पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 64


खंड 64

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा गिरजे के एल्डरों को, कर्टलैंड, ओहायो में, 11 सितंबर 1831 में दिया गया प्रकटीकरण । भविष्यवक्ता बाइबिल के अनुवाद के संबंध में अपने कार्य को फिर से आरंभ करने के लिए हायरम, ओहायो जाने की तैयारी कर रहे थे, जोकि उनके मिसूरी में होने के कारण पीछे रह गया था । भाइयों का एक समूह जिसे सिय्योन (मिसूरी) की यात्रा करने का आदेश दिया गया था अक्टूबर में जाने की तैयारी करने में गंभीरता से व्यस्त था । इस व्यस्त समय में, यह प्रकटीकरण प्राप्त हुआ था ।

1–11, संतों को एक दूसरे को क्षमा करने का आदेश दिया जाता है, वरना उनके बीच में महान पाप रहेगा; 12–22, अपश्चातापियों को गिरजे के सम्मुख लाया जाए; 23–25, वह जो दसमांश देता है वह प्रभु के आगमन में जलाया नहीं जाएगा; 26–32, संतों को कर्ज के विरूद्ध सतर्क किया जाता है; 33–36, विरोधियों को सिय्योन से अलग कर दिया जाएगा; 37–40, गिरजा राष्ट्रों का न्याय करेगा; 41–43, सिय्योन समृद्ध होगा ।

1 देखो, प्रभु तुम्हारा परमेश्वर तुम से इस प्रकार कहता है, ओ मेरे गिरजे के एल्डरों, तुम ध्यान दो और सुनो, और अपने संबंध में मेरी इच्छा स्वीकार करो ।

2 क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, मैं चाहता हूं कि तुम संसार पर विजय प्राप्त करो; इसलिए मैं तुम पर करूणा रखूंगा ।

3 तुम्हारे बीच वे हैं जिन्होंने पाप किया है; लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, केवल एक बार के लिए, मेरी स्वयं की महिमा के लिए, और आत्माओं के उद्धार के लिए, मैंने तुम्हारे पापों को क्षमा कर दिया है ।

4 मैं तुम पर दयालु रहूंगा, क्योंकि मैंने तुम्हें राज्य दिया है ।

5 और राज्य के रहस्यों की कुंजियां मेरे सेवक जोसफ स्मिथ जू., से नहीं वापस ली जाएंगी, जिस माध्यम से मैंने स्थापित किया है, जब तक वह जीवित है, यदि वह मेरी विधियों का पालन करता है ।

6 ऐसे लोग हैं जिन्होंने बिना कारण उस के विरूद्ध अवसर खोजे हैं;

7 फिर भी, उसने पाप किया है; लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, मैं, प्रभु, उनके पापों को क्षमा करता हूं जो अपने पापों को मेरे सम्मुख स्वीकार करते हैं और क्षमा मांगते हैं, जिसने मृत्यु तक पाप नहीं किया है ।

8 मेरे शिष्यों ने, प्राचीन समय में, एक दूसरे के विरूद्ध अवसर खोजे थे और अपने हृदयों में एक दूसरे को क्षमा नहीं किया था; और इस बुराई के कारण उन्होंने कष्ट उठाया और बुरी तरह दंडित किए गए थे ।

9 इसलिए, मैं तुम से कहता हूं, कि तुम्हें एक दूसरे को क्षमा करना चाहिए; क्योंकि वह जो अपने भाई को उसके उल्लंघनों के लिए क्षमा नहीं करता प्रभु के सम्मुख दंडित है; क्योंकि उस में महान पाप बना रहता है ।

10 मैं, प्रभु, जिसे मैं चाहूंगा क्षमा करूंगा, लेकिन तुम से यह अपेक्षित है कि तुम सबको क्षमा करो ।

11 और तुम्हें अपने हृदयों में कहना चाहिए—परमेश्वर मेरे और तुम्हारे बीच में न्याय करे, और तुम्हें तुम्हारे कर्मों के अनुसार प्रतिफल दे ।

