महा सम्मेलन
प्रार्थना करने और फिर कार्य करने के लिए विश्वास
अक्टूबर 2021 महा सम्मेलन


15:37

प्रार्थना करने और फिर कार्य करने के लिए विश्वास

यीशु मसीह में विश्वास सच्चाई के प्रकटीकरण प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, मैं महासम्मेलन के इस शनिवार सायंकालिन सत्र में आप से बात करने का आभारी हूं। आज सुबह सम्मेलन में अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने अपने परिचय में कहा है कि “आपके दिल में सवालों के शुद्ध प्रकटीकरण के लिए यह महा सम्मेलन बहुत शानदार और अविस्मरणीय होगा।” यदि आपने अभी तक पवित्र आत्मा की सेवकाई की मांग नहीं की है ताकि आप उसे सुन सकें जो प्रभु ने इन दो दिनों के दौरान चाहता है कि आप सुनें, तो मैं आपको अभी ऐसा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।1 मैंने उस आशीष को पाने की मांग की है जब मैं आप से इस भेंट के लिए प्रकटीकरण प्राप्त करने की तैयारी कर रहा था। मेरी हार्दिक प्रार्थना है कि आप भी परमेश्वर से प्रकटीकरण प्राप्त कर सकें।

परमेश्वर से प्रकटीकरण प्राप्त करने का तरीका आदम और हव्वा के समय से नहीं बदला है। यह आरंभ से आज तक प्रभु के सभी नियुक्त किए सेवकों के लिए एकसमान रहा है। आप के लिए और मेरे के लिए यह वैसा ही है। यह हमेशा विश्वास का उपयोग करके किया जाता है।2

युवा जोसफ स्मिथ के पास परमेश्वर से सवाल पूछने के लिए पर्याप्त विश्वास था, यह भरोसा करना कि परमेश्वर उसकी आंतरिक जरूरत का जवाब देगा। जो जवाब मिला था उसने दुनिया बदल दी थी। वह जानना चाहता था कि पाप से शुद्ध होने के लिए किस गिरजे में शामिल होना चाहिए। उसे प्राप्त जवाब ने उसे बेहतर सवाल पूछने और उन प्रकटीकरणों पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया था जो निरंतर मिलने लगे थे।3

आपको भी संभवतः इस सम्मेलन में इस प्रकार का अनुभव हो सकता है। आपके पास सवाल हैं जिनके जवाब आप चाहते हैं। आपके पास कम से कम यह आशा करने के लिए पर्याप्त विश्वास है कि आपको प्रभु से उसके सेवकों के द्वारा जवाब मिलेगा।4 आप के पास वक्ताओं से बोलकर जवाब पूछने का अवसर नहीं होगा, लेकिन आप प्रार्थना में अपने प्यारे पिता से प्रश्न पूछ सकते हैं।

मैं अनुभव से जानता हूं कि जवाब आपकी आवश्यकताओं और आपकी आत्मिक तैयारी के अनुसार मिलेंगे। यदि आपको एक ऐसे जवाब की आवश्यकता है जो आपके या दूसरों के अनंत कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है, तो जवाब मिलने की संभावना अधिक है। फिर भी, आपको जवाब मिल सकता है—जैसा जोसफ स्मिथ को मिला था—धैर्य रखने के लिए जवाब।5

यदि यीशु मसीह में आपके विश्वास ने उसके प्रायश्चित के प्रभावों के द्वारा आपके हृदय को नरम किया है, तो आप अपनी प्रार्थनाओं के जवाब में आत्मा की फुसफुसाहट महसूस करने में अधिक सक्षम होंगे। मेरा व्यक्तिगत अनुभव यह है कि शांत, धीमी आवाज—जोकि वास्तविक है—मेरे मन में स्पष्ट और सुनने लायक होती है जब मैं आंतरिक शांति और प्रभु की इच्छा के प्रति समर्पण महसूस करता हूं। विनम्रता की उस भावना को “मेरी नहीं परन्तु तेरी ही इच्छा पूरी हो” में अच्छी तरह व्यक्त किया जा सकता है।6

इसलिए प्रकटीकरण की इस प्रक्रिया में आप वक्ताओं को इस सम्मेलन में मसीह का सिद्धांत सिखाते हुए सुनेंगे।7 प्रकटीकरण हमारे पास उसी अनुपात में आता है जिस अनुपात में हमने मसीह के सिद्धांत को अपने दिलों में लेने और इसे अपने जीवन में लागू करने की प्रार्थना की है।

आपको मॉरमन की पुस्तक से याद है कि नफी ने हमें सिखाया था कि यीशु मसीह में विश्वास सच्चाई के प्रकटीकरकण के लिए महत्वपूर्ण है और यह भरोसा करने के लिए महत्वपूर्ण है कि हम उद्धारकर्ता के निर्देशन का पालन कर रहे हैं। नफी ने यीशु मसीह के नश्वरता में जन्म से सदियों पहले इन शब्दों को लिखा था:

