मेल-मिलाप की सेवकाई
मैं उस शांति की गवाही देता हूं जो परमेश्वर और दूसरों से मेलमिलाप कराती है, हमें मिलेगी यदि हम इसे पाने के लिये दीन और सहासी हैं ।
पिछली अप्रैल, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने परमेश्वर और एक दूसरे से प्रेम करने की महान आज्ञाओं का पालन करने के लिये सेवकाई के विचार को प्रस्तुत किया था । हमारे भविष्यवक्ता का अनुसरण करने लिये आपने जो महान कार्य आरंभ किया है उसे जारी रखें, और अधिक निर्देशनों की प्रतिक्षा न करें । बस जरूरतमंद की सहायता करना आरंभ कर दें । यह सोचते हुए सेवा न रोकें कि किस प्रकार की सेवकाई आपको करनी है । यदि हम उन मूल नियमों का पालन करते हैं जिन्हें सीखाया जा चुका है, पौरोहित्य कुंजियों के साथ तालमेल रखते हैं, अपने मार्गदर्शन के लिये पवित्र आत्मा की खोज करते हैं, तो हम असफल नहीं हो सकते ।
आज सुबह मैं सेवकाई के अत्याधिक व्यक्तिगत पहलू के बारे में बोलना चाहता हूं जोकि सौंपा नहीं जाता है, जिसमें साक्षत्कार नहीं किया जाता, और परमेश्वर के सिवाय अन्य किसी को रिपोर्ट करनी नहीं पड़ती । मैं उस प्रकार की सेवकाई का केवल एक साधारण उदाहरण बताऊंगा ।
ग्रांट मौरेल बोवन मेहनती, एक निष्ठावान पति और पिता, दूसरों की तरह खेती बाड़ी करके अपना गुजारा करने वाला किसान था, एक बार आलू की फसल खराब होने के कारण उसे आर्थिक नुकसान हुआ । वह और उसकी पत्नी, नोरमा, ने नौकरी करनी आरंभ कर दी, अतंत: दूसरे शहर चले गए, और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक होती गई । एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, भाई बोवन को बहुत बुरा लगा जब, मंदिर संस्तुति साक्षात्कार में, धर्माध्यक्ष को पूर्ण-दशमांश होने की मौरेल की घोषणा पर विश्वास नहीं हुआ ।
मैं नहीं जानता उस दिन इन दोनों में से कौन सही था, लेकिन मैं इतना जानता हूं बहन बोवन साक्षात्कार के बाद अपनी मंदिर संस्तुति लेकर बाहर आई थी, जबकि भाई बोवन गुस्से से बाहर निकला जिस के कारण वह गिरजे से 15 वर्षों के लिये दूर चला गया ।
भले ही दसमांश के बारे में कोई भी सही रहा हो, स्पष्टरूप से मौरेल और धर्माध्यक्ष दोनों उद्धारकर्ता के आदेश “अपने विरोधी के साथ झटपट मेल मिलाप कर ले” और पौलुस की सलाह “सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे” को भूल गए थे । हकीकत यह है कि उन्होंने मेल मिलाप नहीं किया और भाई बोवन के क्रोध के लिये सूर्य दिनों, फिर हफ्तों, फिर सालों के लिये अस्त हो गया, रोम के प्राचीन बुद्धिमानों में से एक के उद्धरण को सही साबित किया जिसने कहा था, “यदि क्रोध पर संयम नहीं किया जाता है, तो इसका घाव बहुत गहरा होता है ।” लेकिन मेल मिलाप का चमत्कार हमारे लिये हमेशा उपलब्ध है, और अपने परिवार और गिरजे के प्रति प्रेम के कारण जिसकी सच्चाई वह जानता था, मौरेल बोवन गिरजे में सक्रियरूप से लौटा । इस घटना के विषय में मैं आपको संक्षेप में बताता हूं ।
भाई बोवन का बेटा ब्रैड हमारा अच्छा मित्र और दक्षिणी आईडहो में निष्ठावान क्षेत्रीय सत्तर है । ब्रैड इस घटना के समय 11 वर्ष का था, और 15 वर्षों तक उसने अपने पिता की धार्मिक निष्ठा को गिरते हुए देखा था, जो दसमांश पर गलतफहमी और क्रोध के कारण अपने परिवार पर नकारात्मक प्रभाव का गवाह था । कुछ किया जाना था । इसलिये 1977 में जब थैंक्सगिविंग की छुट्टियां आई, ब्रैड, 26 वर्ष का ब्रिंगम यंग विश्वविद्यालय का विद्यार्थी; उसकी पत्नी, वैलरी; और छोटा बेटा, मिक, अपनी साधारण सी गाड़ी में सामान के साथ और, खराब मौसम के होते हुए, बिलिंग्स, मोनटाना जा रहे थे । वैस्ट यलोस्टोन के निकट बर्फ के ढेर से टकारने के बावजूद, तीन-जनों का यह परिवार भाई बोवन सि. से मिलकर अपनी सेवकाई करने से पीछे नहीं हटा ।
जब वे पहुंचे, ब्रैड और उसकी बहन पैम ने अपने पिता के संग अकेले में बात करने को कहा । “आप बहुत अच्छे पिता हैं,” ब्रैड ने भावना के साथ कहना आरंभ किया, “और हम हमेशा से जानते हैं आप हमसे कितना प्रेम करते हैं । लेकिन कुछ गलत हुआ है, और यह एक लंबे समय से चल रहा है । क्योंकि एक बार आपको ठेस पहुंची थी, इसलिये पूरा परिवार वर्षों से इसे झेल रहा है । हम टूट चुके हैं, और केवल आप ही इसे ठीक कर सकते हैं । कृपया, कृपया, इतने वर्षों के बाद, क्या आप अपने हृदय से धर्माध्यक्ष के साथ उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की याद हटा सकते हो और फिर से इस परिवार का सुसमाचार में नेतृत्व कर सकते हो जैसा आपने पहले किया था ?”
