परिषद: संबद्ध रखने का स्थान
प्रभु आपसे एक मजबूत परिषद स्थापित करेगा । जब प्रभु अपने बच्चों को इकट्ठा करता है, तो उन्हें संबद्ध होने और विकास करने का स्थान चाहिए होता है ।
2010 में, आंद्रे सेबको सच की खोज करने वाला युवक था । यद्यपि उसने पहले कभी दिल से प्रार्थना नहीं की थी, फिर भी उसने प्रयास करने का निर्णय लिया । तुरंत बाद में, वह प्रचारकों से मिला । उन्होंने उसे मॉरमन की पुस्तक की फोटो के साथ अपना कार्ड दिया । आंद्रे ने कुछ महसूस किया और पूछा कि क्या प्रचारक उस पुस्तक को उसे बेचेंगे । उन्होंने उससे कहा यदि वह गिरजे आएगा तो यह पुस्तक उसे मुफ्त में मिल सकती है ।
आंद्रे ने तब-हाल ही में बनी अफ्रीका के बोत्सवाना की मोचूडी शाखा में अकेले भाग लिया था । लेकिन यह शाखा एक प्यार करने वाला, संगठित समूह था जिसमें लगभग 40 सदस्य थे । उन्होंने बांहे फैलाकर आंद्रे का स्वागत किया । उसने प्रचारक पाठ प्राप्त किया और बपतिस्मा लिया । यह अद्भुत था !
लेकिन फिर क्या ? आंद्रे कैसे सक्रिय रहेगा ? कौन उसे अनुबंध के मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायता करेगा ? उस प्रश्न का एक उत्तर उसकी पौरोहित्य परिषद है !
प्रत्येक पौरोहित्य धारक, बेशक उसकी परिस्थिति कुछ भी हो, एक मजबूत परिषद से लाभ उठाता है । मेरे युवा भाई जो हारूनी पौरोहित्य धारण करते हैं, प्रभु आपको एक मजबूत परिषद का निर्माण करने देगा, ऐसा स्थान जहां परमेश्वर की आत्मा उपस्थित रहती है, एक ऐसा स्थान जहां सभी परिषद सदस्यों को स्वागत किया और मूल्य समझा जाता है । जब प्रभु अपने बच्चों को इकट्ठा करता है, तो उन्हें संबद्ध होने और विकास करने का स्थान चाहिए होता है ।
अध्यक्षता परिषद का प्रत्येक सदस्य मार्गदर्शन करता है जब वह प्रेरणा की खोज करता और परिषद के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और भाईचारे का विकास करता है । आप उन पर अधिक ध्यान देते हैं जो नये सदस्य हैं, जो कम सक्रिय हैं, या जिनकी विशेष आवश्यकताएं हैं । पौरोहित्य शक्ति के साथ, आप एक मजबूत परिषद का निर्माण करते हैं । और एक मजबूत, संगठित परिषद एक युवक के जीवन बहुत बड़ा परिर्वतन लाती है ।
जब गिरजे ने नए घर-केंद्रित सुसमाचार सीखने पर ध्यान देने की घोषणा की, तो कुछ ने आंद्रे जैसे सदस्यों के बारे में सोचा और पूछा, “उन युवाओं का क्या होगा जो ऐसी पारिवारिक स्थिति से आते हैं जहां सुसमाचार का अध्ययन नहीं किया जाता है और जहां सीखने और सुसमाचार जीने का वातावरण नहीं है ? तो क्या वे पीछे रह जाएंगे? ”
नहीं ! पीछे कोई नहीं रह सकता है ! प्रभु प्रत्येक युवक और प्रत्येक युवती से प्रेम करता है । पौरोहित्य धारकों के रूप में, हम परमेश्वर के हाथ हैं । हम घर-केंद्रित प्रयासों के लिए गिरजे के समर्थन हैं । जब घर पर सीमित समर्थन होता है, तो पौरोहित्य परिषद और अन्य मार्गदर्शक और मित्र देख-भाल करते हैं और आवश्यकतानुसार प्रत्येक व्यक्ति और परिवार का समर्थन करते हैं ।
मैंने इसे कार्य करते देखा है । मैंने इसका अनुभव किया है । जब मैं छह साल का था, तो मेरे माता-पिता का तलाक हो गया और मेरे पिता ने मेरी मां को पांच छोटे बच्चों के साथ छोड़ दिया था । मेरी मां ने हमारा पालन-पोषण करने के लिए काम करना शुरू किया । कुछ समय के लिए उन्हें एक और नौकरी की जरूरत पड़ी थी, साथ ही अतिरिक्त शिक्षा की भी । पालन पोषण के लिए उनके पास बहुत कम समय होता था । लेकिन दादा-दादी, चाचा, चाची, धर्माध्यक्ष और घर के शिक्षकों ने मेरी स्वर्गदूत समान मां की मदद करने का बीड़ा उठाया ।
