खंड 61
भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा सिय्योन, मिसूरी नदी के तट पर मैकइवानस बेंड में, 12 अगस्त 1831 को दिया गया प्रकटीकरण । कर्टलैंड को उनकी वापसी यात्रा पर, भविष्यवक्ता और दस एल्डरों ने डोंगियों से मिसूरी नदी में नीचे की ओर यात्रा की थी । यात्रा के तीसरे दिन, बहुत से खतरनाक अनुभव हुए थे । एल्डर विलियम डब्ल्यू. फिल्पस, दिन के समय दिव्यदर्शन में, विनाशक को शक्तिशाली रूप से नदियों पर चलते देखा था ।
1–12, प्रभु ने नदियों पर बहुत विनाशों की घोषणा की है; 13–22, नदियों को यूहन्ना द्वारा शापित किया गया था, और विनाशक उनपर चलता है; 23–29, कुछ के पास जल को आदेश देने की शक्ति है; 30–35, एल्डरों को जोड़ों में यात्रा करनी है और सुसमाचार का प्रचार करना है; 36–39, उन्हें मनुष्य के पुत्र के आगमन की तैयारी करनी है ।
1 देखो, और ध्यान से उस वाणी को जिसके पास सारी शक्ति है, जो अनादिकाल से अनंतकाल, अलफा और ओमेगा भी, आरंभ और अंत तक कायम है ।
2 देखो, सच में प्रभु तुम से इस प्रकार कहता है, ओ मेरे गिरजे एल्डरों, जो इस स्थान पर एकत्रित हुए हो, जिनके पाप तुम्हारे लिए अब क्षमा कर दिए गए हैं, क्योंकि मैं, प्रभु, पाप क्षमा करता हूं, और उन पर दयालु हूं जो अपने पापों को विनम्र हृदयों से स्वीकार करते हैं;
3 लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, कि मेरे एल्डरों के सारे समुह के लिए यह आवश्यक नहीं है कि तुरंत नदियों से चले जाएं, जबकि दोनों किनारे पर लोग अविश्वास में नष्ट हो रहे हैं ।
4 फिर भी, मैं यह चाहता हूं कि तुम गवाही दो; देखो, नदियों पर बहुत से खतरे हैं, और अधिक विशेषरूप से यहां के बाद;
5 क्योंकि मैं, प्रभु ने, अपने क्रोध में बहुत से विनाशों की घोषणा की है; हां, और विशेषरूप से इन नदियों पर ।
6 फिर भी, सभी प्राणी मेरे नियंत्रण में, और वह जो विश्वासी है नदी द्वारा नष्ट नहीं होगा ।
7 इसलिए, यह आवश्यक है कि मेरा सेवक सिडनी गिलबर्ट और मेरा सेवक विलियम डब्ल्यू. फिल्पस अपने कर्तव्य और मिशन में शीघ्रता करे ।
8 फिर भी, मैं अनुमति नहीं देना चाहता कि तुम अलग हो जब तक तुम्हें तुम्हारे सभी पापों का दंड नहीं मिल जाता, ताकि तुम एक हो सको, ताकि तुम दुष्टता में नष्ट न हो जाओ ।
9 लेकिन अब, मैं सच कहता हूं, यह मेरी इच्छा है कि तुम अलग हो जाओ । इसलिए मेरे सेवक सिडनी गिलबर्ट और विलियम डब्ल्यू. फिल्पस उनके पिछले समूह को लें, और वे तुरंत अपनी यात्रा करें ताकि वे अपने मिशन को पूरा करें, और विश्वास के द्वारा वे विजयी होंगे;
10 और जितना वे विश्वासी रहते हैं उतना ही वे बचाए जाएंगे, और मैं, प्रभु, उनके साथ रहूंगा ।
11 और बाकी उसे लें जो पहनने के लिए आवश्यक है ।
12 मेरा सेवक सिडनी गिलबर्ट अपने साथ उसे ले जो आवश्यक नहीं है, जैसे तुम सहमत होगे ।
13 और अब, देखो, तुम्हारी भलाई के लिए इन बातों के संबंध में मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं; और मैं, प्रभु, प्राचीन काल के लोगों के समान तुम्हारे साथ चर्चा करूंगा ।
14 देखो, मैं, प्रभु, ने आरंभ में नदियों को आशीषित किया था; लेकिन अंतिम दिनों में, अपने सेवक यहून्ना के मुंह के द्वारा, मैंने नदियों को श्रापित किया था ।
15 इसलिए, समय आने वाला है कि कोई भी प्राणी नदियों पर सुरक्षित न होगा ।
16 और आने वाले समय में यह कहा जाएगा कि कोई भी सिय्योन प्रदेश को नदियों से जाने योग्य नहीं है, सिवाय उसके जो हृदय में ईमानदार है ।
17 और, जैसे मैं, प्रभु ने, आरंभ में भूमि को श्राप दिया था, वैसा ही इन अंतिम दिनों में मैं इसे आशीषित किया है, उचित समय पर, मेरे संतों के उपयोग के लिए, ताकि वे वहां की संपन्नता का आनंद ले सकें ।
