2010–2019
एक दूसरे से प्रेम करें जैसा उसने हम से प्रेम किया
अक्टूबर 2017


2:3

एक दूसरे से प्रेम करें जैसा उसने हम से प्रेम किया

सच्चे प्रेम से दूसरों की सेवा और क्षमा करके, हम चंगे होते और सामर्थ प्राप्त करके हम अपने चुनौतियों की सामना कर सकें। ।

अंतिम भोज के दौरान, उद्धारकर्ता ने अपने शिष्यों नई आज्ञा देते हुए कहा:

“मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैंने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो ।

“यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो ।”

उद्धारकर्ता के शिष्यों को नई आज्ञा दी गई दी कुछ अधिक, कुछ महान, और कुछ अधिक दिव्य करने के लिये । यह नई आज्ञा और निंमत्रण संक्षिप्त करता है “जैसा मैंने तुम से प्रेम किया ।”

प्रेम क्रियाशीलता है; प्रेम सेवा है

“प्रेम गहरी निष्ठा, चिंता और स्नेह की अनुभूति है । अपने बच्चों के लिये परमेश्वर के प्रेम का सर्वोत्तम उदाहरण यीशु मसीह के असीम प्रायश्चित में व्यक्त किया गया है ।” “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा” यूहन्ना लिखता है, “कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए ।” “परमेश्वर और अपने साथियों के प्रति प्रेम यीशु मसीह का गुण है ।”

कुछ वर्ष पूर्व, जब हमारा सबसे बड़ा पोता, जोस, चार वर्ष का था, वह मेरी पत्नी के साथ खेल रहा था । जब वह हंस रहे और मिलकर अच्छा समय व्यतीत कर रहे थे, हमारे पोते ने पूछा, “दादी, क्या आप मुझ से प्रेम करती हो ?”

उसने जवाब दिया, “हां, जोस, मैं आप से प्रेम करती हूं ।”

फिर उसने दादी से दूसरा प्रश्न पूछा: “आपको कैसे मालूम कि आप मुझ से प्रेम करती हो ?”

उसने अपनी अनुभूतियों को समझाया और उसे यह भी बताया जो कुछ उसने उसके लिये किया और आगे करने को तैयार थी ।

बाद में मेरी पत्नी ने जोस को वही प्रश्न किये, और यह गंभीर प्रश्न पूछा: “आप कैसे जानते हो कि आप मुझ से प्रेम करते हो ?”

उसने मासूम लेकिन सच्चा जवाब दिया, “मैं आप से प्रेम करता हूं क्योंकि मैं इसे अपने दिल में महसूस करता हूं ।” उस दिन अपनी दादी के प्रति जोस के प्रेमपूर्ण व्यवहार ने और यह हमेशा दर्शाया जाता है कि प्रेम क्रियाशीलता के साथ-साथ गहरी अनुभूतियां भी हैं ।

राजा बिन्यमीन ने सीखाया, “देखो, मैं तुम से यह बातें इसलिये बोल रहा हूं ताकि तुम ज्ञान प्राप्त कर सको; ताकि तुम सीख सको कि जब तुम अपने साथियों की सेवा करते हो, तुम अपने परमेश्वर की सेवा करते हो ।”

आज के संसार में अलग-अलग परिस्थितियों के कारण इतने अधिक कष्ट होते हुए, मजेदार ईमो के साथ एक संदेश या एक सुंदर चित्र इन शब्दों के साथ “मैं आपसे प्रेम करता हूं” भेजना अच्छा और अनमोल है । लेकिन हम में से बहुतों को इन मोबाइल उपकरणों को नीचे रखकर और अपने हाथों और पैरों का उपयोग करते हुए, जरूरतमंदों की मदद करनी है । बिना सेवा के प्रेम, बिना कार्य के विश्वास के समान है: वास्तव में यह मृत है ।

प्रेम क्षमा है

मसीह का विशुद्ध प्रेम, जोकि उद्धारता है, हमें कार्य करने लिये और सेवा करने के लिये न केवल प्रेरित करता है, बल्कि किसी भी स्थिति में क्षमा करने का सामर्थ भी देती है । मैं आपके साथ एक अनुभव बांटना चाहता हूं जिसने मेरे जीवन पर प्रभाव डाला और इसे बदल दिया । टेड और शैरन, कूपर के माता-पिता जो आज यहां हैं, ने मुझे इसे बांटने की अनुमति दी है कि उनके परिवार के साथ नौ वर्ष पहले क्या हुआ था । मैं इस अनुभव को टेड, कूपर के पिता के दृष्टिकोण से बताऊंगा:

21 अगस्त 2008, विद्यालय में पहला दिन था, और कूपर के तीन बड़े भाई, इवान, गैरट, और लोगन, स्टैंड पर खड़े बस का इंतजार कर रहे थे । कूपर, जो चार वर्ष का था, साईकिल पर था; मेरी पत्नी शैरन, पैदल थे ।

मेरी पत्नी सड़क के पार थी और कूपर को सड़क पार करने लिये कहा । उसी समय एक कार बहुत धीरे से बांय मुड़ी और कूपर से टकरा गई ।

मुझे एक पड़ोसी का फोन आया कि कूपर को कार ने टक्कर मार दी है । मैं जल्दी से उसे देखने बस स्टैंड की ओर गया । कूपर घास पर लेटा हुआ था, सांस लेने में कठिनाई हो रही थी, लेकिन कोई चोट दिखाई नहीं दे रही थी ।

