मृतक की मुक्ति का दिव्यदर्शन
मैं प्रमाणित करता हूं कि जो दिव्यदर्शन अध्यक्ष जोसफ एफ. स्मिथ ने प्राप्त किया था वह सच है । मैं मैं गवाही देता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति जान सकता है कि यह सच है ।
भाइयों और बहनों, मेरी वार्ता मेरी पत्नी बारबरा की मृत्यु से कुछ समय पहले तैयार की गई थी । मैं प्रार्थना करता हूं कि प्रभु मुझे आशीष देगा जब मैं आज सुबह आप से बातें करता हूं ।
अक्टूबर 1918 में, 100 वर्ष पहले, अध्यक्ष जोसफ एफ. स्मिथ ने एक शानदार दिव्यदर्शन प्राप्त किया । अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे में लगभग 65 वर्ष की समर्पित सेवा के बाद, और 19 नवंबर 1918 को अपनी मृत्यु से कुछ सप्ताह पूर्व, वह अपने कमरे में बैठे मसीह के प्रायश्चित बलिदान पर मनन और सूली पर चढ़ाए जाने के बाद आत्मिक संसार में उद्धारकर्ता की सेवकाई के विषय में प्रेरित पौलुस का वर्णन पढ़ रहे थे ।
वह लिखते हैं: “जब मैं पढ़ रहा था मैं बहुत प्रभावित हुआ । … जब मैंने इन बातों … पर मनन किया …, मेरी समझ की आंखें खुल गई, और प्रभु की आत्मा मुझ पर आकर ठहर गई, और मैंने मृतकों के दलों को देखा”दिव्यदर्शन का पूर्ण वर्णनसिद्धांत और अनुबंध के खंड 138में लिखा हुआ है ।
मैं कुछ पृष्ठभूमि देता हूं ताकि इस अद्वितीय प्रकटीकरण को प्राप्त करने के लिये जोसफ एफ. की जीवन भर की तैयारी को हम अच्छी तरह समझ सकें ।
जब वह गिरजे के अध्यक्ष थे, वे 1906 में नावू गए और उस स्मरण के विषय के बारे में विचार किया जब वह मात्र पांच वर्ष के थे । उन्होंने कहा: “ठीक यही वह जगह है जहां मैं खड़ा हुआ था जब [जोसफ, मेरे अकंल, और मेरे पिता, हाएरम] घोड़े पर कार्थेज जाते समय आये थे । बिना घोड़े से उतरे पिता नीचे झुके और मुझे जमीन से उपर उठाया । उन्होंने मुझे गुड-बाए कहकर चूमा और वापस नीचे रख दिया और मैं उन्हें जाते हुए देखता रहा.”
अगली बार जोसफ एफ. ने उन्हें देखा, जब उनकी मां, मेरी फिल्डिंग, ने दोनों के मृत शरीर दिखाने के लिये उन्हें उपर उठाया था । दोनों की 27 जून 1844 को कार्थेज जेल में क्रूरता से हत्या कर दी गई थी।
दो वर्ष बाद, जोसफ एफ., अपने परिवार और विश्वासी मां, मेरी फिल्डिंग स्मिथ, के साथ नावू में अपना घर छोड़कर विंटर क्वाटर्स चले गए । यद्यपि वह आठ वर्ष के भी नहीं थे, जोसफ एफ. को मोनट्रोस, आयोवा से विंटर क्वाटर्स तक और फिर बाद में सॉल्ट लेक वैली तक बैलगाड़ी चलानी पड़ी, जब वह वहां पहुंचे तो वह लगभग दस वर्ष के थे । मैं आशा करता हूं लड़कों और युवकों आप सुन रहे हो और उस जिम्मदारी और अपेक्षाओं को महसूस करो जो जोसफ एफ. पर बालक होने के समय थीं ।
1852 में केवल चार वर्ष बाद, जब वह 13 वर्ष के थे, उनकी प्रिय मां का निधन हो गया—जोसफ और उसके भाई-बहन अनाथ हो गए|
1854 में जोसफ एफ. को हवाई द्वीप में मिशन के लिये भेजा किया गया जब वह 15 वर्ष के थे । यह मिशन, जोकि तीन वर्ष से अधिक तक चला था, गिरजे में सेवा के जीवन की शुरूआत थी ।
