प्रिय बेटियां
युवतियों के संगठन में हम सभी के हृदय में आपको प्रभु यीशु मसीह में अटूट विश्वास पाने में मदद करने की आकांशा है ।
मेरी प्रिय बहनों, आपके साथ होना आनंद की बात है ! हम अत्याधिक प्रकटीकरण प्राप्त कर रहें हैं जोकि आत्मिक और रोमांचक करने वाले दोनों प्रकार के हैं ।
जब हम शुरू करते हैं, तो मैं आपको कुछ मित्रों से मिलवाना चाहती हूं; वे युवतियां हैं जो प्रतिभा, रीति-रिवाज और व्यक्तिगत और पारिवारिक परिस्थितियों में अद्वितीय हैं । इनमें से प्रत्येक ने, आपके समान, मुझे प्रभावित किया है ।
पहले, बेला से मिलो । वह अपनी शाखा आइसलैंड में एकमात्र मजबूत युवती है ।
अफ्रीका की समर्पित जोफिन से मिलो, जिसने मॉरमन की पुस्तक को फिर से अध्ययन करने का प्रण किया है । वह उस शक्ति और आशीषों की खोज कर रही है जो इस सरल, विश्वासी कार्य से आती है ।
और अंत में, मेरी प्रिय मित्र एशटिन से मिलो, अद्वितीय युवती जो छह साल तक कैंसर से लड़ते हुए गुजर गई है । यीशु मसीह के प्रायश्चित की उसकी मजबूत गवाही आज भी मेरे हृदय को प्रभावित करती है ।
आप सबअद्वितीय युवतियां हैं । आप बेजोड़ हैं, प्रत्येक के पास स्वयं के उपहार और अनुभव हैं फिर भी बहुत महत्वपूर्ण और अनंत तरीके से ।
आप सच में स्वर्गीय माता-पिता की बेटियां हों, और उनके प्रेम और तुम्हारे उद्धारकर्ता के प्रेम से अलग नहीं कर सकता है । जब आप उसके निकट आती हो, बेशक छोटे बच्चे के समान कदम आगे बढ़ाते हुए, आप असीमित शांति को पाओगी जो आपकी आत्मा में हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह के विश्वासी शिष्य के समान स्थापित हो जाती है ।
हमारे प्रिय भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने पूछा था कि मैं कुछ प्रेरक बदलावों को साझा करूं जो आपको अपनी पावन संभावना का विकास करने में मदद करेगी और आपके धार्मिक प्रभाव को बढ़ाएगी । मैं आज शाम चार बदलावों को बताऊंगी ।
युवतियों का थीम
पहले, जो हम युवतियों के लिये करते हैं उसके केंद्र में आपको प्रभु यीशु मसीह में अटल विश्वास प्राप्त करने में मदद करने और परमेश्वर की बेटी के रूप में आपकी दिव्य पहचान की दृढ़ समझ की इच्छा है ।
आज शाम, मैं युवतियों के थीम में बदलाव की घोषणा करना चाहती हूं । मैं प्रार्थना करती हूं कि आप पवित्र आत्मा इन शब्दों की सच्चाई की गवाही महसूस करोगी जब मैं इस नये थीम को बताती हूं :
मैं स्वर्गीय माता-पिता की प्रिय बेटी हूं, मेरे पास दिव्य प्रकृति और अनंत नियति है ।
यीशु मसीह के शिष्य के रूप मेंमैं उसके समान बनने का प्रयास करती हूं । व्यक्तिगत प्रकटीकरण खोजती और उन पर कार्य करती हूं, और उसके पवित्र नाम में दूसरों की सेवा करती हूं ।
मैं हर स्थान पर और बातों में और हर समय परमेश्वर की गवाह के रूप में बनी रहती हूं ।
जब मैं उत्कर्ष पाने का प्रयास करती हूंमैं पश्चाताप के उपहार को संजोती और प्रतिदिन सुधार करने की खोज करती हूं । विश्वास से मैं अपने घर और परिवार को मजबूत करूंगीपावन अनुबंध बनाऊंगी और पालन करूंगी, और पवित्र मंदिर में विधियों और आशीषों को प्राप्त करूंगी ।
“हम” से “मैं” में परिवर्तन पर ध्यान दें । ये सच्चायां आप पर व्यक्तिगत तौर पर लागू होती हैं । आप स्वर्गीय माता-पिता की प्रिय बेटियां हो । आप हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह के अनुबंधित शिष्य हो । मैं आपको इन शब्दों का अध्ययन और मनन करने का निमंत्रण देती हूं । मैं जानती हूं जब आप ऐसा करती है, तो आप इनकी सच्चाइयों की गवाही प्राप्त करोगी । इन सच्चाइयों को समझने से आपका चुनौतियों का सामना करने का तरीका बदल जाएगा । अपनी पहचान और उद्देश्य को समझने से आप अपनी इच्छा को उद्धारकर्ता के समान करती हो ।