12 और वह जो अपने पापों से पश्चाताप नहीं करता है, और उन्हें स्वीकार नहीं करता, तुम गिरजे के सम्मुख लाओगे, और उसके साथ उस प्रकार करोगे जैसा तुम्हें धर्मशास्त्र कहते हैं, चाहे आज्ञा के द्वारा या प्रकटीकरण के द्वारा ।

13 और तुम इसे करोगे ताकि परमेश्वर की महिमा हो सके—इसलिए नहीं कि तुम क्षमा नहीं करते, क्योंकि तुम में दया नहीं है, लेकिन ताकि तुम व्यवस्था की नजर में न्यायी ठहराए जाओ, ताकि तुम उसका अपमान न करो जो तुम्हारा व्यवस्था देने वाला है—

14 मैं सच कहता हूं, क्योंकि तुम इस कारण इन कामों को करोगे ।

15 देखो, मैं, प्रभु, उस से क्रोधित था जो मेरा सेवक एज्रा बूथ था, और मेरा सेवक इसाहक मोरले भी, क्योंकि उन्होंने व्यवस्था का पालन नहीं किया था, न ही आदेश का;

16 उन्होंने अपने हृदयों में बुराई को चाहा, और मैं, प्रभु ने, अपनी आत्मा रोक ली थी । उन्होंने उसकी बुराई के रूप में निंदा की जिसमें कोई बुराई नहीं थी; फिर भी मैंने अपने सेवक इसाहक मोरले को क्षमा कर दिया है ।

17 और मेरा सेवक एडवर्ड पार्टिज भी, देखो, उसने पाप किया है, और शैतान उसकी आत्मा को नष्ट करना चाहता है; लेकिन जब ये बातें उन्हें बताई जाती हैं, और वे बुराई से पश्चाताप करते हैं, वे क्षमा कर दिए जाएंगे ।

18 और अब, मैं तुम से सच कहता हूं कि यह उचित है कि मेरा सेवक सिडनी गिलबर्ट, कुछ हफ्तों के बाद, अपने काम, और सिय्योन प्रदेश में अपने कार्यस्थल पर लौट जाएगा ।

19 और कि जो उसने देखा और सुना है मेरे शिष्यों को बता दिया जाएगा, ताकि वे नष्ट न हों । और इस कारण मैंने ये बातें बोली हैं ।

20 और फिर, मैं तुम से कहता हूं, कि मेरा सेवक इसाहक मोरले को उसकी क्षमता से अधिक बुराई करने के लिए प्रेरित नहीं किया जाएगा, और अऩुचितरूप से तुम्हारे नुकसान की सलाह नहीं देगा, मैंने आदेश दिया था कि उसका खलिहान बेच दिया जाना चाहिए ।

21 मैं नहीं चाहता कि मेरा सेवक फ्रैड्रिक जी. विलियमस अपना खलिहान बेचे, क्योंकि मैं, प्रभु, कर्टलैंट प्रदेश में मजबूत पकड़ कायम करना चाहता हूं, पांच वर्षों की अवधि के लिए, जिसके दौरान मैं दुष्ट को पराजय नहीं करूंगा, ताकि इस प्रकार से मैं कुछ को बचा सकूं ।

22 और उस दिन के बाद, मैं, प्रभु, किसी को अपराधी नहीं ठहराऊंगा जो खुले हृदय के साथ सिय्योन प्रदेश जाएगा; क्योंकि मैं, प्रभु, मानव संतान के हृदयों को चाहता हूं ।

23 देखो, अब आज का दिन नियुक्त किया गया है मानव पुत्र के आगमन तक, और सच में यह बलिदान का दिन है, और मेरे लोगों का दसमांश देने का; क्योंकि वह जो दसमांश देता है उसके आगमन पर भस्म नहीं किया जाएगा ।

24 क्योंकि आज के पश्चात जला देने का दिन आता है—यह प्रभु के कहे अनुसार है—क्योंकि मैं सच कहता हूं कल सब घमंडी और वे जो दुष्टता करते हैं अनाज के खूंटी के समान हो जाएंगे; और मैं उन्हें जला डालूंगा, क्योंकि मैं सेनाओं का प्रभु हूं; और मैं ऐसे किसी पर दया नहीं करूंगा जो बाबुल में रह जाता है ।