और मेरे पास एक परिषद थी । मैं अपने मित्रों - अपने भाइयों - का बहुत आभारी हूं जिन्होंने मुझे प्यार किया और मेरी मदद की । मेरी परिषद संबद्ध रखने एक स्थान था । कुछ लोगों ने मेरे परिवार की स्थिति के कारण मुझे असफल और कमजोर मान लिया था । शायद मैं ऐसा ही था । लेकिन पौरोहित्य परिषद ने उन कमियों को दूर किया था । मेरी परिषद ने मेरी सहायता की और मेरे जीवन को अत्याधिक आशीषित किया ।
हमारे आस-पास असफल और कमजोर लोग हैं । शायद हम सब एक तरह से या किसी अन्य तरीके से हैं ऐसे ही हैं । लेकिन हम में से प्रत्येक के पास एक परिषद है, एक ऐसा स्थान जहां हम शक्ति प्राप्त करते हैं और शक्ति प्रदान भी कर सकते हैं । परिषद में “सभी एक दूसरे के लिये होते हैं ।“ यह एक ऐसा स्थान है जहां हम एक-दूसरे को निर्देश देते हैं, दूसरों की सेवा करते हैं, और परमेश्वर की सेवा करते हुए एकता और भाई-चारे का निर्माण करते हैं । यह एक ऐसा स्थान है जहां चमत्कार होते हैं ।
मैं आपको कुछ चमत्कारों के बारे में बताना चाहूंगा जो आंद्रे की परिषद मोचूडी में हुए थे । जब मैं इस उदाहरण को साझा करता हूं, तो उन सिद्धांतों पर ध्यान दें जो उस प्रत्येक पौरोहित्य परिषद को मजबूत करते हैं जो उन्हें लागू करती हैं ।
आंद्रे के बपतिस्मा लेने के बाद, वह प्रचारकों के साथ जाता था जब वे चार अन्य युवकों को पढ़ाते थे, उन्हें बपतिस्मा भी दिया गया था । अब पांच युवक थे । वे एक दूसरे को और शाखा को मजबूत करने लगे ।
तीसरे युवक, थूसो, का बपतिस्मा हुआ । थूसो ने अपने तीन मित्रों के साथ सुसमाचार बांटा, और शीघ्र ही वे नौ हो गए ।
यीशु मसीह के शिष्य अक्सर इस तरह मिलते होते हैं — एक समय में कुछ, जैसा कि उनके मित्र आमंत्रित करते हैं । प्राचीन काल में, जब अंद्रियास ने उद्धारकर्ता को पाया, तो वह तुंरत अपने भाई शमौन के पास गया और “उसे यीशु के पास लाया ।“ इसी तरह, इसके फौरन बाद फिलिप्पुस मसीह का अनुयायी बन गया, उसने अपने मित्र नतनएल को “आने और देखने“ के लिए बुलाया ।
मोचूडी में, शीघ्र 10 वां युवक गिरजे में शामिल हो गया । प्रचारकों को 11 वां मिला । और अपने मित्रों में सुसमाचार के प्रभाव को देखने के बाद 12 वें युवक ने बपतिस्मा लिया ।
मोचुडी शाखा के सदस्य रोमांचित थे । ये युवक “प्रभु में परिवर्तित हुए थे, और … गिरजे में संगठित थे ।”
उनके परिवर्तन में मॉरमन की पुस्तक ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी । थूसो याद करता है, “मैंने मॉरमन की पुस्तक को पढ़ना आरंभ किया … जब कभी मैं घर में, विद्यालय में, हर जगह खाली होता था ।”
औरटाइल सुसमाचार में अपने मित्रों के उदाहरण के कारण आया था । वह बताता है, “[वे]लगता था चुटकी बजाते ही बदल गए थे । … मैंने सोचा था … यह उस छोटी पुस्तक के कारण था … जिसे वे विद्यालय में साथ ले जाते थे । मैं देख सकता कि वे बहुत अच्छे लोग बन गए थे । … [मैं] भी बदलना चाहता था ।”
सभी 12 युवक दो सालों के भीतर एक दूसरे मिले थे और बपतिस्मा लिया था । प्रत्येक अपने परिवार से गिरजे का एकमात्र सदस्य था । लेकिन उनका समर्थन उनके शाखा अध्यक्ष, अध्यक्ष रॉकवेला ; वरिष्ठ प्रचारक दंपति एल्डर और बहन टेलर ; और शाखा के अन्य सदस्यों सहित उनके गिरजे के परिवार ने किया था ।
