खंड 20
गिरजे के संगठन और शासन पर, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा फैयट या निकट, न्यूयॉर्क में दिया गया प्रकटीकरण । इस प्रकटीकरण के हिस्से 1829 की गरमियों से पहले दिए गए थे । संपूर्ण प्रकटीकरण, जो उस समय नियम और अनुबंध के रूप में जाना गया था, लगता है 6 अप्रैल 1830 (जिस दिन गिरजा संगठित हुआ था) के तुरंत बाद लिखा गया था । भविष्यवक्ता ने लिखा था, “हमने इसे उससे [यीशु मसीह] प्राप्त किया था, भविष्यवाणी और प्रकटीकरण की आत्मा द्वारा; जिसने न केवल हमें अधिक जानकारी दी, बल्कि हमें निश्चित दिन भी बताया जब, उसकी इच्छा और आदेश के अनुसार, हमें उसके गिरजे का संगठन एक बार फिर पृथ्वी पर करना चाहिए ।”
1–16, मॉरमन की पुस्तक अंतिम-दिन के कार्य की दिव्यता को साबित करता है; 17–28, सृष्टि, पतन, प्रायश्चित, और बपतिस्मे के सिद्धांतों की पुष्टि होती है; 29–37, पश्चाताप, न्याय, पवित्रीकरण, और बपतिस्मा नियंत्रित नियम प्रस्तुत किए जाते हैं; 38–67, एल्डरों, याजकों, शिक्षकों, और डीकनों के कर्तव्यों की समीक्षा की जाती है; 68–74, सदस्यों, बच्चों की आशीष, और बपतिस्मे की रीति को प्रकट किया जाता है; 75–84, प्रभु-भोज प्रार्थनाएं और गिरजे की सदस्यता के नियंत्रण के अधिनियम दिए जाते हैं ।
1 इन अंतिम दिनों में मसीह के गिरजे का उठ खड़ा होना, हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता के शरीर में आने एक हजार आठ सौ और तीस वर्ष बीत जाने के बाद, यह हमारे देश के कानून के अनुकूल नियमितरूप से संगठित और स्थापित किया जा रहा है, परमेश्वर की इच्छा और आदेशों के द्वारा, चौथे महिने, और इस महिने जिसे अप्रैल कहते हैं के छठवें दिन में—
2 जो आदेश जोसफ स्मिथ, जु., को दिए गए थे जिसे परमेश्वर ने नियुक्त किया था, और यीशु मसीह का प्रेरित नियुक्त किया था, इस गिरजे का प्रथम एल्डर होने के लिए;
3 और ओलिवर कॉउड्री, जिसे भी परमेश्वर ने नियुक्त किया था, यीशु मसीह का प्रेरित, इस गिरजे का द्वितीय एल्डर होने को, और उसके हाथों द्वारा नियुक्त किया गया;
4 और यह हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता के अनुग्रह के अनुसार, जिसकी सारी महिमा हो, अब भी और हमेशा । आमीन ।
5 इस प्रथम एल्डर को वस्तुतः प्रकट करने के बाद कि उसने अपने पापों की क्षमा प्राप्त कर ली थी, वह फिर से संसार के दिखाओं में फंस गया था;
6 लेकिन पश्चाताप करने के बाद, और स्वयं को गंभीरता से विनम्र बनाते हुए, विश्वास द्वारा, परमेश्वर ने उस पर पवित्र दूत द्वारा, जिसका चेहरा बिजली जैसा था, और जिसके वस्त्र शुद्ध और अत्यधिक सफेद थे;
7 और उसे आदेश दिया जिसने उसे प्रेरित किया था;
8 और उसे स्वर्ग से सामर्थ दी, जो पहले से तैयार किए गए थे उसके द्वारा, मॉरमन की पुस्तक का अनुवाद करन को;
9 जिसमें पतित लोगों का अभिलेख, और अन्य जातियों और यहूदियों के लिए भी यीशु मसीह के सुसमाचार की संपूर्णता है;
10 जो प्रेरणा द्वारा दी गई थी, और अन्यों को स्वर्गदूतों की सेवकाई के द्वारा पुष्ट की गई है, और संसार को उनके द्वारा प्रचार की गई है—
11 संसार को साबित करते हुए कि पवित्र धर्मशास्त्र सच्चे हैं, और कि परमेश्वर अवश्य ही मनुष्यों को प्रेरित और उन्हें अपने पवित्र कार्य के लिए इस युग और पीढ़ी में नियुक्त करता है, जैसे प्राचीन पीढ़ियों में करता था;
