हमारे विश्वास की परीक्षा के बाद
जब हम परमेश्वर की आवाज़ और उनके अनुबंधित मार्ग पर चलते हैं, तो वह हमें अपनी परीक्षाओं में मज़बूत करेगा।
जब मैं एक बच्चा था, तो गिरजा के एक सदस्य ने मेरे परिवार को अपने निजी विमान में प्यूर्टो रिको से साल्ट लेक सिटी तक उड़ाने का प्रस्ताव रखा ताकि हमें मंदिर में सील किया जा सके,परंतु जल्द ही बाधाएं सामने आने लगीं। मेरी एक बहन मार्विड बीमार हो गई थी। अस्थिर, मेरे माता-पिता ने क्या करने के लिए प्रार्थना की और यात्रा करने के लिए प्रेरित महसूस किया । उन्हें विश्वास था कि जैसे की वह प्रभु की आग्रह का ईमानदारी से पालन करते हैं, उनके परिवार की देख-भाल की जाएगी और उन्हें आशीषित किया जाएगा—और हमें किया गया।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम जीवन में किन बाधाओं का सामना करतें हैं जब तक की हम यीशु मसीह पर भराेसा रखते हैं कि वह आगे बढ़ने के लिए एक मार्ग तैयार करेंगें जैसे की हम विश्वास के साथ चलते हैं। परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि जो भी उनके साथ किए गए अनुबंधाे के अनुसार विश्वसनीय ढंग से जीवन जीते हैं, वे अपने समय में, उनसे अपनी सभी आशीषाें को प्राप्त करेंगें। एल्डर जैफ्री आर.हॉलैंड ने सिखाया,“कुछ आशीषें जल्दी आती हैं, कुछ देर से आती हैं, और कुछ स्वर्ग तक नहीं आते हैं; लेकिन जो यीशु मसीह के सुसमाचार को गले लगाते हैं, उनके लिये वे आती हैं।”
मरोनी ने सिखाया कि “विश्वास वह चीज़ है जिसकी आशा की जाती है और जिसे देखा नहीं जा सकता; इसलिए विवाद मत कराे क्योंकि तुम देख नहीं सकते, क्योंकि तुम्हारे विश्वास की परीक्षा के बिना कोई गवाह नहीं मिलता।”
हमारा प्रश्न यह है कि: “हमारे रास्ते में आने वाली परीक्षाओं का श्रेष्ठता से मुक़ाबला करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?”
गिरजा के अध्यक्ष के रूप में अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में अध्यक्ष रसल एम् नेल्सन ने सिखाया: “एक नए अध्यक्ष के रूप में, हम परिणाम को ध्यान में रखकर शुरू करना चाहते हैं। इस कारण से, हम आज आपसे एक मंदिर से बात कर रहे हैं। जिस परिणाम के लिए हममें से प्रत्येक प्रयास करता है वाे प्रभु के घर में शक्ति प्राप्त करना हैं ,परिवारों के रूप में महुरबदं हाेना है, एक मंदिर में करे गए अनुबंधाे के प्रति वफादार हाेना हैं जो हमें परमेश्वर के सबसे बड़े उपहार के लिए योग्य बनाता है—जाे अनन्त जीवन हैं । जाे धर्मविधियां और अनुबंध हमारे द्वारा मंदिर में ली जाती हैं,वे कुंजी है आपके विवाह और परिवार को मज़बूत बनाने और विरोधी के हमलों का प्रतिरोध करने की आपकी क्षमता के लिए। मंदिर में आपकी आराधना और आपके पूर्वजों के लिए आपकी सेवा आपको व्यक्तिगत प्रकटीकरण और शांति प्रदान करेगी और अनुबंधित मार्ग पर बने रहने की आपकी प्रतिज्ञा को मज़बूत करेगी।”
