पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 70


खंड 70

भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, हाएरम, ओहायो में, 12 नवंबर 1831 में, दिया गया प्रकटीकरण । भविष्यवक्ता का इतिहास दर्शाता है कि 1 से 12 नवंबर तक चार विशेष सम्मेलन हुए थे, इन दोनों तिथियों सहित । इन अंतिम सम्मेलनों में, उन प्रकटीकरणों के विशेष महत्व पर विचार किया गया था जिन्हें बाद में Book of Commandments (निर्देशों की पुस्तक) और फिर सिद्धांत और अनुबंध के रूप में प्रकाशित किया गया था । इस प्रकटीकरण के दिए जाने के पश्चात सम्मेलन ने मत दिया था कि प्रकटीकरण “गिरजे के लिए संपूर्ण पृथ्वी के खजाने के समान थे ।” जोसफ स्मिथ का इतिहास प्रकटीकरणों को “इन अंतिम दिनों में गिरजे की बुनियाद, और संसार के लिए कल्याण के रूप में संदर्भ करता है, जो दिखाता कि हमारे उद्धारकर्ता के राज्य के रहस्यों की कुंजियां फिर से मनुष्य को सौंपी गई हैं ।”

1–5, प्रकटीकरणों को प्रकाशित करने के लिए प्रबंधक नियुक्त किए जाते हैं; 6–13, जो आत्मिक बातों में परिश्रम करते हैं अपनी नियुक्ति के योग्य हैं; 14–18, संत संसारिक वस्तुओं में एक समान होने चाहिए ।

1 देखो, और ध्यान से सुनो, ओ तुम सिय्योन के निवासियों, और तुम सब मेरे गिरजे के लोगों जो बहुत दूर हैं, और प्रभु के वचन को सुनते हो जो मैं अपने सेवक जोसफ स्मिथ, जू., और मेरा सेवक मार्टिन हैरिस को भी, और मेरे सेवक ओलिवर कॉउड्री को भी, और मेरे सेवक जोन विटमर को भी, और मेरे सेवक सिडनी रिगडन को भी, और मेरे सेवक विलियम डब्ल्यू. फिलेप्स को भी, उन्हें आदेश के रूप में ।

2 क्योंकि मैं उन्हें आदेश देता हूं; इसलिए कान लगाओ और सुनो, क्योंकि प्रभु उनसे इस प्रकार कहता है—

3 मैं, प्रभु, ने उन्हें नियुक्त किया है, और उन्हें प्रकटीकरणों और आदेशों पर प्रबंधक होने के लिए नियुक्त किया है जो मैंने उन्हें दिए हैं, और जो इसके बाद मैं उन्हें दूंगा;

4 और इस प्रबंधक का लेखा न्याय के दिन मैं उनसे मांग करूंगा ।

5 इसलिए, मैंने उन्हें नियुक्त किया है, और यह परमेश्वर के गिरजे में उनका कार्य है, उनका और उनके संबंध में प्रबंध करना, हां, उनके लाभों का ।

6 इसलिए, एक आदेश मैं उन्हें देता हूं, कि वे इन्हें गिरजे को नहीं देंगे, और न ही संसार को;

7 फिर भी, जितना भी उन्हें अपनी अवश्यकताओं और जरूरतों के लिए चाहिए उससे अधिक वे प्राप्त करते हैं, तो इसे मेरे भंडारगृह में दे दिया जाएगा ।

8 और लाभ सिय्योन के निवासियों के लिए समर्पित किया जाएगा, और उनकी पीढ़ियों के लिए, जितना वे राज्य की व्यवस्था के अनुसार वारिस बनते हैं ।

9 देखो, यह प्रभु प्रत्येक व्यक्ति से उसके प्रबंधन के विषय में अपेक्षा करता है, उसी प्रकार जिसे मैं, प्रभु, ने नियुक्त किया है या इसके बाद किसी व्यक्ति को नियुक्त करूंगा ।

10 और देखो, इस व्यवस्था से किसी को छूट नहीं है जो जीवित परमेश्वर के इस गिरजे से संबंध रखते हैं;

11 हां, न ही धर्माध्यक्ष, और न ही प्रतिनिधि जो प्रभु के भंडारगृह का प्रबंध करता है, और न ही वह जिसे संसारिक वस्तुओं के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया गया है ।

12 वह जो आत्मिक बातों का प्रबंध करने के लिए नियुक्त किया गया, वह अपनी नियुक्त के योग्य है, उसी प्रकार वे जो संसारिक बातों का प्रबंध करने के लिए नियुक्त किए गए हैं;

13 हां, जहां तक संभव हो बहुत अधिक मात्रा में, जिसकी मात्रा उनके लिए आत्मा के दर्शनों के द्वारा बढ़ जाती है ।

14 फिर भी, तुम अपनी संसारिक वस्तुओं में एक समान रहोगे, और यह अनिच्छापूर्वक नहीं, वरना आत्मा के दर्शनों की मात्रा रोक दी जाएगी ।

15 अब, यह आदेश मैं अपने सेवकों को उनके लाभ के लिए देता हूं जब तक वे पृथ्वी पर कायम रहते हैं, उनके सिरों पर मेरी आशीषों को दिखाने के लिए, और उनके परिश्रम के प्रतिफल के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए;

16 भोजन के लिए और वस्त्रों के लिए; विरासत के लिए; घरों के लिए और भूमि के लिए, प्रत्येक परिस्थितियों में मैं, प्रभु, उन्हें संभालूंगा, और जहां कहीं मैं, प्रभु, उन्हें भेजूंगा ।

17 क्योंकि वे बहुत से बातों में विश्वासी रहे हैं, और यद्यपि उन्होंने पाप नहीं किया है ।

18 देखो, मैं, प्रभु, दयालु रहा हूं और उन्हें आशीष दूंगा, और वे इन बातों के आनंद में प्रवेश करेंगे ।