2010–2019
इस्राएल को एकत्रित करने में बहनों की भागदारी
अक्टूबर 2018


2:3

इस्राएल को एकत्रित करने में बहनों की भागदारी

मैं आप, गिरजे की महिलाओं से, बिखरे हुए इस्राएल को एकत्रित करने में सहायता देकर भविष्य का निर्माण करने के लिये भविष्यसंबंधी याचना करता हूं ।

मेरी प्रिय बहनों, आपके साथ होना शानदार है । हाल का अनुभव शायद आपको बताएगा कि मैं आपके और आपकी दिव्य योग्यताओं, जो आपको मिली हैं, के विषय में कैसा महसूस करता हूं ।

एक दिन दक्षिण अमेरिका में सभा को बोलते हुए, मैं अपने विषय पर अत्याधिक उत्साहित हो गया, और एक विशेष क्षण पर, मैंने कहा, “दस बच्चों की मां के तौर पर, मैं आपको बता सकता हूं …” और फिर मैं अपने संदेश को पूरा किया ।

मुझे पता नहीं चला कि मैंने मां शब्द कहा था । मेरे अनुवादक ने, समझते हुए कि मैंने गलत बोला है, मां शब्द को पिता से बदल दिया, इसलिय लोगों को पता नहीं चला कि मैंने स्वयं को मां कहा था । लेकिन मेरी पत्नी वैंडी ने इसे सुना, और वह मेरी अंजानी गलती पर प्रसन्न हुई थी ।

उस क्षण, मेरे हृदय की संसार को बदलने की गहन भावना—जिसे केवल एक मां करती है—मेरे हृदय से बाहर आ गई थी । मेरे जीवन के दौरान, जब कभी मुझ से पूछा गया है क्यों मैंने डॉक्टर बनना चुना, मेरा जवाब हमेशा वही रहा है: “क्योंकि मैं एक मां बनना नहीं चुन सकता था ।”

कृपया समझे कि जब भी मैं शब्द मां का उपयोग करता हूं, मैं केवल उन महिलाओं के बारे में नहीं बोल रहा जिन्होंने इस जीवन में बच्चों को जन्म दिया या गोद लिया है । मैं अपने स्वर्गीय माता-पिता की सभी वयस्क बेटियों के बारे में बोल रहा हूं । प्रत्येक महिला अपनी अनंत दिव्य प्रकृति के कारण एक मां है ।

इसलिये आज रात, दस बच्चों—नौ बेटियां और एक बेटे के पिता—और गिरजे के अध्यक्ष के तौर पर, मैं प्रार्थना करता हूं कि आप समझ सकें कि मैं आपके बारे में कितनी गहराई से महसूस करता हूं—आप कौन हैं और सब भलाई जो आप करती हैं । कोई उसे नहीं कर सकता जो एक धार्मिक महिला कर सकती है । कोई भी मां के प्रभाव की नकल नहीं कर सकता ।

पुरूष अक्सर दूसरों के प्रति स्वर्गीय पिता और उद्धारकर्ता के प्रेम को प्रकट कर सकते और करते हैं । लेकिन महिलाओं के पास इसके लिये एक विशेष उपहार है—एक दिव्य उपहार । आपके पास किसी की आवश्यकता—और यह उन्हें कब चाहिए, इसे समझने की क्षमता है । आप किसी की आवश्यकता के सही मौके पर उस तक पहुंचती, दिलास देती, सीखाती और मजबूती देती हो ।

स्त्रियां पुरुषों से भिन्न तरह से चीजों की देखती हैं, और ओह, हमें आपके इस दृष्टिकोण की जरुरत है ! आपकी प्रकृति आपको दूसरों के बारे में पहले सोचने, विचार करने को ले जाती है कि किसी कार्य का प्रभाव दूसरों पर क्या होगा ।

यह हमारी महान मां हव्वा थी—जिसने हमारे स्वर्गीय पिता की योजना की अति महत्वपूर्ण दिव्य समझ के कारण—उसे आरंभ किया था जिसे हम पतन कहते हैं । उनके समझदार और सहासी निर्णय और आदम के समर्थन के कारण परमेश्वर की सुख की योजना आरंभ हुई थी । उन्होंने हम में से प्रत्येक के लिये पृथ्वी पर आना, शरीर प्राप्त करना, और साबित करना संभव किया था कि हम यीशु मसीह का अब समर्थन करते हैं, ठीक जैसे हमने पूर्व-अवस्था में किया था ।