12 इस प्रकार दिखाते हुए कि वह वही परमेश्वर है जो कल, आज, और हमेशा एकसा है । आमीन ।
13 इसलिए, इतने महान गवाहों के होते हुए, उनके द्वारा संसार का न्याय किया जाएगा, उन सबों का भी जो कार्य को इसके बाद जानेंगे ।
14 और जो इसे विश्वास से स्वीकार करते, और धार्मिकता से कार्य करते हैं, अनंत जीवन का मुकुट प्राप्त करेंगे;
15 लेकिन वे जो अपने हृदयों को अविश्वास में कठोर करते, और इसे अस्वीकार करते हैं, यह उनके स्वयं के दंड का कारण बनेगा—
16 क्योंकि प्रभु परमेश्वर ने इसे कहा; और हम, गिरजे के एल्डरों ने, स्वर्ग के यशस्वी राजा के वचनों को सुना और इसकी गवाही देते हैं, जिसकी महिमा हमेशा और सदैव हो । आमीन ।
17 इन बातों के द्वारा हम जानते हैं कि स्वर्ग में परमेश्वर है, जो असीमित और अनंत, अनंतता से अनंतता तक वही अपरिवर्तनीय परमेश्वर, स्वर्ग और पृथ्वी, और सभी वस्तुएं जो इनमें हैं, का सृष्टिकर्ता;
18 और कि उसने मनुष्य की रचना की, नर और नारी, को अपनी स्वयं के स्वरूप और अपनी समानता में, उसने उन्हें रचा था;
19 और उन्हें आज्ञाएं दी कि उन्हें उससे प्रेम और उसकी सेवा करनी चाहिए, एकमात्र जीवित और सच्चे परमेश्वर, और कि वही एकमात्र दिव्य व्यक्ति जिसकी उन्हें उपासना करनी चाहिए ।
20 लेकिन इन पवित्र नियमों के उल्लघंन द्वारा मनुष्य कामुक और दुष्ट बना, और पतित मनुष्य हो गया था ।
21 इसलिए, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, जैसा उन धर्मशास्त्रों में लिखा हुआ है जोकि उसके विषय में दिए गए हैं ।
22 उसने प्रलोभनों का सामना किया लेकिन उनपर ध्यान नहीं दिया ।
23 वह सलीब पर चढ़ाया गया, मर गया, और तीसरे दिन फिर जी उठा;
24 और स्वर्ग पर चढ़ गया, पिता के दाहिने हाथ बैठने के लिए, पिता की इच्छा के अनुसार सर्वशक्तिमान अधिकार के साथ राज करने को;
25 ताकि जितने विश्वास करते और उसके पवित्र नाम में बपतिस्मा लेते, और विश्वास में अंत तक दृढ़ रहते हैं, बचाए जाएं—
26 जिन्होंने ने न केवल समय के मध्य में, शरीर में बाद विश्वास किया, लेकिन वे सब जो आरंभ से, उसके आने से भी पहले थे, जो भविष्यवक्ताओं के उन वचनों में विश्वास करते हैं, जो वे पवित्र आत्मा के उपहार से प्रेरित होकर बोलते हैं, जो सब बातों में उसकी सच्ची गवाही देते हैं, अनंत जीवन प्राप्त करेंगे,
27 वे भी जो बाद में आएंगे, जिन्हें पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के इन उपहारों और नियुक्तियों में विश्वास करना चाहिए, जो पिता और पुत्र की गवाही देती है;
28 जोकि पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा एक परमेश्वर हैं, असीमित और अनंत, जिनका अंत नहीं । आमीन ।
29 और हम जानते हैं कि मनुष्यों को पश्चाताप और यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करना चाहिए, और पिता को उसके नाम में उपासना करनी चाहिए, और अंत तक उसके नाम में विश्वास करना चाहिए, वरना वे परमेश्वर के राज्य में बचाए नहीं जा सकते ।
30 और हम जानते हैं हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह के द्वारा न्याय उचित और सत्य है;
31 और यह भी हम जानते हैं, कि न्याय हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह के द्वारा पवित्रीकरण उचित और सत्य है, उन लोगों के लिए जो परमेश्वर को प्रेम और सेवा अपने सामर्थ्य, मन, और शक्ति से करते हैं ।