वहां संपूर्ण सन्नाटा था । फिर भाई बोवन ने इन दोनों की ओर देखा, जो उसकी हड्डी की हड्डी और उसके मांस का मांस थे, और बहुत धीरे से बोला, “हां कर सकता हूं । हां, मैं ऐसा करूंगा ।”
उस अनापेक्षित जवाब से वे खुश लेकिन हैरान थे, ब्रैड बोवन और उसका परिवार ने उनके पति और पिता को अपने जीवन की बातों की सही करने के लिये मेलमिलाप की आत्मा में उनके तब के धर्माध्यक्ष के पास जाते देखा था । इस सहासी लेकिन पूर्णरूप से अनपेक्षित भेंट के परिपूर्ण जवाब में, धर्माध्यक्ष, जिसने भाई बोवन के लिये कई बार लौट आने के निंमत्रण भेजे थे, ने अपनी बांहें मौरेल पर डाली और काफी देर तक गले लगाया ।
कुछ ही सप्ताहों में, भाई बोवन पूर्णरूप से गिरजे की गतिविधि में फिर से शामिल हो गया और स्वयं को मंदिर में जाने के योग्य बनाया । जल्दी ही उसने 25 लोगों की संघर्ष कर रही शाखा की अध्यक्षता करने की नियुक्ति को स्वीकार कर लिया और इसे 100 से अधिक लोगों की सफल कलिसिया बना दिया । यह सब लगभग 50 वर्ष पहले हुआ था, लेकिन अपने पिता के प्रति एक बेटे और बेटी की सेवकाई की याचना के परिणामस्वरूप और उस पिता की क्षमा करने और दूसरों की कमी के बावजूद आगे बढ़ने की इच्छा से आशीषें आई, जोकि बोवन परिवार में अभी आ रही हैं---और हमेशा आएंगी ।
भाइयों और बहनों, यीशु ने कहा था कि हम “प्रेम में एक साथ मिल रहेंगे” “तुम्हारे बीच कोई मतभेद न होगा ।” “वह जिसके पास मतभेद की आत्मा है वह मेरा नहीं है,” उसने नफाइयों को चेतावनी दी थी । अवश्य ही, बहुत हद तक, मसीह के साथ हमारा संबंध—एक दूसरे के साथ हमारे संबंध द्वारा निर्धारित—या कम से कम प्रभावित अवश्य होता है ।
इसलिए, यदि तुम … मेरे पास आने की इच्छा रखोगे,” उसने कहा, “और याद रखोगे कि तुम्हारे भाई ने तुम्हारे विरूद्ध क्या किया है—
“अपने भाई के पास जाओ, और पहले अपने भाई से मेल-मिलाप करो, और तब हृदय की पूर्ण इच्छा से मेरे पास आओ, और मैं तुम्हें स्वीकार करूंगा ।”
अवश्य ही हम में से प्रत्येक पूराने घावों, और दुखों और दर्दपूर्ण यादों के अंतहीन निशान दिखा सकता है जोकि इस क्षण भी किसी के हृदय या परिवार या पड़ोस की शांति को नष्ट कर रहा है । चाहे हमने किसी को दर्द दिया हो या हमें मिला हो, उन घावों को चंगाई की आवश्यकता है ताकि जीवन वैसा खुशनुमा हो जाए जैसा परमेश्वर चाहता है । जैसे आपके नाती-पोते फ्रिज में झांक-कर देखते हैं कि उसमें दादा के लिये क्या रखा है, पुरानी शिकायतों की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है । कृपया अपनी आत्मा के बहुमूल्य स्थान में महत्वहीन विचारों को न रखें । जैसे टेम्पस्ट में प्रोस्पैरो ने दुखी एलोनसो से कहा था, हमें अतीत की यादों से उदास नहीं होना चाहिए क्योंकि अब उदास होने का कोई कारण नहीं है ।”
