ताकि आप आनंद से भरपूर हो
यीशु मसीह चंगाई, शांति, और अन्नंत प्रगति का स्त्रोत हैं I
भाइयों और बहनों, आप के साथ होना एक आनंद है और इसी के बारे में आज सुबह मैं तुम्हारे साथ बात करना चाहती हूं- आनंद की पूर्णता।
हाल ही के एक समाचार शीर्षक में पढ़ा गया, “आपदाओ ने राष्ट्र [और] संसार को हिला दिया I” तूफान और बाढ़ से और सूखे से लेकर, अवदाह और भूकंप से युद्ध और हानिकारक रोग से, ऐसा लगता हैं सारी पृथ्वी हलचल में हैं I”
लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं, और असंख्यों का जीवन इन चुनौतियों से बाधित हो गया हैं I परिवारों और सम्प्रदायों में तकरार साथ ही साथ डर, शक और अधूरी उम्मीदे अंदरूनी संघर्ष में हमें कष्ट में छोड़ देती हैं I उस आनंद को महसूस करना मुश्किल हो जाता हैं जो लेही ने इस जीवन का उदेश्य कर पढाया था I हम सब ने कभी ना कभी यह पूछा हैं, “हम शांति कहाँ पा सकते हैं? मेरी संतुष्टि कहाँ हैं … ?” हम आश्चार्य होते हैं, की हमें आनंद इस नश्वर जीवन की कठिनाइयों में कहाँ प्राप्त हो ?”
उत्तर शायद बहुत ही सरल लगे, किन्तु यह आदम के दिनों का प्रमाणित सच हैं I स्थायी आनंद उद्धारकर्ता, यीशु मसीह और केन्द्रित कर पाने में हैं, और सुसमाचार को उस तरह से जीने में हैं जैसा उन्होंने प्रदर्शित और सिखाया हैं I जितना अधिक हम उनके बारे में सीखते हैं--उनमें विश्वास करते हैं, और यीशु मसीह का अनुसरण करते हैं, उतना ही हम उन्हें समझते हैं की चंगाई, शांति, और अन्नंत प्रगति का स्त्रोत हैं I वह हम सबको अपने पास आने का निमंत्रण देते हैं, एक निमंत्रण जो अध्यक्ष हेनरी बी.अय्रिंग ने विशेषता से की “सबसे अधिक आवश्यक निमंत्रण जिसे कोई स्वीकार करता I”
यीशु मसीह के बारे में सीखना
हम कैसे उनके पास आते हैं ? पिछली अप्रैल, अध्यक्ष रसल एम्. नेलसन और एल्डर एम्. रसल एम्. बल्लार्ड ने हमे उद्धारकर्ता के विषय में और सीखने के लिए “जीवित मसीह” पढने के लिए प्रोत्साहित किया I कई ने यह चुनौती को स्वीकार किया और आशीषित हुए I ज्यादा दिन ना हुए, एक प्रिय मित्र ने अपने युवा बच्चों को सुसमाचार कि तस्वीरो के दस्तावेजों की कॉपिय हर शब्द को स्पष्ट करने के लिए दी I उन्होंने अपने बच्चों को प्रोत्सहित किया की वे अपने नाती-पोतो की मदद उन्हें समझने और याद रखने में करें I कुछ समय बाद मेरी मित्र ने एक अपनी तीन साल की पोती का विडियो याद किया हुआ अनुवाद जोश और संतुलन से बोलते हुए दिखाया I मैंने अनुभव किया की यदि एक तीन साल की कर सकती हैं, तो मैं भी !