मेरी प्रिय बहनों, आपके पास विशेष आत्मिक उपहार और प्राकृतिक प्रवृतियां हैं । आज रात, मैं आपसे याचना करता हूं, अपने हृदय संपूर्ण आशा से, अपने आत्मिक उपहारों को समझने—बढ़ाने, उपयोग करने, और उनका विस्तार करने, जितना आपके पास हैं उससे अधिक पाने के लिये प्रार्थना करें । आप संसार को बदल देंगी जब आप ऐसा करती हैं ।

महिला के तौर, आप दूसरों को प्रेरणा देती और योग्य अनुसरण करने का स्तर स्थापित करती हो । मैं आपको हमारे पिछले महा सम्मेलन में की गई दो मुख्य घोषणाओं का एक छोटा सा उदाहरण देता हूं । आप, मेरी बहनों, उन दोनों में बहुत जरूरी हो ।

पहले, सेवकाई । सेवकाई का सर्वोत्तम आदर्श हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह का है । समान्यत:, स्त्रियां पुरुषों के मुकाबले उस स्तर के अधिक निकट हैं और हमेशा रही हैं । जब आप वास्तव में सेवा करती हो, तो आप दूसरों को उद्धारकर्ता का प्रेम अनुभव करने में मदद के लिये अपनी अनुभूतियों का अनुसरण करती हो । सेवा करने का स्वाभाविक झुकाव धार्मिक महिलाओं में जन्म से होता है । मैं उन महिलाओं को जानता हूं जो प्रतिदिन प्रार्थना करती हैं, “आज आप मुझ से किस की मदद करवाएंगे ?”

अप्रैल 2018 की दूसरों की देख-भाल करने के उच्चतर और पवित्रतर तरीकों की घोषणाओं से पहले, कुछ पुरुषों की आदत घर की शिक्षा के मासिक कार्य को “चिन्हित करना” और अन्य कार्य में लग जाना था ।

लेकिन जब आपको लगता था कि जिस बहन से आप भेंट कर रही थी, उसे मदद चाहिए, तो आप तुरंत कार्यवाही करती और फिर पूरे महिने पूछती रहती हैं । आपके इस प्रकार, भेंट करने से हम सेवकाई का स्तर उठाने के लिये प्रेरित हुए थे ।

दूसरा, पिछले महा सम्मेलन में, हमने मलकिसिदिक पौरोहित्य परिषदों का भी पुन:निर्माण किया था । जब हम गिरजे के पुरुषों की मदद करने के लिये जूझ रहे थे कि कैसे वे अपनी जिम्मदारियों में अधिक प्रभावित हों, हमने ध्यानपूर्वक सहायता संस्था के उदाहरण का विचार किया था ।

सहायता संस्था में, विभिन्न आयु और जीवन के पढ़ावों की स्त्रियां एकसाथ मिलती हैं । जीवन के प्रत्येक पढ़ाव अलग-अलग चुनौतियां लाते हैं, और फिर भी, आप, प्रत्येक सप्ताह, एकसाथ मिलकर, सुसमाचार में बढ़ते और सीखाते हुए, और संसार में वास्तव में बदलाव ला रही थी ।

अब, आपके उदाहरण का अनुसरण करते हुए, मलकिसिदिक पौरोहित्य धारक एल्डर परिषद के सदस्य हैं । ये पुरुष, एकसमान व्यापक पौरोहित्य और गिरजे के अनुभवों के साथ, 18 से 98 (या अधिक) की आयु के हैं । ये भाई अब मिलकर सीखने, और दूसरों को अधिक प्रभावशाली ढंग से आशीष देने के लिये मजबूत आपसी संबंध स्थापित कर सकते हैं ।

पिछली जून, बहन नेलसन और मैंने गिरजे के युवाओं से बात की थी । हमने उन्हें परदे के दोनों को इस्राएल को एकत्रित करने में मदद के लिये प्रभु के युवा दल में शामिल होने का निमंत्रण दिया था । यह एकत्रित होना आज पृथ्वी पर “महानत्तम चुनौती, महानत्तम अभियान, और महानत्तम कार्य है !”