18 और अब मैं तुम्हें एक आज्ञा देता हूं कि जो मैं एक से कहता हूं वह सब पर लागू होता है, कि तुम अपने भाइयों को इन नदियों के संबंध में पहले से चेतावनी दोगे, ताकि वे उस पर यात्रा करते हुए न आएं, कहीं ऐसा न हो कि उनका विश्वास असफल हो और वे जाल में फंस जाएं;
19 मैं, प्रभु ने, आदेश दिया है, और विनाशक उन पर चलता है, और मैं इस आदेश को निरस्त नहीं करता ।
20 मैं, प्रभु, तुम से कल क्रोधित था, लेकिन आज मेरा क्रोध दूर हो गया है ।
21 इसलिए, जिन के विषय में मैंने बोला है, वे अपनी यात्रा शीघ्रता से करें—मैं तुम से फिर कहता हूं, वे अपनी यात्रा शीघ्रता से करें ।
22 और मुझे इस से फर्क नहीं पड़ता, कुछ देर बाद, यदि ऐसा हो तो वे अपना मिशन पूरा करें, चाहे वे जल द्वारा जाएं या थल द्वारा; यह उस तरह हो जैसा इसे उन्हें इसके बाद बताया जाता है उनके निर्णयों के अनुसार ।
23 और अब, मेरे सेवकों, सिडनी रिगडन, जोसफ स्मिथ, जू., और ओलिवर कॉउड्री के विषय में, वे नदियों से दुबारा न जाएं, सिवाय नहर से, जब अपने घरों को यात्रा करते हैं; या अन्य शब्दों में वे नदियों से यात्रा नहीं करेंगे, सिवाय नहर से ।
24 देखो, मैं, प्रभु ने, अपने संतों की यात्रा के लिए मार्ग नियुक्त किया है; और देखो, यह मार्ग है—कि वे नहर को छोड़ने के बाद वे थल से अपनी यात्रा करेंगे, जितना उन्हें यात्रा करने और सिय्योन प्रदेश जाने की आज्ञा दी जाती है ।
25 और वे इस्राएल की संतान की तरह करेंगे, अपने मार्ग में शिविर लगाते हुए ।
26 और, देखो, यह आज्ञा तुम अपने सभी भाइयों को दोगे ।
27 फिर भी, जिसे नदियों को आदेश देने का अधिकार दिया गया है, उसे यह आत्मा के द्वारा दिया गया है उसके सभी मार्गों जानना;
28 इसलिए, वह वैसा करे जैसा जीवित परमेश्वर की आत्मा उसे आज्ञा देती है, चाहे थल से या नदियों से, इसके बाद का काम मुझे करना है ।
29 और तुम्हें संतों के लिए दिशा, या प्रभु के संतों के झुंड की यात्रा का मार्ग दे दिया गया है ।
30 और फिर, मैं तुम से सच कहता हूं, मेरे सेवकों, सिडनी रिगडन, जोसफ स्मिथ, जू., और ओलिवर कॉउड्री, दुष्टों के समूहों में तुम अपने मुंह नहीं खोलोगे जब तक वे सिसिनाटी नहीं पहुंच जाते;
31 और उस स्थान में वे उन लोगों के विरूद्ध परमेश्वर के समक्ष अपनी आवाज बुलंद करेंगे, हां, उससे जिसका कोध्र उनकी दुष्टता के विरूद्ध भड़कता है, ऐसे लोग जो विनाश में काटे जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं ।
32 और यहां से वे अपने भाइयों के समूहों के लिए यात्रा करें, क्योंकि अब उनके कार्यों की मांग उनके बीच में बहुत अधिक है बजाए दुष्टों के समूह के बीच से ।
33 और अब, बाकी लोगों के संबंध में, वे यात्रा करें और दुष्टों के समूहों के बीच वचन की घोषणा करें, जितना इसे बताया गया है;
34 और जितना वे इसे करते हैं वे अपने वस्त्रों के दाग से छुटकारा पाएंगे, और वे मेरे सम्मुख निर्दोष खड़े हो सकेंगे ।
35 और वे मिलकर यात्रा करें, या जोड़ों में, जैसा उन्हें सही लगता है, केवल मेरा सेवक रेनॉल्ड काहून, और मेरा सेवक समूएल एच., स्मिथ, जिनसे मैं अति प्रसन्न हूं, अलग न हों जब तक वे अपने घरों को वापस नहीं लौट जाते, और यह मुझ में समझदारी है ।
36 और अब, मैं तुम से सच कहता हूं, और जो मैं एक से कहता वह सब पर लागू होता है, खुश रहो, हे बालकों; क्योंकि मैं तुम्हारे मध्य में हूं, और मैंने तुम्हें अकेला नहीं छोड़ा है ।
37 और क्योंकि तुमने स्वयं को मेरे सम्मुख विनम्र किया है, इसलिए राज्य की आशीषें तुम्हारी हैं ।
38 अपनी कमर कस लो और सर्तक रहो और गंभीर बनो, मनुष्य के पुत्र के आगमन की प्रतिक्षा करो, क्योंकि वह उस घड़ी आता है जिसे तुम सोच नहीं सकते ।
39 हमेशा प्रर्थाना करते रहो ताकि तुम लालच में न पड़ो, ताकि तुम उसके आगमन के दिन को सह सको चाहे जीवन में या मृत्यु में । तो भी । आमीन ।