पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 42


खंड 42

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, कर्टलैंड, ओहायो में, 9 और 23 फरवरी 1831 को, दो भागों में दिया गया प्रकटीकरण । 1 से 72 आयत तक के, पहले भाग को बारह एल्डरों की उपस्थिति में और प्रभु की पहले की गई प्रतिज्ञा के पूरा होने में प्राप्त किया गया था कि ओहायो में “व्यवस्था” दी जाएगी (देखें खंड 38:32) । दूसरे भाग में 73 से 93 आयतें शामिल हैं ।भविष्यवक्ता इस प्रकटीकरण को “गिरजे की व्यवस्था से युक्त” के रूप में उल्लेखित करते हैं ।

1–10, एल्डरों को सुसमाचार प्रचार करने, परिवर्तन बपतिस्मा देने, और गिरजे का निर्माण करने के लिए नियुक्त किया जाता है; 11–12, उन्हें बुलाया और नियुक्त किया जाना चाहिए और धर्मशास्त्रों में पाए सिद्धांतो को सीखाना है; 13–17, उन्हें पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा सीखाना और भविष्यवाणी करनी है; 18–29, संतों को हत्या, चोरी, लालच, व्यभिचार न करने, झूठ, या दूसरों के विरूद्ध बुरा न बोलने की आज्ञा दी जाती है; 30–39, संपत्तियों के समर्पण का संचालन करने वाली व्यवस्था कायम की जाती है; 40–42, घंमड और आलस्य की निंदा की जाती है; 43–52, रोगियों को दवा और विश्वास द्वारा चंगा किया जाना है; 53–60, धर्मशास्त्र गिरजे का संचालन करते हैं और इनकी घोषणा दुनिया को की जानी हैं; 61–69, नये यरूशलेम की जगह और राज्य के भेदों को प्रकट किया जाएगा; 70–73, समर्पित संपत्तियों का उपयोग गिरजे के पदाधिकारियों के लिए किया जाना है; 74–93, दुराचार, और व्यभिचार, हत्या, चोरी करने, पापों का अंगीकार करने की व्यवस्था कायम की जाती है ।

1 सुनो, ओ तुम मेरे गिरजे के एल्डरों, जिन्होंने अपने आपको मेरे नाम में एकत्रित किया है, यहां तक यीशु मसीह जीवित परमेश्वर के पुत्र, संसार के उद्धारकर्ता; क्योंकि तुमने मेरे नाम पर विश्वास किया है और मेरी आज्ञाओं का पालन किया है ।

2 फिर मैं तुम से कहता हूं, ध्यान से सुनो और पालन करो उस व्यवस्था का जो मैं तुम्हें दूंगा ।

3 क्योंकि मैं सच कहता हूं, क्योंकि तुमने अपने आपको उस आज्ञा के अनुसार एकत्रित किया है जिसमें मैंने तुम्हें आज्ञा दी थी, और इस एक बात के लिए सहमत हुए हैं, और पिता से मेरे नाम में मांगा है, तुम वैसा ही प्राप्त करोगे ।

4 देखो, मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें यह पहली आज्ञा देता हूं, कि तुम मेरे नाम में जाओगे, तुम में से प्रत्येक, सिवाय मेरे सेवकों, जोसफ स्मिथ, जु., और सिडनी रिगडन के ।

5 और मैं उन्हें आज्ञा दूंगा कि वे कुछ अवधि के लिए जाएंगे, और यह उन्हें पवित्र आत्मा की शक्ति से बताया जाएगा कि वे कब वापस आएंगे ।

6 और तुम मेरी आत्मा की शक्ति से जाओगे, मेरा सुसमाचार प्रचार करते हुए, जोड़ों में, मेरे नाम में, तुरही की ध्वनि के समान अपना आवाज उठाते हुए, परमेश्वर के दूतों के समान मेरे वचन की घोषणा करते हुए ।

7 और तुम जल का बपतिस्मा देते जाओगे, कहते हुए: तुम पश्चाताप करो, तुम पश्चाताप करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है ।