यूटाह वापस लौटने पर, जोसफ एफ. ने 1859. में विवाह किया । 4 अगले कुछ वर्षों के लिये, उनका जीवन काम, पारिवारिक कर्तव्यों, और दो अतिरिक्ति मिशन भर हुआ था । 1 जुलाई 1866 को, 27 वर्ष की आयु में जोसफ एफ. का जीवन हमेशा के लिये बदल गया जब अध्यक्ष बिंगम यंग द्वारा उन्हें प्रेरित नियुक्त किया गया । अगले वर्ष अक्टूबर में, उन्होंने बारह. की परिषद में रिक्त स्थान को भरा था । 1901.में स्वयं अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने ब्रिंगम यंग, जॉन टेलर, विलफोर्ड वूडरफ, और लोरैन्जो स्नो के सलाहकार रूप में सेवा की थी ।
जोसफ एफ. और उनकी पत्नी जुलिना ने अपनी पहली बच्ची, मरसी जोसिफिन, का परिवार में स्वागत किया था ।. वह केवल ढाई वर्ष की थी जब उसकी मृत्यु हो गई । इसके तुरंत बाद, जोसफ एफ. ने लिखा, “कल एक महिना हो गया है जब मेरी… … प्रिय जोसिफिन की मृत्यु हुई थी । ओह ! काश मैं उसे स्त्रीत्व प्राप्त होने तक बचा पाता । मैं उसे प्रतिदिन याद करता हूं और मैं अकेला हू परमेश्वर मुझे मेरी कमजोरियों के लिये क्षमा करना क्या अपने छोटे बच्चों को प्रेम करना गलत है जैसा मैं उन से प्रेम करता हूं.”
अपने जीवन के दौरान, अध्यक्ष स्मिथ ने अपने पिता, माता, एक भाई और दो बहनों, दो पत्नियों, और तेरह बच्चों को खोया था । वह दुख और अपनों को खोने से अच्छी तरह परिचित थे ।
जब उनका बेटा एलबर्ट जिसकी मृत्यु हुई, जोसफ एफ. ने अपनी बहन मारथा ऐन को लिखा कि उन्होंने प्रभु से उसे बचाने की याचना की थी और कहा था, “ऐसा क्यों हुआ ? ओह परमेश्वर ऐसा क्यों हुआ?”
उस समय अपनी प्रार्थनाओं के बावजूद, जोसफ एफ. को इस बारे में कोई उत्तर नहीं मिला. उन्होंने मारथा ऐन से कहा कि “लगता है मृत्यु और आत्मिक संसार के बारे में प्रभु से कोई उत्तर नहीं मिल सकता” । फिर भी, प्रभु की अनंत प्रतिज्ञाओं में उनका विश्वास दृढ़ और अटल था ।
प्रभु के उचित समय में, आत्मिक संसार के बारे में अतिरिक्त उत्तर, दिलासा, और ज्ञान जो वह जानना चाहते थे अध्यक्ष स्मिथ को अद्भुत दिव्यदर्शन में अक्टूबर 1918 में मिला था ।
यह वर्ष उनके लिये विशेषकर दर्दनाक था । वह प्रथम विश्व युद्ध में अधिक संख्या में लोगों के मरने से दुखी थे जिन की संख्या बढ़ती जा रही थी लगभग 2 करोड़ लोग मर चुके थे । इसके अतिरिक्त, विश्व में चारों ओर फ्लू फैलने के कारण 10 करोड़ से अधिक लोगों की जान जा चुकी थी ।
वर्ष के दौरान, अध्यक्ष स्मिथ ने परिवार के तीन प्रिय सदस्यों को खो दिया । बारह प्रेरितों की परिषद के एल्डर हाएरम मैक स्मिथ, उनका पहला बेटा और मेरे दादा, अपेन्डिक्स फटने के कारण मर गए थे ।