जब हम परमेश्वर की आवाज़ और उनके अनुबंधित मार्ग पर चलते हैं, तो वह हमें अपनी परीक्षाओं में मज़बूत करेगा।
वर्षों पहले मंदिर में मेरे परिवार की यात्रा कठिन थी, लेकिन जैसे ही हमने साल्ट लेक सिटी, यूटा में मंदिर में प्रवेश किया, मेरी मां ने कहा,जाे खुशी और विश्वास से भरी हुई थी,“हम सब ठीक रहेंगें;प्रभु हमारी रक्षा करेगा। ” हमें एक परिवार के रूप में मुहरबंद हुए ,और मेरी बहन स्वस्थ हुई। यह मेरे माता-पिता के विश्वास की परीक्षा और प्रभु की प्रेरणा का अनुसरण करने के बाद ही हुआ।
मेरे माता-पिता का यह उदाहरण आज भी हमारे जीवन को प्रभावित करता है। उनके उदाहरण ने हमें सुसमाचार सिद्धांत का क्यों सिखाया और हमें सुसमाचार के अर्थ, उद्देश्य और उसकी आशीषाें को समझने में मदद की। यीशु मसीह के सुसमाचार के क्यों को समझने से हमें अपनी परीक्षाओं काे विश्वास के साथ सामना करने में भी मदद मिल सकती है।
अंत में, जो कुछ भी परमेश्वर आमंत्रित करता है और हमें करने की आज्ञा देता है, वह हमारे लिए उसके प्रेम की अभिव्यक्ति है और हम विश्वासियों के लिए आरक्षित आशीषें देने की उसकी इच्छा है। हम यह नहीं मान सकते हैं कि हमारे बच्चे अपने आप ही सुसमाचार को प्रेम करना सीखेंगे; उन्हें पढ़ाने की हमारी ज़िम्मेदारी है। जैसे कि हम अपने बच्चों को उनकी स्वतंत्रता काे बुद्धिमानी से उपयोग करने के तरीके काे सिखाने में मदद करते हैं, हमारा धर्मी उदाहरण उन्हें अपने धार्मिक चुनाव करने के लिए प्रेरित कर सकता है। उनके विश्वसनीय रहने से उनके बच्चों को खुद के लिए सुसमाचार की सच्चाई जानने में मदद मिलेगी।
युवक और युवतियाें,भविष्यवक्ता काे आपसे बात करते हुए सुनाे। ईश्वरीय सत्यों को सीखने की कोशिश करें और अपने लिए सुसमाचार को समझें। अध्यक्ष नेलसन ने हाल ही में सलाह दी: “आपकाे किस प्रकार के ज्ञान की कमी है? … भविष्यवक्ता जोसेफ के उदाहरण का अनुसरण करें। एक शांत जगह खोजें। … परमेश्वर के सामने खुद को नम्र करें। अपने स्वर्गीय पिता के आगे अपना हृदय उड़ेलें। उत्तरों के लिए उसकी ओर मुड़ें।” जैसा कि आप प्रार्थना के माध्यम से अपने प्रिय स्वर्गीय पिता से मार्गदर्शन चाहेंगें, जीवित भविष्यवक्ताओं की सलाह सुनेगें,और धार्मिक माता-पिता के उदाहरण को देखेगें, आप भी अपने परिवार में विश्वास की एक मज़बूत कड़ी बन सकते हैं।
उन बच्चों के माता-पिता, जिन्होंने अनुबंधित मार्ग छोड़ दिया है, कोमलता से वापस जाएँ। उन्हें सुसमाचार की सच्चाई समझने में मदद करें। अभी शुरू करें;कभी भी बहुत देर नहीं हाेती है।
धार्मिक जीवन जीने के हमारे उदाहरण से काफी महान फर्क पड़ सकता है। अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने कहा है कि:“अंतिम दिनाें के संताे के रूप में, हम ‘गिरजा’ काे वाे जाे सभाघराें में हाेता है उसे सोचने के आदी हो गए हैं,उसके द्वारा समर्थित जो घर पर होता है। हमें इस रूप से समझौता करने की आवश्यकता है। घर-केंद्रितगिरजा का समय आ गया है,जिसका समर्थन उसके द्वारा हाेता है जाे हमारी शाखाओं,वार्ड और स्टेक बिल्डिंगों के अंदर हाेता है।
