विश्वास की प्रार्थनाएं
जब हम विश्वास में प्रार्थना करते हैं, तो हम प्रभु के कार्य में महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हैं जब वह संसार को अपने द्वितीय आगमन के लिए तैयार करता है ।
एल्डर मैनीस की प्रार्थना का उत्तर महा सम्मेलन के इस पहले सत्र में दिया गया है । शानदार संदेशों और सुंदर संगीत के माध्यम से हमें प्रेरणा मिली है । अध्यक्ष रसल एम. नेलसन की प्रतिज्ञा कि यह सम्मेलन यादगार होगा पूरी होनी आरंभ हो गई है ।
अध्यक्ष नेलसन इस वर्ष को “जोसफ स्मिथ को स्वर्गीय पिता और उसके प्रिय पुत्र, यीशु मसीह द्वारा दिव्यदर्शन में दिखाई देने के दो सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में द्विशत वर्षगांठ के रूप में नामित किया है ।” अध्यक्ष नेलसन ने हमें इस ऐतिहासिक सम्मेलन के लिए तैयार होने की व्यक्तिगत योजना बनाने को कहा था, उनका कहना था कि यह समारोह गिरजे के इतिहास में एक प्रभावशाली परिवर्तन का समय होगा, और आपकी भागदारी महत्वपूर्ण है ।”1
मेरी तरह, शायद आपने भी उनके संदेश को सुना था और स्वयं से पूछा होगा, “किस प्रकार मेरी भागीदारी महत्वपूर्ण है ?” हो सकता है आपने पुनर्स्थापना की घटनाओं को पढ़ा हो और इसके विषय में अधिक जानने के लिए प्रार्थना की हो । शायद, पहले से कहीं अधिक, आपने उनमें से कुछ घटनाओं को पढ़ा हो जब परमेश्वर पिता ने अपने प्रिय पुत्र का परिचय दिया था । शायद आपने उस घटनाओं को पढ़ा हो जब उद्धारकर्ता ने हमारे स्वर्गीय पिता के बच्चों से बात की थी । मुझे मालूम है क्योंकि मैंने यह सब किया था ।
मुझे अपने अध्ययन में परमेश्वर के पौरोहित्य और युगों के आरंभ होने के उल्लेख मिले थे । मैं विनम्र हुआ था जब मैंने महससू किया कि इस सम्मेलन के लिए मेरी तैयारी मेरे स्वयं के इतिहास का अति-महत्वपूर्ण समय था । मैंने अपने हृदय में बदलाव महसूस किए थे । मैंने नई कृतज्ञता महूसस की थी । पुनर्स्थापना के इस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए जाने पर मैंने स्वयं को आनंद से भरा हुआ महसूस किया था ।
मैं कल्पना करता हूं कि सावधानी से की गई तैयारी के कारण, दूसरे भी अधिक आनंद, अधिक आशावादी, और प्रभु द्वारा कहे जाने पर किसी रूप में सेवा करने के लिए अधिक दृढ़ता महसूस कर रहे हैं ।
हम जिन असाधारण घटनाओं का सम्मान करते हैं, वे भविष्यवाणी की गई अंतिम युग काी आरंभ हैं, जिसमें प्रभु अपने गिरजे और अपने लोगों को तैयार कर रहा है, जो उसे ग्रहण करने के लिए उसका नाम धारण करते हैं । उसके आने की हमारी तैयारी के रूप में, वह हमें आत्मिक चुनौतियों और प्रतिकूल अवसरों जो इस संसार के इतिहास में देखे जाते हैं से निपटने के लिए हमें जो समर्थन चाहिए, वह हमें देगा ।
सितंबर 1840 में, भविष्यवक्ता जोसफ स्मिथ और प्रथम अध्यक्षता में उनके सलाहकारों ने निम्नलिखित घोषणा की थी: “इन अंतिम दिनों में प्रभु का कार्य, बहुत विशाल और लगभग मनुष्यों की समझ से परे है । इसकी महिमा का वर्णन नहीं किया जा सकता है, और इसकी भव्यता सर्वोत्तम है । संसार की सृष्टि से लेकर वर्तमान समय की प्रत्येक आने वाली पीढ़ी के भविष्यवक्ताओं और धार्मिक पुरुषों को इस बारे में प्रेरित और उत्साहित किया गया है; और यह वास्तव में समय की परिपूर्णता का समय है, जब प्रत्येक वस्तु जो यीशु मसीह में है, चाहे स्वर्ग में या पृथ्वी पर, उसके नाम में एकत्रित की जाएगी, और जब सब वस्तुओं को पुनर्स्थापित कर लिया जाएगा, जैसा कि पवित्र भविष्यवक्तओं द्वारा संसार के आरंभ से कहा गया था; क्योंकि इसके द्वारा उस प्रतिज्ञा को पूरा किया जाएगा जो पूर्वजों से की गई थी, जबकि सर्वशक्तिमान के प्रकटीकरण महान, गौरवशाली और विस्मयकारी होंगे ।
