आवश्यक सच्चाइयां—कार्य करने की हमारी जरूरत
प्रथम दिव्यदर्शन और भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ अतिरिक्त ज्ञान और सच्चाई को लाए थे जो इस जीवन में हमारे सुख और पिता की उपस्थिति में हमारे उत्कर्ष के लिये जरूरी हैं ।
जब मैं सात वर्ष का था, मैंने अपनी मां से पूछा था, “जब आप और मैं मरते और स्वर्ग में जाते हैं, तो क्या तब भी आप मेरी मां होगी ?” वह इस प्रकार के प्रश्न की आशा नहीं कर रही थी । लेकिन अपने ज्ञान के हिसाब से उत्तम जवाब देते हुए, उन्होंने कहा, “नहीं, स्वर्ग में हम भाई और बहन की तरह होंगे । मैं तुम्हारी मां नहीं होंगी ।” यह वह जवाब नहीं था जिसकी मैं आशा कर रहा था ।
मां के साथ इस छोटी सी बात-चीत के कुछ समय पश्चात, दो युवा लड़के हमारे घर के द्वार पर आए । किसी चमत्कार के होते हुए, मेरे पिता ने उन्हें अंदर आने की अनुमति दी । उन्होंने बताया वे अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के प्रचारक हैं ।
इन एल्डरों, जैसा हमने उन्हें बुलाना सीखा था, ने हमारे परिवार को सीखाना आरंभ किया । मुझे हमारी खुशी और उत्तेजना की अनुभूतियां अच्छी तरह याद हैं हर बार जब वे हमारे घर आते थे । उन्होंने हमें बताया था कि एक बालक उपवन में पिता से पूछने गया था कि कौन सा गिरजा सच्चा है और कि उसने परमेश्वर और यीशु मसीह को देखा था । एल्डरों ने हमें उस दिव्यदर्शन का चित्र दिखाया, और जब मैंने इसे देखा, मैं जानता था कि जोसफ स्मिथ ने सच में पिता परमेश्वर और यीशु मसीह को देखा था । प्रचारकों ने बताया था कि इस दिव्यदर्शन के कारण, यीशु मसीह का सच्चा गिरजा फिर से पृथ्वी पर आया है ।
प्रचारकों ने हमें परमेश्वर की सुख की योजना भी सीखाई और धर्म के विषय में हमारे परिवार के प्रश्नों के उत्तर भी दिये । उन्होंने हमें सीखाया कि परिवार सच में इस जीवन के बाद पिता, माता, और बेटे और बेटियों की तरह एक साथ रह सकते हैं ।
हमारे परिवार ने बपतिस्मा लिया । पुरानी आदतों को बदलने, परंपराओं छोड़ने, और गिरजे के सक्रिय सदस्य बनने की राह कई बार कठिन थी । लेकिन परमेश्वर के अनुग्रह और प्रेम और बहुत से मार्गदर्शकों और सदस्यों की मदद से, हमने चुनौतीपूर्ण पहले वर्ष पूरा किया ।
लाखों लोग जो गिरजे में पहले ही शामिल हो चुके हैं, उनके साथ-साथ वे जो प्रत्येक सप्ताह परिवर्तित होते और बपतिस्मा लेते हैं, सब ने प्रथम दिव्यदर्शन की गवाही प्राप्त की है । पवित्र आत्मा इस गवाही को अक्सर हम में से प्रत्येक को दोहरा सकती है जब हम यीशु मसीह के सुसमाचार की सरल सच्चाइयों को जीने का प्रयास करते हैं ।
प्रथम दिव्यदर्शन और भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ अतिरिक्त ज्ञान और सच्चाई को लाए थे जो इस जीवन में हमारे सुख और पिता की उपस्थिति में हमारे उत्कर्ष के लिये जरूरी हैं । मैं तीन सच्चाइयों के विषय में बताऊंगा जिन्हें हमें प्राप्त करते हैं और उन पर कार्य करना चाहिए क्योंकि एक छोटा बालक सच्ची प्रार्थना में घुटनों के बल झुका था ।
हमारा मार्गदर्शन और निर्देशन करने के लिये परमेश्वर भविष्यवक्ताओं को नियुक्त करता है
प्रथम दिव्यदर्शन और जोसफ स्मिथ से हम एक आवश्यक सच्चाई सीखते है कि परमेश्वर भविष्यवक्ताओं, दुरदर्शियों, और प्रकटीकर्ताओं को हमें सीखाने, मार्गदर्शन, चेतावनी, और निर्देशन देने के लिये नियुक्त करता है । ये पुरुष पृथ्वी पर परमेश्वर के प्रवक्ता हैं, प्रभु के नाम में बोलने और कार्य करने के अधिकार के साथ । दृढ़ता से इनकी सलाह का अनुसरण करने से, हम इस पृथ्वी की अपनी यात्रा में सुरक्षित रहेंगे और उत्तम आशीषें प्राप्त करेंगे ।
ब्रिंगम यंग विश्वविद्यालय में युवा, अविवाहित, पूर्व-प्रचारक के रूप में, मैं टेंपल स्वायर के मंडप में महा सम्मेलन के पौरोहित्य सत्र में गया था । अध्यक्ष एज्रा टाफ्ट बेनसन, तब गिरजे के अध्यक्ष, ने पूर्व प्रचारकों से विवाह को गंभीरता से लेने और इसे उनके जीवन में मुख्य प्राथमिकता देने का अनुरोध किया । सत्र के बाद, मैं जानता था कि मुझे पश्चाताप करने के लिये कहा गया है और मुझे भविष्यवक्ता की सलाह का पालन करना चाहिए ।
