मसीह के पास आएं लेकिन अकेले नहीं
दुनिया को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका दूसरों को मसीह के पास आने का निमंत्रण देना है।
मुझे हाल ही में एक साहसी युवती का एक पत्र मिला था। उसने लिखा था, “मैं समझ नहीं पा रही हूं।” … मुझे नहीं पता मैं कौन हूं, लेकिन मुझे लगता है कुछ भव्य कार्य के लिए यहां हूं।”
क्या आप को भी कभी ऐसा विचार आता है, क्या स्वर्गीय पिता जानता है कि आप कौन हो और क्या उसे आपकी जरूरत है? अपने प्यारे युवाओं को, और आप सभी को, मैं गवाही देती हूं कि जवाब हांहै! प्रभु के पास आपके लिए एक योजना है। प्रभु ने आपको इस समय, वर्तमान, के लिए तैयार किया है, उसके महान कार्य में भलाई के लिए शक्ति और बल होने के लिए। हमें आपकी आवश्यकता है! प्रभु का कार्य आपके बिना उतना भव्य नहीं होगा!
हमारे प्रिय भविष्यवक्ता, अध्यक्ष रसल एम. नेलसन ने मुझे दो सरल सच्चाइयों को याद दिलाया था जो आपके भव्य और महिमापूर्ण कार्य के आधार हैं।
मैं अपने पति के साथ सोफे पर बैठी थी, जब हमारे भविष्यवक्ता ने अपनी कुर्सी खींची, बिलकुल हमारे निकट आए, और अपनी नीली आंखों से मुझे देखा था। मुझे नहीं पता कि उस समय मेरा दिल जोर से धड़क रहा था या पूरी तरह से रूक गया था जब उन्होंने मुझे युवतियों की मह अध्यक्षा के रूप में सेवा के लिए नियुक्त किया था। उन्होंने एक सवाल पूछा था जो अभी भी मेरे दिल में गूंज रहा है, “बोनी, ऐसी कौन सी बात सबसे महत्वपूर्ण है जो [युवाओं] को मालूम होनी चाहिए?”
मैंने एक क्षण के लिए मनन किया और कहा, “उन्हें मालूम होना चाहिए वे कौन हैं।”
“हां!” वे खुश हुए, “और उन्हें अपना उद्देश्य पता होना चाहिए।”
हमारी दिव्य पहचान
आप स्वर्गीय पिता की प्रिय संतान हो । वह आपसे इतना प्यार करता है कि उसने आपके लिए और मेरे लिए अपने पुत्र, यीशु मसीह को प्रायश्चित करने भेजा था।1 हमारे लिए उद्धारकर्ता का प्यार सदा एक सा रहता है—चाहे हम कैसे भी हों! कोई हमें परमेश्वर के प्रेम से अलग नहीं कर सकता है।2 इस प्यार को याद करना उस अंधकार को दूर कर सकता है जो आपसे आपकी क्षमता लूटने की कोशिश करता है या आपकी दिव्य पहचान में आपके आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है।
एक FSY सम्मेलन में, मैं दो युवतियों से मिली थी जो बहुत परेशान थी। दोनों ने बताया था कि अपने प्रति व्यक्तिगत रूप से प्रभु के प्यार और मार्गदर्शन को फिर से जानने के लिए उनमें से प्रत्येक ने अपनी कुलपति की आशीष को पढ़ा था। अपनी कुलपति की आशीष को खोजें, और अक्सर इसका अध्ययन करें। यदि यह आपके पास कुलपति की आशीष नहीं है, तो इसे जल्दी प्राप्त करें। यह जानने के लिए देर न करें कि प्रभु आपके बारे में आपको क्या बताना चाहता है।
हमारा अनंत उद्देश्य
अध्यक्ष नेलसन की दूसरी सच्चाई हमें हमारे उद्देश्य को जानना है। यह हमारा भव्य और नेक जिम्मेदारी है।
बहुत साल पहले, मेरा बेटा टैनर केवल पांच साल का था जब उसने अपना पहला फुटबॉल मैच खेला था। वह रोमांचित था!
जब हम मैच देखने पहुंचे, तो हमें एहसास हुआ कि उनकी टीम छोटे बच्चों के गोल के स्थान पर सामान्य आकार के फुटबॉल गोल का उपयोग कर रही थी—जिसके पीछे एक बड़ा सा जाल लगा हुआ था जोकि पांच साल के बच्चों के लिए बहुत विशाल था।
मैच अचानक बहुत महत्वपूर्ण हो गया था जब मैंने टानर को गोलकीपर के स्थान पर देखा था। मैं चकित थी। क्या वह गोल की रक्षा करने के अपने उद्देश्य को वास्तव में समझता था?