8 और इस स्थान से तुम पश्चिम के क्षेत्रों में जाओगे; और जितना अधिक तुम उन्हें पाओगे जो तुम्हें स्वीकार करेंगे तुम मेरे गिरजे को प्रत्येक क्षेत्र में स्थापित करोगे—

9 तब वह समय आएगा जब तुम्हें स्वर्ग से इसे प्रकट किया जाए, जब नये यरूशलेम शहर तैयार किया जाएगा, ताकि तुम एक होकर एकत्रित हो सको, ताकि तुम मेरे लोग हो और मैं तुम्हारा परमेश्वर बनूंगा ।

10 और फिर, मैं तुम से कहता हूं, कि मेरा सेवक एडवर्ड पॉर्टीज उस पद पर बना रहेगा जिसमें मैंने उसे नियुक्त किया है । और ऐसा होगा, कि यदि वह आज्ञा का उल्लंघन करता है तो उसके स्थान पर अन्य को नियुक्त किया जाएगा । तो भी । आमीन ।

11 फिर मैं तुम से कहता हूं, कि यह किसी को भी नहीं दिया जाएगा मेरा सुसमाचार प्रचार करने जाने के लिए, या मेरा गिरजे का निर्माण करने के लिए, मेरे द्वारा किसी को नियुक्त जाने के सिवाय जिसके पास अधिकार है, और यह गिरजा जानता है कि उसके पास अधिकार है और गिरजे के मुखियों द्वारा उचितरूप से नियुक्त किया गया है ।

12 और फिर, इस गिरजे के एल्डर, याजक और शिक्षक मेरे सुसमाचार के सिद्धांतों को सीखाएंगे, जोकि बाइबिल और मॉरमन की पुस्तक में हैं, जिसमें सुसमाचार की परिपूर्णता है ।

13 और वे अनुबंधों और गिरजे के निर्देशों को मानने में चौकसी करेंगे, और ये उनकी शिक्षाएं होंगी, जैसे वे आत्मा द्वारा निर्देशित किए जाएंगे ।

14 और तुम्हें आत्मा विश्वास की प्रार्थना द्वारा दी जाएगी; और यदि तुम आत्मा प्राप्त नहीं करते हो तो तुम्हें नहीं सीखाओगे ।

15 और तुम यह मानने की चौकसी करोगे जैसे मैंने तुम्हें आज्ञा दी है तुम्ही शिक्षा के संबंध में, जब तक मेरे धर्मशास्त्रों की परिपूर्णता दी जाती है ।

16 और तुम सहायक द्वारा अपनी आवाजों को ऊपर उठाओगे, तुम बोलोगे और भविष्यवाणी करोगे जैसा मुझे अच्छा लगता है;

17 क्योंकि, देखो, सहायक सब बातें जानता है, और पिता और पुत्र की गवाही देता है ।

18 और अब, देखो, मैं गिरजे से कहता हूं । तुम हत्या नहीं करोगे; और वह जो हत्या करता है इस संसार में क्षमा प्राप्त नहीं करेगा, और न ही आने वाले संसार में ।

19 और फिर, मैं कहता हूं, तुम हत्या नहीं करोगे; लेकिन वह जो हत्या करता है मरेगा ।

20 तुम चोरी नहीं करोगे; और वह जो चोरी करता और पश्चाताप नहीं करेगा बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

21 तुम झूठ नहीं बोलोगे; वह जो झूठ बोलता और पश्चाताप नहीं करेगा बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

22 तुम अपनी पत्नी से अपने पूरे हृदय से प्रेम करना, और उससे मिले रहना और किसी अन्य से नहीं ।

23 और वह जो किसी स्त्री पर कामुकता की दृष्टि डालता विश्वास को अस्वीकार करता है, और उसके साथ नहीं रहेगी; और यदि वह पश्चाताप नहीं करता उसे बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

24 तुम व्यभिचार नहीं करोगे; और वह जो व्यभिचार करता है, और पश्चाताप नहीं करता, बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