32 लेकिन इसकी संभावना है कि मनुष्य अनुग्रह को खो दे और जीवित परमेश्वर से दूर चला जाए;
33 इसलिए गिरजा सावधान रहे और हमेशा प्रार्थना करते रहे, कि कहीं वे प्रलोभन में न पड़ जाएं;
34 हां, और वे भी जो पवित्र हैं सावधान रहें ।
35 और हम जानते हैं कि ये बातें सत्य और यूहन्ना के प्रकटीकरणों के अनुसार हैं, उसकी भविष्यवाणी की पवित्र पुस्तक, पवित्र धर्मशास्त्रों, या परमेश्वर के प्रकटीकरणों से न ही कुछ जोड़ा गया है, न ही कुछ घटाया गया है, जोकि इसके पश्चात पवित्र आत्मा के उपहार और शक्ति के द्वारा, परमेश्वर की वाणी, या स्वर्गदूतों की सेवकाई से आएंगे ।
36 और प्रभु परमेश्वर ने इसे बोला है; और आदर, शक्ति और महिमा उसके पवित्र नाम को मिले, अब और सदैव । आमीन ।
37 और फिर, बपतिस्मे के तरीके के संबंध में गिरजे को आदेश के रूप में—वे सब जो परमेश्वर के समक्ष विनम्र करते हैं, और बपतिस्मा लेने की इच्छा रखते हैं, और टूटे हृदयों और शोकार्त आत्माओं के साथ आगे आते हैं, और गिरजे के समक्ष गवाही देते हैं कि उन्होंने वास्तव में अपने सभी पापों से पश्चाताप किया है, और यीशु मसीह का नाम अपने ऊपर धारण करने की इच्छा करते हैं, अंत तक उसकी सेवा करने के निश्चय के साथ, और अपने कार्यों के द्वारा वास्तव में प्रकट करते हैं कि उन्होंने मसीह की आत्मा को अपने पापों की क्षमा के लिए प्राप्त किया है, उसके गिरजे में बपतिस्मा प्राप्त करेंगे ।
38 गिरजे के एल्डरों, याजकों, शिक्षकों, डीकनों, और सदस्यों के कर्तव्य—प्रेरित एक एल्डर है, और बपतिस्मा देना उसकी नियुक्ति है;
39 और दूसरे एल्डरों, याजकों, शिक्षकों, और डीकनों को नियुक्त करना;
40 और रोटी और मदिरा—मसीह के मांस और लहू के प्रतीकों, को आशीषित करना—
41 और जो बपतिस्मा लेते हैं उनकी गिरजे में पुष्टिकरण करना, आग और पवित्र आत्मा के बपतिस्मे के लिए हाथों को रखना, धर्मशास्त्रों के अनुसार;
42 और गिरजे को सीखाना, समझाना, बपतिस्मा देना, और देख-भाल करना;
43 और हाथों को रखने के द्वारा, और पवित्र आत्मा देकर, गिरजे की पुष्टिकरण करना;
44 और सभी सभाओं में नेतृत्व करना ।
45 एल्डरों को सभाओं का संचालन करना जैसा वे पवित्र आत्मा द्वारा मार्गदर्शित होते हैं, परमेश्वर के प्रकटीकरणों और आदेशों के अनुसार ।
46 याजकों का कर्तव्य प्रचार करना, सीखाना, समझाना, उपदेश देना, और बपतिस्मा देना, और प्रभु-भोज को आशीषित करना,
47 और प्रत्येक सदस्य के घर जाना, और उन्हें बोलकर और निजीरूप से प्रार्थना करने और सभी पारिवारिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सीखाना है ।
48 और वह अन्य याजकों, शिक्षकों, और डीकनों को भी नियुक्त कर सकता है ।
49 और उसे सभाओं में नेतृत्व करना है जब वहां कोई एल्डर उपस्थित न हो;
50 लेकिन जब वहां कोई एल्डर हो, वह केवल प्रचार, शिक्षा, सीखा, उपदेश, और बपतिस्मा कर सकता है,
51 और प्रत्येक सदस्य के घर जाना, और उन्हें बोलकर और निजीरूप से प्रार्थना करने और सभी पारिवारिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए सीखाना है ।
52 इन सभी कार्यों में याजक को एल्डर की सहायता करनी है यदि समय की आवश्यकता हो ।
53 शिक्षक का कर्तव्य हमेशा गिरजे की देख-भाल करना, और उनके साथ होना और बल देना है;
54 और सुनिश्चित करना कि गिरजे में अधर्म न हो, न ही एक दूसरे के साथ कटुता, न ही झूठ, निंदा, न ही बुरा बोलना;