“दोष मत लगाओ, तो तुम पर दोष नहीं लगाया जाएगा,” मसीह ने पहाड़ी उपदेश में सीखाया था । और हमारे समय में, “मैं, प्रभु, जिसे मैं चाहूंगा क्षमा करूंगा, लेकिन तुम से यह अपेक्षित है कि तुम सबको क्षमा करो ।” यह, हांलाकि, आप में से किसी के लिये भी महत्वपूर्ण है जो वास्तव में पीड़ा सहता है जिसे उसने नहीं कहा था । उसने नहीं कहा, “आपको विनाशकारी अनुभवों के वास्तविक पीड़ा या असली दुख महसूस करने की अनुमति नहीं है जो किसी ने आपको दिये हैं ।न ही उसने कहा, “पूर्णरूप से क्षमा करने के लिये आपको नुकसानदायक संबंधों को बनाये रखना या अपमानजनक, विनाशकारी परिस्थिति में लौटना चाहिए ।” लेकिन हमारे साथ अत्याधिक अपराधों के होते हुए भी, हम अपने दर्द से उबर सकते हैं केवल जब हम अपने पांवों को सच्ची चंगाई के मार्ग पर रखते हैं । यह क्षमा करने के का मार्ग है जिस पर नासरत का यीशु चला था, जो हम सबों से कहता है, “आओ, मेरे पीछे हो लो ।”
उसका शिष्य होने और उसके समान करने के निमंत्रण के साथ, यीशु उसके अनुग्रह के धारक होने को कह रहा है--”मेल मिलाप की सेवकाई” में “मसीह के राजदूत” जैसा पौलुस ने कूरुन्थियों को व्याख्या की थी । प्रत्येक घाव को चंगाई देने वाला, वह जो प्रत्येक गलत को सही करता है, हमें उसके साथ संसार में शांति कायम करने के कठिन कार्य में परिश्रम करने को कहता है जिसे आप किसी अन्य तरीके से नहीं पा सकते हैं ।
इसलिये, जैसा फिल्प ब्रूक्स ने लिखा था: “आप जो दुखदाई गलतफहमी को वर्षों तक कायम रहने देते हो, जो उन्हें कभी भविष्य में दूर करने का सोचता है, आप उनमें से हो जो अभी भी मतभेदों को बनाए हुए है क्योंकि आप निर्णय नहीं लेते कि अपने घमंड को त्यागने और उन्हें दूर करने का समय अभी है; आप लोगों को उदास गली से गुजरने देते हो, उन्हें चोट पहुंचाने या अपमानित करने की मूर्ख इच्छा जाहिर नहीं करते … ; आप उनमें से हो जो किसी की पीड़ा को प्रशंसा और दया के शब्द से दूर नहीं करना चाहते हैं, जिसे आप उसे किसी अन्य दिन कहने की सोचते हो, … तुरंत उसे करो जिसे करने का दूसरा मौका शायद आपको कभी न मिले ।”
मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, मैं गवाही देता हूं कि क्षमा करना और गलतियों को भूलना, पूरानी या नई, यीशु मसीह के प्रायश्चित की महिमा में प्रमुख है । मैं गवाही देता हूं कि इस प्रकार का आत्मिक सुधार केवल हमारे दिव्य मुक्तिदाता से आ सकते हैं, जोकि “अपनी चंगाई की किरणों” के साथ हमारी मदद के लिये सदैव तैयार है । हम उसका, और हमारे स्वर्गीय पिता का धन्यवाद करते हैं जिसने उसे भेजा, वह नवीनीकरण और पुर्नजन्म, पूराने दुखों और पिछली गलतियों से मुक्त भविष्य, न केवल संभव हैं बल्कि इन्हें खरीद लिया गया है और मेम्ने के लहू द्वारा कष्टदायक कीमत चुकाई जा चुकी है ।
संसार के मुक्तिदाता द्वारा मुझे मिले भविष्यवक्ता के अधिकार से, मैं उस शांति की गवाही देता हूं जो परमेश्वर और दूसरों से मेलमिलाप कराती है, हमें मिलेगी यदि हम इसे पाने के लिये दीन और सहासी हैं । “यदि हम एक दूसरे से विवाद और एक दूसरे की बुराई करना बंद करते हैं ।” यदि आप किसी पूरानी चोट से परिचित हो, तो इसे ठीक करें । प्रेम में एक दूसरे का ख्याल रखो ।
मेरे प्रिय मित्रों, मेल-मिलाप की हमारी साझा सेवकाई में, मैं आप से मेल-मिलाप कराने वाले होने को कहता हूं । मैं यह याचना शांति के राजकुमार के नाम में करता हूं, जो निर्दोष और अन्याय, झूठे आरोपों और “मित्रों के घर में मिले घावों” से अच्छी तरह परिचित है । लेकिन फिर भी क्षमा करने और भूल जाने को तैयार था---और हमेशा रहेगा, अर्थात प्रभु यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।