महा सम्मेलन
घर में सुरक्षित एकत्रित होना
अप्रैल 2023 महा सम्मेलन


14:48

घर में सुरक्षित एकत्रित होना

हम परदे के दोनों ओर इस्राएल को एकत्रित करने की एक महत्वपूर्ण स्थिति में हैं जैसा पिता की योजना के अधीन पहले कभी नहीं हुआ।

अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने हमें बहुत जोर देकर कहा है कि हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बिखरे हुए इस्राएल को एकत्रित करने और दुनिया को यीशु मसीह के दूसरे आगमन के लिए तैयार करने में मदद करना है।1 हमारी आत्माओं का पिता चाहता है कि उसके बच्चे घर में सुरक्षित एकत्रित हों

हमारे स्वर्गीय पिता की अपने बच्चों को सुरक्षित हमारे स्वर्गीय घर में एकत्रित करने की योजना किसी सांसारिक सफलता, आर्थिक स्थिति, शिक्षा, जाति या लिंग पर आधारित नहीं है। पिता की योजना धार्मिकता, उसकी आज्ञाओं का पालन करने, और पवित्र विधियों को प्राप्त करने और हमारे द्वारा बनाए गए अनुबंधों का सम्मान करने पर आधारित है।2

दिव्यरूप से प्रेरित सिद्धांत कि हम सभी भाई-बहन हैं और “परमेश्वर के लिए सभी एकसमान हैं” एकत्रित करने के इस महान कार्य का मुख्य आधार है। यह सिद्धांत उन लोगों के विचारों से मेल खाता है जो विभिन्न आर्थिक और नस्लीय परिस्थिति के लोगों को बेहतर जीवन देने के लिए कार्य करते हैं। हम ऐसे कार्यों की सराहना करते हैं और इसमें उनके साथ हैं। इसके अलावा, हम चाहते हैं कि परमेश्वर के सभी बच्चे उसके निकट आएं और उसके सुसमाचार के द्वारा मिलने वाली अनन्त आशीषों को प्राप्त करें।3 सिद्धांत और अनुबंधों के लिए प्रभु की प्रस्तावना में वह घोषणा करता है, “तुम दूर-दूर के लोगों सुनो; और तुम जो सागर के द्वीपों पर हो, मिलकर सुनो।”4

मुझे अच्छा लगता है कि सिद्धांत और अनुबंध के पहले पद में वे लोग शामिल हैं जो “सागर के द्वीपों” पर रहते हैं। मुझे सागर के द्वीपों पर सेवा करने और रहने के लिए तीन विशिष्ट नियुक्तियां मिल चुकी हैं। मैंने पहले ब्रिटिश द्वीपों में युवा प्रचारक के रूप में कार्य किया, दूसरा फिलीपीन द्वीप समूह में नए जनरल अधिकारी के रूप में, और फिर प्रशांत द्वीप समूह में क्षेत्र अध्यक्ष के रूप में, जिसमें बहुत से पोलिनेशिया के द्वीप शामिल हैं।

इन तीनों क्षेत्रों ने यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमाचार के लिए विश्वासियों को सफलतापूर्वक एकत्रित किया है। प्रचारक पहली बार 1837 में ब्रिटिश द्वीपों में पहुंचे थे। यह जोसफ स्मिथ के किर्टलैंड मंदिर के समर्पण के एक वर्ष बाद हुआ था, जहां मूसा ने, “पृथ्वी के चारों छोर से इस्राएल को एकत्रित करने की कुंजियां सौंपी, और उत्तर प्रदेश से दस जातियों का नेतृत्व करने की।”5 ब्रिटिश द्वीपों में शुरुआती सफलता प्रसिद्ध है। 1851 तक, गिरजे के आधे से अधिक सदस्य ब्रिटिश द्वीपों में रहने वाले परिवर्तित थे।6

1961 में, एल्डर गॉर्डन बी. हिंकली ने फिलीपीन द्वीप समूह का दौरा किया और पूरे-समय की प्रचारक सेवा की शुरुआत की थी। उस समय केवल एक फिलिपिनो मेल्कीसेदेक पौरोहित्य धारक था। आश्चर्यजनक रूप से, फिलीपीन द्वीप समूह में आज गिरजे के 850,000 से अधिक सदस्य हैं। मैं फिलिपिनो लोगों की प्रशंसा करता हूं; उनके पास उद्धारकर्ता के प्रति एक गहरा और स्थायी प्रेम है।