25 इसलिए, यदि तुम मुझ पर विश्वास करते हो, तो तुम परिश्रम करोगे जब तक आज का दिन नियुक्त किया जाता है ।

26 और उचित नहीं है कि मेरे सेवक, न्यूवेल के. विटनी और सिडनी गिलबर्ट, अपने भंडार और संपत्तियों को यहां बेचें; क्योंकि इसमें समझदारी नहीं जबतक गिरजे के बाकी लोग, जोकि इस स्थान में रह जाते हैं, सिय्योन प्रदेश को जाएंगे ।

27 देखो, मेरी व्यवस्थाओं में यह कहा गया है, या मना किया गया है, अपने शत्रुओं को कर्जदार बनना ।

28 लेकिन देखो, किसी भी समय ऐसा नहीं कहा गया कि प्रभु उसे न ले जो वह चाहता है, और प्रतिफल दे जैसा उसे उचित लगता है ।

29 इसलिए, क्योंकि तुम प्रतिनिधि हो, तुम प्रभु की नियुक्ति पर हो; और जो कुछ तुम प्रभु की इच्छा के अनुसार करते हो वह प्रभु का कार्य है ।

30 और वह उसने तुम्हें उसके संतों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन अंतिम दिनों में नियुक्त किया है, ताकि वे सिय्योन प्रदेश में विरासत प्राप्त कर सकें ।

31 और देखो, मैं, प्रभु, तुम से घोषणा करता हूं, और मेरे वचन निश्चित हैं और निष्फल नहीं होंगे, कि वे इसे प्राप्त करेंगे ।

32 लेकिन सब बातें अपने समय में अवश्य पूरी होंगी ।

33 इसलिए, भलाई करने में थको मत, क्योंकि तुम एक महान कार्य की नींव रख रहे हो । और छोटी छोटी बातों से उसकी प्राप्ति होती है जो महान है ।

34 देखो, प्रभु को हृदय और समर्पित मन की आवश्यकता है; और समर्पित और आज्ञाकारी इन अंतिम दिनों में सिय्योन प्रदेश के उत्तम पर्दाथ खाएंगे ।

35 और विरोधियों को सिय्योन प्रदेश से अलग कर दिया जाएगा, और दूर भेज दिए जाएंगे, और प्रदेश में विरासत नहीं पाएंगे ।

36 क्योंकि, मैं तुम से सच कहता हूं कि विरोधी एप्रैम के लहू के नहीं हैं, इसलिए वे अलग किए जाएंगे ।

37 देखो, मैं, प्रभु, ने इन अंतिम दिनों में अपना गिरजा बनाया है पहाड़ पर या ऊंचे स्थान पर बैठे न्यायधीश के समान, राष्ट्रों का न्याय करने के लिए ।

38 क्योंकि ऐसा होगा कि सिय्योन के निवासी सिय्योन के संबंध में सब बातों का न्याय करेंगे ।

39 और झूठे और पांखडी उनके द्वारा साबित किए जाएंगे, और वे जो प्रेरित और भविष्यवक्ता नहीं हैं पहचाने जाएंगे ।

40 और धर्माध्यक्ष भी, जोकि न्यायधीश है, और उसके सलाहकार, यदि वे अपनी सेवाओं में विश्वासी नहीं हैं तो दंडित किए जाएंगे, और दूसरों को उनके स्थान पर रखा जाएगा ।

41 क्योंकि, देखो, मैं तुम से कहता हूं कि सिय्योन समृद्ध होगा, और प्रभु की महिमा उस पर होगी;

42 और यह लोगों के लिए एक प्रतीक होगा, और आकाश के नीचे प्रत्येक राष्ट्र के कुछ लोग वहां आएंगे ।

43 और दिन आएगा जब पृथ्वी के राष्ट्र उसके कारण कांपेंगे, और उसके निवासियों के कारण भयभीत होंगे । प्रभु ने इसे कहा है । आमीन ।