खंड 103
भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा, कर्टलैंड, ओहायो में, 24 फरवरी 1834 में, दिया गया प्रकटीकरण । यह प्रकटीकरण पारले पी, प्रैट और लीमन वाइट के कर्टलैंड, ओहायो, पहुंचने के बाद दिया गया था, जो मिसूरी से संतों को राहत और जैक्सन काउंटी में उनकी जमीनों को लौटाने के संबंध में भविष्यवक्ता से सलाह करने आए थे ।
1–4, क्यों प्रभु ने जैक्सन काउंटी में संतों पर अत्याचार की अनुमति दी थी; 5–10, संत विजयी होंगे यदि वे आज्ञाओं का पालन करते हैं; 11–20, सिय्योन की मुक्ति शक्ति के द्वारा आएगी, और प्रभु अपने लोगों के आगे चलेगा; 21–28, संतों को सिय्योन में एकत्रित होना है, और जो अपने जीवनों को खोते हैं इसे दुबारा प्राप्त करेंगे; 29–40, बहुत से भाइयों को सिय्योन के शिविर को संगठित करने और सिय्योन जाने के लिए नियुक्त किया जाता है; उनसे विजय की प्रतिज्ञा की जाती है यदि वे विश्वसनीय रहते हैं ।
1 मैं तुम से सच कहता हूं, मेरे मित्रों, देखो, मैं तुम्हें एक प्रकटीकरण और आज्ञा दूंगा, ताकि तुम जान सको कि कैसे तुम्हें अपने भाइयों के उद्धार और मुक्ति के संबंध में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना है, जो सिय्योन के प्रदेश में बिखेर दिए गए हैं;
2 मेरे शत्रुओं के हाथों खदेड़े और पीटे जाने कारण, जिन पर मैं अपने क्रोध को अत्यधिकरूप से उंडेलूंगा अपने स्वयं के समय में ।
3 क्योंकि मैंने उन्हें अब तक अनुमति दी थी, ताकि उनके अर्धमों का पैमाना भर जाए, ताकि उनके प्याले भर सकें;
4 और ताकि जो स्वयं को मेरे नाम का कहते हैं उन्हें कुछ समय के लिए कष्टदायक और दुखदायी दंड से दंडित किया जा सके, क्योंकि उन्होंने पूर्णरूप से उन निर्देशों और आज्ञाओं का पालन नहीं किया जो मैंने उन्हें दी थी ।
5 लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, कि मैंने एक आदेश की आज्ञा दी है जिससे मेरे लोग महसूस करेंगे, कि जितना अधिक वे इस निश्चित समय से उस सलाह पर ध्यान देंगे जो मैं, प्रभु उनका परमेश्वर, उन्हें दूंगा ।
6 देखो, वे करेंगे, क्योंकि मैंने इसका आदेश दिया है, इसी समय से मेरे शत्रुओं के विरूद्ध विजयी होना आरंभ करना ।
7 और उन सभी बातों का ध्यान से पालन करते हुए जो मैं, प्रभु उनका परमेश्वर, उन से बोलूंगा, उनका विजयी होना कभी बंद न होगा जब तक संसार के राज्य मेरे पांवों के नीचे नहीं किए जाते, और पृथ्वी हमेशा और सदा के लिए संतों को नहीं सौंप दी जाती ।
8 लेकिन जितना अधिक वे मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं करते, और मेरी बातों का ध्यान से पालन नहीं करते, संसार के राज्य उनके विरूद्ध विजयी होंगे ।
9 क्योंकि उन्हें संसार की ज्योति, और मनुष्यों का मुक्तिदाता होने के लिए ठहराया गया था;