जैसे की मैंने यीशु मसीह के जीवन और सीख को अधिक केंद्रित और समर्पित हो पढ़ा हैं “जीवित मसीह” की यादाश्त में, मेरा आभार और प्रेम उद्धारकर्ता के लिए बढ़ा हैं I उस प्रेरित दस्तावेज का हर वाक्य एक उपदेश को सम्मिलित करता हैं और मेरी समझ को उनके दिव्य कार्य और पृथ्वी के लक्ष्य की ओर बढाता हैं I जो मैंने इस दौरान पढ़ा, सीखा और महसूस किया और प्रतिबिंब से पुष्टि की यीशु सच में “ज्योति हैं, जीवन, और संसार की आशा हैं I” प्राचीन धर्मशास्त्र और अंतिम दिनों के भविष्यवक्ताओ द्वारा लिखे या उनकी प्रशंसा में बोले गए वचन उनकी साक्षी देते हैं की “इस जीवन में उनका मार्ग ख़ुशी की ओर ले जाता हैं और अनंत जीवन आने वाले संसार में I”
यीशु मसीह में विश्वास रखें
जैसे आप मसीह के जीवन के बारे में असंख्य तरीकों से पढ़ते हो, आपका विश्वास उनमें बढेगा I आप जान जाओगे की वह आपको व्यग्तिगत रूप में प्रेम करते हैं और आपको पूरी तरह से समझते हैं I अपने ३३ वर्ष के नश्वर जीवन में, उन्होंने अस्वीकारता, उत्पीड़न, शारीरिक भूख, प्यास और थकान, अकेलापन, मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार, और आखिरकार, एक कष्टदायी मृत्यु पापी मनुष्यों के द्वारा भोगी I गेथ्सेमने के बाग में और कलवारी के क्रूस पर, उन्होंने हमारे दर्द, दुखों, प्रलोभन, बीमारीयों और दुर्बलता को महसूस किया I
चाहे हमने कुछ भी भोग हो, वह चंगाई के स्त्रोत हैं I जिन्होंने अनुभव किया हैं किसी भी तरह का दुरूपयोग, विनाशकारी नुकसान, गंभीर बीमारी या अक्षम दुःख, असत्य आरोपों, शातिर उत्पीड़न, या आध्यात्मिक क्षति पापों से या नासमझी से सब संसार के मुक्तिदाता द्वारा चंगे किये जा सकते हैं I किन्तु, वह बिना आमंत्रण के अन्दर नही आएंगे I हमें उनके पास आना चाहिए और उन्हें चमत्कार करने की अनुमति देनी चाहिए I
बसंत के एक सुंदर दिन मैंने अपना दरवाज़ा ताज़ी हवा के लिए खोला I एक छोटी सी चिड़िया खुले दरवाज़े से उड़ कर आई और तब मुझे एहसास हुआ की यह वो जगह नहीं हैं जहाँ वह होना चाहती थी I वह कमरे में हताश से हो उड़ने लगी, बार-बार शीशे के दरवाज़े की ओर बाहर जाने के लिए I मैं उसे नम्रता से खुले दरवाज़े की ओर मार्ग दर्शित करने लगा, परन्तु वह डर गई और दूर जाने लगी I आखिरकार वह खिड़की के पर्दों के ऊपर घबरा थकावट से बेठ गई I मैंने एक झाडू को उठाया और उसके बालो को धीरे से जहाँ चिड़िया घबरा कर बेठी थी लगाया I जैसे ही मैंने झाडू के सिरे को उसके पैरो की ओर लगाया, वैसे ही उसने धीरे से कदम उसके बालों की ओर बढाये I धीरे बहुत धीरे से, में खुले दरवाज़े की ओर चला, झाडू को पकडे जितना दृनता से में पकड कर सकता था I जैसे ही मैं खुले दरवाज़े तक पहुंची, चिड़िया जल्दी से अपनी स्वतंत्रता की ओर उड़ गई I