सीटी बजी, और हम खेल देखने में इतने व्यस्त हो गए कि हमारा ध्यान टैनर से बिलकुल हट गया था। अचानक विरोधी टीम के एक सदस्य को गेंद मिली और वह इसे जल्दी से उसकी ओर ले जाने लगा। मैंने यह जानने के लिए टैनर की दिशा में देखा कि क्या वह गोल बचाने के लिए अपने स्थान पर तैयार खड़ा था। मैंने कुछ ऐसा देखा जिसकी मुझे आशा नहीं थी।
खेल में कुछ समय के लिए, टैनर का ध्यान भटक गया और उसने जाल के कई छेदों में अपने बांया हाथ डालना शुरू कर किया था। ऐसा ही उसने अपने दाएं हाथ से किया। बाद में, अपने बाएं पैर से। अंत में, अपने दाएं पैर से। टैनर गोल के जाल में पूरी तरह से फंस गया था। वह अपने उद्देश्य को और जो वादा उसने अपनी टीम से किया था उसे वह भूल गया था।
यद्यपि टैनर का फुटबाल का कैरियर अधिक दिनों तक नहीं चला था, लेकिन उस दिन मेरे लिए उसके सबक को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। हम सब कभी न कभी भटक जाते हैं और अपनी ऊर्जा का उपयोग कहीं और करने लगते हैं। शैतान के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है हमें अच्छे और बेहतर कामों से विचलित करना, जो आवश्यकता के समय, हमें अंधा बना सकता है और हमें उस सबसे अच्छा काम से दूर कर सकता है—जिसे करने के लिए हमें इस दुनिया में भेजा गया है।3
हमारा अनंत उद्देश्य मसीह के पास आना और सक्रिय रूप से उसके महान कार्य में शामिल होना है। इसे करना बहुत सरल है जैसा अध्यक्ष नेलसन ने सिखाया था: “किसी भी समय जब हम कुछ भी ऐसा करते हैं जिससे किसी की मदद होती है … परमेश्वर के साथ अनुबंधों को बनाने और पालन करने के लिए,” अध्यक्ष नेलसन ने सीखाया था, “तो हम इस्राएल के एकत्र होने में मदद करते हैं।”4 और जब हम उसके साथ मिलकर उसका कार्य करते हैं, तो हम उसे अधिक जानने और प्यार करने लगते हैं।
हम विश्वास, पश्चाताप, और आज्ञाओं का पालन करके उसके निकट आने का निरंतर प्रयास करना चाहते हैं। जब हम अनुबंधों और विधियों के द्वारा, अपने आप को उससे बांधते हैं, तो हमारे जीवन अधिक आत्मविश्वास,5 सुरक्षा,6 और गहरी और स्थायी आनंद से भर जाते हैं।7
जब हम उसके पास आते हैं, तो हम उसकी आंखों से दूसरों को देखने लगते हैं।8 मसीह के पास आएं। अभी आएं, लेकिन अकेले नहीं आएं!9
यीशु मसीह का सुसमाचार न केवल सुंदरहै, यह सभी के लिए आवश्यक भी है। “मसीह के अलावा कोई और रास्ता या साधन नहीं है जिससे मनुष्य को बचाया जा सके।”10 हमें प्रभु यीशु मसीह की आवश्यकता है! दुनिया को यीशु मसीह की आवश्यकता है।11
याद रखें, दुनिया को बेहतर बनाने का सबसे अच्छा तरीका दूसरों को मसीह का अनुसरण करने का निमंत्रण देकर तैयार करना है।
मॉरमन की पुस्तक में नफाइयों के साथ समय बिताने वाले पुनर्जीवित मसीह की एक शक्तिशाली कहानी है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कैसा रहा होगा?
