2010–2019
परमेश्वर की अविलंब भलाई
अप्रैल 2019 महा सम्मेलन


2:3

परमेश्वर की अविलंब भलाई

जब हम धैर्यपूर्वक प्रभु की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तब भी कुछ आशीषें हैं, जो हमें तुरंत मिलती हैं ।

कई वर्ष पूर्व, हमारे पांच साल के बेटा मेरे पास आया और बोला, “पिताजी, मुझे कुछ पता चला है । मुझे पता चल गया है कि आपके लिए जल्दीमेरे लिए बहुत लंबा समय है ।”

जब प्रभु या उनके सेवक कहते हैं, जैसे ”अब बहुत दिन नहीं है” या ”वह समय दूर नहीं है,” इसका शाब्दिक अर्थ जीवन भर या उससे अधिक हो सकता है । उसका समय और प्राय: उसकी समयसारणी, हमारे से भिन्न है । धैर्य कुंजी है । इसके बिना, हम जीवन और उद्धार के लिए परमेश्वर में न तो विश्वास विकसित कर सकते हैं और न ही प्रदर्शित कर सकते हैं । लेकिन आज मेरा संदेश यह है कि जब हम धैर्यपूर्वक प्रभु की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तब भी कुछ आशीषें हैं, जो हमें तुरंत मिलती हैं ।

जब लमलाइयों द्वारा अलमा और उनके लोगों को पकड़ लिया गया, तो उन्होंने उद्धार के लिए प्रार्थना की । उन्हें तुरंत मुक्त नहीं किया गया था, लेकिन जब उन्होंने धैर्य से प्रतीक्षा की, तो प्रभु ने तत्काल कुछ आशीषें द्वारा अपनी भलाई दिखाई । उसने तुरंत लमनाइयों के हृदयों को नरम कर दिया ताकि वे उनकी हत्या न करें । उसने अलमा के लोगों को भी मजबूत किया और उनके बोझों को कम किया । जब वे अंततः मुक्त किए गए, तो उन्होंने जराहेमला की यात्रा की, जहां उन्होंने अपने अनुभव को दंग रह गए दर्शकों को सुनाया । जराहेमला के लोगों ने आश्चर्य किया, और ”फिर, जब उन्होंने परमेश्वर की अविलंब भलाई, और अलमा और उसके भाइयों को लमनाइयों के हाथों और गुलामी से मुक्त करने की उसकी शक्ति पर विचार किया, तो उन्होंने अपनी आवाज उठाई और परमेश्वर को धन्यवाद दिया ।”

परमेश्वर की अविलंब भलाई सभी के लिए आती है जो उसे वास्तविक इच्छा और हृदय के पूर्ण उद्देश्य से पुकारते हैं । इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो गंभीर निराशा में रोते हैं, जब मुक्ति बहुत दूर और पीड़ा लंबी लगती है, यहां तक कि तीव्र भी ।

और इसी प्रकार एक युवा भविष्यवक्ता के साथ हुआ जो पूर्ण रूप से एक गुफा में पीड़ित था और रोते हुए बोला : “हे परमेश्वर, आप कहां हैं ? … कब तक आपका हाथ रुका रहेगा … ? हां, ओह प्रभु, कब तक … ?” जवाब में, प्रभु ने तुरंत जोसफ को मुक्त नहीं किया, लेकिन उसने तुरंत शांति प्रदान की ।

परमेश्वर अंततः उद्धार की तत्काल आशा भी देता है । कोई फर्क नहीं पड़ता क्या, कोई फर्क नहीं पड़ता कहां, मसीह में और मसीह के माध्यम से हमेशा हमारे सम्मुख उज्ज्वल मुस्कुराती हुई आशा है । बिलकुल हमारे सम्मुख ।

इसके अलावा, उसने प्रतिज्ञा की है, “मेरी करूणा तुझ पर से न हटेगी ।“

इन सबसे ऊपर, परमेश्वर का प्रेम अविलंब है । पौलुस के साथ, मैं गवाही देता हूं कि कुछ भी नहीं “हमें परमेश्वर के उस प्रेम से अलग करे, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है ।“ हमारे पाप, हालांकि वे हमें उसकी आत्मा से कुछ समय के लिए अलग कर सकते हैं, लेकिन हमें उसके दिव्य पैतृक प्रेम की वफादारी और अविलंबता से अलग नहीं कर सकते हैं ।

