विश्वास की दृष्टि
यदि हम चुनते और छांटते हैं जिसे हमें घोषणा में स्वीकार करना है, तो हम अपने अनंत दृश्य को धुंधला कर देते हैं । आज अपने अनुभव पर बहुत अधिक महत्व देते हैं ।
उसको सलीब पर चढ़ाए जाने से कुछ पहले, यीशु को न्याय कक्ष में पीलातुस के सम्मुख न्याय कक्ष ले जाया गया था । “क्या तुम यहूदियों के राजा हो ?” पीलातुस ने उपहास करते हुए यीशु से पूछा । यीशु ने जवाब दिया: “मेरा राज्य इस संसार का नहीं है । … मैं इस संसार में [आया] हूं, कि मैं सच्चाई की गवाही दूं । जो कोई सच्चाई का है मेरे शब्दों को सुनता है ।”
पीलातुस ने व्यंग्यपूर्वक पूछा, “सच्चाई क्या है ?”1
आज के संसार में, प्रश्न “सच्चाई क्या है ?” संसारिक मन में दर्दनाकरूप से जटिल हो सकता है ।
“सच्चाई क्या है” की गुगल में खोज करने से लाखों अधिक जवाब मिलते हैं । हमारे सेल फोन में ईंट और सीमेंट से बनी लाईब्रेरी की किताबों से अधिक जानकारी है । हम सूचना और विचार के अधिकता में रहते हैं । प्रत्येक कोने में प्रलोभन और मोहक आवाजें हमें अपनी ओर खींचती हैं ।
आज की उलझनों में फंस गए हो, यह को आश्चर्य नहीं है 2500 साल पहले युवा सुकारत से प्रोटागोरस द्वारा बोले गए शब्दों के प्रति बहुतों ने स्वयं को अर्पित किया है: “जो आपके लिये सच है,” उसने कहा, “आपके लिये सच है, और जो मेरे लिये सच है वह मेरे लिये सच है ।”2
यीशु मसीह के पुनास्थापित सुसमाचार के माध्यम से
यीशु मसीह के पुनास्थापित सुसमाचार से आशीषित, हम विनम्रतापूर्वक घोषणा करते हैं कि कुछ बातें हैं जो पूर्णरूप से और बिल्कुल सच हैं । ये अनंत सच्चाइयों परमेश्वर के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के लिए एक समान हैं ।
धर्मशास्त्र सीखाते हैं, “सच्चाई बातों का ज्ञान है जैसे वे हैं, और जैसे वे थीं, और जैसे वे होने वाली हैं ।”3 सच्चाई समय में हमारे छोटे विचार के परिप्रेक्ष्य का विस्तार करते हुए, पीछे और आगे देखता है ।
यीशु ने कहा, “मैं मार्ग, सत्य और जीवन हूं ।”4 सच्चाई हमें अनंत जीवन का मार्ग दिखाती है, और यह हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह के द्वारा ही आता है । अन्य कोई मार्ग नहीं है ।
यीशु मसीह हमें सीखाता है कि कैसे जीना है और, उसके प्रायश्चित और पुनरुत्थान के माध्यम से, हमें अपने पापों और परदे से परे अमरत्व से क्षमा प्रदान करता है । यह बिल्कुल सच है ।
वह हमें सीखाता है कि यदि हम अमीर या गरीब, प्रमुख या अज्ञात, परिश्रमी या सरल हैं तो इससे कोई अंतर नहीं पड़ता । असल में, हमारी नश्वर खोज प्रभु यीशु मसीह में हमारे विश्वास को मजबूत करने, बुराई के स्थान पर अच्छाई चुनने और उसकी आज्ञाओं का पालन करने के लिए है । जब हम विज्ञान और चिकित्सा की नई खोज का उत्सव मनाते हैं, तब तक परमेश्वर की सच्चाई इन खोजों से बहुत आगे निकल जाती है ।
अनंत काल की सच्चाई के विरोध में, परमेश्वर के बच्चों को सच्चाई से भटकाने के लिए हमेशा इसकी नकल की जाती रही है । शैतान के तर्क हमेशा एक जैसे होते हैं । इन्हें सुनें, 2000 वर्ष पूर्व बोले गए:
“[आप] उन बातों को नहीं जान सकते जिन्हें [आप] नहीं देखते हो । … [व्यक्ति जो भी करता है] अपराध नहीं है ।”
“[परमेश्वर आपको आशीष नहीं दे रहा है, लेकिन ]प्रत्येक [व्यक्ति] उसके [स्वयं] ज्ञान के अनुसार प्रगति करता है ।”5