शायद पोलिनेशिया के द्वीप समूह में चल रहे प्रचारक सेवा के विषय में बहुत कम जाना जाता है। यह 1844 में शुरू हुआ था जब एडिसन प्रैट को उस द्वीप में भेजा गया था जो अब फ्रेंच पोलिनेशिया बन गया है।7 कई पोलिनेशिया के निवासी पहले से ही अनंत परिवारों में विश्वास करते थे और यीशु मसीह को अपने उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार करते थे। आज पोलिनेशिया द्वीप समूह में लगभग 25 प्रतिशत पोलिनेशिया के लोग गिरजे के सदस्य हैं।8

मैंने एक बार सुदूर ताहितियन द्वीप पर एक 17 वर्षीय लड़की से बात की थी जो अपने परिवार की सातवीं पीढ़ी की सदस्या थी। उसने अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी, जो 1845 में तुबुआई पर परिवर्तित हुए थे, आरंभिक गिरजे के सदस्यों के साल्ट लेक घाटी में पहुंचने से दो साल पहले।9

हमारा सिद्धांत स्पष्ट है कि सभी लोगों के लिए सुसमाचार संदेश को प्राप्त करने और इसे ग्रहण करने का समय और अवसर मिलेगा। ये उदाहरण एक विशाल तस्वीर का छोटा-सा हिस्सा मात्र हैं। अध्यक्ष नेल्सन ने बार-बार इस बात पर महत्व दिया है कि इस्राएल को एकत्रित करना “आज पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण चुनौती, … अभियान, और … कार्य है।”10

यीशु मसीह के गिरजे की पुन:स्थापना होने तक, जिसमें मॉरमन की पुस्तक का प्रकाशन और भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को दिए गए प्रकटीकरण और पौरोहित्य कुंजियां शामिल हैं, जिसमें “इस्राएल को एकत्रित करने” की समझ अपूर्ण और सीमित थी।11

याकूब को विशिष्ट नाम “इस्राएल” दिया गया था।12 हो सकता है कि आपने इब्राहीम, इसहाक और याकूब के बारे में सुना हो। इब्राहीम 2:9–10 में पिता इब्राहीम से मूल प्रतिज्ञा और अनुबंध किया गया है, जहां इस प्रकार लिखा है:

“और मैं तुम्हें एक विशाल राष्ट्र बनाऊंगा, …

“और मैं उन्हें तुम्हारे नाम के द्वारा आशीष दूंगा; क्योंकि जितने इस सुसमाचार को स्वीकार करेंगे तुम्हारे नाम से बुलाये जाएंगे, और तुम्हारा वंश कहलाएंगे, और उठेंगे और तुम्हें आशीषित करेंगे, अपने पिता के रूप में।”

स्वर्ग में परिषद के दौरान, नश्वर-पूर्व जीवन में, उद्धार की योजना पर चर्चा की गई और उसे समर्थन दिया गया था। इसमें दुनिया की नींव से पहले स्थापित पौरोहित्य की कुछ व्यवस्थाएं और विधियां शामिल थी तथा एकत्रित करने को निर्दिष्ट करती थी।13 इसमें स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण नियम भी शामिल था।

शाऊल, दाऊद और सुलैमान के शासनकाल सहित एक शक्तिशाली लोगों के रूप में कई शताब्दियों के बाद, इस्राएल विभाजित हो गया था। यहूदा की जाति और बिन्यामीन की जाति का हिस्सा यहूदा का राज्य बन गया। शेष को, दस जातियों के रूप में पहचाना जाता है, यह इस्राएल का राज्य बन गया।14 अलग होने के 200 वर्षों के बाद, इस्राएल का पहला बिखरना 721 ईसा पूर्व में हुआ था जब इस्राएल की दस जातियों को असिरियन राजा द्वारा गुलाम बना लिया गया था।15 बाद में वे उत्तरी देशों में चले गए।16

600 ईसा पूर्व में मॉरमन की पुस्तक के प्रारंभ में, पिता लेही ने अमेरिका में इस्राएलियों की एक आबादी का मार्गदर्शन किया था। लेही इस्राएल के बिखरने को समझता था क्योंकि उसने इसे झेला था। नफी ने उसे उद्धृत करते हुए कहा है कि इस्राएल के घर की तुलना “जैतून के वृक्ष से की जानी चाहिए, जिसकी शाखाएं तोड़ी जाएंगी और संपूर्ण पृथ्वी पर बिखेर दी जाएंगी।”17