ये कुछ तरीके और साधन हैं जिनके द्वारा “वह [हमें] तुरंत आशीष दे सकता है ।“अब, इन नियमों नया और निकट लाने के लिये, मैं आपके साथ दो लोगों के अनुभव बांटता हूं जिनके जीवन परमेश्वर की अविलंब भलाई की गवाहियां हैं ।

जब वह छोटी थी, तब से एमिली मादक द्रव्यों की लत से जूझ रही थी । छोटे से प्रयोग ने आदत को जन्म दिया, और आदत ने अंततः लत में बदल गई, जिसने वर्षों तक उसे कैदी बनाये रखा, हालांकि कभी-कभी ठीक हो जाती थी । एमिली ने अपनी समस्या को छिपाए रखा, खासकर जब वह एक पत्नी और मां बन गई ।

उसकी मुक्ति का आरंभ मुक्ति की तरह नहीं हुआ था । एक पल, एमिली नियमित मेडिकल परीक्षा से गुजर रही थी, और अगले ही पल, उसे एम्बुलेंस द्वारा आपातकालिन उपचार के लिये ले जाया जा रहा था । अपने बच्चों, अपने पति, अपने घर से अलग होने के बारे में सोचकर वह घबराने लगी ।

उस रात, एक ठंडे, अंधेरे कमरे में अकेले, एमिली ने अपने बिस्तर पर सिकुड़कर लेटी सिसक रही थी । अंतत:, उसकी सोचने की क्षमता कम हो गई, चिंता, भय और उस कमरे में कठोर अंधेरे से उबरने और अपनी आत्मा में, एमिली ने सच में सोचा कि उस रात वह मर जाएगी । अकेली ।

उस निराशा स्थिति में, एमिली लुड़कते हुए किसी तरह बिस्तर से उतरी और अपने घुटनों के बल झुक गई । बिना किसी भी विशेष मुद्रा जो कभी-कभी पिछली प्रार्थनाओं का हिस्सा रहा था, उसने संपूर्ण रूप से स्वयं को प्रभु के सम्मुख समर्पित कर दिया जब उसने हताशा से याचना की, “प्रिय परमेश्वर, मुझे आपकी जरूरत है । कृपया मेरी सहायता करें । मैं अकेला नहीं रहना चाहती । कृपया मुझे इस रात से गुजर जाने दो।”

और तुरंत, जैसा कि उसने प्राचीन पतरस के साथ किया था, यीशु ने अपना हाथ बढ़ाया और उसकी डूबती आत्मा को थाम लिया । एमिली के ऊपर एक चमत्कारिक शांति, साहस, दिलासा और प्रेम आया । कमरा अब ठंडा नहीं था, वह जानती थी वह अकेली नहीं थी, और जब वह 14 वर्ष की थी उसके बाद पहली बार, वह पता चला था कि सब कुछ ठीक हो जाएगा । जब वह “परमेश्वर में जागृत हुई,“ एमिली शांति से सो गई । और इस प्रकार हम देखते हैं कि “यदि आप पश्चाताप करेंगे और अपने हृदयों को कठोर नहीं करेंगे, तो तुरंत मुक्ति की महान योजना आपके के निकट लाई जाएगी ।“

परिवार मंदिर में

एमिली की चंगाई और अंतिम मुक्ति में एक लंबा समय लगा - उपचार, प्रशिक्षण, और परामर्श के महीने, जिसके दौरान उसे समर्थन दिया गया और और कभी-कभी उसकी भलाई द्वारा ले जाया गया । और वह भलाई उसके साथ जारी रही क्योंकि वह अपने पति और बच्चों के साथ हमेशा के लिए एक साथ मंदिर में मुहरबंद हई थी । जराहेमला के लोगों की तरह, एमिली अब धन्यवाद देती है क्योंकि वह परमेश्वर की अविलंब भलाई और उसे बंधन से मुक्ति दिलाने में उसकी शक्ति पर विचार करती है ।

अब, एक अन्य साहसी विश्वासी के जीवन से । 27 दिसंबर 2013 को, एलिसिया श्रोएडर ने अपने प्रिय मित्रों शोन और शारला चिलकोट का आनंदपूर्ण स्वागत किया, जो अप्रत्याशित रूप से उसके घर आए थे । शौन, जो एलिसिया के धर्माध्यक्ष भी थे, ने उसे अपना सेल फोन सौंपा और कहा, “एलिसिया, हम तुमसे प्रेम करते हैं । आपको यह कॉल लेने की आवश्यकता है ।”