25 लेकिन वह जो व्यभिचार करता और पश्चाताप करता अपने संपूर्ण हृदय से, और इसे त्याग देता है, और फिर नहीं करता, तुम क्षमा करोगे;

26 लेकिन यदि वह इसे दुबारा करता है, तो उसे क्षमा नहीं किया जाएगा, लेकिन बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

27 तुम अपने पड़ोसी के लिए बुरा नहीं कहोगे, और न ही उसे कोई चोट पहुंचाओगे ।

28 तुम इन बातों के संबंध में मेरे धर्मशास्त्रों में दिए मेरे नियमों को जानते हो; वह जो पाप करता और पश्चाताप नहीं करता बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

29 यदि तुम मुझ से प्रेम करते हो तो मेरी सेवा करोगे और मेरी सभी आज्ञाओं का पालन करोगे ।

30 और देखो, तुम गरीब को याद करोगे, और अपनी संपंत्ति को समर्पित करोगे उनकी सहायता के लिए जिसका कुछ भाग तुमने उन्हें दिया है, अनुबंध और समझौते के साथ जिसे तोड़ा नहीं जा सकता है ।

31 और अपनी संपत्ति का जो कुछ भाग तुमने गरीब के साथ बांटते हो, तुम इसे मेरे साथ बांटते हो; और ये मेरे गिरजे के धर्माध्यक्ष और उसके सलाहकारों, दो एल्डरों, या उच्च याजकों, जोकि नियुक्त होंगे या नियुक्त किए गए हैं और उस उद्देश्य के लिए अर्पित किए गए हैं, के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे ।

32 और ऐसा होगा, कि मेरे गिरजे के धर्माध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बाद, और मेरे गिरजे की संपत्तियों के समर्पण के संबंध में ये गवाहियां उसे प्राप्त होने के बाद, इन्हें गिरजे से वापस नहीं लिया जा सकता है, मेरी आज्ञाओं की सहमति से, प्रत्येक पुरूष मेरे प्रति जवाबदेही बनाया जाएगा, अपनी स्वयं की संपत्ति पर भंडारी, या जिसे उसने समर्पण के द्वारा प्राप्त किया है, जितना उसके और उसके परिवार के लिए उचित है ।

33 और फिर, यदि गिरजे के अधिकार में संपत्तियां होंगी, या इसके किसी व्यक्ति के, उनके जरूरत से अधिक समर्पण के पश्चात, जो बाकी बचता है धर्माध्यक्ष को समर्पित किया जाएगा, इसे उन्हें देने के लिए रखा जाएगा जिनके पास नहीं है, समय समय पर, कि प्रत्येक व्यक्ति जो जरूरतमंद है को पर्याप्त रूप से दिया जाए और अपनी जरूरत के अनुसार प्राप्त करे ।

34 इसलिए, बाकी बचा हुआ मेरे भंडार में रखा जाएगा, गरीब और जरूरतमंद को दिए जाने के लिए, जैसा गिरजे की उच्च परिषद, और धर्माध्यक्ष और उसकी परिषद द्वारा नियुक्त किया जाएगा;

35 और भूमि को खरीदने के उद्देश्य के लिए गिरजे के सार्वजनिक लाभ, और आराधनालयों के निर्माण, और नया यरूशलेम के निर्माण के लिए जिसे बाद में प्रकट किया जाएगा—

36 ताकि मेरे अनुबंधित लोग एकत्रित हो सकें एक दिन जब मैं अपने मंदिर में आऊंगा । और यह मैं अपने लोगों के उद्धार के लिए करता हूं ।

37 और ऐसा होगा, कि वह जो पाप करता और पश्चाताप नहीं करता गिरजे से बहिष्कृत कर दिया जाएगा और उसे फिर प्राप्त नहीं करेगा जो उसने मेरे गिरजे के गरीब और जरूरतमंद को समर्पित किया है, या अन्य शब्दों में, मुझे—