10 और जितना अधिक वे मनुष्यों के मुक्तिदाता नहीं होते हैं, वे उस नमक के समान है जिसने अपना स्वाद खो दिया है, और वह किसी काम का नहीं सिवाय इसके कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रोंदा जाए ।
11 लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, मैंने आदेश दिया कि तुम्हारे भाई जो बिखेर दिए गए हैं वे अपने पैतृक प्रदेशों में वापस लौटेंगे, और सिय्योन के उजाड़ स्थानों को बसाएंगे ।
12 क्योंकि अधिक कठिनाई के पश्चात, जैसा मैंने अपनी पहले की आज्ञा में कहा है, आशीषें आती हैं ।
13 देखो, यह वह आशीष है जिसकी मैंने तुम्हारी कठिनाइयों, और तुम्हारे भाइयों की कठिनाइयों के बाद प्रतिज्ञा की है—तुम्हारी मुक्ति, और तुम्हारे भाइयों की मुक्ति, यहां तक कि सिय्योन के प्रदेश में उनकी पुनास्थापना, स्थापित किए जाने, और कभी नीचे न गिराए जाने के लिए ।
14 फिर भी, यदि वे अपनी विरासत को दूषित करते हैं तो उन्हें नीचे गिरा दिया जाएगा; क्योंकि मैं उन्हें क्षमा नहीं करूंगा यदि वे अपनी विरासत को दूषित करते हैं ।
15 देखो, मैं तुम से कहता हूं, सिय्योन की मुक्ति अवश्य ही शक्ति के द्वारा आती है;
16 इसलिए, मैं अपने लोगों में एक व्यक्ति को खड़ा करूंगा, जो उनका उस प्रकार नेतृत्व करेगा जैसे मूसा ने इस्राएल की संतान का किया था ।
17 क्योंकि तुम इस्राएल की संतान हो, और इब्राहिम के वंशज हो, और तुम्हें अवश्य ही शक्ति द्वारा, और भुजा बढ़ा कर गुलामी से बाहर निकालना है ।
18 और जैसे सर्वप्रथम तुम्हारे पूर्वजों को निकाला गया था, उसी प्रकार सिय्योन की मुक्ति होगी ।
19 इसलिए, तुम्हारे हृदय न घबराएं, क्योंकि मैं तुम से उस प्रकार नहीं कहता जैसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों से कहा था: मेरे दूत तुम्हारे आगे चलेंगे, लेकिन मैं स्वयं नहीं ।
20 लेकिन मैं तुम से कहता हूं: मेरे दूत तुम्हारे आगे चलेंगे, और मैं स्वयं भी, और समय पर तुम अच्छे प्रदेश को प्राप्त करोगे ।
21 मैं तुम से सच, सच कहता हूं, कि मेरा सेवक जोसफ स्मिथ, जु., वह व्यक्ति है जिसकी तुलना मैंने उस सेवक से की है जिस के विषय में दाख के बगीचे के स्वामी ने दृष्टांत में बोला था जिसे मैंने तुम्हें दिया है ।
22 इसलिए मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., को मेरे घर के लोगों, मेरे जवानों को और मध्य आयु के लोगों को—अपने आपको सिय्योन के प्रदेश में एकत्रित करो, उस प्रदेश में जिसे मैंने उन पैंसों से खरीदा है जिसे मुझे प्रदान किया गया है ।
23 और सभी गिरजों को बुद्धिमान पुरूषों को उनके पैसों के साथ भेजने, और जमीनों को खरीदने दो जैसे मैंने उन्हें आज्ञा दी है ।
24 और जितना अधिक मेरे शत्रु तुम्हारे विरूद्ध आते हैं तुम्हें मेरे अच्छे प्रदेश के खदेड़ने के लिए, जिसे मैंने सिय्योन प्रदेश होने के लिए समर्पित किया है, तुम्हारी स्वयं की जमीनों से भी इन गवाहियों के बाद, जो तुम उनके विरूद्ध मेरे समक्ष लाए हो, तुम उन्हें श्राप दोगे ।