कथित नई दुनिया में, नफाइयों और लमनाइयों का इतिहास जैसा कि मॉरमन की पुस्तक में बताया गया है लगभग 400 ईस्वी में समाप्त होता है। पिता लेही के वंशज संपूर्ण अमेरिकी द्वीपों में फैले हुए हैं।18

मॉरमन ने 3 नफी 5:20 में इसका स्पष्ट वर्णन किया है, जिसमें लिखा है: “मैं मॉरमन हूं, और लेही का एक सच्चा वंशज। मेरे पास अपने परमेश्वर और अपने उद्धारकर्ता यीशु मसीह के गुणगान करने का कारण है कि वह हमारे पूर्वजों को यरूशलेम प्रदेश से बाहर लाया था।”19

स्पष्ट रूप से इस्राएल के क्रम से घटने वाले इतिहास में उच्च बिंदु हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता, यीशु मसीह का जन्म, संदेश, सेवकाई और मिशन है।20

उद्धारकर्ता की अनंत काल को आकार देने वाली मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद, यहूदा का दूसरा प्रसिद्ध बिखरना 70 ईस्वी और 135 ईस्वी के बीच हुआ था जब, रोमन अत्याचार और उत्पीड़न के कारण, यहूदी उस समय की ज्ञात दुनिया में फैल गए थे।

जैसा अध्यक्ष नेल्सन ने सिखाया है, “मॉरमन की पुस्तक एक चिन्ह के रूप में प्रकट हुई कि प्रभु ने अनुबंध के बच्चों को एकत्रित करना शुरू कर दिया था।”21 इस प्रकार, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ द्वारा परमेश्वर के उपहार और शक्ति के द्वारा अनुवाद की गई मॉरमन की पुस्तक, लेही के वंशजों, बिखरे हुए इस्राएल और अन्यजातियों को निर्देशित है जिन्हें इस्राएल की जातियों में गोद लिया गया है। 1 नफी 22 के शीर्षक में लिखा है, “इस्राएल संपूर्ण पृथ्वी में बिखर जाएगा—अंतिम दिनों में अन्यजातियां सुसमाचार से इस्राएल का पालन और पोषण करेंगी।” मॉरमन की पुस्तक के शीर्षक पृष्ठ में लिखा है कि इसका एक उद्देश्य “यहूदी और अन्यजातियों को विश्वास दिलाना है कि यीशु ही मसीह है। पुन:स्थापना और मॉरमन की पुस्तक के साथ, “इस्राएल को एकत्रित करने” की अवधारणा का अत्यधिक विस्तार हुआ है।22

जो लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को स्वीकार करते हैं, चाहे किसी भी वंश के हों, वे एकत्रित हुए इस्राएल का हिस्सा बन जाते हैं।23 उस एकत्रित करने के कार्य और कई मंदिरों के निर्माण और घोषणा के साथ, हम इस्राएल को परदे के दोनों ओर एकत्रित करने की एक महत्वपूर्ण स्थिति में हैं जैसा कि पिता की योजना के अधीन पहले कभी नहीं हुआ।

अध्यक्ष स्पेंसर डब्ल्यू. किंबल ने इस्राएल के वास्तविक एकत्रित होने के बारे में बात करते हुए कहा: “अब, इस्राएल के एकत्रित होने में शामिल है, सच्चे गिरजे में जुड़ना और … सच्चे परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करना। … इसलिए, कोई भी व्यक्ति, जिसने पुन:स्थापित सुसमाचार को स्वीकार किया है, और जो अब अपनी भाषा में और उन राष्ट्रों में संतों के साथ प्रभु की आराधना करना चाहता है जहां वह रहता है, उसने इस्राएल के एकत्रित होने की व्यवस्था का पालन किया है और इन अंतिम दिनों में संतों को प्रतिज्ञा की गई सभी आशीषों का उत्तराधिकारी है।”24

“इस्राएल के एकत्रित होने में अब परिवर्तन होना शामिल है।”25

जब किसी स्पष्ट दृष्टिकोण से देखा जाता है, तो अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के सदस्यों को प्रभु के अनुबंध की आशीषों की पूर्णता प्राप्त करने के लिए इस्राएल को प्यार करने, साझा करने, आमंत्रित करने और एकत्रित करने में मदद करने का बड़ा सौभाग्य प्राप्त होता है। इसमें अफ्रीकी और यूरोपीय, दक्षिण और उत्तरी अमेरिकी, एशियाई, ऑस्ट्रेलियाई और सागर के द्वीपों पर रहने वाले निवासी शामिल हैं। “क्योंकि सच में प्रभु की वाणी सब मनुष्यों तक पहुंचती है।”26 “यह एकत्रित करने का कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक धर्मी लोग दुनिया के राष्ट्रों में संतों की मण्डली में एकत्रित नहीं हो जाते।”27

अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन की तुलना में किसी ने भी एकत्रित करने के कार्य को सीधे संबोधित नहीं किया है: “आप किसी भी समय कुछ भी करते हैं जिससे—परदे के किसी भी ओर किसी भी व्यक्ति—को परमेश्वर के साथ अनुबंध बनाकर आगे बढ़ने में और उसकी आवश्यक बपतिस्मा और मंदिर विधियां प्राप्त करने में मदद मिलती है, आप इस्राएल को एकत्रित करने में मदद कर रहे हैं। बस यह इतना ही सरल है।”28

वर्तमान में गिरजा कहां है? 1960 में, जब से मैंने प्रचारक सेवा शुरू की है, तब से 62 वर्षों में भविष्यवक्ता के आह्वान पर सेवा करने वाले पूरे-समय के प्रचारकों की संख्या 7,683 से बढ़कर 62,544 हो गई है। अब मिशनों की संख्या 58 से बढ़कर 411 हो गई है। सदस्यों की संख्या लगभग 1,700,000 से बढ़कर लगभग 17,000,000 हो गई है।

कोविड -19 महामारी के दौरान सुसमाचार साझा करने के हमारे कुछ अवसरों को अस्थायी रूप से प्रभावित किया था। इसने नई तकनीक का उपयोग करने का अनुभव भी प्रदान किया, जो एकत्रित करने के कार्य को बहुत बढ़ाएगा। हम आभारी हैं कि सदस्य और प्रचारक अब बिखरे हुए इस्राएल को एकत्रित करने के प्रयासों का विस्तार कर रहे हैं। विकास हर जगह जारी है, विशेषकर दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में। हम इस बात की भी सराहना करते हैं कि दुनिया भर में इतने अधिक लोगों ने अध्यक्ष नेल्सन के प्रचारक सेवा बढ़ाने के प्रभावशाली आमंत्रण का जवाब दिया है। फिर भी, प्यार, साझा और आमंत्रण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का बहुत विस्तार किया जा सकता है।

इस प्रचारक कार्य का एक अनिवार्य हिस्सा यह है कि सदस्य व्यक्तिगत रूप से आदर्श बन जाएं,29 हम जहां भी रहते हैं।30 हम छिपे नहीं रह सकते। सभी लोगों के लिए दया, धार्मिकता, खुशी और ईमानदारी से प्यार का हमारा मसीह के समान उदाहरण न केवल उनके लिए एक मार्गदर्शक प्रकाशस्तम्भ बन सकता है, बल्कि यह भी समझ सकता है कि उद्धार की विधियों और यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमाचार के उत्कर्ष में एक सुरक्षित शरणस्थल है।

कृपया समझें कि यीशु मसीह के सुसमाचार को साझा करने में उल्लेखनीय आशीषें मिलती हैं। पवित्र शास्त्र आनंद और शांति, पापों की क्षमा, प्रलोभनों से सुरक्षा और परमेश्वर से समर्थन शक्ति प्राप्त करने की बात करते हैं।31 इस नश्वर जीवन से परे देखते हुए, हम उन लोगों के साथ सुसमाचार साझा करने के लिए तैयार होंगे जो “मृतकों की आत्माओं के विशाल संसार में अंधकार और पाप की गुलामी के अधीन हैं।”32

आज मेरी विशिष्ट प्रार्थना हर बच्चे, युवक, युवती, परिवार और परिषद, सहायता संस्था और कक्षा के लिए है कि वे इस बात की समीक्षा करें कि हम व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से इस्राएल को एकत्रित करने में मदद करने के लिए प्रभावशाली सलाह को कैसे स्वीकार करते हैं जो प्रभु और हमारे प्यारे भविष्यवक्ता द्वारा जारी की गई है।

हम स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। इस दुनिया में, कई लोग जवाब नहीं देंगे और इस्राएल को एकत्रित करने में भाग नहीं लेंगे। लेकिन बहुत से लोग ऐसा करेंगे, और प्रभु उन लोगों से आशा करता है जिन्होंने उसका सुसमाचार प्राप्त किया है, वे तत्काल एक आदर्श बनने का प्रयास करें जो दूसरों को परमेश्वर के पास आने में मदद करेगा। यह पृथ्वी भर में हमारे भाइयों और बहनों को यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमाचार की अलौकिक आशीषों और विधियों का आनंद लेने और घर में सुरक्षित एकत्रित होना संभव करता है।