जब मसीह ने कहा कि उसे पिता के पास वापस जाना चाहिए, तो “उसने फिर से भीड़ के चारों तरफअपनी दृष्टि डाली।”12 लोगों की आंखों में आंसू देखकर, वह जानता था कि उनके दिल चाहते थे कि वह उनके बीच रुका रहे।
उसने पूछा: “क्या तुममें से कोई बीमार है ? उन्हें यहां लाओ। क्या तुममें से कोई लूला, या अन्धा, … या बहरा है, या कोई है जिसे किसी भी प्रकार का कष्ट हो? उन्हें यहां लाओ और मैं उन्हें चंगा करूंगा।”13
महान करुणा के साथ, उसने कोई सीमा निर्धारित नहीं की और सभी से कहा “जिसे किसी भी प्रकार का कष्ट हो।” मुझे यह जानकर अच्छ लगता है कि यीशु मसीह के लिए कुछ भी बहुत बड़ा या बहुत छोटा नहीं है जिसे वह चंगा नहीं कर सकता।
वह हमारे दुख और संघर्ष के साथ-साथ उदास, थके हुए, घमंडी और असुरक्षित, गलत समझे जाने, अकेलपन को या उन्हें “जिसे किसी भी प्रकार का कष्ट हो” को अच्छी तरह से जानता है।
और “तब सारी भीड़ … ; और वैसे-वैसे उसने उन्हें चंगा किया था। …
“… दोनों ही प्रकार के लोग, जिन्हें चंगा किया गया और जो ठीक-ठाक [थे], उसके पैरों पर गिर पड़े और उसकी आराधना की थी।”14
मैं हर बार जब मैं इसे पढ़ती हूं, तो मैं स्वयं से पूछती हूं: मैं किसे मसीह के पास ले जाऊंगी? आप किसे लाएंगे?
क्या हम फिर से देख सकतेहैं जैसा कि उसने किया था, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छूट न जाए और प्रत्येक को उसे जानने के लिए आमंत्रित करे?
यह कितना आसान हो सकता है मैं इसका एक उदाहरण साझा करना चाहती हूं। 15 साल का मेरी युवा दोस्त पेटन का लक्ष्य था कि नाश्ते में धर्मशास्त्र के पांच पद प्रतिदिन पढ़े, लेकिन वह इसे अकेले नहीं करती थी। पेटन अपने माता-पिता और भाई-बहनों, यहां तक कि अपने पांच साल के भाई को इसमें शामिल करती थी। यह छोटा सा नजर आने वाला कार्य वैसा ही था जैसे मसीह ने किया था जब उसने आमंत्रित किया था, “उन्हें यहां लाओ।”
यह निमंत्रण प्रभु की ओर से आज भी दिया जाता है। युवतियों और युवकों, अभी शुरू करो, अपने-अपने घरों में। क्या आप प्रार्थना करेंगे और स्वर्गीय पिता से पूछेंगे कि आप अपने माता-पिता की सहायता कैसे कर सकते हैं जब वे मसीह के पास आते हैं? उन्हें उतनी ही आपकी जरुरत है जितना आपको उनकी जरुरत है।
फिर अपने भाई-बहनों, अपने मित्रों और पड़ोसियों की ओर देखो। किसे आप मसीह के पास लाओगे?
मसीह ने गवाही दी है कि, “मैं प्रकाश हूं, और मैंने तुम्हारे लिए उदाहरण बनाया है । “15 हम उद्धारकर्ता के प्रेम और शांति को महसूस करेंगे जब हम परमेश्वर के परिवार के उद्धार के लिए उसके साथ शामिल होते हैं, क्योंकि उसने वादा किया है, “जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।”16
मसीह के कार्य में शामिल होने के लिए यह बहुत ही शानदार समय है!
हां, आप यहां कुछ भव्यकरने के लिए हैं। मैं अध्यक्ष नेलसन के साथ शामिल हूं, जिन्होंने कहा था, “दुनिया को बदलने के लिए परमेश्वर को आपकी जरूरत है।” जब आप के लिए उसकी इच्छा को स्वीकार करते और पालन करते हैं, तो आप अपने आप को असंभव कार्य को पूरा करते हुए पाएंगे!”17
मैं साहस से गवाही देती हूं कि प्रभु जानता है कि आप कौन हैं, और वह आपसे प्यार करता है! मिलकर, हम उस महान दिन तक उसके उद्देश्य को आगे बढ़ाएंगे जब मसीह स्वयं इस पृथ्वी पर लौटता है और हम में से प्रत्येक को “यहां” लाने के लिए कहता है। हम आनंद से एकसाथ इकट्ठा होंगे, क्योंकि हम वे लोग हैं जो मसीह के पास आते हैं, और हम अकेले नहीं आते हैं। यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।