एलिसिया के पति मारियो फोन पर थे । वह काफी समय से प्रतीक्षित बर्फ-यात्रा पर अपने कुछ बच्चों के साथ किसी दूर स्थान पर था । वहां भयानक दुर्घटना हो गई थी । मारियो गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका 10 वर्षीय बेटा कालेब चल बसा था । जब मारियो ने कालेब की मौत के बारे में एलिसिया को आंसू बहाते हुए बताया, तो वह एक आघात और भय से अत्याधिक घबरा गई और हम में से बहुत कम लोगों को कभी पता चलेगा । इसने उसे तोड़ कर रख दिया । असहनीय पीड़ा के साथ वह साथ लकवाग्रस्त हो गई, एलिसिया न तो हिल सकती थी और न ही बोल सकती थी ।

धर्माध्यक्ष और बहन चिलकोट ने जल्दी से उसे उठा लिया और उसे थाम लिया । वे कुछ देर के लिए एक साथ रोए और गहरा शोक प्रकट किया । तब धर्माध्यक्ष चिलकोट ने एलिसिया को आशीष देने को कहा ।

यीशु मसीह के प्रायश्चित की थोड़ी समझ और परमेश्वर की अविलंब भलाई को बिना आगे जो हुआ वह समझ से बिलकुल परे है धर्माध्यक्ष चिलकोट ने धीरे से एलिसिया के सिर पर हाथ रखा और सुबकते हुए कहना आरंभ किया । एलिसिया ने दो बातें सुनी मानो स्वयं परमेश्वर द्वारा बोली गई हों । सबसे पहले, उसने अपना नाम एलिसिया सुसान श्रोएडर सुना । फिर उसने सुना कि धर्माध्यक्ष ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अधिकार को बताया । उसी क्षण - उसका नाम और परमेश्वर की शक्ति का मात्र नाम लेने पर - एलिसिया एक अकथनीय शांति, प्रेम, दिलासा और एक प्रकार के आनंद से भर गई । और यह उसके साथ जारी रहा है ।

अब, अवश्य, एलिसिया, मारियो और उनका परिवार अभी भी कलेब के लिए शोक करते हैं और याद करते हैं । यह मुश्किल है ! जब भी मैं उससे बात करता हूं, तो एलिसिया की आंखों में आंसू आ जाते हैं क्योंकि वह बताती है कि वह अपने छोटे लड़के से कितना प्यार करती है और उसे याद करती है । और उसकी आंखें नम रहती हैं क्योंकि वह बताती है कि कैसे महान मुक्तिदाता ने उसकी कठिन परिक्षा के दौरान उसे थामे रखा है, उसकी गहरी निराशा के दौरान उसकी अविलंब भलाई से आरंभ होकर और एक मधुर पुनर्मिलन की उज्ज्वल आशा के साथ जारी है जिसमें “अब बहुत दिन नहीं हैं ।“

मैं महसूस करता हूं कि कभी-कभी जीवन के अनुभव भ्रम और अशांति पैदा करते हैं जो एमिली और एलिसिया को प्राप्त होने वाली राहत को प्राप्त करना या पहचानना या इसे कायम रखना मुश्किल बना सकते हैं । मैं ऐसे समयों से गुज़रा हूं । मैं गवाही देता हूं कि ऐसे समय में, हमारी मात्र बचाव परमेश्वर की अविलंब भलाई का एक कोमल और शक्तिशाली प्रकटीकरण है । याद रखें, प्राचीन इस्राएल को अंततः “उसी परमेश्वर द्वारा मुक्त किया गया था जिसने उन्हें सुरक्षित रखा था“दिन-प्रतिदिन ।

मैं गवाही देता हूं कि यीशु मसीह महान उद्धारकर्ता हैं, और उनके नाम में, मैं वादा करता हूं कि जब आप सच्चे इरादे और हृदय के पूर्ण उद्देश्य के साथ उसकी ओर मुड़ेंगे, तो वह आपको हर उस बात से मुक्ति दिलाएगा जो आपके जीवन या आनंद को कम करने या नष्ट करने की धमकी देती है । यह उद्धार हो सकता है आपको लंबा लगे - शायद जीवन भर या उससे अधिक समय तक । इसलिए, अंतिम मुक्ति के उस दिन तक आपको दिलासा, साहस, और आशा देने, आपको आशा और मजबूती देने के लिये, मैं आपको परमेश्वर की अविलंब मुक्ति के सपुर्द करता और यीशु मसीह के नाम में इसकी गवाही देता हूं, आमीन ।