मैं यीशु मसीह के नाम पर स्वर्ग की योजना में यीशु मसीह और हमारे पिता की दिव्यता की अपनी दृढ़ और निश्चित प्रेरितिक गवाही देता हूं, आमीन।

विवरण

  1. देखें Russell M. Nelson, “Welcome Message,” Liahona, May 2021।

  2. देखें सिद्धांत और अनुबंध 20:37

  3. देखें 2 नफी 26:33

  4. सिद्धांत और अनुबंध 1:1सिद्धांत और अनुबंध 1:4, में प्रभु आगे इस प्रकार कहता है: “और चेतावनी की वाणी सब लोगों को दी जाएगी, मेरे शिष्यों के मुंह से, जिन्हें मैंने इन अंतिम दिनों में चुना है।”

  5. सिद्धांत और अनुबंध 110:11

  6. 1851 में, गिरजे के कुल सदस्य 52,165 थे। गिरजे के रिकॉर्ड और इंग्लैंड और वेल्स में “1851 की धार्मिक जनगणना” के अनुसार, उन स्थानों में 28,000 से अधिक सदस्य थे (देखें Robert L. Lively Jr., “Some Sociological Reflections on the Nineteenth-Century British Mission,” in Mormons in Early Victorian Britain, ed। Richard L. Jensen and Malcolm R. Thorp [1989], 19–20)।

  7. देखें Saints: The Story of the Church of Jesus Christ in the Latter Days, vol. 1, The Standard of Truth, 1815–1846 (2018), 494–95, 514–15, 573

  8. टोंगा- 45 प्रतिशत; समोआ: 31 प्रतिशत; अमेरिकी समोआ: 22.5 प्रतिशत; और फ्रेंच पोलिनेशिया: 7 प्रतिशत।

  9. देखें Saints, 573–74

  10. Russell M. Nelson, “Hope of Israel” (worldwide youth devotional, June 3, 2018), HopeofIsrael.ChurchofJesusChrist.org।

  11. यह अद्वितीय और शक्तिशाली सिद्धांत मॉरमन की पुस्तक में निहित है और संक्षेप में विश्वास के दसवें अनुच्छेदमें है, जो शुरू होता है, “हम, इस्राएल के वास्तविक एकत्रित होने और दस जातियों की पुनःस्थापना होने, … में विश्वास करते हैं (देखें James E. Talmage, The Articles of Faith, 12th ed. [1924], 314–44)।

  12. जैसा उत्पत्ति 32:28 पवित्रशास्त्र में लिखा हुआ है, “उसने कहा तेरा नाम अब याकूब नहीं, परन्तु इस्राएल होगा, क्योंकि तू परमेश्वर से और मनुष्यों से भी युद्ध कर के प्रबल हुआ है।”

  13. देखें Joseph Smith, in “History, 1838–1856, volume D-1,” 1572, josephsmithpapers.org; see also Joseph Smith, “Discourse, 11 June 1843–A, as Reported by Wilford Woodruff,” [42–43], josephsmithpapers.org; Joseph Smith, “Discourse, 11 June 1843–A, as Reported by Willard Richards,” [241], josephsmithpapers.org.

  14. देखें Bible Dictionary, “Israel, Kingdom of”; James E. Talmage, The Articles of Faith, 315। यारोबाम और उसकी प्रजा को यहूदा के राज्य के रूप में जाना जाता था और वे वर्तमान इस्राएल के दक्षिणी भाग में स्थित थे।

  15. देखें 2 राजा 17:23

  16. देखें सिद्धांत और अनुबंध 133:26; सिद्धांत और अनुबंध 110:11 भी देखें।

  17. 1 नफी 10:12। अम्मोन ने बाद में कहा था, “मेरे परमेश्वर का नाम आशीषित है, जो इन लोगों के लिए सचेत है, जो कि इस्राएल के पेड़ का एक शाखा हैं, और अपनी काया से एक अपरिचित प्रदेश में अलग हो गए हैं” (अलमा 26:36)।

