शांतिप्रिय लोगों की आवश्यकता है
आप विवाद या समाधान के बीच चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप शांतिप्रिय बनने का चुनाव करें, अभी और हमेशा।
मेरी प्रिय भाइयों और बहनों, आपके साथ होना बहुत आनंद की बात है! पिछले छह महीनों के दौरान, आप हमेशा मेरे मन में और मेरी प्रार्थनाओं में रहे हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि पवित्र आत्मा को आपको समझ दे जो प्रभु चाहता है कि आप सुनें जब मैं आपसे बात करता हूं।
कई साल पहले मेरी सर्जिकल इंटर्नशिप के दौरान, मैंने एक सर्जन की सहायता की थी जो अत्यधिक संक्रामित पैर को काटने का ऑपरेशन कर रहा था। ऑपरेशन मुश्किल था। उस पर, तनाव को बढ़ाने के लिए, टीम में से एक से एक गलती हो गई, और सर्जन गुस्से में भड़क गया। और गुस्से में, उसने कीटाणुओं से भरी अपनी छुरी को फेंक दिया। यह छुरी मेरी बांह पर गिरी!
ऑपरेशन कक्ष में हर कोई—सिवाए गुस्से में उस बेकाबू सर्जन के—ऑपरेशन की इस खतरनाक गलती से भयभीत था। शुक्र है कि छुरी ने मुझे संक्रमित नहीं किया। लेकिन इस अनुभव ने मुझे स्थायीरूप से प्रभावित किया। उसी समय, मैंने स्वयं से प्रतिज्ञा की थी कि मेरे ऑपरेशन कक्ष में चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कभी नहीं खोऊंगा। मैंने उस दिन यह भी शपथ ली थी कि मैं कभी भी गुस्से में कुछ भी नहीं फेंकूंगा—न छुरी या न शब्द।
अब भी, दशकों बाद, मैं सोचता हूं कि क्या मेरी बांह में गिरने वाली दूषित छुरी उस विषैले विवाद से अधिक जहरीली थी जो आज हमारी आपस की बातचीत और बहुत सारे अन्य व्यक्तिगत संबंधों को दूषित करता है। ऐसा लगता है कि ध्रुवीकरण और आवेशपूर्ण असहमति के इस युग में सभ्यता और शालीनता कहीं गायब हो गई है।
अश्लीलता, दोष खोजना, और दूसरों का अपमान करना बहुत आम हो गया है। बहुत सारे ज्ञानी, राजनेता, मनोरंजनकर्ता और अन्य प्रभावशाली लोग लगातार किसी न किसी का अपमान करते रहते हैं। मैं बहुत चिंतित हूं कि कई लोगों का मानना है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति की निंदा करना, बदनाम करना और अपमानित करना बिलकुल सही है जो उनसे सहमत नहीं है। बहुत से लोग नीचता और कटाक्ष के साथ दूसरे की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने में लगे रहते हैं!
क्रोध से कभी भी किसी को राजी नहीं किया जा सकता है। शत्रुता किसी को मजबूत या बेहतर नहीं बनाती है विवाद कभी भी प्रेरित समाधान नहीं करता है। दुख की बात है, हम कभी-कभी अपने गिरजे के सदस्यों के बीच भी हम विवादास्पद व्यवहार देखते हैं। हम उन लोगों के बारे में सुनते हैं जो अपने पति या पत्नी और बच्चों को नीचा दिखाते हैं, जो दूसरों को नियंत्रित करने के लिए गुस्से से आग-बबूला हो जाते हैं, और कुछ हैं जो परिवार के सदस्यों से “बात करना बंद करके” सजा देते हैं। हम उन युवाओं और बच्चों के बारे में सुनते हैं जो धमकाते हैं और उन कर्मचारियों के बारे में सुनते हैं जो अपने सहयोगियों को बदनाम करते हैं।
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। यीशु मसीह के शिष्यों के रूप में, हमें एक आदर्श बनना चाहिए कि दूसरों के साथ कैसे बातचीत करें—विशेषकर जब हमारे विचारों में मतभेद हों। यीशु मसीह के सच्चे अनुयायी की पहचान करने का एक आसान तरीका यह है कि वह व्यक्ति अन्य लोगों के साथ कितना सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करता है।