मैं कूपर की बगल में बैठ गया और हिम्मत दिलाने वाली बातें बोलने लगा जैसे “घबराओ नहीं सब ठीक हो जाएगा । इंतजार करो ।” उसी क्षण मेरे उच्च याजक मार्गदर्शक, नाथन, अपनी पत्नी के साथ पहुंच गये । उनकी पत्नी ने कूपर को पौरोहित्य आशीष देने का सुझाव दिया । हमने कूपर के सिर पर हाथ रखे । मुझे याद नहीं मैंने क्या कहा था, लेकिन मुझे अच्छी तरह याद है मैंने हमारे आस-पास अन्य लोगों की उपस्थिति को महसूस किया था, और उसी क्षण से मुझ पता चल गया, कूपर नहीं बचेगा ।

कूपर को हेलिकॉपटर से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच न सका । मुझे लगा स्वर्गीय पिता मुझ से कह रहे थे कि कूपर के प्रति मेरी संसारिक जिम्मेदारी समाप्त हो चुकी है और कि कूपर अब उनकी देख-भाल में है ।

हम अस्पताल में कूपर के साथ कुछ समय बीत सके थे । कर्मचारियों ने उसे तैयार किया ताकि हम उसे उठा सकें और उसे अपनी अंतिम विदाई दे सकें और अस्पताल में उसके साथ हमन काफी समय व्यतीत करने दिया, जितना हम चाहते थे ।

घर वापस लौटते समय, मार्ग में मेरी दुखी पत्नी और मैंने एक दूसरे की ओर देखा और उस लड़के विषय में बातें आरंभ की जो कार चला रहा था । हम उसे नहीं जानते थे, जबकि वह सड़क के पार रहता था और हमारे वार्ड में ही था ।

अगले दिन हमारे लिये बहुत कठिन था क्योंकि हम दुख से पूरी तरह टूट चुके थे । मैं अपने घुटनों के बल झुका और इतनी निष्ठा से प्रार्थना की जितनी मैंने पहले कभी नहीं की थी । मैंने स्वर्गीय पिता से कहा मेरे उद्धारकर्ता के नाम से मेरे इस विशाल दुख को दूर कर दो । उसने ऐसा ही किया ।

उस दिन बाद में हमारे स्टेक अध्यक्षता के एक सलाहकार ने उस युवक --- जो कार चला रहा था, और उसके माता-पिता के साथ हमारी भेंट का प्रबंध किया । शैरन और मैंने लडके और उसके माता-पिता के आने की प्रतिक्षा की । जब दरवाजा खुला, हम उनसे पहली बार मिले । मेरे धर्माध्यक्ष ने मेरे कान में कहा, “उसके पास जाओ ।” शैरन और मैंने उसे गर्मजोशी से गले से लगाया । हम मिलकर बहुत देर रोये कितना हमें मालूम नहीं । हमने उससे कहा कि हम जानते थे जोकुछ हुआ वह एक दुर्घटना थी ।

शैरन और मैं, दोनों के लिये यह एक चमत्कार था, कि जो हमने महसूस किया था और और कि हम अभी वही महसूस करते हैं । परमेश्वर की दया से, हम सही मार्ग चुन पाये थे, स्पष्ट मार्ग, एकमात्र मार्ग, और उस भले युवक को प्रेम करने में सक्षम हो पाए थे ।

कई वर्षों में हम उसके और उसके परिवार के बहुत निकट हो गये । उसने अपने अनमोल क्षणों को हमारे साथ बांटा है । यहां तक की हम मंदिर भी गये जब वह अपने मिशन की तैयारी कर रहा था ।

भाइयों और बहनों, टेड निसंदेह जानता था कि हमारा स्वर्गीय पिता हम से प्रेम करता है । वह जानता है कि क्षमा करने में सक्षम होने के कारण, और इस तरह से स्वयं के बोझ को कम करना, उतना ही मधुर है जैसे क्षमा प्राप्त करना । यह मिठास हमारे सर्वोत्तम उदाहरण का अनुसरण करने से आती है । मॉरमन की पुस्तक में, अलमा ने उद्धारकर्ता के विषय में कहा है: “और वह पीड़ा और कष्ट और हर प्रकार के प्रलोभन झेलेगा; और ऐसा इसलिये होगा ताकि वचन पूरा हो सके जिसके अनुसार वह अपने लोगों की पीड़ा और बीमारी को अपने ऊपर ले लेगा ।”

भाइयों और बहनों, प्रेम और क्षमा की यह कितनी शानदार कहानी है । हम भी, इसी तरह, आनंद और खुशी का मजा ले सकते हैं जब हम दूसरों की सेवा और उन्हें क्षमा करते हैं । जॉर्जी, हमारा अन्य पोता, अक्सर कहता है, “हम किस प्रकार के परिवार हैं ?” और वह जवाब देता है, “हम एक सुखी परिवार हैं !”

अध्यक्ष थॉमस एस. मॉनसन ने यह कहते हुए सलाह दी है, “हम अपने जीवन की जांच करें और दयालु, प्रेमी, और उद्धार होते हुए उद्धारकर्ता का अनुसरण करने का निश्चय करें ।”

मैं जानता हूं कि स्वर्गीय पिता और उसका पुत्र, यीशु मसीह, हमें प्रेम करते हैं और हमारी मदद करना चाहते हैं जब हम एक दूसरे से उस प्रकार प्रेम करते हैं जैसा उन्होंने हम से किया । और मैं जानता हूं कि सच्चे प्रेम से दूसरों की सेवा और क्षमा करके, हम चंगे होते और अपनी स्वयं की चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ प्राप्त करते हैं । और मैं इसे यीशु मसीह के नाम में कहता हूं, आमीन ।