“यह उचित नहीं है कि इस तरह का व्यक्ति होने के नाते … मसीह … परमेश्वर का पुत्र हो ।”6
“[आप जिसका पालन करते हैं वह एक मूर्ख परंपरा है और यह] आपके [दिमाग] का पागलपन है ।”7
सुसमाचार की पुनास्थापना के साथ, परमेश्वर ने हमें आवश्यक आत्मिक सच्चाइयों को सीखने और जानने का मार्ग दिया है: हम उन्हें पवित्र धर्मशास्त्रों के माध्यम के द्वारा, हमारी व्यक्तिगत प्रार्थनाओं, अपने स्वयं के अनुभवों के द्वारा, जीवित भविष्यवक्तओं और प्रेरितों की सलाह के द्वारा, और पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के द्वारा सीखते हैं, जो हमें “सभी बातों की सच्चाई जानने में मदद कर सकता है ।”8
सच्चाई आत्मिकरूप से समझी जाती है
हम परमेश्वर की बातों को जान सकते हैं क्योंकि हम इन्हें आत्मिक रूप से चाहते हैं । पौलुस ने कहा, “परमेश्वर की बातों को कोई मनुष्य नहीं जानता, सिवाय उसके जिसके पास परमेश्वर की आत्मा है । … [क्योंकि] वे आत्मिक रूप से पहचान सकते हैं ।”9
माइकल मर्फी की इस चित्रकला को देखें । इस दृष्टिकोण से, आप शायद ही विश्वास करेंगे कि यह एक मानवीय आंख का कलात्मक चित्रण है । हालांकि, जब आप एक अलग दृष्टिकोण से बिंदुओं को देखते हैं, आप कलाकार की रचना की सुंदरता देखते हैं ।
इसी तरह, हम परमेश्वर की आत्मिक सच्चाइयों को विश्वास के दृष्टिकोण से देखते हैं । पौलुस ने कहा: “शारीरिक मनुष्य परमेश्वर की आत्मा की बातों को ग्रहण नहीं करता: क्योंकि वे उसकी दृष्टि में मूर्खता की बातें हैं, और न वह उन्हें जान सकता है, क्योंकि उनकी जांच आत्मिक रीति से होती है ।”10
धर्मशास्त्र, हमारी प्रार्थनाएं, हमारे स्वयं के अनुभव, वर्तमान भविष्यवक्ता, और पवित्र आत्मा का उपहार हमें यहां पृथ्वी पर हमारी यात्रा के लिए सच्चाई का एक स्पष्ट आत्मिक दृष्टिकोण लाते हैं ।
विश्वास की आंख के माध्यम से घोषणा
आओ हम विश्वास की दृष्टि से परिवार पर घोषणा को देखते हैं ।
अध्यक्ष गॉर्डन बी, हिंकली ने “परिवार: दुनिया के लिए एक घोषणा” की शुरुआत इस कथन के साथ की थी: “इतने सारे विवादों के चलते जिसे सच्चाई के रूप में बताया जाता है, स्तरों और मूल्यों के संबंध में बहुत से धोखों के साथ, संसार के हल्के दागों के बहुत से प्रलोभन और लालच के साथ, हमने [आपको] सतर्क करना महसूस किया है ।”11
घोषणा शुरू होती है: “सभी मनुष्य—नर और नारी—परमेश्वर की छवि में रच गए हैं । प्रत्येक स्वर्गीय माता-पिता का प्यारी आत्मा का पुत्र या की बेटी है, और, प्रत्येक के पास एक दिव्य प्रकृति और नियति है ।”
ये अनंत सच्चाइयां हैं । आप और मैं प्रकृति की दुर्घटना नहीं हैं ।
मुझे ये शब्द बहुत पसंद हैं: “पृथ्वी-पूर्व जीवन में, आत्मा पुत्र और पुत्रियां परमेश्वर को अपने अनंत पिता के रूप में जानते और पूजते थे और उनकी योजना को स्वीकार किया था ।”12
हम अपने जन्म से पहले जीवन जीया था । हमारी व्यक्तिगत पहचान पर हमेशा के लिए मुहर लग जाती है । उन तरीकों से जिन्हें हम पूरी तरह से नहीं समझते हैं, हमारा आत्मिक विकास उसे प्रभावित करता है जो हम यहां हैं ।13 हमने परमेश्वर की योजना को स्वीकार किया था । हम जानते थे कि हमें पृथ्वी पर कठिनाइयों, दर्द और दुःख का अनुभव करना होगा ।14 हम यह भी जानते थे कि उद्धारकर्ता आएगा और जब हम स्वयं को योग्य साबित करेंगे, हम पुनरुत्थान में जी उठेंगे, “[हमारे] सिरों पर महिमा सदा सदा के लिये बनी रहेगी ।”15