यह ऐसा अभियान है जिसमें महिलाओं की अत्याधिक आवश्यकता है, क्योंकि स्त्रियां भविष्य का निर्माण करती हैं । इसलिये आज रात, मैं आप, गिरजे की महिलाओं से, बिखरे हुए इस्राएल को एकत्रित करने में सहायता देकर भविष्य का निर्माण करने के लिये भविष्यसंबंधी याचना करता हूं ।

आप कहां से आरंभ कर सकती हैं ?

मैं चार निमंत्रण देता हूं :

पहला, मैं आपको दस दिनों के लिये समाजिक मिडिया और किसी अन्य मिडिया से दूर रहने का निमंत्रण देता हूं जो आपके मन में नाकारात्मक और अशुद्ध विचार लाता है । इस समय के दौरान जानने के लिये प्रार्थना करें कि कौन से प्रभावों को हटाना है । दस दिन की अवधि का प्रभाव आपको हैरान कर सकता है । संसार के उन विचारों से दूर रहने के बाद जो आपकी आत्मा को घायल कर रहे थे, आप क्या देखती हैं ? अब जहां आप अपना समय और ऊर्जा लगाना चाहती हो, क्या उसमें कोई बदलाव हुआ है? क्या आपकी प्राथमिकताएं बदली हैं—बेशक थोड़ी बहुत ? मैं आपसे प्रत्येक प्रभाव को रिकार्ड करने और इसका पालन करने का आग्रह करता हूं ।

दूसरा, मैं आपको अब से लेकर साल के अंत तक मॉरमन की पुस्तक पढ़ने का निमंत्रण देता हूं । बेशक जीवन के अन्य कार्यों के साथ जो आप करती हैं उसमें यह कितना भी असंभव लगे, यदि आप इस निमंत्रण को संपूर्ण हृदय से स्वीकार करती हैं, तो प्रभु आपको इस पूरा करने में मदद करेगा । और, जब आप प्रार्थनापूर्वक अध्ययन करती हैं, तो मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि स्वर्ग से आपको आशीष मिलेगी । प्रभु आपको अधिक प्रेरणा और प्रकटीकरण से आशीषित करेगा ।

जब आप पढ़ती हैं, तो मैं आपको उन वाक्यों को चिन्हित करने के लिये उत्साहित करता हूं, जो उद्धारकर्ता के विषय में बताता, या संदर्भ करता है । फिर, अपने परिवारों और मित्रों से मसीह के विषय में बात करने, मसीह में आनंदित होने, और मसीह का प्रचार करने में विचार करें । इस प्रक्रिया के माध्यम से आप और वे उद्धारकर्ता के निकट आएंगे । और बदलाव, यहां तक कि चमत्कार भी होने आरंभ हो जाएंगे ।

आज सुबह नई रविवार सारणी और घर-केंद्रित, गिरजा समर्थित पाठ्यक्रम के संबंध में घोषणा की गई । आप, मेरी बहनें, इस नये, संतुलित सुसमाचार-शिक्षा के प्रयास की सफलता के लिये महत्वपूर्ण हो । कृपया जो आप धर्मशास्त्रों से सीखती हैं, उन बातों को उन्हें भी सीखाएं जिन से आप प्रेम करती हैं । उन्हें सीखाएं कैसे उद्धारकर्ता की चंगाई देने वाली और शुद्ध करने वाली शक्ति पर भरोसा करना है, जब वे पाप करते हैं । और उन्हें सीखाएं कैसे उसकी मजबूत करने वाली शक्ति को प्रतिदिन अपने जीवन में प्राप्त किया जाता है ।

तीसरा, नियमित मंदिर जाने का नियम स्थापित करें । इसके लिये आपको जीवन में थोड़ा अधिक बलिदान करने की जरूरत होगी । मंदिर में अधिक नियमित समय देने से प्रभु आपको सीखायेगा कैसे उसकी पौरोहित्य शक्ति को प्राप्त करना है जिसे आपको उसके मंदिर में प्रदान किया गया है । उनके लिये जो मंदिर के निकट नहीं रहते, मैं आपको प्रार्थनापूर्वक मंदिरों के विषय में धर्मशास्त्रों और जीवित भविष्यवक्ताओं के वचनों का अध्ययन करने का निमंत्रण देता हूं । मंदिरों के बारे में पहले से अधिक जानने, अधिक समझने, अधिक महसूस करने का प्रयास करें ।