धर्मशास्त्र सिखाते हैं कि,“लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उस को चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।”
वे यह भी कहते हैं,“और अब, वचन के प्रचार का महान तात्पर्य लोगों से उचित कार्य करवाना था—हां, तलवार या किसी भी और चीज़ से अधिक इसका प्रभाव लोगों के मन पर हो सकता था, जैसा कि उनके साथ हुआ था—इसलिए अलमा ने सोचा कि यह आवश्यक था कि परमेश्वर के वचन की नैतिकता को अमल में लाएं।”
एक महिला की कहानी बताई गई है जो परेशान थीं क्योंकि उसका बेटा बहुत ज़्यादा टाफी खा रहा था। इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कि उसने उसे रोकने के लिए कितना कहा, उसने अपने मीठे दांत को संतुष्ट करना जारी रखा। पूरी तरह से निराश हाेकर,उसने अपने बेटे के साथ एक बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने का फैसला किया, जिसका वह सम्मान करती थीं।
वह उसके पास पहुंची और कहा, “श्रीमान, मेरा बेटा बहुत अधिक टाफी खाता है। क्या आप कृपया उसे वे खाने से राेकने की सलाह देंगे?”
उन्होंने ध्यान से सुना और उनके बेटे से कहा, “घर जाओ और दो सप्ताह में वापस आओ।”
वह अपने बेटे को ले गई और घर चली गई, हैरान हाेकर कि उन्होंने लड़के को ज्यादा कैंडी खाने से रोकने के लिए क्यों नहीं कहा।
दो हफ्ते बाद वे लौट आए। उस बुद्धिमान व्यक्ति ने सीधे लड़के की ओर देखा और कहा, “लड़के, तुम्हें इतनी टाफी खाना बंद कर देना चाहिए। यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।”
लड़के ने सिर हिलाया और वादा किया कि वह ऐसा ही करेगा।
लड़के की मां ने पूछा, “आपने यह उसे दो हफ्ते पहले क्यों नहीं कहा ?”
बुद्धिमान व्यक्ति मुस्कुराया। “दो हफ्ते पहले मैं खुद भी बहुत ज़्यादा टाफी खाता रहा था।”
यह आदमी इतनी निष्ठा के साथ रहता था कि उसे पता था कि उसकी सलाह तभी शक्ति उत्पन्न करेगी,जब वह खुद की सलाह का पालन करेगा।
हमारे बच्चों पर हमारा प्रभाव अधिक शक्तिशाली हाेता है जब वे हमें अनुबंधित मार्ग पर विश्वासपूर्वक चलते हुए देखते हैं। मॉरमन की पुस्तक में भविष्यवक्ता याकूब ऐसी ही धार्मिकता के उदाहरण हैं। उनके बेटे इनोस ने अपने पिता की शिक्षाओं के प्रभाव के बारे में लिखा:
“देखो, ऐसा हुआ कि मैं, इनोस, जानते हुए कि मेरे पिता धार्मिक पुरुष थे—क्योंकि उन्होंने मुझे अपनी भाषा में शिक्षा दी, और प्रभु की दया और चेतावनी में भी—और इसके लिए मेरे परमेश्वर का नाम आशीषित हो। …
“… और जो वचन मैं अपने पिता से अनंत जीवन, और संतों के आनंद के विषय में सुना करता था, वे मेरे हृदय में गहराई से बैठ गए थे ।”
जवान योद्धाओं की माताओं ने सुसमाचार को जीया था और उनके बच्चे दृढ़ विश्वास से भरे थे। उनके मार्ग दर्शक ने सूचित किया था:
“हां, उन्हें उनकी माताओं ने सिखाया था, कि यदि वे संदेह न करें तो परमेश्वर उन्हें बचाएगा।
“और उन्होंने यह कहते हुए अपनी माताओं के शब्दों को मेरे लिए दोहराया था: हमें इस बात पर संदेह नहीं है कि हमारी माताएं इसे जानती थी।”
इनाेस और लमनाई किशोर योद्धाओं को अपने माता-पिता के विश्वास से सुदृढ़ किया गया था, जिससे उन्हें अपने स्वयं के विश्वास की परीक्षाओं का मुक़ाबला करने में मदद मिली थी।
हम अपने दिनों में यीशु मसीह के पुन: स्थापित सुसमाचार के साथ आशीषित हैं, जो हमें उभारती है जब हम निराशा या परेशानी महसूस करते हैं। हमें आश्वस्त किया जाता है कि यदि हम अपने विश्वास की परीक्षाओं के माध्यम से आगे बढ़ते हैं, तो हमारे प्रयासाें का प्रभु अपने नियत समय में फल देंगे।
मेरी पत्नी और मैं हाल ही में क्षेत्रीय अध्यक्षता के साथ, एल्डर डेविड ऐ. बेडनार के सहित हैटी पोर्ट-औ-प्रिंस मंदिर के समर्पण के लिए गए थे । हमारे साथ आए हमारे बेटे जॉर्ज ने अपने अनुभव के बारे में कहा: “अद्भुत है, पापा! जैसे ही एल्डर बेडनार ने समर्पणात्मक प्रार्थना की शुरुआत की,मैंने कमरे में उत्साह और रोशनी काे महसूस किया। प्रार्थना ने मंदिर के उद्देश्य के बारे में मेरी समझ में बहुत कुछ जोड़ा। वास्तव में मंदिर प्रभु का घर है ।
मॉरमन की पुस्तक में, नफी सिखाता है कि जैसे हम परमेश्वर की इच्छा को जानना चाहते हैं, वह हमें मज़बूत करेगा। उन्होनें लिखा, “मैं,नफी, आयु में बहुत छोटा था, फिर भी शरीर से अपनी अवस्था से अधिक हृष्ट-पुष्ट और बलवान था, और परमेश्वर के भेदों को जानने के लिए मेरी बड़ी अभिलाषा थी; इसलिए, मैंने प्रभु को पुकारा, और सुनो, उन्होंने मुझे दर्शन दिए और मेरे हृदय को इतना विनम्र किया कि मैंने अपने पिता द्वारा कहे गए हर एक शब्दों पर विश्वास किया; इसलिए, अपने भाइयों की तरह मैंने अपने पिता के विरूद्ध विद्रोह नहीं किया।”
भाइयों और बहनों, आइए हम अपने बच्चों और अपने आस-पास के सभी लोगों को परमेश्वर के अनुबंधित मार्ग पर चलने में मदद करें ताकि आत्मा उन्हें सिखाए और उनके हृदयाें को विनम्र बनाए ताकि वह अपने पूरे जीवन में उनका अनुसरण करने की इच्छा काे जगा सकें।
जब मैं अपने माता-पिता के उदाहरण पर विचार करता हूं, मुझे एहसास होता है कि प्रभु यीशु मसीह में हमारा विश्वास हमें अपने स्वर्गीय घर में वापस जाने का मार्ग दिखाएगा। मैं जानता हुँ कि चमत्कार हमारे विश्वास के परीक्षा के बाद आते हैं।
मैं यीशु मसीह और उनके प्रायश्चित बलिदान की गवाही देता हूं। मैं जानता हुँ कि वह हमारे उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता हैं। वह और हमारे स्वर्गीय पिता 1820 की वसंत की सुबह में पनु:स्थापना के भविष्यवक्ता,जोसफ स्मिथ के पास आए थे। अध्यक्ष रसल एम. नेलसन हमारे दिन के भविष्यवक्ता हैं। यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।