घोषणा प्रत्यक्ष है: “हम उन साधनों की घोषणा करते हैं जिनके द्वारा नश्वर जीवन को दिव्यरूप से नियुक्त किया जाता है । हम जीवन की पवित्रता और परमेश्वर की अनन्त योजना में इसके महत्व की पुष्टि करते हैं ।”
हमारे पिता की योजना बच्चों को दुनिया में लाने के लिए पति और पत्नी को प्रोत्साहित करती है और हमें अजन्मे बच्चे की रक्षा में बोलने के लिए विवश करती है ।
घोषणा के सिद्धांत सुंदरता से जुड़ हुए हैं
यदि हम चुनते और छांटते हैं जिसे हमें घोषणा में स्वीकार करना है, तो हम अपने अनंत दृश्य को धुंधला कर देते हैं । आज अपने अनुभव पर बहुत अधिक महत्व देते हैं । प्रार्थनापूर्वक विश्वास की आंख द्वारा घोषणा पर मनन करने से, हम बेहतर ढंग से समझते हैं कि कैसे सिद्धांत सुंदरता से जुड़े हुए हैं, एक दूसरे का समर्थन करते हुए, अपने बच्चों के लिए हमारे पिता की योजना को प्रकट करते हुए ।16
क्या हमें वास्तव में आश्चर्य करना चाहिए जब प्रभु के जीवित भविष्यवक्ता उसकी इच्छा की घोषणा करते हैं और कुछ, प्रश्न बने रहते हैं ? अवश्य ही, कुछ लोग भविष्यवक्ताओं की वाणी को तुरंत अस्वीकार कर देते हैं,17 जबकि अन्य प्रार्थनापूर्वक अपने ईमानदार प्रश्नों पर मनन करते हैं - प्रश्न जो धैर्य और विश्वास की दृष्टि से सुलझाए जाएंगे । यदि घोषणा भिन्न सदी में प्रकट की गई होती, तब भी प्रश्न पूछे जाते, बस आज की तुलना में प्रश्न भिन्न होते । भविष्यवक्ताओं का एक उद्देश्य हमारे ईमानदार प्रश्नों को हल करने में सहायता करना है ।18
गिरजे का अध्यक्ष होने से पहले, अध्यक्ष रसेल एम. नेलसन ने कहा था: “भविष्यवक्ता भविष्य में देखते हैं । वे हमारे मार्ग में शैतान द्वारा रखे गए, या रखे जाने वाले खतरनाक संकटों को देखते हैं । भविष्यवक्ता ने उन भव्य संभावनाओं और विशेष अवसरों की भी देखते हैं जो उन लोगों की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो अनुसरण करने के इरादे से सुनते हैं ।”19
मैं प्रथम अध्यक्षता और बारह की परिषद की एकजुट आवाज की सच्चाई और आत्मिक शक्ति की गवाही देता हूं ।
संसार दूर जा रहा है
अपने जीवनकाल में, हमने घोषणा में सीखाए गए कई सिद्धांतों के बारे में दुनिया की मान्यताओं में एक नाटकीय बदलाव देखा है । मेरी किशोरावस्था और आरंभिक विवाहित वर्षों के दौरान, दुनिया में कई लोग प्रभु के स्तर से दूर हो गए जिन्हें हम शुद्धता का नियम कहते हैं, कि यौन संबंध केवल वैधरूप विवाहित पुरुष और महिला के बीच होते हैं । मेरे 20 और 30 के दशक में, कई लोग अजन्मे बच्चे की पवित्र सुरक्षा से दूर चले गए, क्योंकि अब गर्भपात अधिक स्वीकार्य हो गया । हाल के वर्षों में, कई लोग परमेश्वर की व्यवस्था से दूर चले गए हैं कि विवाह पुरुष और महिला के बीच एक पवित्र मिलन है ।20
कई लोगों को प्रभु द्वारा निर्धारित सीमाओं को तोड़ते हुए देखकर कफैरनहूम के समय की याद दिलाता है, जब उद्धारकर्ता ने अपनी दिव्यता की घोषणा की और दुख की बात है कि “उनके कई शिष्य … [दूर] चले ।”
उद्धारकर्ता ने मुड़कर बारह से पूछा: “क्या तुम भी चले जाओगे ?”