जब आप यीशु मसीह का अनुसरण करती हो आपको शांति और मार्गदर्शन प्राप्त होगा ।
युवतियों की कक्षाएं
दूसरा बदलाव युवितयों की कक्षाओं को प्रभावित करता है । एल्डर नील ए. मैक्सवैल ने कहा था, “बहुत बार लोग चाहते हैं कि उन्हें जीवन के उतार-चढ़ाव में आश्रय प्राप्त हो ।” हमारी कक्षाएं अवश्य ही तूफानों से आश्रय होनी चाहिए, प्रेम और संबंध के सुरक्षित स्थान । युवतियों के बीच अधिक एकता, मजबूत मित्रता, और संबंध की बढ़ी हुई अनुभूति बनाने के प्रयास में, हम कक्षा के रचना में कुछ बदलाव कर रहे हैं ।
शताब्दि से अधिक, युवतियों को तीन कक्षा में विभाजित किया जाता रहा है । तुरंत प्रभाव से, हम युवतियों की मार्गदर्शकों और धर्माध्यक्षों को प्रार्थनापूर्वक प्रत्येक युवती की जरूरतों पर विचार करने और उन्हें वार्ड की विशेष परिस्थितियों के अनुसार संगठित करने का निमंत्रण देते हैं । कुछ उदाहरण हैं कि यह कैसे काम कर सकता है ।
-
यदि आपके पास कम युवतियां हैं, तो आप युवतियों की केवल एक कक्षा रख सकते हो जिसमें सब एक साथ मिलते हैं ।
-
हो सकता है आपके पास 12 वर्ष की युवतियों का बड़ा समूह हो और उससे बड़ी आयु की युवतियां का समुह छोटो हो । आप दो कक्षा बना सकते हो : युवतियां 12 और युवतियां 13-18 ।
-
या फिर आप का वार्ड बड़ा है जिसमें 60 युवतियां हैं, आप छह कक्षा रख सकते हो, प्रत्येक आयु के लिये एक, आयु के हिसाब से ।
चाहे आपकी कक्षाएं कैसे भी संगठित हों, आप युवतियों एकता बनाने में बहुत आवश्यक हो । अपने आस-पास के लोगों के लिये उदाहरण बनें । प्रेम का स्रोत बनें और वैसी देख भाल करें जैसे आप दूसरों से पाना चाहती हो । अपने हृदय में प्रार्थना के साथ, दया दिखाना जारी रखें और भलाई के लिये प्रभावित करें । जब आप ऐसा करती हैं, आपका जीवन दया से भर जाएगा । आपके पास दूसरों के प्रति अच्छी अनुभूतियां होंगी और आपको बदले में दूसरों में भलाई दिखाई देने लगेगी ।
युवतियों की कक्षा के नाम
तीसरा, कक्षा के इस नये संगठन से, सभी कक्षाएं एकीकृत नाम “युवतियों” से दर्शायी जाएंगी । हम बीहाइव, मिया मेड, और लौरल नामों का उपयोग बंद कर देंगे ।
कक्षा अध्यक्षताओं को मजबूती देना
अंतिम बात जो मैं बताना चाहती हूं वह कक्षा अध्यक्षताओं का महत्व है । चाहे युवतियों की कक्षाएं कैसे भी संगठित हों, प्रत्येक कक्षा में कक्षा अध्यक्षता होगी !यह दिव्य योजना है कि युवतियों को युवावास्था से मार्गदर्शन करने के लिये नियुक्त किया जाए ।
कक्षा अध्यक्षता की भूमिका और उद्देश्य को मजबूत और अधिक स्पष्ट रूप से बताया गया है । उद्धार का कार्य इन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है, विशेषरूप से सेवकाई, प्रचारक कार्य, सक्रियता, और मंदिर और परिवार इतिहास के कार्य में । हां, इस प्रकार हम इस्राएल एकत्रित करते हैं—प्रभु की युवा बटालियन के सदस्यों के रूप में सभी युवतियों के लिए शानदार काम ।
जैसा आप जानती हैं, गिरजे में प्रत्येक स्तर पर, अपने लोगों का मार्गदर्शन करने के लिये प्रभु अध्यक्षता नियुक्त करता है । युवतियों, कक्षा अध्यक्षता की सदस्या होते हुए आपका पहला अवसर मार्गदर्शन के इस प्रेरक आर्दश में भाग लेना हो सकता । वयस्क मार्गदर्शकों, कक्षा अध्यक्षताओं की नियुक्ति को प्राथमिकता दें और फिर उनका मार्गदर्शन करें, परामर्श और सलाह देते हुए ताकि वे सफल हों । कक्षा अध्यक्षता का मार्गदर्शन का अनुभव कुछ भी हो, जैसे वे हैं वैसे ही आरंभ करें और उन्हें अपनी प्रतिभा में विकास और भरोसा पैदा करने में मदद करें जो उन्हें मार्गदर्शकों के रूप में आशीषित करेगा । उनके निकट रहें, लेकिन उन पर हावी न हों । आत्मा आपका मार्गदर्शन करेगी जब आप उनका मार्गदर्शन करोगे ।