इस प्रकर, मैंने पत्नी पाने के लिये अपने देश ब्राजील जाने का निर्णय लिया । ब्राजील जाने से पहले दो महिने के प्रशिक्षण के दौरान, मैंने अपनी मां और कुछ मित्रों से फोन पर बात की और दस युवतियों की सूची बनाई -- जो संभावित पत्नी हो सकती थी ।
ब्राजील में, बहुत सोचने और प्रार्थना के बाद, मैं उस सूची में से एक युवती से मिला, मित्रता की, सगाई की, और विवाह की तारीख पक्की कर ली । प्रोवो, युटाह में विद्यार्थियों के लिये यह रिकार्ड तोड़ने वाला समय नहीं था, इतनी जल्दी मित्रता करना और सगाई होना, लेकिन ब्राजील के रिवाज के अनुसार यह बहुत जल्दी हुआ ।
कुछ महिने बाद, मैंने एलेन से विवाह कर लिया । वह मेरे जीवन का प्यार और उत्तम आशीष है ।
मैं यह सुझाव नहीं दे रहा कि हर किसी को ऐसी सूची बनानी चाहिए, लेकिन मैं सुझाव दे रहा हूं -- हो सकता है सुझाव से भी अधिक---कि हमें हमेशा उस पर कार्य करना चाहिए जो हमारे जीवित भविष्यवक्ता बोलते हैं ।
आज परमेश्वर के भविष्यवक्ता अध्यक्ष थॉमस एस. मॉनसन हैं, और हम उनकी सलाह का उसी रूप में पालन करके आशीषित होंगे ।
परमेश्वर की सही प्रकृति का ज्ञान
अन्य सच्चाई जो हम प्रथम दिव्यदर्शन और जोसफ स्मिथ के कारण सीखते हैं वह है परमेश्वर की सच्ची प्रकृति । जरा कल्पना करें यह जानकर हम कितने आशीषित हैं कि परमेश्वर के पास हमारे समान मांस और हड्डी का ठोस शरीर है, कि हम उस परमेश्वर की आराधना करते हैं जो वास्तव में है, जिसे हम समझ सकते हैं, और जिसने स्वयं को और अपने पुत्र को उसके भविष्यवक्ताओं --- पुराने और इन अंतिम दिनों में, दोनों समय के भविष्यवक्ताओं को दिखाया और प्रकट किया था । वह परमेश्वर है जो हमारी प्रार्थनाओं को सुनता और जवाब देता है; वह परमेश्वर जो ऊपर स्वर्ग से देखता और निरंतर हमारी आत्मिक और संसारिक कल्याण की चिंता करता है; वह परमेश्वर जिसने बिना दबाव हमें उसका अनुसरण और उसकी आज्ञाओं का पालन करने के लिये स्वयं निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी है; वह परमेश्वर जो हमें आशीष देता और परिक्षाओं का सामना करने की अनुमति देता है ताकि हम तरक्की करें और उसके समान बनें ।
वह एक प्रेमी परमेश्वर है जिसने एक योजना उपलब्ध की है जिसके द्वारा हम इस जीवन में और अनंतकाल में सुख का आनंद ले सकते हैं ।
यीशु मसीह हमारा उद्धारकर्ता है
प्रथम दिव्यदर्शन और भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ से, हमें प्रभु यीशु मसीह की सच्चाई और पवित्र मिशन का ज्ञान प्राप्त होता है, जो हमारे धर्म का कोने का पत्थर है ।
क्योंकि संसार में मृत्यु आई थी, जिस प्रकार आज हम जीवित हैं, एक दिन हम सब मरेंगे । मृत्यु के प्रभावों में एक है कि हमारे भौतिक शरीर हमेशा के लिये खो जाएंगे; इन्हें फिर से प्राप्त करने के लिये हम कुछ करने के योग्य न होंगे । इसके अतिरिक्त, क्योंकि पृथ्वी पर अपनी यात्रा के दौरान हम सब पाप करते हैं, इसलिये हम कभी भी पिता की उपस्थिति में वापस लौटने के योग्य नहीं होंगे ।
क्या आप पिता की उपस्थिति से दूर रहने और कभी भी फिर से शरीर न पाने की कल्पना कर सकते हैं?
मृत्यु और पाप से स्वतंत्र करने के लिये हमें उद्धारकर्ता और मुक्तिदाता की जरूरत थी । स्वर्गीय पिता के निर्देशन में, यीशु मसीह पृथ्वी पर आया, कष्ट सहे, क्रूस पर मारा गया, और पुर्नजीवित हुआ ताकि हम भी पुर्नजीवित हो सकें और, सच्चे पश्चाताप और पवित्र अनुबंधों को बनाकर और पालन कर, एक बार फिर परमेश्वर की उपस्थिति में रहें ।
याकूब कहा, “ओह हमारे परमेश्वर की कृपा कितनी महान है, जो इस भयंकर राक्षस की पकड़ से हमारे बचने के लिये रास्ता तैयार करता है; हां वह राक्षस मृत्यु और नरक, जिसे मैं शरीर की मृत्यु और आत्मा की मृत्यु भी कहता हूं ।”
यीशु ही प्रतिज्ञा किया हुआ मसीहा है, व्यवस्था देने वाल, इस्राएल के एकमेव पवित्र परमेश्वर, हमारा प्रभु, हमारा उद्धारकर्ता, हमारा मुक्तिदाता, हमारा राजा, हमारा सबकुछ ।
मैं आशा करता हूं हम सब इन आवश्यक सच्चाइयों और ज्ञान पर कार्य करें, परमेश्वर और उसके प्रिय पुत्र के प्रति आज्ञाकारिता की भेंट करते हुए । यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।