38 क्योंकि जो तुम इन छोटे से छोटे के साथ किया है, तुमने मेरे साथ किया है ।

39 क्योंकि ऐसा होगा, कि जो मैंने अपने भविष्यवक्ताओं के मुंह से बोला था पूरा होगा; क्योंकि मैंने उनकी दौलत को समर्पित करूंगा जो मेरे सुसमाचार को अन्य जातियों के बीच स्वीकार करते हैं मेरे लोगों के गरीब के लिए जो कि इस्राएल के घराने के हैं ।

40 और फिर, तुम अपने हृदय में घमंड नहीं करोगे; तुम्हारे वस्त्र साधारण हों, और उनकी सुंदरता तुम्हारे स्वयं के हाथों के कार्यों की सुंदरता हो;

41 और सभी कार्य मेरे समक्ष शुद्धता से किए जाएं ।

42 तुम आलस्य न करोगे; क्योंकि वह जो आलस्य करता है परिश्रम की रोटी नहीं खाता और न ही वस्त्र पहनता है ।

43 और तुम्हारे बीच जो कोई रोगी हो, और चंगा होने का विश्वास न हो, लेकिन भरोसा करता है, संपूर्ण कोमलता से पोषण किया जाएगा, जड़ी-बूटियों और हलके भोजन से, और शत्रु के हाथ से नहीं ।

44 और गिरजे के एल्डर, दो या अधिक, नियुक्त किए जाएंगे, और प्रार्थना करेंगे और अपने हाथों उनके ऊपर मेरे नाम में रखेंगे; यदि वे मरते है तो वे मेरे नाम में मरेंगे, और यदि वे जीवित रहते हैं तो वे मुझ में जीवित रहेंगे ।

45 तुम प्रेम में एक साथ मिल कर रहोगे, इतना कि तुम उन्हें खोने पर रोओगे जो मरते हैं, और विशेषकर उनके लिए जिनके पास महिमापूर्ण पुनरूत्थान की आशा नहीं है ।

46 और ऐसा होगा कि जो मुझ में मरते हैं मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे, क्योंकि उनके लिए यह मधुर होगा;

47 और वे जो मुझ में नहीं मरते हैं, हाय उन पर, क्योंकि उनकी मृत्यु कठोर है ।

48 और फिर, ऐसा होगा कि वह जो मुझे में विश्वास करता है चंगा किया जाएगा, और मृत्यु की आज्ञा नहीं दी जाती है, चंगे होंगे ।

49 वह जिसे देखने का विश्वास है देखेगा ।

50 वह जिसे सुनने का विश्वास है सुनेगा ।

51 लंगड़ा जिसे कूदने का विश्वास है कूदेगा ।

52 और वे जिन्हें इन कार्यों को करने का विश्वास नहीं है, लेकिन मुझ में भरोसा करता है, मेरे पुत्र बनने की शक्ति है; और इतना कि जितना वे मेरे नियमों को नहीं तोड़ते तुम उनकी निर्बलताओं को सहोगे ।

53 तुम अपने भंडारीपन के स्थान पर डटे रहोगे ।

54 अपने भाई के वस्त्र को नहीं लोगे; तुम उसका भुगतान करोगे जो तुम अपने भाई से प्राप्त करते हो ।

55 और यदि तुम अपनी जरूरत से अधिक प्राप्त करते हो, तो इसे मेरे भंडार में दोगे, ताकि सब बातें उस अनुसार की जा सकें जैसा मैंने कहा है ।

56 तुम पूछोगे, और और मेरे धर्मशास्त्र वैसे दिए जाएंगे जैसा मैंने निर्धारित किया है, और वे सुरक्षित रखे जाएंगे;

57 और उचित है कि उनके संबंध में तुम शांत रहना, और उन्हें तब तक नहीं सीखाना जबतक तुम उन्हें पूर्णरूप से प्राप्त न कर लो ।

58 और मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं कि फिर तुम इन्हें सब मनुष्यों को सीखाओगे; क्योंकि वे सब राष्ट्रों; जातियों, भाषाओं और लोगों को सीखाए जाएंगे ।

59 तुम उन बातों को स्वीकार करोगे जो तुमने प्राप्त की हैं, जो तुम्हें मेरे धर्मशास्त्रों में व्यवस्था के लिए दिए गए हैं, मेरे गिरजे का संचालन करने के लिए मेरी व्यवस्था होने के लिए;