सलाहकार के रूप में माता-पिता और मार्गदर्शकों की आवश्यक भूमिका को समझाने के लिये मैं कहानी सुनाना चाहती हूं । क्लो को कक्षा अध्यक्षा का कार्य करने को नियुक्त किया गया था । उसके समझदार पौरोहित्य मार्गदर्शक ने उसे अपनी अध्यक्षता में नाम देने के लिये प्रभु की मदद लेने के लिये कहा था । क्लो ने प्रार्थना की और तुरंत प्रेरणा प्राप्त की किसका नाम अपने सलाहकारों के रूप में दे । जब उसने सेक्रेटरी के लिये मनन और प्रार्थना की, आत्मा ने बारबार उस युवती का नाम बताया जो बहुत कम गिरजे या गतिविधियों में आती थी ।
प्रेरणा के एहसास से अनिश्चित होते हुए, क्लो ने अपनी मां से बात की, जिसने बताया कि निरंतर आते विचार के माध्यम हम प्रकटीकरण प्राप्त कर सकते हैं । नये भरोसे के साथ, क्लो ने महसूस किया कि उसे उस युवती के नाम को देना चाहिए । धर्माध्यक्ष ने वह नियुक्ति उसको बताई, और उस युवती ने स्वीकार कर लिया । नियुक्त किए जाने के बाद, इस प्रिय सेक्रिटरी ने कहा, “तुम्हें पता है, मैंने कभी महसूस नहीं किया था कहीं मेरे लिये भी स्थान, या मेरी कहीं आवश्यकता भी है । मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं भी शामिल हो सकती हैं । लेकिन इस नियुक्ति से, मुझे लगता है मानो स्वर्गीय पिता के पास मेरे लिये एक लक्ष्य और एक स्थान है ।” जब क्लो और उसकी मां सभा से गए, क्लो ने अपनी मां से आंसूं भरी आंखों में कहा, “प्रकटीकरण एक सच्चाई है ! प्रकटीकरण सच में कार्य करता है !”
कक्षा अध्यक्षताओं, आपको परमेश्वर द्वारा नियुक्त किया गया है और उसकी बेटियों के समूह का निर्देशन करने के लिये भरोसा किया गया है । “प्रभु आपको जानता है । … उसने आपको चुना है ।” आपको उसके द्वारा नियुक्तकिया गया है जिसके पास पौरोहित्य अधिकार है; इसका अर्थ है जब आप अपनी नियुक्ति की जिम्मदारियों को पूरा करती हो, आप पौरोहित्य अधिकार का उपयोग करती हो । आपके पास महत्वपूर्ण कार्य है । पवित्र आत्मा की प्रेरणाओं को सुनने और कार्य करने के लिये संवेदन शील हों । जब आप ऐसा करती हैं, आप आत्म-विश्वास से सेवा करती हो, क्योंकि आप अकेली नहीं हों !
कक्षा अध्यक्षाओं, हमें वार्ड में युवाओं की नई परिषद में जिसकी घोषणा एल्डर क्वेंटिन एल. कुक की है उसमें आपकी समझ, आवाज, और शक्ति की आवश्यकता है । आप अपने भाइयों और बहनों की जरूरतों को पूरा करने के उपाय का आवश्यक हिस्सा हो ।
कक्षा संगठन और मार्गदर्शन में ये बदलाव तुरंत प्रभावी होंगे जितनी जल्दी वार्ड और शाखाएं इसके लिये तैयार होती हैं लेकिन 1 जनवरी 2020 से प्रभावकारी होंगे ।
मेरी प्रिय बहनों, मैं इन बदलावों की गवाही देती हूं कि ये प्रभु के प्रेरित निर्देशन से मिली हैं । जब उचितरूप से इन बदलावों को लागू करते हैं, मैं चाहती हूं हम अपने उद्देश्य को न भूलें: यीशु मसीह का अनुसरण के प्रण को मजबूत और दूसरों को उसके निकट आने में मदद करना । मैं गवाही देती हूं यह उसका गिरजा है । मैं बहुत आभारी हूं कि वह अपने पावन कार्य में महत्वपूर्ण हिस्सा होने की अनुमति देता है ।
मैं प्रार्थना करती हूं कि वही आत्मा जिसने इन बदलावों को दिया है, आपका मार्गदर्शन करेंगी जब आप अनुबंध मार्ग में आगे बढ़ती हो । मैं यह गवाही यीशु मसीह के नाम में देती हूं, आमीन ।