खंड 58
भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा सिय्योन, जैक्सन काऊंटी, मिसूरी में, 1 अगस्त 1831 को दिया गया प्रकटीकरण । इससे पहले, जैक्सन काऊंटी, मिसूरी में भविष्यवक्ता और उसके दल के पहुंचने के बाद प्रथम सब्त को, एक धार्मिक सभा की गई थी, और दो सदस्यों को बपतिस्मे द्वारा शामिल किया गया । उस सप्ताह के दौरान, थॉमसन शाखा से कुछ कोल्सवीले संत और अन्य लोग पहुंचे थे (देखें खंड 54) । बहुत से एकत्रित होने के नये स्थान में उनके संबंध में प्रभु की इच्छा जानने के लिए उत्सुक थे ।
1–5, वे जो कठिनाइयों में दृढ़ रहते हैं उन्हें महिमा का ताज पहनाया जाएगा; 6–12, संतों को मेमने के विवाह और प्रभु के भोज के लिए तैयार होना है; 13–18, धर्माध्यक्ष इस्राएल में न्यायाधीश हैं; 19–23, संतों को प्रदेश की व्यवस्था का पालन करना है; 24–29, लोगों को भलाई के करने के लिए उनकी स्वतंत्रता का उपयोग करना होगा; 30–33, प्रभु आज्ञाएं देता और निरस्त करता है; 34–43, पश्चाताप करने के लिए, लोगों को अपने पापों का अंगीकार और उनका त्याग करना चाहिए; 44–58, संतों को उनकी संपत्ति खरीदनी है और मिसूरी में एकत्रित होना है; 59–65, सुसमाचार प्रत्येक प्राणी को सीखाया जाना चाहिए ।
1 सुनो, ओ तुम मेरे गिरजे के एल्डरों, और मेरे वचन पर कान लगाओ, और जो मैं तुम्हारे लिए चाहता हूं उसे मुझ से सीखो, और इस प्रदेश के संबंध में जिसमें मैंने तुम्हें भेजा है ।
2 क्योंकि मैं तुम से सच सच कहता हूं, आशीषित है वह जो मेरी आज्ञाओं का पालन करता है, चाहे जीवन में या मृत्यु में; और वह जो कठिनाइयों में विश्वासी रहता है, उसके लिए स्वर्ग के राज्य में अधिक प्रतिफल है ।
3 तुम अपनी प्राकृतिक आंखों से नहीं देख सकते, क्योंकि वर्तमान समय में, अपने परमेश्वर की परिकल्पना उन सब बातों के संबंध में जो इसके पश्चात आएंगी, और उस महिमा को जो अधिक कठिनाई के बाद आयेगी ।
4 क्योंकि अधिक कठिनाई के पश्चात आशीषें आती हैं । इसलिए वह दिन आता है कि तुम्हें अधिक महिमा का ताज पहनाया जाएगा; अभी वह समय नहीं आया है, लेकिन बहुत निकट है ।
5 यह स्मरण रखो, जो मैंने तुम्हें पहले बोला है, कि तुम इसे हृदय रखो, और उसे ग्रहण करो जो आने वाला है ।
6 देखो, मैं तुम से सच सच कहता हूं, क्योंकि इस कारण मैं तुम्हें भेजा है—कि तुम आज्ञाकारी बनो और कि तुम्हारे हृदय उन बातों की गवाही के लिए तैयार हो सकें जो आने वाली हैं ।
7 और यह भी कि तुम उस बुनियाद को रखने में, और उस प्रदेश की गवाही देने में सम्मानित हो जिस पर सिय्योन का परमेश्वर खड़ा होगा;
8 और यह भी कि गरीब के लिए स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाएं; हां, स्वादिष्ट व्यंजन, अच्छी मदिरा, ताकि दुनिया जान सके कि भविष्यवक्ता के बोले वचन खाली नहीं जाएंगे;
9 हां, प्रभु के घर का भोजन, अच्छी तैयार किया गया, जिसके लिए सभी राष्ट्रों को निमंत्रण दिया जाएगा ।
10 पहले, अमीर और ज्ञानी, बुद्धिमान और नेक;
11 और उसके पश्चात मेरी शक्ति का दिन आएगा; तब गरीब, लंगड़े, और अंधे, और बहरे, मेमने के विवाह में आएंगे, और प्रभु के भोजन को ग्रहण करेंगे, जो आने वाले महान दिन के लिए तैयार किया गया है ।
12 सुनो, मैं प्रभु, ने इसे कहा है ।