60 और वह जो इन बातों के अनुसार करता है बचाया जाएगा, और वह जो उन्हें नहीं करता है दोषी ठहराया जाएगा यदि वह ऐसा करता रहता है ।

61 यदि तुम मांगोगे, तो तुम प्रकटीकरण पर प्रकटीकरण, ज्ञान पर ज्ञान, प्राप्त करोगे, ताकि तुम भेद और शांति की बातें जान सको—जो आनंद लाती हैं, जो अनंत जीवन लाती हैं ।

62 तुम मांगोगे, और इसे तुम पर प्रकट किया जाएगा मेरे स्वयं के निर्धारित समय पर जहां नया यरुशलेम का निर्माण होगा ।

63 और देखो, ऐसा होगा कि मेरे सेवक पूर्व को और पश्चिम को भेजे जाएंगे, उत्तर को और दक्षिण को ।

64 और अब भी, उसे पूर्व जाकर उन्हें सीखाने दो जो पश्चिम को छोड़कर जाने के लिए परिवर्तित होंगे, और इसके परिणास्वरूप जोकि पृथ्वी पर आने वाला है, और गुप्त षडयंत्रों के ।

65 देखो, तुम इन सब बातों को मानोगे, और तुम्हारा प्रतिफल महान होगा; क्योंकि तुम्हें यह दिया गया है मेरे राज्य के भेदों को जानना, लेकिन संसार को यह नहीं दिया गया है उन्हें जानना ।

66 तुम व्यवस्था को मानोगे जो तुमने प्राप्त की हैं और विश्वासपूर्ण रहो ।

67 और तुम इसके पश्चात गिरजे के अनुबंधों को प्राप्त करोगे, वे तुम्हें स्थापित करने के लिए पर्याप्त होंगे, यहां और नये यरूशलेम दोनों स्थानों में ।

68 इसलिए, वह जिसमें ज्ञान की कमी है, उसे मुझसे पूछने दो, और मैं उसे उद्धारता से दूंगा और उसको फटकारूंगा नहीं ।

69 अपने हृदयों को उठाओ और आनंद मनाओ, क्योंकि तुम्हें राज्य, या अन्य शब्दों में, गिरजे की कुंजियां दे दी गई हैं । तो भी । आमीन ।

70 याजक और शिक्षक उनके भंडारीपन पाएंगे, और सदस्य भी ।

71 और एल्डर या उच्च याजक जो सब कामों में धर्माध्यक्ष की सहायता के लिए सलाहकार नियुक्त किए गए हैं, उनके परिवारों की देख-रेख उन संपत्तियों से की जाएगी जिसे धर्माध्यक्ष को समर्पित किया गया है, गरीब की भलाई के लिए, और अन्य उद्देश्यों के लिए, जैसा पहले बताया गया था;

72 या उन्हें उनके सभी सेवाओं के लिए मेहनताना दिया जाएगा, या तो भंडारीपन का या अन्य प्रकार का, जैसा सलाहकारों और धर्माध्यक्ष द्वारा उचित समझा या निश्चय किया जाएगा ।

73 और धर्माध्यक्ष, भी, अपनी देख-रेख प्राप्त करेगा, या मात्र मेहनताना गिरजे में अपनी सेवाओं के लिए ।

74 देखो, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम्हारे बीच कोई भी व्यक्ति, अनैतिकता के लिए अपने साथी को अलग करता है, या अन्य शब्दों में, यदि वे तुम्हारे सामने प्रमाणित करेगा हृदय की संपूर्ण दीनता से कि यह किस्सा है, तो तुम उन्हें अपने बीच से बाहर नहीं करोगे;

75 लेकिन यदि तुम्हें पता चलेगा कि कुछ व्यक्तियों ने अपने साथियों का त्याग कर दिया है व्यभिचार के कारण, और वे स्वयं अपराधी हैं, और उनके साथी जीवित हैं, तो उन्हें तुम्हारे बीच से बहिष्कृत कर दिया जाएगा ।