25 और जिस किसी को तुम श्राप देते हो, मैं श्राप दूंगा, और तुम मेरे शत्रुओं से बदला लोगे ।
26 और मैं तुम्हारे साथ रहूंगा मेरे शत्रुओं से बदला लेते समय भी, उनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी तक जो मुझ से नफरत करते हैं ।
27 कोई भी मेरे खातिर अपने प्राण देने से न घबराए; क्योंकि जो मेरे खातिर अपने प्राण देता है इसे फिर से प्राप्त करेगा ।
28 और जो कोई मेरे खातिर अपने प्राण नहीं देना चाहता मेरा शिष्य नहीं है ।
29 यह मेरी इच्छा है कि मेरा सेवक सिडनी रिगडन पूर्वी देशों के समूहों में अपनी आवाज उठाए, गिरजों को उन आज्ञाओं का पालन करने के लिए तैयार करने में जो मैं उन्हें सिय्योन की पुनास्थापना और मुक्ति के संबंध में दूंगा ।
30 यह मेरी इच्छा है कि मेरा सेवक पारले पी. प्रैट और मेरा सेवक लीमन वाइट अपने भाइयों के प्रदेश को न लौटें, जब तक उन्हें सिय्योन के प्रदेश में जाने के लिए लोगों के समूह नहीं मिलते, दस, या बीस, या पचास, या सौ, जब तक वे मेरे घर के पांच सौ लोगों की संख्या प्राप्त नहीं कर लेते ।
31 देखो यह मेरी इच्छा है; मांगो और तुम पाओगे; लेकिन मनुष्य हमेशा मेरी इच्छा के अनुसार नहीं करते हैं ।
32 इसलिए, यदि तुम्हें पांच सौ नहीं मिलते हैं, तो परिश्रम से खोजना हो सकता है तुम्हें तीन सौ मिल जाएं ।
33 और यदि तुम तीन सौ प्राप्त नहीं करते हो, तो परिश्रम से खोजना हो सकता है तुम्हें एक सौ मिल जाएं ।
34 लेकिन मैं तुम से सच कहता हूं, एक आज्ञा मैं तुम्हें देता हूं, कि तुम तब तक सिय्योन प्रदेश को नहीं जाओगे जब तक तुम मेरे घर के सौ लोगों को प्राप्त नहीं कर लेते, सिय्योन के प्रदेश में तुम्हारे साथ जाने के लिए ।
35 इसलिए, जैसा मैने तुम से कहा है, मांगो और तुम पाओगे; ईमानदारी से प्रार्थना करो तो हो सकता है मेरा सेवक जोसफ स्मिथ, जु., तुम्हारे साथ चला जाए, और मेरे लोगों के बीच अध्यक्षता करे, और समर्पित प्रदेश में मेरे राज्य को संगठित करे, और सिय्योन के बच्चों को उन व्यवस्थाओं और आज्ञाओं पर स्थापित करे जो दी गई हैं और तुम्हें दिजाएंगी ।
36 सारी विजय और महिमा तुम पर लाई जाएगी तुम्हारे परिश्रम, विश्वसनीयता, और विश्वास की प्रार्थनाओं के द्वारा ।
37 मेरा सेवक पारले पी. प्रैट मेरे सेवक जोसफ स्मिथ, जु., के साथ यात्रा करे ।
38 मेरा सेवक लीमन वाइट मेरे सेवक सिडनी रिगडन के साथ यात्रा करे ।
39 मेरा सेवक हाएरम स्मिथ मेरे सेवक फ्रैड्रिक जी. विल्यमस के साथ यात्रा करे ।
40 मेरा सेवक ओरसन हाइड मेरे सेवक ओरसन प्रैट के साथ यात्रा करे, जहां कहीं मेरा सेवक जोसफ स्मिथ, जु., उन्हें सलाह देगा, उन आज्ञाओं की परिपूर्णता के लिए जो मैंने तुम्हें दी हैं, और बाकियों को मेरे हाथों में छोड़ दो । तब भी । आमीन ।