पिछली जून हमारी विश्वव्यापी युवा सभा में, मैंने एक युवक के विषय में बोला था जिसका जीवन बदल गया था जब उसके माता-पिता ने उसे समार्ट-फोन के बदले साधारण फोन दिया था । इस युवक की मां एक निडर विश्वासी महिला है । उसने देखा उसका बेटा उस ओर जा रहा था जो उसे मिशन पर जाने से रोक सकता था । वह मंदिर में यह जानने के लिये गई कि वह कैसे अपने बेटे की मदद कर सकती थी । फिर उसने उस प्रभाव का अनुसरण किया जो उसने महसूस किया था ।

उसने कहा: “मैंने महसूस किया आत्मा ने मुझे अपने बेटा के फोन की विशिष्ट समय पर विशिष्ट बातों की जांच करने को प्रेरित किया । मैं नहीं जानती थी कि इन स्मार्टफोनों की कैसे जांच करनी है, लेकिन आत्मा ने सारे समाजिक मिडिया को देखने में मेरा मार्गदर्शन किया जिनका उपयोग मैंने पहले कभी नहीं किया ! मैं जानती हूं आत्मा उन माता-पिता का मार्गदर्शन करती है जो अपने बच्चों की सुरक्षा करना चाहते हैं । [पहले] मेरा बेटा मुझ पर गुस्सा हुआ । … लेकिन केवल तीन दिनों के बाद, उसने मेरा धन्यवाद किया ! वह अंतर महसूस कर सकता था ।”

उसके बेटे के व्यवहार और दृष्टिकोण में अत्याधिक परिवर्तन हुआ । वह घर में अधिक मददगार, अधिक खुश रहने, और गिरजे में अधिक ध्यान लगाने लगा था । उसे मंदिर के बपतिस्मे में भाग लेना अच्छा लगता था और अब वह मिशन पर जाने की तैयारी कर रहा है ।

मेरा चौथा निमंत्रण, उनके लिये है जिनकी आयु, सहायता संस्था में पूर्णरूप से भाग लेने की है । मैं आपसे नया सहायता संस्था उद्देश्य वक्तव्य का अध्ययन करने का आग्रह करता हूं । यह प्रेरणादायक है । यह आपको अपने स्वयं के जीवन के उद्देश्य के वक्तव्य का विकास करने में मदद कर सकता है । मैं आपको लगभग बीस साल पहले छपे सहायता संस्था घोषणा की सच्चाइयों को अनुभव करने की विनती भी करता हूं । इस घोषणा की फ्रेम की गई प्रतिलिपि प्रथम अध्यक्षता के कार्यालय में लगी है । हर बार मैं जब इसे पढ़ता हूं मैं आनंदित हो जाता हूं । यह बताती है आप कौन हैं और इस विशिष्ट समय पर प्रभु आप से किसकी मदद करवाना चाहता है जब आप बिखरे हुए इस्राएल को एकत्रित करने में अपनी भूमिका निभाती हो ।

मेरी प्रिय बहनों, हमें आपक जरूरत हैं ! मैं आपकी ताकत, आपके परिवर्तन, आपकी निष्ठा, नेतृत्व करने की आपकी योग्यता, आपके ज्ञान, और आपकी वाणी की जरूरत है ।” हम आपके बिना इस्राएल को एकत्रित नहीं कर सकते ।

मैं आपसे प्रेम करता और आपका धन्यवाद देता हूं, और अब आपको इस महत्वपूर्ण और आवश्यक कार्य में मदद करने के लिये संसारिक प्रभावों को अपने पर हावी न होने की योग्यता की आशीष देता हूं । हम मिलकर वह सब कर सकते हैं जो हमारा स्वर्गीय पिता उसके पुत्र के द्वितीय आगमन के लिये संसार को तैयार करने के लिये हम से करवाना चाहता है ।

यीशु ही मसीह है । यह उसका गिरजा है । इसकी गवाही मैं यीशु मसीह के नाम में देता हूं, आमीन ।

विवरण

  1. Russell M. Nelson, “Hope of Israel” (worldwide youth devotional, June 3, 2018), HopeofIsrael.lds.org.

  2. देखें 2 नफी 25:26

  3. These documents are available online. For the Relief Society purpose statement, see lds.org/callings/relief-society. For the Relief Society declaration, see Mary Ellen Smoot, “Rejoice, Daughters of Zion,” Liahona, Jan. 2000, 111–14.

  4. Russell M. Nelson, “A Plea to My Sisters,” Liahona, Nov. 2015, 96; emphasis added.