पवित्रशास्त्र
सिद्धांत और अनुबंध 8


खंड 8

अप्रैल 1829, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा ओलिवर कॉउड्री को हारमनी, पेनसिलवैनिया में दिया गया प्रकटीकरण । मॉरमन की पुस्तक के अनुवाद के दौरान, ओलिवर, जिसने भविष्यवक्ता के श्रुतलेख को लेखक के रूप में लिखने की सेवा जारी रखी थी, अनुवाद करने के गुण का उपहार पाने की इच्छा की थी । प्रभु ने उसकी याचना का उत्तर इस प्रकटीकरण के द्वारा दिया था ।

1–5, प्रकटीकरण पवित्र आत्मा की शक्ति द्वारा आता है; 6–12, परमेश्वर के रहस्यों का ज्ञान और प्राचीन अभिलेखों का अनुवाद करने की शक्ति विश्वास द्वारा आती है ।

1 ओलिवर कॉउड्री, मैं तुम से सच, सच, कहता हूं, कि निश्चितरूप से जैसे कि प्रभु जीवित है, जोकि तुम्हारा परमेश्वर और तुम्हारा मुक्तिदाता है, वैसे ही निश्चितरूप से तुम उस ज्ञान को प्राप्त करोगे जो तुम विश्वास में मांगते हो, एक निष्कपट हृदय से, विश्वास करते हूए कि तुम पुरानी लिखावट के अभिलेखों के संबंध में ज्ञान प्राप्त करोगे, जोकि प्राचीन हैं, जिसमें मेरे धर्मशास्त्र के वे हिस्से शामिल हैं जो मेरी आत्मा के प्रकटीकरण द्वारा बोले गए थे ।

2 हां, देखो, मैं तुम्हारे मन में और तुम्हारे हृदय में बोलूंगा, पवित्र आत्मा के द्वारा, जो तुम्हें प्राप्त होंगे और जो तुम्हारे हृदय में वास करेंगे ।

3 अब, देखो, यह प्रकटीकरण की आत्मा है; देखो, यह वह आत्मा है जिसके द्वारा मूसा इस्राएल की संतान को लाल सागर के बीच सूखी धरती से पार लाया था ।

4 इसलिए यह तुम्हारा उपहार है; इसका उपयोग करो, और तुम आशीषित हो, क्योंकि यह तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं के हाथों से मुक्त कराएगा, जब, यदि तुम ऐसा नहीं करते, तो वे तुम्हारी हत्या और तुम्हारी आत्मा विनाश करेंगे ।

5 ओह, इन वचनों को याद रखना, और मेरी आज्ञाओं का पालन करना । याद रखना, यह तुम्हारा उपहार है ।

6 अब केवल यही तुम्हारा उपहार नहीं है; क्योंकि तुम्हारे पास अन्य उपहार है, जोकि हारून का उपहार है; देखो, इसने तुम्हें बहुत सी बातें बताई हैं;

7 देखो, अन्य कोई शक्ति नहीं, सिवाय परमेश्वर की शक्ति के, जो यह हारून का उपहार तुम्हारे पास रहने दे सकती है ।

8 इसलिए, संदेह मत करो, क्योंकि यह परमेश्वर का उपहार है; और तुम इसे हाथों में धारण करोगे, और आश्चर्यजनक कार्य करोगे; और कोई भी शक्ति इसे तुम्हारे हाथों से छीन नहीं सकती, क्योंकि यह परमेश्वर का कार्य है ।

9 और, इसलिए, जो कुछ तुम इसके माध्यम से मुझ से मांगोगे, उसे मैं तुम्हें दूंगा, और तुम्हें इसके संबंध में ज्ञान प्राप्त होगा ।

10 याद रखना कि बिना विश्वास के तुम कुछ नहीं कर सकते; इसलिए विश्वास में मांगना । इन बातों का अनादर न करना; उसे मत मांगना जो तुम नहीं मांगनी चाहिए ।

11 पूछो ताकि तुम परमेश्वर के रहस्यों को जान सको, और कि तुम उन प्राचीन अभिलेखों का अनुवाद और ज्ञान प्राप्त कर सको जिन्हें छिपा दिया गया था, जो पवित्र हैं; और तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम पर किया जाएगा ।

12 देखो, यह मैं हूं जिसने इसे कहा है; और मैं वहीं हूं जिसने तुम से आरंभ से बात की है । आमीन ।