13 और कि गवाही सिय्योन से बाहर निकलेगी, हां, परमेश्वर की विरासत के शहर के लोगों द्वारा—
14 हां, इस कारण मैंने तुम्हें यहां भेजा है, और अपने सेवक एडवर्ड पॉट्रीज को चुना है, और इस प्रदेश में उसे उसके लक्ष्य के लिए नियुक्त किया है ।
15 लेकिन यदि वह अपने पापों का पश्चाताप नहीं करता, जोकि अविश्वास और हृदय की अज्ञानता है, वह ध्यान रखे कहीं वह गिर न जाए ।
16 देखो उसका मिशन उसे दिया गया है, और यह दुबारा नहीं दिया जाएगा ।
17 और जो कोई इस मिशन के पद में शामिल होता है उसे इस्राएल में न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है, जैसा यह प्राचीन काल में था, परमेश्वर की विरासत के प्रदेश को उसकी संतानों को बांटने के लिए;
18 और उसके लोगों का धर्मी की गवाही द्वारा, और अपने सलाहकारों की सहायता द्वारा न्याय करना, राज्य की उन व्यवस्थाओं के अनुसार जिन्हें परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं द्वारा दिए गए हैं ।
19 क्योंकि मैं तुम से सच सच कहता हूं, मेरी व्यवस्था का इस प्रदेश में पालन किया जाएगा ।
20 कोई मनुष्य यह न सोचे कि वह शासक है; लेकिन जो न्याय करता है परमेश्वर के आधीन होकर करे, अपनी स्वयं की इच्छा अनुसार, या, अन्य शब्दों में, वह जो सलाह देता है या न्यायसिंहासन पर बैठता है ।
21 कोई मनुष्य प्रदेश की व्यवस्थाओं को न तोड़े, क्योंकि जो परमेश्वर की व्यवस्थाओं का पालन करता है उसे प्रदेश की व्यवस्थाओं को तोड़ने की आवश्यकता नहीं होती ।
22 इसलिए, उन शक्तियों के आधीन रहो, जबतक वह शासन करता है जिसे शासन करने का अधिकार है, और जो सभी शत्रुओं को अपने पैरों तले करता है ।
23 देखो, जिन व्यवस्थाओं को तुमने मेरे हाथों से प्राप्त किया है वे गिरजे की व्यवस्थाएं हैं, और तुम इनके अनुसार चलोगे । देखो, इसी में बुद्धिमानी है ।
24 और अब, जैसा मैं अपने सेवक एडवर्ड पॉट्रीज के संबंध में कहा था, यह प्रदेश उसके निवास का प्रदेश है, और जिन्हें उसने अपने सलाहकार होने के लिए नियुक्त किया है; और उसके निवास का प्रदेश भी जिसे मैने अपना भंडारगृह रखने के नियुक्त किया है;
25 इसलिए, वे अपने परिवारों को इस प्रदेश में लाएं, जब वे आपस में और मुझ से सलाह करते हैं ।
26 क्योंकि देखो, यह उचित नहीं है कि मैं सब बातों में आदेश दूं; क्योंकि वह जिसे सब बातों में मजबूर किया है, वह आलसी है और बुद्धिमान सेवक नहीं; इसलिए, उसे कोई प्रतिफल नहीं मिलता ।
27 मैं सच सच कहता हूं, मनुष्यों को उत्सुकता से अच्छे कामों में व्यस्त रहना चाहिए, और अपनी स्वयं की स्वतंत्र इच्छा से बहुत से अच्छे कार्य करने चाहिए, और अधिक धार्मिकता को पूरा करना चाहिए;
28 क्योंकि उनमें जो शक्ति है, उसके द्वारा वे स्वयं कार्य करने के लिए स्वतंत्र हैं । और मनुष्य जितना अधिक भलाई करते हैं वे किसी भी तरह से अपने प्रतिफल से वंचित नहीं होंगे ।
29 लेकिन वह जो तबतक कुछ नहीं करता जबतक उसे आज्ञा नहीं दी जाती, और आज्ञा को संदेहपूर्ण हृदय से प्राप्त करता है, और आलसीपन से उसका पालन करता है, वह नरक में जाता है ।
30 मैं कौन हूं जिसने मनुष्य को बनाया, प्रभु कहता है, जो उसे निर्दोष ठहरायेगा जो मेरी आज्ञाओं का पालन नहीं करता?