55 और सुनिश्चित करना कि गिरजा अक्सर एकसाथ मिले, और यह भी देखना की सभी सदस्य अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं ।
56 और उसे एल्डर या याजक की अनुपस्थिति में सभाओं का नेतृत्व करना है—
57 और गिरजे में अपने सभी कर्तव्यों में, हमेशा डीकनों द्वारा सहायता प्राप्त करना है, यदि समय की आवश्यकता हो ।
58 लेकिन न ही शिक्षकों न ही डीकनों को बपतिस्मा देने, प्रभु-भोज को आशीषित करने, या हाथों को रखने का अधिकार है;
59 फिर भी, वे चेतावनी, समझा, उपदेश, और शिक्षा, और सभी को मसीह के पास आने का निमंत्रण दे सकते हैं ।
60 प्रत्येक एल्डर, याजक, शिक्षक, या डीकन को परमेश्वर के उपहारों और नियुक्तियों के अनुसार नियुक्त किया जाता है; और उसे पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए है, जोकि उसे नियुक्त करने वाले के पास के पास होती है ।
61 मसीह के इस गिरजे के बहुत से एल्डरों तीन महिनों में एक बार सम्मेलन में मिलना है, या समय समय पर जैसा इन सम्मेलनों में निर्देश या निश्चिय किया जाएगा;
62 और इन सम्मेलनों में गिरजे के वे कार्य किए जाएंगे जो उस समय करने के लिए आवश्यक होंगे ।
63 एल्डरों को अन्य एल्डरों से अनुमत्तियां लेनी हैं, उन गिरजों के मतदान द्वारा जिससे वे संबंध रखते हैं, या सम्मेलनों से ।
64 प्रत्येक याजक, शिक्षक, या डीकन, जो याजक द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, उस समय उससे प्रमाण पत्र ले सकते हैं, यह प्रमाण पत्र, जब एल्डर को प्रस्तुत किया जाता है, उसे अनुमत्ति देगा, जो उसे उसकी नियुक्ति के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अधिकृत करेगा, या वह इसे सम्मेलन से प्राप्त कर सकता है ।
65 इस गिरजे में कोई भी व्यक्ति किसी भी पद पर, जहां इसकी नियमित रूप से संगठित शाखा है, गिरजे की उस शाखा के मतदान के बिना नियुक्त नहीं हो सकता;
66 लेकिन अध्यक्षीय एल्डरों, देशाटन करते धर्माध्यक्षों, उच्च पार्षदों, उच्च याजकों, और एल्डरों के पास नियुक्त करने का विशेषाधिकार हो सकता है, जहां गिरजे की कोई शाखा नहीं है कि मतदान कराए जा सके ।
67 उच्च पौरोहित्य का प्रत्येक अध्यक्ष (या अध्यक्षीय एल्डर), धर्माध्यक्ष, उच्च पार्षद, और उच्च याजक, उच्च परिषद या महा सम्मेलन के निर्देशन द्वारा नियुक्त हो सकते हैं ।
68 बपतिस्मे द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद सदस्यों के कर्तव्य—एल्डरों या याजकों को मसीह के गिरजे के संबंध में सभी बातों को समझने के लिए पर्याप्त समय देना है, प्रभु-भोज में भाग लेने और एल्डरों द्वारा हाथों को रखने के द्वारा पुष्टिकरण किए जाने से पहले, ताकि सभी कार्य व्यवस्थानुरूप किए जा सकें ।
69 और सदस्यों को गिरजे के समक्ष, और एल्डरों के समक्ष भी, ईश्वरीयरूप से चलते और बातों के द्वारा, गवाही देनी है, कि वे इसके योग्य हैं, कि उनके कार्य और विश्वास पवित्र धर्मशास्त्रों के अनुरूप हैं—प्रभु के समक्ष पवित्ररूप से चलते हुए ।
70 मसीह के गिरजे का प्रत्येक सदस्य जिनके पास बच्चे हैं उन्हें गिरजे के समक्ष एल्डरों के पास लाना है, जिन्हें उन पर अपने हाथों को यीशु मसीह के नाम में रखना है, और उन्हें उसके नाम में आशीष देनी है ।