उस चिड़िया की तरह, हम कभी-कभी विश्वास करने से डरते हैं क्यूंकि हमें परमेश्वर का पूर्ण प्रेम और मदद करने की इच्छा समझ नहीं आती I किन्तु जब हम स्वर्गीय पिता की योजना और यीशु मसीह के उदेश्य को पढ़ते हैं, हमें समझ आता हैं की उनका केवल एक लक्ष्य हैं हमारी अनंत ख़ुशी और प्रगति I वे हमारी मदद करने में आनंद मानते हैं जब हम पूछते, ढूढते और खटखटाते हैं I जब हम विश्वास का अभ्यास करते हैं और नम्रता से अपने आपको उनके उत्तरों की ओर खोलते हैं, हम स्वतंत्र हो जाते नासमझी और मान्यताओ के आभाव से, और हमें अपना आगे का मार्ग दिखाया जा सकता हैं I
यीशु मसीह शांति का स्त्रोत हैं I वह हमें अमंत्रित करते हैं “[उनके] कंधे पर झुकना” और वादा हैं “शांति ..जो सारी समझ से जाती हैं,” एक एहसास जो तब आता हैं जब उनकी पवित्र आत्मा” शांति हमारी आत्मा से बोलती हैं “ चाहे हम किसी भी तरह की चुनौतियों से घिरे हो I
जेज़ाना पोडविनस्की, कर्वोलाक के छोटे सी संख्या के संतो में से एक, क्रोएशिया, ने उद्धारकर्ता पर अपना झुकाव किया जब उसके पति और दोनों माता-पिता की मृत्यु छ: महीने के बीच पिछले वर्ष हुई I दुःख से भरी, किन्तु परिवार हमेशा के लिए होते हैं की गवाही हो, उन्होंने अपनी जमा पूंजी स्विट्ज़रलैंड के मंदिर की यात्रा करने में इस्तेमाल की, जहाँ वह अपने पति और माता-पिता के साथ हमेशा के लिए सील हुई I उन्होंने बांटा की मंदिर में वे दिन उनके जीवन के मुख्य आकर्षण थे I उनकी यीशु मसीह और उनके बलिदान की दृढ गवाही के कारण, उन्होंने शांति को महसूस किया हैं और चंगाई को अनुब्भव किया हैं जो उन सब के लिए शक्ति हैं जो उनके चारो ओर हैं I
यीशु मसीह में विश्वास चंगाई और शांति से भी अधिक उपहारों को लाता हैं I जैसे की अध्यक्ष हेनरी बी. आय्रिंग ने बताया : “मैंने हमेशा धन्यवाद उन बहुत से मार्गो के लिए दिया हैं जिससे प्रभु ने मुझे दिलासा देने वाले के रूप में मेरे पास आये हैं जब मुझे शांति की आवश्यकता थी I फिर भी हमारे स्वर्गीय पिता केवल हमारे आराम के लिए नहीं किन्तु हमारी बढती प्रगति की ओर भी चिंतित हैं I
यीशु मसीह के बलिदान के कारण , जिसमें मुक्ति और पुनरुत्थान की भेट शामिल हैं, हम पश्यत्ताप, बदलाव, और अनन्तकाल तक की प्रगति प्राप्त कर सकते हैं I उस शक्ति के कारण जो वह हमें देते हैं हम आज्ञाकारी हैं, हम वह बन सकते हैं जो शायद हम कभी अपने से बन सकते थे I हमें पूरी तरह से समझ ना आये कैसे, किन्तु हम में से वे हर एक जिसने मसीह के विश्वास को महसूस किया हैं उन्हें अधिक समझ अपने दिव्य पहचान और लक्ष्य प्राप्त हुआ हैं, उन चुनावों की ओर ले जाना जो उस ज्ञान के साथ निरंतर हैं I
बावजूद इसके यह संसार जो हमें “महज़ जानवरो” के जैसे नीचे के स्तर तक गिरायेगा, जानते हुए परमेश्वर हमारा पिता हैं हमें आश्वासन देते हैं की हम में दिव्य सम्भावना और महत्व्पूर्ण वादा हैं I बावजूद इसके यह संसार हमें बताता हैं की यह जीवन एक बंद गली हैं, जानते हुए की परमेश्वर के एक लौते पुत्र ने हमारे लिए मुक्ति को संभव किया और अनंत प्रगति की आशा को जीवित किया I