भाई जुनियर, परिषद मार्गदर्शक, युवकों को रविवार दोपहर को घर बुलाता और उन्हें सलाह देता । युवकों ने मिलकर धर्मशास्त्रों का अध्ययन करते और नियमित घरेलु संध्या करते थे ।
भाई जुनियर उन्हें सदस्यों से, उन लोगों से भेंट कराने ले जाता जिन्हें प्रचारक सीखाते थे और दूसरों से जिसे भेंट की जरूरत होती । सभी 12 युवक भाई जुनियर के ट्रक में घुस जाते थे । वह दो या तीन के समुह में घरों में छोड़ देता और बाद में उन्हें उठा लेता ।
यद्यपि युवक अभी सुसमाचार के विषय में सीख रहे थे और महसूस करते थे कि वे अधिक नहीं जानते थे । भाई जुनियर उनसे एक या दो बातें जिसे वे जानते थे भेंट करने वाले लोगों से बांटने के लिये कहता । इन युवा पौरोहित्य धारकों ने सीखाया, प्रार्थना की, और गिरजे की देखभाल में मदद की । उन्होंने अपनी पौरोहित्य जिम्मदारियों को पूरा किया और सेवा करने के आनंद को अनुभव किया ।
आंद्रे ने कहा था, “हम मिलकर खेलते, मिलकर ठहाके लगाते, मिलकर रोते, और भाई बन गए थे ।” असल में, वे स्वयं को “भाइयों की मंडली” कहते थे ।
मिलकर उन्होंने लक्ष्य रखा कि वे सब प्रचारक सेवा करेंगे । क्योंकि वे अपने परिवारों में एकमात्र सदस्य थे, उनके पास कई बाधाएं थी, लेकिन उन्हें दूर करने में उन्होंने एक दूसरे की मदद की ।
एक एक करके, युवकों को प्रचारक सेवा का बुलावा आया । जो पहले गए थे उन्होंने घर उनके लिये पत्र लिखा जो जाने की तैयारी कर रहे थे, अपने अनुभवों को बांटते और उन्हें प्रचारक सेवा के लिये उत्साहित करते हुए । ग्यारह युवकों ने प्रचारक सेवा की थी ।
इन युवकों ने अपने परिवारों के साथ सुसमाचार बांटा मांएं, बहनें, भाई, मित्र, के साथ साथ उनके साथ जिन्हें उन्होंने अपनी प्रचारक सेवा में सीखाया था, परिवर्तित हुए और बपतिस्मा लिया । चमत्कार हुए और अनगिनत जीवन आशीषित हुए थे ।
मैं सुन सकता हूं आप में से कुछ सोच रहे हैं कि शायद इस तरह का चमत्कार केवल अफ्रीका, एक उपजाऊ खेत जहां इस्राएल का एकत्रित किया जाना शीघ्रता से किया जा रहा है, में ही हो सकता है । फिर भी, मैं गवाही देता हूं कि मोचुडी शाखा में लागू किए गए सिद्धांत कहीं पर लागू किये जा सकते हैं । जहां कहीं आप हैं, आपकी परिषद सक्रियता और सुसमाचार बांटने के द्वारा विकास कर सकती है । जब केवल एक शिष्य मित्र से मिलता है, तो एक से दो हो सकते हैं । दो से चार हो सकते हैं । चार से आठ हो सकते हैं । और आठ बारह हो सकते हैं । शाखाएं वार्ड बन सकते हैं ।
उद्धारकर्ता ने सीखाया, “जहां दो या तीन [या अधिक] मेरे नाम में एकत्रित होते हैं … तो देखो, मैं उनके बीच में होता हूं ।” स्वर्गीय पिता हमारे आस-पास लोगों के मनों और हृदयों को तैयार कर रहा है । हम प्रेरणाओं का अनुसरण कर सकते हैं, मित्रता का हाथ आगे बढ़ाएं, सच्चाई बांटे, दूसरों को मॉरमन की पुस्तक पढ़ने का निमंत्रण दें, और प्रेम बांटे, और उनकी मदद करें जब वे उद्धारकर्ता को जानने लगते हैं ।
10 साल बीत चुके हैं जब मोचडी भाइयों की मंडली ने मिलकर अपनी यात्रा आरंभ की थी, और वे अभी भाइयों की मंडली हैं ।
काटेलो ने कहा था, “हम भले ही दूरी से अलग हों, लेकिन हम अभी एक दूसरे के साथ हैं ।”
यह मेरी प्रार्थना है कि हम अपने पौरोहित्य परिषद में उसके साथ एक होने के प्रभु के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे ताकि प्रत्येक परिषद जुड़ने का स्थान, एकत्रित होने का स्थान, आगे बढ़ने का स्थान बन सके ।
यीशु मसीह हमारा उद्धारकर्ता है, और यह उसका कार्य है । मैं यह गवाही यीशु मसीह के नाम में देता हूं, आमीन ।