71 मसीह के गिरजे में किसी को भी तबतक स्वीकार नहीं किया जा सकता है जबतक वह परमेश्वर के समक्ष उत्तरदायित्व की आयु का, और पश्चाताप के योग्य नहीं हो जाता ।
72 वे सब जो पश्चाताप करते हैं उनका बपतिस्मा निम्नरूप से किया जाना चाहिए—
73 वह व्यक्ति जिसे परमेश्वर द्वारा नियुक्त किया गया है और जिसके पास बपतिस्मा देने के लिए यीशु मसीह का अधिकार है, उस व्यक्ति के साथ पानी के अंदर जाएगा जिसने स्वयं को बपतिस्मे के लिए प्रस्तुत किया है, और कहेगा, उसका नाम लेते हुए: यीशु मसीह का जो अधिकार मुझे दिया गया है, मैं तुम्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा देता हूं । आमीन ।
74 तब वह उसे पानी में डुबकी लगवाएगा, और फिर पानी से बाहर निकालेगा ।
75 यह जरूरी है कि गिरजा अक्सर एकसाथ मिलकर प्रभु यीशु की याद में रोटी और मदिरा को ग्रहण करे;
76 और एल्डर या याजक इस आशीषित करेगा; और इस रीति के अनुसार वह इसे आशीषित करेगा—वह गिरजे के साथ घुटने के बल झुकेगा और यह कहते हुए पिता से विधिपूर्ण प्रार्थना कहेगा:
77 हे परमेश्वर, अनंत पिता, हम आपके पुत्र, यीशु मसीह के नाम में मांगते हैं, इस रोटी को आशीषित और पवित्र करो उन सब प्राणियों के लिए जो इसे ग्रहण करते हैं; ताकि वे इसे आपके पुत्र के शरीर की याद में खा सकें, और आपकी गवाही दे सकें, हे परमेश्वर, अनंत पिता, कि वे अपने ऊपर आपके पुत्र का नाम लेने, और सदा उसे याद रखने, और उन आज्ञाओं को मानने के इच्छुक हैं जो उसने उन्हें दी हैं, ताकि उनके साथ उसकी आत्मा सदा के लिए रह सके । आमीन ।
78 मदिरा को आशीषित करने की रीति—वह प्याला भी लेगा, और कहेगा:
79 हे परमेश्वर, अनंत पिता, हम आपके पुत्र, यीशु मसीह के नाम में मांगते हैं, इस पानी को आशीषित और पवित्र करो उन सब प्राणियों के लिए जो इसे पीते हैं, ताकि वे ऐसा आपके पुत्र के लहू की याद में कर सकें जो उनके लिए बहाया गया था; ताकि वे आपकी गवाही दे सकें, हे परमेश्वर, अनंत पिता, कि वे सदा उसे याद रखें ताकि उनके साथ उसकी आत्मा रह सके । आमीन ।
80 गिरजे का कोई सदस्य उल्लंघन, या गलत करता हुआ पकड़ा जाता है, धर्मशास्त्र के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाएगी ।
81 यह कई गिरजों का कर्तव्य होगा, मसीह के गिरजे में सम्मलित, अपने एक या अधिक शिक्षकों को गिरजे के एल्डरों द्वारा संचालित बहुत से सम्मेलनों में उपस्थित होने के लिए भेजना ।
82 कई सदस्यों के नामों की सूची के साथ स्वयं को पिछले सम्मेलन के बाद से गिरजे के साथ संसक्ति करते हुए; या किसी याजक के हाथ भेजकर; ताकि संपूर्ण गिरजे के सभी नामों की एक नियमित सूची किसी एक एल्डर द्वारा पुस्तक में रखी जा सके, जिस किसी को अन्य एल्डर समय समय पर नियुक्त करेंगे;
83 और यह भी, यदि किसी को गिरजे से निष्कासित किया गया है, तो उनके नामों को गिरजे के नामों के प्रमुख अभिलेख में से हटाया जा सके ।
84 सभी सदस्य जो उस गिरजे से तबादला लेते हैं जहां वे रहते हैं, यदि उस गिरजे में जाते हैं जहां वे जाने नहीं जाते, एक पत्र ले जा सकते हैं प्रमाणित करते हुए कि वे नियमित और स्थायी सदस्य हैं, यह प्रमाण-पत्र किसी एल्डर या याजक द्वारा हस्ताक्षरित किया जा सकता है यदि पत्र पाने वाला सदस्य एल्डर या याजक को व्यक्तिगत रूप से जानता है, या इसे गिरजे के शिक्षक या डीकन द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जा सकता है ।