उद्धारकर्ता ने संपूर्ण जगत में उसके अनुयायियों को अपने संदेशों में यह स्पष्ट किया था। उसने कहा था, “आशीषित हैं वे जो शांति बनाए रखते हैं।”1 उसने कहा था “जो भी तुम्हारे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारता है, उसकी तरफ दूसरा गाल घुमा दोगे”2 और फिर, अवश्य ही, उसने ऐसी सलाह दी थी जो हम में से प्रत्येक के लिए चुनौतीपूर्ण है: “अपने शत्रुओं से प्रेम करो, जो तुम्हें श्राप दे उसे आशीष दो, जो तुमसे बैर करे उसके लिए भलाई करो, और उनके लिए प्रार्थना करो जो द्वेष में तुम्हारा उपयोग करे और तुम्हें सताए।”3
अपनी मृत्यु से पहले, उद्धारकर्ता ने अपने बारह प्रेरितों को आज्ञा दी थी “जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।4 फिर उसने कहा, “यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे शिष्य हो।”5
उद्धारकर्ता का संदेश स्पष्ट है: उसके सच्चे शिष्य निर्माण, उत्थान, प्रोत्साहित, मनाते और प्रेरित करते हैं—चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो। यीशु मसीह के सच्चे शिष्य शांतिप्रिय होते हैं।6
आज खजूर का रविवार है । हम पृथ्वी पर हुई अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट घटना को मनाने की तैयारी कर रहे हैं, जोकि प्रभु यीशु मसीह का प्रायश्चित और पुनरुत्थान है। उद्धारकर्ता का सम्मान करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक शांतिप्रिय बनना है।7
उद्धारकर्ता के प्रायश्चित ने हमारे लिए विवाद सहित सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त करना संभव बनाया था। इसके बारे में कोई गलती न करें: विवाद बुराई ही है! यीशु मसीह ने घोषणा की थी कि जिसके पास विवाद की आत्मा है वह मेरा नहीं है, परन्तु शैतान का है जो कि सारे विवादों का पिता है, और वह लोगों के हृदयों को क्रोध में, एक दूसरे से विवाद करने के लिए भड़काता है।”8 जो लोग विवाद को बढ़ावा देते हैं, वे शैतान का कार्य रहे हैं, चाहे उन्हें इसका एहसास हो या न हो। “कोई भी मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता है”9 यदि हम दूसरों का शब्दों द्वारा अपमान करते हैं तो हम शैतान का समर्थन करते हैं और फिर यह नहीं सोच सकते कि हम परमेश्वर की भी सेवा कर रहे हैं।
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, हम एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है! हम घर पर, गिरजे में, काम पर और ऑनलाइन दूसरों से कैसे बात करते हैं और उनके बारे में क्या बात करते हैं, यह वास्तव में महत्वपूर्ण है। आज, मैं हमें दूसरों के साथ उच्च, पवित्र तरीके से बात करने के लिए कह रहा हूं। कृपया ध्यान से सुनें। “अगर कोई बात जो सदाचारी, प्रिय, या उत्तम लेख या प्रशंसनीय हो”10 तो हम अवश्य ही किसी अन्य व्यक्ति के बारे में कह सकते हैं—चाहे उसके सामने या उसकी पीठ के पीछे—यही हमारी बातचीत का स्तर होना चाहिए।
अगर आपके वार्ड की किसी दंपति का तलाक हो जाता है, या कोई युवा प्रचारक जल्दी घर लौटता है, या कोई लड़का या लड़की अपनी गवाही में मजबूत नहीं है, तो उनकी आलोचना न करें या उनके विषय में कोई गलत धारणा न बनाएं। उन्हें आपकी बातों और कामों में यीशु मसीह का शुद्ध प्रेम दिखाई देना चाहिए।
यदि सोशल मीडिया पर किसी मित्र ने अपने राजनीतिक या सामाजिक विचार लिखे हैं जो आपसे मेल नहीं खाते हैं, तो आपके द्वारा क्रोध या कठोरता से उत्तर देना गलत होगा। लोगों के साथ मधुर संबंध और भावनाएं बनाने की बहुत अधिक की आवश्यकता है, और यही आपका मित्र चाहता है।