पतरस ने उत्तर दिया:
“हे प्रभु, हम किसके पास जाएंगे ? अनंत जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं ।
“और हम ने विश्वास किया, और जान गए हैं, कि जीवित परमेश्वर का पुत्र तू ही है ।”21
घोषणा के लिये सब स्पष्टरूप से उपयुक्त नहीं होते हैं
बहुत से, युवा और वृद्ध हैं, जो भविष्यवक्ताओं की शिक्षाओं के प्रति वफादार और सच्चे हैं, भले ही उनका स्वयं का वर्तमान अनुभव परिवार घोषणा के अंदर स्पष्टरूप से फिट नहीं होता है: बच्चे जिनका जीवन तलाक से विचलित हो गया है; युवा जिनके मित्र शुद्धता के नियम का मजाक उड़ाते हैं; जीवनसाथी के विश्वासघात से गंभीर रूप से घायल हुए तलाकशुदा महिला और पुरुष; वे महिला और पुरुष जिन्होंने ऐसे व्यक्ति से विवाह किया है जो पुनास्थापित सुसमाचार में विश्वास नहीं करते; पति और पत्नी जो बच्चे पैदा करने में असमर्थ हैं; एकल महिलाएं और पुरुष, जो विभिन्न कारणों से विवाह करने में असमर्थ रहे हैं ।
लगभग 20 साल का एक मित्र, जिसकी मैं बहुत प्रशंसा करता हूं, समलैंगिक आकर्षण के कारण विवाह नहीं करता है वह अपनी मंदिर के अनुबंधों के प्रति सच्चा रहा है, उसने अपनी रचनात्मक और पेशेवर प्रतिभाओं का विकास किया है, और गिरजे और समाज दोनों में अच्छा व्यवहार किया है । उसने हाल ही में मुझसे कहा, “मैं अपनी स्थिति में उन लोगों के प्रति सहानुभूति रख सकता हूं, जो उस दुनिया में जिसमें हम रहते हैं, शुद्धता के कानून का पालन नहीं करने का चुनाव करते हैं । लेकिन क्या मसीह ने हमसे ‘इस दुनिया का नहीं’ होने के लिए नहीं कहा है ? यह स्पष्ट है कि परमेश्वर के आदर्श संसार के आदर्शों से अलग हैं ।”
मनुष्य के नियम अक्सर परमेश्वर के नियमों द्वारा निर्धारित सीमाओं के बाहर चले जाते हैं । परमेश्वर को प्रसन्न करने की इच्छा रखने वालों के लिए विश्वास, धैर्य और परिश्रम अवश्य ही जरूरी है ।22
मेरी पत्नी कैथी, और मैं एक अकेली बहन को जानते हैं, जो अब 40 के मध्य में है, उसे अपनी व्यावसायिक योग्यताएं उपहार में मिली हैं और अपने वार्ड में अत्याधिक सेवा करती है । उसने भी परमेश्र के नियमों का पालन किया था । उसन लिखा था:
“मैं उस दिन का सपना देख रही थी जिस दिन मुझे पति और बच्चों की आशीष मिलेगी । मैं अब भी प्रतिक्षा कर रही हूं । कई बार, मेरी स्थिति ये अनुभूतियां लाती हैं कि मुझे भुलाया जा रहा है और मैं अकेली हूं, लेकिन मैं अपना ध्यान उन बातों से हटाती हूं जो मेरे पास नहीं है, और इसके बजाय जो मेरे पास है और मैं दूसरों की मदद कैसे कर सकती हूं, पर ध्यान लगाती हूं ।
“अपने रिश्तेदारों की, अपने वार्ड और मंदिर की सेवा ने मेरी सहायता की है । मुझे भुलाया नहीं गया या मैं अकेली नहीं हूं क्योंकि मैं, और हम सभी एक बड़े परिवार का हिस्सा हैं ।”
एक है जो समझता है
कुछ कहेंगे, “आप मेरी परिस्थिति को नहीं समझते हैं ।” हो सकता है मैं न समझूं, लेकिन मैं गवाही देता हूं कि एक है जो समझता है ।23 एक है, जो बाग में और सलीब पर किए गए अपने बलिदान के कारण, आपके बोझ को जानता है । जब आप उसे चाहते हैं और उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो मैं आपसे प्रतिज्ञा करता हूं कि वह आपको आशीष देगा और उस बोझ को उठाएगा जिसे अकेले उठाना भारी लगता है । वह आपको अनंत मित्र और सेवा करने के अवसर देगा । इससे भी महत्वपूर्ण, वह आपको पवित्र आत्मा की शक्तिशाली आत्मा से भर देगा और आप पर अपनी स्वर्गीय स्वीकृति को चमकाएगा । कोई विकल्प, कोई चुनाव, जो पवित्र आत्मा की संगति या अनंत काल की आशीषों को अस्वीकर करता है हमारे विचार के योग्य नहीं है ।
मैं जानता हूं उद्धारकर्ता जीवित है । मैं गवाही देता हूं कि वह उन सभी सच्चाई का स्रोत है जो वास्तव में आवश्यक हैं और कि वह उन सभी आशीषों को परिपूर्ण करेगा जिसकी प्रतिज्ञा उसने उसकी आज्ञाओं का पालन करने वालों से की है । यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।