम्हें, ओलिवर कॉउड्री, और डेविड विटमर को भी, (जिम्मेदारी) देता हूं, कि तुम बारह की खोज करो, जो उसकी इच्छा करेंगे जो मैंने कहा है;

38 और उनकी इच्छाओं और उनके कार्यों से तुम उन्हें जानोगे ।

39 और जब तुम उन्हें खोज लेते हो तो तुम उन्हें इन बातों को दिखाओगे ।

40 और तुम झुकोगे और पिता की मेरे नाम में उपासना करोगे ।

41 और तुम्हें संसार को प्रचार करना चाहिए, यह कहते हुए: तुम्हें पश्चाताप करना और बपतिस्मा लेना चाहिए, यीशु मसीह के नाम में;

42 क्योंकि सभी पुरूषों को पश्चाताप करना और बपतिस्मा लेना चाहिए, और न केवल पुरूषों को, लेकिन स्त्रियों, और बच्चों को जो जिम्मेदारी की आयु के हो गए हैं ।

43 और अब, इसे प्राप्त करने के पश्चात, तुम्हें सब बातों में मेरी आज्ञाओं को पालन करना चाहिए;

44 और तुम्हारे हाथों के द्वारा मैं मानव संतान के बीच अद्भुत कार्य करूंगा, कि बहुत से अपने पापों का अंगीकार करें, पश्चाताप करें, और ताकि वे मेरे पिता के राज्य में दाखिल हो सकें ।

45 इसलिए, आशीषें जो मैं तुम्हें देता हूं सब बातों से बढ़कर हैं ।

46 और तुम्हें इसे प्राप्त करने के पश्चात, यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं करते तो तुम मेरे पिता के राज्य में नहीं बचाए जा सकते ।

47 देखो, मैं, यीशु मसीह, तुम्हारा प्रभु और तुम्हारा पिता, और तुम्हारा मुक्तिदाता, अपनी आत्मा की शक्ति के द्वारा इसे कहता हूं । आमीन ।