“स्वर्गदूत पवित्र आत्मा की शक्ति के द्वारा बोलते हैं; इसलिए, वे मसीह के वचनों को बोलते हैं। इसलिए, मैं तुम से कहता हूं, मसीह के वचनों में आनंदित रहो; क्योंकि देखो, मसीह के वचन तुम्हें वह सब बातें बताएंगें जो तुम्हें करनी चाहिए।

“इसलिए, अब मेरे इन शब्दों के कहने के बाद, यदि तुम इन्हें समझ नहीं सकते तो ऐसा इसलिए है क्योंकि तुमने मांगा नहीं है, न ही तुमने खटखटाया है; इसलिए, तुम ज्योति में नहीं लाए गए हो, और तुम अंधकार में ही नष्ट हो जाओगे।

“क्योंकि देखो, मैं तुमसे फिर कहता हूं कि यदि तुम इस मार्ग से अंदर प्रवेश करते, और पवित्र आत्मा प्राप्त करते हो, तब वह तुम्हें सब बातें दिखाएगी जो तुम्हें करनी चाहिए।

“देखो, यह मसीह का सिद्धांत है, और इसके बाद तब तक कोई सिद्धांत नहीं दिया जाएगा जब तक कि वह अपने आपको शरीर में तुम पर प्रकट न करेगा। और जब वह अपने आपको शरीर में तुम पर प्रकट करेगा, तब जो बातें वह तुम से कहेगा तुम्हें करनी होंगी।”8

प्रभु आज और आने वाले दिनों में अपने सेवकों के माध्यम से आप से और मुझ से बातें करेगा। वह हमें उन बातों को बतायगा जो हमें करनी चाहिए।9 उद्धारकर्ता आपको और मुझे बोलकर आज्ञाएं नहीं देगा। जैसा उसने एल्लियाह को सीखाया था:

“उसने कहा, निकलकर प्रभु के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से हो कर चला, और यहोवा के साम्हने एक बड़ी प्रचण्ड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी प्रभु उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूडोल हूआ, तौभी प्रभु उस भूडोल में न था:

“फिर भूडोल के बाद आग दिखाई दी, तौभी यहोवा उस आग में न था; फिर आग के बाद एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाईं दिया।”10

उस आवाज को सुनना हमारे विश्वास पर निर्भर करेगा। पर्याप्त विश्वास के साथ, हम जाने और करने के इरादे से निर्देश मांगेंगे जो कुछ भी वह करने को कहता है।11 हमने यह जानने के लिए विश्वास विकसित करेंगे कि वह जो कुछ भी कहता है वह दूसरों को आशीष देगा और हमारे प्रति उसके प्यार के कारण इस प्रक्रिया में हम शुद्ध हो सकते हैं।

जब यीशु मसीह में हमारा विश्वास हमें पिता से जवाब पूछने के लिए मार्गदर्शन करेगा, तो वह विश्वास उद्धारकर्ता के नरम स्पर्श को भी पर्याप्त रूप से लाएगा ताकि हम उसकी आज्ञा सुनें और पालन करने के लिए दृढ़ और उत्साहित हो सके। हम तो आनंद के साथ स्तुतिगीत के शब्दों को गाते हैं, बेशक जब काम कठिन भी होता है:12

जितना अधिक हमारे जीवन और हृदय में मसीह का सिद्धांत होता है, उतना ही हम उन लोगों के प्रति अधिक प्यार और सहानुभूति महसूस करते हैं जिन्हें यीशु मसीह में विश्वास की आशीष कभी नहीं मिली है या इसे बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उस पर विश्वास और भरोसे के बिना प्रभु की आज्ञाओं का पालन करना कठिन है। जब कुछ उद्धारकर्ता पर अपना विश्वास खो देते हैं, तो वे बुरे को भला और भले को बुरा कहते हुए, उसकी सलाह पर भी हमला कर सकते हैं।13 इस गलती से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि विचार और कार्यों के बारे में व्यक्तिगत प्रकटीकरण प्रभु और उसके भविष्यवक्ताओं की शिक्षाओं के अनुरूप हों।

भाइयो-बहनो, प्रभु की आज्ञाओं का आज्ञाकारी होने के लिए विश्वास की आवश्यकता होती है। उसके नाम में दूसरों की सेवा करने के लिए यीशु मसीह में विश्वास की आवश्यकता होती है। बाहर निकलकर उसके सुसमाचार को सिखाने और इसे उन लोगों को देने के लिए विश्वास की आवश्यकता होती है जो आत्मा की आवाज महसूस नहीं करते हैं या इस संदेश की वास्तविकता को अस्वीकार भी करते हैं। लेकिन जब हम मसीह में अपने विश्वास का उपयोग करते—और उसके जीवित भविष्यवक्ता का पालन करते हैं—तो दुनिया भर में विश्वास बढ़ता है। तकनीक की वजह से, शायद इतिहास में किसी भी अन्य दो दिनों की तुलना में इस सप्ताहांत परमेश्वर के अधिक बच्चे परमेश्वर के वचन सुनेंगे और पहचानेंगे।