यीशु मसीह का अनुसरण करना
जैसे की हम यीशु मसीह के बारे में और सीखते हैं, हम उनमें अधिक विश्वास विकसित करते हैं और हम स्वाभिक रूप से उनके उदहारण का अनुसरण करने चाहते हैं I उनकी आज्ञाओं का पालन करना हमारे सबसे बड़ी इच्छा बन जाती हैं I हमारे मन दूसरो को उनकी तकलीफों से निकलने की लालसा करते हैं, जैसा उन्होंने किया, और हम चाहते हैं की वे उस शांति और ख़ुशी को अनुभव करें जो हमने की हैं I
क्यों उन्होंने जो कोशिश की करना जैसे उन्होंने शक्ति से किया ? क्यूंकि जब हम अपना विश्वास करने में डालते हैं, पवित्र आत्मा अनंत सच की साक्षी देता हैं I यीशु अपने चेलों को उनकी आज्ञाओं का पालन करने का आदेश देते हैं क्यूंकि जैसे की हम निरंतर उनके मार्ग पर होते हैं, हम आनंद होने की पूर्णता पर आते हैं I उन्होंने वर्ण किया, “इन चीजों को मैंने तुमसे बोला हैं, की मेरा आनंद तुम में हो, और तुम्हारा आनंद पूरा हो I”
क्या हमारी गवाहियाँ यीशु मसीह के और उनके सुसमाचार के चट्टान की नीव पर बनी हैं ? जब जीवन के तूफ़ान हमें दबाते हैं, क्या हम पागलपन से यह देखते हैं की इन्टरनेट की पोस्ट को कैसे नियुक्त करें मदद के लिए? यीशु मसीह की गवाही और ज्ञान को मज़बूत करने के लिए समय निकालना परीक्षा और पीड़ा के समय में धनि सूद की प्राप्ति जैसे होंगे I प्रतिदिन धर्मशास्त्र को पढना और जीवित भविष्यवक्ताओ के वचनों का ध्यान करना, सार्थक निजी प्रार्थना में संबोधित होना, याद से प्रभुभोज को हर हफ्ते लेना, उसी प्रकार से सेवा देना जैसे यीशु मसीह ने दी-- इनमें से हर एक सरल गतिविधियाँ एक आनंदमय जीवन के निर्माण खंड बन जाती हैं I
आपको आनंद किस में मिलता हैं ? दिन के अंत में अपने प्रिय जने को देख कर ? किसी कार्य को संतुष्टि से करने में ? किसी के बोझ को बाँट उनकी आँखों में चमक को देख कर? किसी स्तुति के गीत के वचनों को जो आपके मन की गहराई तक पहुचते हो? किसी करीबी मित्र के हाथ मिलाने से ? एक निजी श्रण ले और अपनी आशीषों पर विचारें, और फिर उन्हें बताने के तरीके सोचे I जैसे की आप अपने पड़ोस में या संसार भर में अपने भाइयो बहनों तक पहुच उनकी सेवा और उन्हें उठाते हैं, आपको अधिक से अधिक शांति और चंगाई और प्रगति महसूस होगी I
उनके पास आओ I मैं साक्षी देता हूँ की जैसे की आप यीशु मसीह को अपने जीवन में केंद्रित करते हैं, आप अपनी परिस्तिथियों में आंनंद प्राप्त होगा, जो कुछ भी वे हो I निश्चित ही, “वह, केवल एक,” उत्तर हैं I यीशु मसीह को परिश्रमपूर्णता से पढ़ कर जाने, उनमें दृनता से विश्वास को विकसित करें , और उनके जैसे और बनने का प्रयास करें I हम भी प्रेरित हो कहने के लिए, “परमेश्वर का धन्यवाद हो उनकी अतुलनीय भेंट उनके दिव्य पुत्र के लिए I” यीशु मसीह के पवित्र नाम में आमीन I