पिता
हम में से प्रत्येक को पिता की तरह बनने की क्षमता है। ऐसा करने के लिए, हमें पुत्र के नाम पर पिता की आराधना करनी चाहिए।
अपने पुरे जीवन, में मेरी पत्नी, मेलिंडा, ने अपने पूरे दिल से कोशिश की वह येशु मसीह की शिषय बने, लेकिन अपनी युवा अवस्था में भी, वह खुद को इस लायक नहीं समझ पाई की वह स्वर्गगिये पिता से आशीष और प्रेम प्राप्त कर सकती है, दरअसल में वो उनको समझ ही नहीं पाई, इसके बावजूद मेलिंडा लगातार अज्ञयाओ का पालन कर रही थी, कुछ वर्षो बाद, उसको लगातार अनुभव हुए जिसकी वजह से वह परमेश्वर को जान पाई, उसका प्रेम उसके बच्चो के लिए, और उसका आभार हमारे प्रति, जबकि हम उसका कार्य करने योग्य नहीं है |
उसने विस्तार से बताया; की वह केसे इससे प्रभावित हुई, “अब मुझे पता लग चूका था की पिता की योजना काम करती है, की उसने निजी तोर से हमें हमारी कामयाबी के लिए चुना है, और उसने हमारे लिए कई प्रकार के सबक और उदाहरण दिए है, जिसको करके हम उसके पास जा सकते है, अब में खुद को और दूसरो को ऐसे देखती हूँ , जेसे परमेश्वर देखता है, अब में और अच्छे से, प्रेम से पालन पोसन कर सकती हूँ , और पड़ा सकती हु, बिना किसी डर के, अब में खुद में ज्यादा विश्वास और शांति महसूस करती हु, बजाय डर और उत्तेजना के, खुद में न्याय करने की वजह अब में सहारा महसूस करती हु, मेरा विश्वाश ज्यादा मजबूत हुआ है, अब में अपने पिता के प्रेम को बहुत ज्यादा और गहराई से समझ सकती हूँ |”
[स्वर्गीय पिता]की उत्तमताको और उसकी दया को “ठीक से जानने के लिए, जरुरी है की हम पर्याप्त विश्वास करे, उधार्ता पाने के लिए, स्वर्गीय पिता को समझने से हमे मदद मिलती है और हमारा नजरिया अपने प्रति और दूसरो के प्रति केसा है यह बदल भी जाता है, और परमेश्वर का भरपूर प्यार, उसके बच्चो के लिए, और उसकी महान इच्छा, की हम उसके जेसे बने, और उसको ठीक से न जानने से हम खुद को अयोग्य समझने लगते है, की हम वापस उसके पास नहीं जा सकते,
मेरा उद्देश्य आज यह है ,की में आपको चुने हुए पिता के सिधांतो के बारे में बताऊ, खासकर के उन लोगो के लिए, जो ये जानते है, की परमेश्वर उनसे प्यार करता है, उसके चरित्र को और अच्छे से समझने के लिए, और उस पर पूरी तरह से विश्वाश करना, उसके बेटे और उसकी योजना पर जो हमारे लिए है|
पृथ्वी पूर्व जीवन
पृथ्वी पूर्व जीवन ,हम अपने सव्र्गिये मातापिता से, आत्मिक रूप से पैदा हुए थे, और उनके साथ एक परिवारकी तरह रहे थे, वह हमे जानते है , हमे सिखाया है और प्यार किया है, हम चाहते थे की हम स्वर्गिये पिता की तरह बने , हालांकि हम जान चुके थे की किसी भी हाल में हम ऐसा करेगे।
परिणामस्वरूप, पिता ने एक योजना बनाई, जिसके दुआर कुछ शर्तो,पर शरीर दिया, जो के बाद में अमर और महिमा में पुनरुत्थान हो सके, नश्वरतामें विवाह करना और परिवार बनाना और विशवाशियो के लिए, जिनको यह मोका नहीं मिला, नश्वरता के बाद उनात्ति प्राप्त करेगे ,और आखिरकार अपने स्वर्गिये माता पिता के पास आकर रहेगे, और हम हमारे परिवार में, हमेशा के लिए अनंत खुशिया पायेगे