31 मैं कौन हूं, प्रभु कहता है, जिसने प्रतिज्ञा की और पूरा नहीं किया?
32 मैं आज्ञा दूं और मनुष्य पालन न करें; मैं निरस्त करूं और वे आशीष प्राप्त न करें ।
33 तब वे अपने हृदयों में कहते हैं: यह प्रभु का कार्य नहीं है, क्योंकि उसके वादे पूरे नहीं होते । लेकिन ऐसे लोगों पर हाय, क्योंकि उनके प्रतिफल स्वर्ग के बजाए नरक में घात लगाएं बैठे हैं ।
34 और अब मैं तुम्हें इस प्रदेश के संबंध में अतिरिक्त निर्देश देता हूं ।
35 यह मेरा विवेक है कि मेरा सेवक मार्टिन हैरिस, गिरजे के धर्माध्यक्ष को अपना धन सौंप देकर गिरजे के लिए एक उदाहरण बने ।
36 और, यह व्यवस्था उन प्रत्येक मनुष्य के लिए है जो इस प्रदेश में विरासत प्राप्त करने आता है; और उसे व्यवस्था के निर्देशानुसार अपने धन का उपयोग करना होगा ।
37 और यह भी समझदारी है कि इंडीपेनडेन्स में, भंडारगृह के लिए, जमीन खरीदी जाए, और छपाई गृह के लिए भी ।
38 और मेरे सेवक मार्टिन हैरिस के संबंध में अन्य निर्देश उसे आत्मा द्वारा दिए जाएंगे, कि वह अपनी विरासत जो उसे उचित प्रतीत हो प्राप्त करे ।
39 और वह अपने पापों का पश्चाताप करे, क्योंकि वह संसार की प्रशंसा पाना चाहता है ।
40 और मेरे सेवक विलियम डब्ल्यू. फिल्पस को उस पद को ग्रहण करने दो जिसमें मैंने उसे नियुक्त किया है, और इस प्रदेश में अपनी विरासत प्राप्त करे ।
41 और उसे पश्चाताप करने की आवश्यकता है, क्योंकि मैं, प्रभु, उस से पूर्ण रूप से सहमत नहीं हूं, क्योंकि वह सर्वश्रेष्ठ की चाहत करता है, और वह मेरे सम्मुख पर्याप्तरूप से विनम्र नहीं है ।
42 देखो, वह जिसने अपने पापों का पश्चाताप किया है, उसे क्षमा कर दिया गया है, और मैं, प्रभु, उसके पापों को बिलकुल स्मरण नहीं रखता ।
43 इस के द्वारा तुम जान सकते हो यदि मनुष्य अपने पापों का पश्चाताप करता है—तो देखो, वह उनका अंगीकार करेगा और उन्हें त्याग देगा ।
44 और अब, मैं अपने गिरजे के शेष एल्डरों के विषय में सच सच कहता हूं, कई वर्षों के लिए, उनके लिए इस प्रदेश में विरासत प्राप्त करने का, समय अभी नहीं आया है, जबतक कि विश्वास की प्रार्थना के द्वारा वे इसकी आशा नहीं करते हैं, केवल तभी यह उन्हें प्रभु द्वारा दी जाएगी ।
45 क्योंकि, देखो, वे लोगों को पृथ्वी के छोरों से लाकर एकत्रित करेंगे ।
46 इसलिए, स्वयं को मिलकर एकत्रित करो; और वे जिन्हें इस प्रदेश में रहने के लिए नियुक्त नहीं किया जाता, वे आस-पास के क्षेत्रों में सुसमाचार का प्रचार करें; और उसके पश्चात वे अपने घरों को वापस लौट आएं ।
47 वे मार्ग में प्रचार करें, और सब स्थानों पर सच्चाई की गवाही दें, और अमीर, उच्च, और निम्न, और गरीब को पश्चाताप करने का निमंत्रण दें ।
48 और वे गिरजों की स्थापना करें, इतने अधिक कि पृथ्वी के वासी पश्चाताप कर सकें ।
49 और गिरजे की सहमति के द्वारा एक प्रतिनिधि नियुक्त हो, ओहायो के गिरजे में, सिय्योन में जमीन खरीदने के लिए धन प्राप्त करने के लिए ।