बढ़ते विश्वास के साथ कि पृथ्वी पर यह प्रभु का गिरजा और राज्य है, अधिक सदस्य दसमांश का भुगतान और जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दान करते हैं, यहां तक कि वे सदस्य भी जो स्वयं की चुनौतियों का सामना करते हैं। इस विश्वास के साथ कि उन्हें यीशु मसीह द्वारा नियुक्त किया गया है, दुनिया भर के प्रचारकों ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के तरीकों को खोज लिया है—वे ऐसा साहस और खुशी से कर रहे हैं। और उनके अतिरिक्त प्रयास में, उनका विश्वास मजबूत हो गया है।

विरोध और चुनौतियां अक्सर विश्वास बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन का काम करती हैं। यह हमेशा सच रहा है, विशेषकर पुन:स्थापना के आरंभ और प्रभु के गिरजे की स्थापना से ही।14

जो अध्यक्ष जॉर्ज क्यू. कैनन ने बहुत पहले कहा था आज भी सच है और तब तक रहेगा जब तक उद्धारकर्ता व्यक्तिगत रूप से अपने गिरजे और अपने लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए आता है: “सुसमाचार के प्रति आज्ञाकारिता [लोगों में] प्रभु के साथ बहुत करीबी और अंतरंग संबंध में बनाता है। यह पृथ्वी पर मनुष्यों और आकाश में हमारे महान सृष्टिकृता के बीच निकट संबंध स्थापित करता है। यह मानव मन को सर्वशक्तिमान में और जो उस पर भरोसा करते हैं उन लोगों की याचनाओं को सुनने और जवाब देने की उसकी इच्छा में संपूर्ण विश्वास की भावना लाता है। परीक्षा और कठिनाई के समय में यह विश्वास बहुत ही मूल्यवान है। मुसीबत व्यक्ति पर या लोगों पर आ सकती है, आपदा भयभीत कर सकती है और ऐसा लग सकता है कि आशा रखने का कोई कारण नहीं है, फिर भी, जब लोग सुसमाचार की आज्ञाकारिता का पालन करते हैं, तो उनके पास सुदृढ़ स्थान होते हैं; उनके पैर ऐसी चट्टान पर टिके होते हैं जिसे हटाया नहीं जा सकता है।”15

यह मेरी गवाही है कि जिस चट्टान पर हम खड़े हैं वह हमारा गवाह है यानि यीशु मसीह है, कि यह उसका गिरजा है जिसका वह व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन करता है, और अध्यक्ष रसल एम. नेलसन आज उसके जीवित भविष्यवक्ता हैं।

अध्यक्ष नेलसन प्रभु से निर्देशन चाहते और प्राप्त करते हैं। वह मेरे लिए निर्देशन प्राप्त करने और दृढ़ संकल्प से इसका पालन करने का उदाहरण हैं। प्रभु के निर्दशन के प्रति आज्ञाकारी होने का यही दृढ़ संकल्प उन सभी लोगों के हृदय में है जिन्होंने उसके गिरजे के इस महा सम्मेलन में बोला है या बोलेंगे, प्रार्थना करेंगे या गाएंगे।

मैं प्रार्थना करता हूं कि संपूर्णपृथ्वी पर जो लोग इस सम्मेलन को देखते हैं या सुनते हैं, उनके प्रति प्रभु के प्रेम की भावना होगी। स्वर्गीय पिता ने मेरी प्रार्थना का जवाब दिया है कि मैं आपके प्रति उद्धारकर्ता के प्यार और उसके स्वर्गीय पिता, जोकि हमारा स्वर्गीय पिता है, के प्रति उसके प्यार का एक छोटा सा हिस्सा महसूस कर सकूं।

मैं गवाही देता हूं कि यीशु मसीह जीवित है । वह हमारा उद्धारकर्ता और हमारा मुक्तिदाता है । यह उसका गिरजा है । वह इसका मुखिया है। वह, अपने स्वर्गीय पिता के साथ, जोसफ स्मिथ को न्यू यॉर्क के वृक्षों के एक उपवन में व्यक्तिगत रूप से दिखाई दिया था। स्वर्गीय दूतों के द्वारा यीशु मसीह के सुसमाचार और उसके पौरोहित्य को पुन:स्थापित किया गया था।16 पवित्र आत्मा की शक्ति द्वारा, मैं जानता हूं यह सच है।

मैं प्रार्थना करता हूं कि आपके पास भी यही गवाही हो। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप स्वर्गीय पिता से यीशु मसीह में उस विश्वास के लिए प्रार्थना करेंगे जिसे आपको उन अनुबंधों को बनाने और पालन करने की आवश्यकता है जो पवित्र आत्मा को निरंतर आपका साथी होना संभव करेंगे। मैं आपके प्रति अपना प्यार और अपनी दृढ़ गवाही यीशु मसीह के पवित्र नाम में व्यक्त करता हूं, आमीन।