76 और फिर, मैं तुम से कहता हूं, कि तुम सतर्क और सावधान रहना, सब जानकारी के साथ, कि तुम्हारे बीच ऐसा कोई न स्वीकार किया जाए यदि वे विवाहित हैं;

77 और यदि वे विवाहित नहीं हैं, वे अपने सभी पापों का पश्चाताप करेंगे या तुम उन्हें स्वीकार नहीं करोगे ।

78 और फिर, प्रत्येक व्यक्ति जो इस मसीह के गिरजे से संबंध रखता है, गिरजे के सभी आदेशों और अनुबंधों का पालन करेगा ।

79 और ऐसा होगा, कि यदि कोई व्यक्ति तुम्हारे बीच हत्या करता है उन्हें कानून के हवाले कर दिया जाएगा और देश की व्यवस्था के अनुसार कार्यवाही की जाएगी; क्योंकि याद रखो कि उसके लिए कोई क्षमा नहीं है; और यह देश की व्यवस्था के अनुसार साबित किया जाएगा ।

80 और यदि कोई पुरूष या स्त्री व्यभिचार करती है, तो गिरजे के दो या अधिक एल्डरों के समक्ष की उसकी जांच की जाएगी, और प्रत्येक शब्द उनके विरूद्ध गिरजे के दो गवाहों द्वारा स्थापित किया जाएगा, और शत्रु के नहीं; लेकिन दो से अधिक गवाह हों तो यह अधिक अच्छा है ।

81 लेकिन दो गवाहों के गवाहियों द्वारा उन पर दोष लगाया जाएगा; और एल्डर प्रकरण को गिरजे के समक्ष रखेंगे, और गिरजा उसके विरूद्ध अपने हाथों को उठायेगा, ताकि उनके साथ परमेश्वर की व्यवस्था के अनुसार कार्यवाही की जाए ।

82 और यदि ऐसा हो सकता है, तो यह जरूरी है कि धर्माध्य भी उपस्थित रहे ।

83 और इस प्रकार तुम सभी प्रकरणों में करोगे जो तुम्हारे समक्ष आते हैं ।

84 और यदि पुरूष या स्त्री लूटता है, तो उसे देश के कानून के हवाले कर दिया जाएगा ।

85 और यदि वह चोरी करता या करती है, तो उसे देश के कानून के हवाले कर दिया जाएगा ।

86 और यदि वह झूठ बोलता या बोलती है, तो उसे देश के कानून के हवाले कर दिया जाएगा ।

87 और वह किसी प्रकार का अपराध करता या करती है, उसे कानून के हवाले कर दिया जाएगा, और परमेश्वर के भी ।

88 और कि तुम्हारा भाई या बहन तुम्हारा उल्लंघन करता है, तो तुम उनसे अकेले में मिलोगे; और यदि वह स्वीकार करता या करती है तो तुम मेल-मिलाप कर लोगे ।

89 और वह स्वीकार नहीं करता या करती है तो तुम उसे गिरजे के हवाले कर दोगे, सदस्यों के नहीं, लेकिन एल्डरों के । और इसका समाधान सभा में किया जाएगा, और लोगों के समक्ष नहीं ।

90 और तुम्हारा भाई या बहन बहुतों का उल्लंघन करता या करती है, तो उसे बहुतों के समक्ष दंड दिया जाएगा ।

91 और यदि कोई खुले आम उल्लंघन करता है, तो उसे खुले आम फटकारा जाएगा, ताकि वह शर्मिंदा हो सके । और यदि वह स्वीकार नहीं करता या करती है, तो उसे परमेश्वर के कानून के हवाले कर दिया जाएगा ।

92 यदि कोई अकेले में उल्लंघन करता है, तो उसे अकेले में फटकारा जाएगा, ताकि उसे अकेले में उससे स्वीकार करने का मौका मिले जिसका उसने उल्लंघन किया है, और परमेश्वर को, ताकि गिरजा उससे आलोचनात्मक रूप से बात न करे ।

93 और इस प्रकार तुम सब बातों का संचालन करोगे ।