50 और अपने सेवक सिडनी रिग्डन को एक आज्ञा देता हूं, कि वह सिय्योन की जमीन का विवरण, और परमेश्वर की आज्ञा का ब्यौरा लिखेगा, जोकि उसे आत्मा द्वारा बताई जाएगी;
51 और एक पत्री और योगदान, सभी गिरजों में प्रस्तुत करके धन प्राप्त करने के लिए, धर्माध्यक्ष के हाथों में देने के लिए, स्वयं उसको या प्रतिनिधि को, जैसा उसे अच्छा लगता है या जैसा वह निर्दश देगा, परमेश्वर की संतान के लिए विरासत की जमीन खरीदने के लिए ।
52 क्योंकि देखो, मैं तुम से सच सच कहता हूं, प्रभु चाहता है कि शिष्य और मानव संतान अपने हृदयों को खोलें, देश के इस सम्पूर्ण क्षेत्र को खरीदने के लिए, जितनी जल्दी समय अनुमति देगा ।
53 देखो, इसी में बुद्धिमानी है । उन्हें ऐसा करना चाहिए वरना वे कोई विरासत प्राप्त नहीं करेंगे, बिना खून बहाए ।
54 और फिर, जितनी अधिक जमीन प्राप्त की जाती है, वहां उस जमीन पर सब प्रकार के कारीगर भेजे जाएं, संतों के परमेश्वर का कार्य करने के लिए ।
55 ये सब कार्य व्यवस्थित रूप से किए जाएं; और समय समय पर, गिरजे के धर्माध्यक्ष या प्रतिनिधि के द्वारा, जमीन के विशेषाधिकार बताएं जाएं ।
56 और एकत्रित करने का कार्य जल्दबाजी में न किया जाए, न ही भगदड़ द्वारा; इसे उस तरह किया जाएगा जैसा गिरजे के एल्डर सम्मेलन में सलाह देते हैं, उस ज्ञान के द्वारा जो वे समय समय पर प्राप्त करते हैं ।
57 और मेरा सेवक सिडनी रिग्डन इस जमीन का, और प्रभु के मंदिर के लिए उस स्थान का समर्पण और अर्पण करे ।
58 और एक सम्मेलन सभा बुलाई जाए; और उसके बाद मेरे सेवक सिडनी रिग्डन और जोसफ स्मिथ, जू., वापस लौट जाएं, और उनके साथ ओलिवर कॉउड्री भी, उस शेष कार्य को पूरा करें जिस के लिए मैंने उन्हें उनके स्वयं के क्षेत्र में नियुक्त किया है, और बाकी कार्य जैसे सम्मेलनों द्वारा निर्देशित होंगे ।
59 और कोई भी मनुष्य इस प्रदेश से मार्ग में बिना गवाही दिए वापस न जाए, जिसे वह जानता और अत्यधिक सुनिश्चितता से विश्वास करता है ।
60 जो जिम्मेदारी जिबा पीटरसन को सौपी गई है उससे वापस ले ली जाए; और उसे गिरजे में एक सदस्य बने रहने दो, और अपने हाथों से भाइयों के साथ कार्य करने दो, जबतक कि उसे उसके सब पापों के लिए उचितरूप से दंडित नहीं किया जाता; क्योंकि उसने उनका अंगीकार नहीं किया है, और वह उन्हें छिपाने की सोचता है ।
61 इस गिरजे के शेष एल्डर, जो इस प्रदेश में आ रहे हैं, उन में से कुछ अत्यधिकरूप से और जरूरत से ज्यादा आशीषित हैं, इस प्रदेश में भी सम्मेलन करें ।
62 और मेरा सेवक एडवर्ड पॉट्रीज उस सम्मेलन का निर्दशन करे जो उनके द्वारा संचालित की जाएगी ।
63 और वे भी वापस जाएं, मार्ग में सुसमाचार का प्रचार करते हुए, उन बातों की गवाही देते हुए जो उन पर प्रकट की गई हैं ।
64 क्योंकि, सच में, वाणी इस प्रदेश से संपूर्ण संसार में जानी चाहिए, और पृथ्वी के सुदूर भागों में—सुसमाचार का प्रत्येक प्राणी को प्रचार किया जाना चाहिए, चिन्हों के साथ जो विश्वास करने वालों के मध्य होंगे ।
65 और देखो मनुष्य का पुत्र आता है । आमीन ।