वचन में इसकों उद्धारकी योजना कहता है,जब ये योजना हमे दी गई थी, हम सब काफी खुशथे , यहाँ तक के नाश्वर जीवन में आने वाले अनुभव , चुनोतिया जिनके दुआर हमे ईश्वरीय दीनता में बङाना है|
नाश्वर जीवन
इस जीवन में स्वर्गिये पिता ने कुछ शर्ते रखी, जो के हमारे उद्धार के लिए उसकी योजना में जरुरी थी , पिता ने हमे, येशु मसीह को हमारेलिए दे दिया, और इश्वर्य मदद दी, ताकि उसके दुआर उसकी योजना पूरी हो , स्वर्गिये पिता हमारी मदद करेगा, यदि हम उसकी आग्ग्याओ..को मानेगे ,पिता ने हमे कार्य करने की छूटदी है , हमारा जीवन उसके हाथो में है, “और हमारे दिन उसकी जानकारी में है”, और “कभी भी कम नहीं होगे”और आखिरकार उसने सुनिचित कर लिया है, की जो भी उससे प्यार करता है, उसका सब सही होगा,
यह हमारा स्वर्गिये पिता है, जो हमे रोज की रोटी,देता है,जो हमे दोनों प्रकार से ताकत देता है ताकि हम उसकी अज्ञाओ,का पालन कर सके, पिता अच्छे उपहार,देते है, वह हमारी प्राथनाएंसुनते है, और उनका जबाब देते है, स्वर्गिये पिता हर शेतानी ताकत से हमे बचाते है ,यदि हम उसे करने दे , ,वह हमारे लिए रोते है, जब हम परेशानियो में होते है,आखिरकार सारी आशीष पिता से ही आती है|
हमारी ताकत, कमजोरी और चुनावो के लिए स्वर्गिये पिता, हमारा मार्गदर्शन करते है, हमे अनुभव प्रदान कराते है, ताकि हम अच्छे फल लाये,जब जरूरी होता है पिता हम पर सख्ती भी करता है, क्युकी वह हमे प्यार करता है|वह “सलहाकार का पुरुष है”जो हमे सलाह देता है, जब भी हम उसको पूछते है|
यह हमारा स्वर्गिये पिता है, जो दोनों, अपना असर, और पवित्र आत्मा का उपहार हमारे जीवन मे देता है,पिता की पवित्र आत्मा के दुहारा , महिमा या समझ , रोशनी और ताकत --- हमारे अंदर रह सकते है,यदि हम रोशनी और सच्चाई में लगातार तरक्की करते है, जब तक की परमेश्वर की महिमा को ना हासिल करले ,स्वर्गिये पिता वचन की पवित्र आत्मा भेजेगे , हमे अपने राज्य मे मोहरबंद करेगे और अपना चेहरा हमको दिखायेगे , या तो इस जीवन में यह आने वाले जीवन में,
जीवन उपरान्त
जीवन उपरान्त आत्मिक दुनिया, स्वर्गिये पिता लगातार पवित्र अतमा को और मिशनरीओ को उनके पास भेजते है जिनकी उनको जरुरत है, वह प्राथनाओ का जबाब देते है, और उनकी मदद करते है, जिनको धर्म विधि की जरुरत है
पिता ने येशु मसीह को जिलाया, और उसको ताकत दी, की वो पुरुथान लाये,जिस कारण हमे अमर शरीर हासिल होगा, उधारकर्ता की मुक्ति और पुरुथान के दुआर, हम पिता के पास आयेगे , जहा हमारा न्याय येशु मसीह के दुआर होगा|
जो पवित्र मसीह के “काम और दया , और महिमा पर उम्मीद रखते है”वह महिमायुक्त शारीर पायेगे जेसा पिताके पास है, और उसके साथ रहेगे, “हमेशा की अनंत खुशियों के साथ”और वहा पिता हमारे सारे आसूपोछ डालेगे, और हमारी यात्रा में हमारी मदद करेगे, उनके जेसा बनने में|
जेसा की आप देखते है, स्वर्गिये पिता हमेशा हमारे लिए मोजूद है |
पिता का चरित्र
पिता के जेसा बनना, हमको उनके जेसा चरित्र बनना होगा, स्वर्गिये पिता की उतमता और योगिता उनमे शामिल है:
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वह उत्तम है, दयालु , दीन , धेर्यवान, और वही चाहते है जो हमारे लिए उत्तम है|
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पिता के पास सारी शक्तिया है,वह सब करता है, और सबको अपने दिलो के भीतर रखता है,|
भाईयो और बहनों , हम लोग पिता पर पुरे तरह से विश्वास कर सकते है, क्युकी वह उसके पास अनंत विकल्प है ,स्वर्गिये पिता सब देख सकता है, जो हम नहीं देख सकते , उसका उत्साह , काम और महिमा के दुआर अनंत जीवनआएगा, वह जो भी करता है, हमारे अच्छे के लिए करता है , वह हम से जयादा.”हमारी अन्नत खुशिया चाहता है.”और वह नहीं चाहता की हम और मुश्किल अनुभवो को देखे,
अपने पिता की तरह बनना
परमेश्वर के आत्मिक बेटे और बेटीया , हम सब के पास पिता के जेसा बनने का मोका है , ऐसा करने के लिए , हम पिता की आराधना, बेटेके नाम से करनी चाहिए , ऐसा हम उसकी अग्ज्ञाओ को मान कर कर सकते है, जेसा की उधारकर्ता,ने किया था , और लगातार पश्ताप.से , हम ऐसा करते है “हम महिमा पर महिमा हासिल करते है” जब तक की हम पिता को पुरे तरहप्राप्त नहीं कर लेते , और उसके चरीत्र, उतमता में शामिल नहीं हो जाते |
यदि हम दुरी देखे, की हम ऐसे नश्वर शारीर में, और स्वर्गिये पिता केसे बन गए है , अब आशचर्य नहीं है, जेसा की कुछ मह्सूस करते है, की पिता की तरह होना मुमकिन नहीं , फिर भी वचन में सब साफ़ है, यदि हम मसीह के साथ विश्वास से जुड़े रहते है , पश्ताप , और अगयाओ के दुआर उसको खोजते है तो, हम भी पिता की तरह बन सकते है, में धेर्य से कह सकता हु की जो आज्ञा करीबने रहेगेवह, “महिमा पर महिमा पायेगे” और यक़ीननउसको पूरीतरह से पा लेगे | दुसरे शब्दों में हम खुद से पिता जेसेनहीं बन सकते| जबकि यह महिमा.के उपहार के साथ मिलेगा, कुछ बड़े, पर जयादा तर छोटे ,पर बनाते रहो एक के उपर एक जब तक पूरा ना हो|
में आपको निमंत्रण देता हु, की स्वर्गिये पिता जनता है, की केसे आपको बचाना है ; उसे रोज खोजो , सहारा बनो ; और लगातार मसीह में विश्वास के साथ बड़ते चलो , यहाँ तक की यदि आप परमेश्वर के प्रेम को नहीं मह्सूस कर रहे|
यहाँ काफी कुछ है, और हम समझ नहीं पाते, की केसे हम पिताजेसे बन सकते है | पर में गवाही देता हु, की पिता के जेसा बनना किसी भी बलिदान से कम नहीं है | इस जीवन में हम जो भी बलिदानकरते है , चाहे कितना बड़ा हो , लेकिन तुलनात्मक और नापने योग्य नहीं है , खुशिया , और प्रेम, हम परमेश्वर के समीपही महसूस कर सकते है |यदि आप विश्वास में संघर्ष कर रहे है , आपके दुआरा बलिदान मांगना ठीक है ,उधारकर्ता बुलाता है कहता है “आप अभी भी समझ नहीं पाए है की कितनी महान आशीष पिता के पास हमारे लिए है आप सब बाते एक बार में नहीं जान सकते फिर भी हस्ते रहो , क्युकी में तुम्हे मार्ग दर्शन दूंगा”
में गवाही देता हु, की आप का स्वर्गिये पिता, आप से प्रेमकरताहै, और चाहता है, की आपफिर से उसके साथ रहे , येशु मसीह के नाम से अमिन |