  18. अध्यक्ष स्पेनसर डब्ल्यू. किंबल ने लमानाइयों के बारे में बोलते हुए, सिखाया कि सिय्योन संपूर्ण अमेरिकी द्वीप हैं। अध्यक्ष किंबल ने कहा था, “हम इस्राएल हैं और एकत्रित किए जा रहे हैं” (The Teachings of Spencer W. Kimball, ed। Edward L. Kimball [1982], 439)।

  19. जब पिता लेही को अपने परिवार को ले जाने और निर्जन प्रदेश में जाने का निर्देश दिया गया था, तो कम से कम कारण यह था कि यरूशलेम को नष्ट कर दिया जाएगा (देखें 1 नफी 2)। सुलैमान के मंदिर का विनाश, यरूशलेम का पतन, और यहूदा की जाति की कैद लगभग 586 ईसा पूर्व में हुई थी।

    “इस्राए को लगभग 720 ईसा पूर्व में जीत लिया गया था, और इसकी 10 जातियों को निर्वासन में भेज दिया गया था। … [यरूशलेम में] … सुलैमान के मंदिर पर विदेशी शक्तियों के कई हमले हुए, आखिरकार 586 ईसा पूर्व में, बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर की सेना द्वारा पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया” (David B. Green, “The History of the Jewish Temple in Jerusalem,” Haaretz, Aug. 11, 2014, haaretz.com/jewish/.premium-history-of-the-temple-in-jerusalem-1.5256337)। 2 राजा 25:8-9भी देखें।

  20. देखें Tad R. Callister, The Infinite Atonement (2000)।

  21. देखें Russell M. Nelson, “Children of the Covenant,” Ensign, May 1995, 33; see also “Covenants,” Liahona, Nov. 2011, 88

  22. देखें Russell M. Nelson, in R. Scott Lloyd, “Seminar for New Mission Presidents: ‘Swift Messengers’ to Scattered Israel,” Church News, July 13, 2013, thechurchnews.com। अध्यक्ष रसल एम. नेल्सन ने कहा था कि एकत्रित होना “संसारिक स्थान का विषय नहीं है; यह व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का विषय है। लोगों को उनके घर छोड़े बिना ‘प्रभु के ज्ञान में लाया’ जा सकता है” [3 नफी 20:13] without leaving their homelands” (“The Gathering of Scattered Israel,”Liahona, Nov. 2006, 81)। 3 नफी 21:1-7 भी देखें।

  23. हमारा सिद्धांत स्पष्ट है; यहोवा ने इस्राएल की जातियों को उनके विद्रोह और उनके अधर्म के कारण बिखेर दिया था। हालांकि, प्रभु ने अपने चुने हुए लोगों के इस तितर-बितर होने के द्वारा दुनिया के तमाम राष्ट्रों को आशीषित करने के लिए इस्तेमाल किया था। (देखें Guide to the Scriptures, “Israel—The Scattering of Israel,” scriptures.ChurchofJesusChrist.org।)

  24. Spencer W. Kimball, The Teachings of Spencer W. Kimball, 439।

  25. Summary heading in Spencer W. Kimball, The Teachings of Spencer W. Kimball, 438। देखें also “All Are Alike unto God,” ed। E. Dale LeBaron (1990), a collection of 23 conversion stories by Black African Latter-day Saints। बहन जूलिया एन. माविम्बला ने कहा था कि गिरजे में शामिल होने और इस्राएल शब्द पर आने से पहले, वह पुस्तक को एक तरफ फेंक देती थी और कहती थी, “यह गोरों के लिए है। यह हमारे लिए नहीं है। हम चुने नहीं गए हैं।’ आज मुझे पता है कि यदि मैं धार्मिकता से जीती हूं, तो मैं एक शाही परिवार से संबंधित हूं। मैं एक इस्राएली हूं, और जब मैं मंदिर में अपने विधियों का पालन करती हूं, तो मैंने महसूस किया कि हम सभी पृथ्वी पर एक परिवार के रूप में हैं” (in “All Are Alike unto God,” 151 )।

  26. सिद्धांत और अनुबंध 1:2

  27. Spencer W. Kimball, The Teachings of Spencer W. Kimball, 438।

  28. Russell M. Nelson, “Hope of Israel।”

  29. प्रेरित पौलुस ने अपने युवा मित्र तीमुथियुस को कहा था “ …विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा” (1 Timothy 4:12)।

  30. देखें 3 नफी 18:24

  31. देखें मुसायाह 18:8–13; 3 नफी 18:25; सिद्धांत और अनुबंध 18:10–16; 31:5; 62:3

  32. सिद्धांत और अनुबंध 138:57