विवाद आत्मा को दूर भगाता है—हर बार। विवाद इस झूठी धारणा को मजबूत करता है कि टकराव मतभेदों को हल करने का तरीका है; लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। विवाद करना एक चुनाव है। मेल करवाने वाले बनना भी एक चुनाव है। आप विवाद या समाधान के बीच चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप शांतिप्रिय बनने का चुनाव करें, अभी और हमेशा।11
भाइयों और बहनों, हम सचमुच में दुनिया को बदल सकते हैं—एक समय में एक व्यक्ति और एक बातचीत से। कैसे? यह उदाहरण बनते हुए कि आपसी सम्मान और गरिमापूर्ण बातचीत के साथ विचारों के निष्कपट मतभेदों का कैसे समाधान किया जाए।
विचारों में मतभेद होना जीवन का हिस्सा है। मैं हर दिन प्रभु के समर्पित सेवकों के साथ काम करता हूं जो हमेशा किसी मुद्दे को एक ही दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं। वे जानते हैं कि हम जो कुछ भी चर्चा करते हैं उसके बारे में मैं उनके विचारों और सच्ची भावनाओं को सुनना चाहता हूं—विशेष रूप से संवेदनशील विषयों पर।
मेरे दो उत्तम सलाहकार, अध्यक्ष डैलिन एच. ओक्स और अध्यक्ष हेनरी बी. आएरिंग, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के आदर्श हैं—विशेष रूप से जब वे एकमत नहीं होते हैं। वे एक-दूसरे के प्रति शुद्ध प्रेम के साथ ऐसा करते हैं। दोनों में से कोई नहीं यह कहता कि वह बहुत अच्छा जानता है और इसलिए उसे अपने मत को कठोरता से रखना चाहिए। न ही वे दूसरे से बेहतर होने का सबूत देते हैं। क्योंकि दोनों उदारता, “मसीह के शुद्ध प्रेम,”12 से भरे हैं, हमारे विचार प्रभु की आत्मा द्वारा निर्देशित किए जा सकते हैं। मैं इन दो महान लोगों से बहुत प्रेम है और उनका आदर करता हूं!
उदारता विवाद को दूर करती है। उदारता ऐसा आत्मिक उपहार है जो हमारी स्वाभाविक प्रकृति का त्याग करने में मदद करती है, जोकि स्वार्थी, रक्षात्मक, अभिमानी और ईर्ष्यालु होना है। उदारता यीशु मसीह के सच्चे अनुयायी की प्रमुख विशेषता है।13 उदारता एक शांतिप्रिय व्यक्ति को परिभाषित करती है।
जब हम स्वयं को परमेश्वर के सामने विनम्र करते हैं और अपने हृदय की संपूर्ण ऊर्जा से प्रार्थना करते हैं, तो परमेश्वर हमें उदारता प्रदान करेगा।14
इस आत्मिक उपहार से आशीषित लोग धैर्यवान और दयालु होते हैं। वे दूसरों से ईर्ष्या नहीं करते हैं और स्वयं के आडंबर के जाल में नहीं फंसते हैं। वे आसानी से गुस्सा नहीं करते हैं और दूसरों का बुरा नहीं सोचते हैं।15
भाइयों और बहनों, मसीह का शुद्ध प्रेम उस विवाद का उत्तर है जिससे आज हम पीड़ित हैं। उदारता हमें एक-दूसरे पर बोझ डालने के बजाय “एक-दूसरे के बोझ को बांटने”16 के लिए प्रेरित करती है। मसीह का शुद्ध प्रेम हमें “सभी मौकों पर और सभी बातों में परमेश्वर के गवाह के रूप में खड़े होना”17 का सामर्थ्य देता है—विशेष रूप से तनावपूर्ण परिस्थितियों में। उदारता हमें यह दिखाने का सामर्थ्य देता है कि मसीह के पुरुष और महिलाएं कैसे प्रतिक्रिया करते हैं—विशेष रूप से गंभीर आलोचना किए जाने की स्थिति में।
अब, मैं “किसी भी कीमत पर शांति” की बात नहीं कर रहा हूं।18 मैं दूसरों के साथ उन तरीकों से व्यवहार करने के बारे में बात कर रहा हूं जो प्रभु-भोज में आपके द्वारा किए गए अनुबंधों का पालन करने के अनुरूप हैं। आप अनुबंध बनाते हैं की हमेशा उद्धारकर्ता को याद रखेंगे। ऐसी परिस्थितियों में जो अत्यधिक आक्रोश और विवाद से भरी हुई होती हैं, मैं आपको यीशु मसीह का स्मरण करने के लिए आमंत्रित करता हूं। प्रार्थना करें कि वह जो कहता या करता आप उसे करने का साहस और समझ प्राप्त करें। जब हम शांति के राजकुमार का अनुसरण करते हैं, तो हम उसके शांतिप्रिय अनुयायी बन जाएंगे।