अध्यक्ष स्मिथ ने लिखा था: “मैं दुख से अवाक रह गया | मेरा हृदय टूट गया; और मैं बेजान|… हो गया | … ओह | मैं उससे प्रेम करता था | मैं हमेशा उसे बहुत याद करूंगा । और यह ऐसा मेरे सभी बेटों और बेटियों के साथ रहेगा, लेकिन वह मेरा पहला बेटा है, वह मुझे लोगों के बीच सम्मानजनक नाम का अंतहीन आनंद और आशा दिलाने वाला प्रथम व्यक्ति है । मेरी आत्मा की गहराइयों से उसके लिये मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं | ओह | मैं उसे चाहता था | हम सब उसे चाहते थे | वह गिरजे .… के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण था । … और अब … ओह | मैं क्या कर सकता हूं | ओह | परमेश्वर मेरी सहायता करो”
अगले महिने, अध्यक्ष स्मिथ का दामाद, एलोजो केस्लर, एक दुखद दुर्घटना में मारा गया . अध्यक्ष स्मिथ ने अपनी दैनिकी में लिखा, “इस अति भंयकर और हृदय-विदारक दुर्घटना, ने एक बार फिर मेरे संपूर्ण परिवार को अत्यंत दुखी किया.”
सात महिने बाद, सितंबर 1918 में, अध्यक्ष स्मिथ की बहु और मेरी दादी, इडा बोमैन स्मिथ, अपने पांचवे बच्चे, मेरे अंकल हाएरम, को जन्म देने के बाद मर गई|
और इस प्रकार, 3 अक्टूबर 1918 को, दुनिया में युद्ध और रोग से मरे लाखों लोगों के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों की मौत का अत्याधिक दुख महसूस करते हुए, अध्यक्ष स्मिथ ने स्वर्गीय प्रकटीकरण प्राप्त किया जिसे “मृतक की मुक्ति का दिव्यदर्शन” के रूप में जाना जाता है ।
उन्होंने इस प्रकटीकरण का अगले दिन अक्टूबर महा सम्मेलन के खुले सत्र में जिक्र किया था । अध्यक्ष स्मिथ का स्वास्थ्य खराब हो रहा था, फिर भी उन्होंने संक्षेप में कहा: “मैं नहीं बोलूंगा, मुझ में साहस नहीं है, उन बहुत सी बातों पर बोलने का जो आज सुबह से मेरे मन में हैं, और मैं इन्हें कुछ समय के लिये स्थगित करता हूं, जब प्रभु चाहेगा, तो मैं उन कुछ बातों को बताऊंगा जो मेरे मन और मेरे हृदय में हैं । पिछले पांच महिनों से मैं अकेला नहीं हूं । मैं निरंतर प्रार्थना, याचना, विश्वास, और संकल्प की आत्मा में रहा हूं; और निरंतर मेरा संबंध प्रभु की आत्मा से रहा है”
3 अक्टूबर को प्राप्त प्रकटीकरण ने उनके हृदय को दिलासा और उनके बहुत से प्रश्नों का उत्तर दिया । इस प्रकटीकरण का अध्ययन करते हुए और प्रतिदिन के हमारे जीवन के महत्व का मनन करते हुए हमें भी दिलासा मिल सकती है और अपने भविष्य के बारे में अधिक जान सकते हैं जब हम मरते और आत्मिक संसार में जाते हैं ।
बहुत सी अन्य बातों के बीच जिन्हें अध्यक्ष स्मिथ ने देखा था, सलीब पर अपनी मृत्यु के बाद उद्धारकर्ता का विश्वासियों से आत्मिक संसार में भेंट करना था । उस दिव्यदर्शन के शब्दों में:
“लेकिन देखो, धर्मी के बीच से, उसने अपने दलों को संगठित और संदेशवाहकों को नियुक्त किया था, शक्ति और अधिकार से लैस, और उन्हें आगे बढ़ने और सुसमाचार के प्रकाश को उन तक पहुंचाने का अधिकार दिया जो अंधकार में थे, अर्थात मनुष्य]; की सारी आत्माओं को; और इस प्रकार सुसमाचार का प्रचार मृतकों को किया गया था । …