इस समय शायद आप सोच रहे होंगे कि यह संदेश असल में किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करेगा जिसे आप जानते हैं। हो सकता है आप आशा कर रहे हों कि यह उसे आपसे अच्छे संबंध बनाने में मदद करेगा। मुझे आशा है कि ऐसा होगा! लेकिन मैं यह भी आशा करता हूं कि आप अपने हृदय में गहराई से देखेंगे कि क्या आप में अहंकार या ईर्ष्या का कोई अंश है जो आपको शांतिप्रिय बनने से रोक रहा है।19
यदि आप इस्राएल को इकट्ठा करने में मदद करने और अनंत काल तक चलने वाले संबंधों को बनाने के बारे में गंभीर हैं, तो अब कड़वाहट को दूर करने का समय है। अब समय है कि इस बात पर जोर देना बंद करें कि केवल आपका तरीका ही सही है। अब समय है कि ऐसा कुछ न करें जिससे दूसरे आपको परेशान न करने के डर से मजबूरी में करते हैं। अब समय है कि आप युद्ध के अपने हथियारों को दफना दें।20 यदि आपके शब्दों का शस्त्रागार अपमान और आलोचनाओं से भरा है, तो अब समय है उन्हें छोड़ने का।21 आप मसीह के आत्मिक रूप से मजबूत पुरुष या महिला के रूप में उभरेंगे।
मंदिर हमारी इस इच्छा में मदद कर सकता है। वहां हम परमेश्वर की शक्ति से संपन्न होते हैं, जो हमें शैतान पर विजय प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है, जो सभी विवादों को भड़काता है।22 शैतान को अपने रिश्तों से बाहर निकालो! ध्यान दें कि हम हर बार शैतान की निंदा करते हैं जब हम किसी आपसी मतभेदों को दूर करते हैं या किसी का अपमान करने से मना करते हैं। इसके बजाय, हम स्नेहपूर्ण व्यवहार कर सकते हैं जो यीशु मसीह के सच्चे शिष्यों की विशेषता है। शांतिप्रिय लोग शैतान की योजना को विफल करते हैं।
आइए हम लोग पहाड़ी पर चमकता प्रकाश बनें—एक ऐसा प्रकाश जिसे “छिपाया नहीं जा सकता है।23 आइए हम दिखाएं कि शांति द्वारा जटिल मुद्दों का समाधान करने का एक सम्मानजनक तरीका है और असहमतियों को दूर करने का एक प्रबुद्ध तरीका है। जब आप यीशु मसीह के सच्चे अनुयायियों के रूप में उदारता को प्रदर्शित करते हैं, तो प्रभु आपकी कल्पना से अधिक आपके प्रयासों को बड़ा करेगा।
सुसमाचार का घेरा दुनिया का सबसे विशाल घेरा है। परमेश्वर ने सभी को उसके निकट आने के लिए आमंत्रित किया है, “काले और गोरे, गुलाम और स्वतंत्र, पुरूष और स्त्री।”24 इसमें सभी के लिए स्थान है। लेकिन, पक्षपात, निंदा या किसी भी तरह के विवाद के लिए इसमें कोई स्थान नहीं है।
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, उन लोगों के लिए बहुत सी अच्छी बातें होना अभी बाकी है जो अपना जीवन दूसरों के निर्माण में बिताते हैं। आज मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि आप दूसरों के साथ जिस तरह का व्यवहार करते हैं, इसे से अपने शिष्यत्व की जांच करें। मैं इसमें किसी भी सुधार को करने की आशीष आपको देता हूं जिसकी आवश्यकता हो ताकि आपका व्यवहार सम्मानजनक, उच्चतर और यीशु मसीह के सच्चे अनुयायी का प्रदर्शन करे।।
मैं आपको आशीष देता हूं कि आप आक्रामकता को बिनती, दुश्मनी को मेलजोल और विवाद को शांति से बदल दें।
परमेश्वर जीवित है! यीशु ही मसीह है। वह इस गिरजे का मुखिया है। हम उसके सेवक हैं । वह हमें उसके शांतिप्रिय अनुयायी बनने में मदद करेगा। मैं यह गवाही यीशु मसीह के पवित्र नाम में देता हूं, आमीन।