“इन्हें परमेश्वर में विश्वास, पाप से पश्चाताप, पापों की क्षमा के लिये प्रतिनिधि बपतिस्मा, हाथों को रखे जाने के द्वारा पवित्र आत्मा का उपहार सीखाया गया था । …
“और सुसमाचार के अन्य सारे सिद्धांत जो उनके लिये जानना जरूरी थे स्वयं को योग्य बनाने के लिये ताकि शरीर में मनुष्य के अनुसार उनका न्याय किया जा सके, लेकिन आत्मा में परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार जीएं । …
“क्योंकि मृतकों ने अपनी आत्माओं को उनके शरीर में न रहने को गुलामी के रूप में देखा था
“इन्हें प्रभु ने सीखाया, और बाहर निकलने की शक्ति दी, मृतकों से उसके पुनरूत्थान के पश्चात, उसके पिता के राज्य में प्रवेश करने के लिये, वहां अमरत्व और अनंत जीवन का ताज पहनाए जाने के लिये ।
“और इसके बाद उनके कार्य को जारी रखना जैसे प्रभु द्वारा प्रतिज्ञा की गई थी, और उन सभी आशीषों के भागीदार होने को जो उनके लिये सुरक्षित रखी गईं थी जो उससे प्रेम करते हैं ।.”
इस दिव्यदर्शन में, अध्यक्ष स्मिथ ने अपने पिता, हाएरम, और भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ को देखा था । 74 वर्ष हो चुके थे जब उन्होंने छोटे बालक के रूप में नावू में उन्हें अंतिम बार देखा था । हम उनके आनंद की केवल कल्पना कर सकते हैं जब उन्होंने अपने प्रिय पिता और अंकल को देखा होगा । उन्हें यह जानकर अवश्य ही प्रेरणा और दिलासा मिली होगी कि सभी आत्माएं अपने नश्वर शरीर के समान दिखती हैं और उत्सुकता से प्रतिज्ञा किए के पुनरूत्थान के दिन की प्रतिक्षा करती हैं । इस दिव्यदर्शन ने अपने बच्चों के लिये स्वर्गीय पिता की योजना और मसीह के मुक्ति दिलाने वाले प्रेम और उसके प्रायश्चित. की परिपूर्ण शक्ति को विस्तार से बताया था ।
इस विशेष 100वीं वर्षगांठ पर, मैं आपको इस प्रकटीकरण को विचारपूर्वक पढ़ने का निमंत्रण देता हूं । जब आप ऐसा करते हैं, तो प्रभु की आत्मा, परमेश्वर के प्रेम और उसके बच्चों के लिये मुक्ति और सुख की उसकी योजना को अच्छी तरह से समझने की आशीष देगा ।
मैं प्रमाणित करता हूं कि जो दिव्यदर्शन अध्यक्ष जोसफ एफ. स्मिथ ने प्राप्त किया सच्चा है । मैं गवाही देता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति इसे पढ़ सकता है और जान सकता है कि यह सच है । वे जो इसके ज्ञान को इस जीवन मे प्राप्त नहीं करते हैं इसकी सच्चाई को उस समय अवश्य ही समझेंगे जब हर कोई आत्मिक संसार में आता है । वहां, सभी उद्धार की महान योजना और प्रतिज्ञा किए गए पुनरुत्थान की आशीष के लिये परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह से प्रेम और प्रशंसा करेंगे और आत्मा एक बार फिर मिलेगी कभी न बिछुड़ने के लिये ।
मैं यह जानकर बहुत आभारी हूं कि मेरी प्रिय बारबरा कहां है और कि हम फिर से अपने परिवार से हमेशा के लिये मिलेंगे । प्रभु की शांति हमें अब और हमेशा सहारा दे, यह मेरी विनम्र प्रार्थान है, यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।