उन्होंने आगे कहा था: “हम आगे बढ़ने और राज्य का निर्माण के लिए अपनी ताकत को संगठित करने, और पौरोहित्य की परिपूर्णता और महिमा में स्थापना करने के लिए स्वयं को कटिबद्ध महसूस करते हैं । वह कार्य जिसे अंतिम दिनों में पूरा किया जाना है बहुत ही महत्वपूर्ण है, और इसके लिए संतों की ऊर्जा, कौशल, प्रतिभा और क्षमता का उपयोग किए जाने की आवश्यकता है, ताकि यह उस महिमा और शान के साथ आगे बढ़ सके जिसकी व्याख्या भविष्यवक्ता [दानियल] द्वारा की गई थी [देखें दानियल 2:34–35, 44–45]; और इसलिए इस प्रकार के महत्वपूर्ण और भव्य कार्यों के लिए संतों की एकाग्रता की अत्यंत आवश्यकता होगी ।”2
बहुत से कार्य जो हम पुनर्स्थापना को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे और कब करेंगे उनका विवरण अभी प्रकट नहीं किया गया है । फिर भी उन आरंभिक समय की प्रथम अध्यक्षता उस कार्य की विशालता को कुछ समझते थे जिसे प्रभु ने हमारे समक्ष रखा है । ये कुछ उदाहरण हैं जो हमें मालूम होने चाहिए कि ऐसा होगा :
अपने संतों के माध्यम से, प्रभु अपने सुसमाचार का उपहार “प्रत्येक राष्ट्र, जाति, भाषा, और लोगों में ले जाएगा ।” 3 तकनीक और चमत्कार अपनी भूमिका निभाते रहेंगे---साथ में लोग “मनुष्यों के पकड़नेवाले” 4 शक्ति और विश्वास के साथ सेवा करते रहेंगे ।
हम बढ़ते संघर्ष के बीच व्यक्तियों के रूप में अधिक संगठित होंगे । हमारे समूह और हमारे परिवार सुसमाचार से आशीषित किए जाएंगे ।
यहां तक अविश्वासी संसार भी अंतिम-दिनों के संतों का यीशु मसीह का गिरजे को पहचानेगा और इस पर परमेश्वर की शक्ति को महसूस करेगा । विश्वासी और बहादुर शिष्य निडर होकर, विनम्रतापूर्वक, और स्पष्टरूप से अपने प्रतिदिन के जीवन में मसीह का नाम लेंगे ।
तो फिर हममें से प्रत्येक इस प्रकार के महत्वपूर्ण और भव्य कार्य में कैसे भाग ले सकता है ? अध्यक्ष नेलसन ने सीखाया है आत्मिक शक्ति में कैसे विकास करना है । जब हम पश्चाताप को अपने बढ़ते हुए विश्वास कि यीशु ही मसीह है के कारण एक आनंददायक अवसर के रूप में लेते हैं, जब हम समझते और विश्वास करते हैं कि स्वर्गीय पिता हमारी प्रत्येक प्रार्थना सुनता है, जब हम आज्ञाओं का पालन करना और जीने का प्रयास करते हैं, तो हम निरंतर प्रकटीकरण प्राप्त करने की अपनी शक्ति में विकास करते हैं । पवित्र आत्मा हमारी स्थायी साथी बन सकती है । पवित्र आत्मा हमारी स्थायी साथी बन सकती है । हमारे आसपास के संसार में अंधकार होते हुए भी प्रकाश का एहसास हमारे साथ बना रहता है ।
इस प्रकार की आत्मिक शक्ति को कैसे विकसित करना है जोसफ स्मिथ इसका उदाहरण है । उसने हमें दिखाया कि परमेश्वर से प्रकटीकरण पाने के लिए विश्वास में प्रार्थना प्रमुख है । उसने विश्वास में प्रार्थना की थी कि परमेश्वर पिता उसकी प्रार्थना का उत्तर देगा । उसने, इस विश्वास के साथ प्रार्थना की थी कि केवल यीशु मसीह के द्वारा वह उस अपराध बोध से मुक्त हो सकता था जो उसने अपने पापों के लिए महसूस किया था । और उसने, इस विश्वास के साथ प्रार्थना की थी कि क्षमा प्राप्त करने के लिए उसे यीशु मसीह के सच्चे गिरजे को खोजने की आवश्यकता थी ।
अपनी संपूर्ण भविष्यवक्ता सेवकाई के दौरान, जोसफ स्मिथ ने निरंतर प्रकटीकरण प्राप्त करने के लिए विश्वास की प्रार्थनाओं का उपयोग किया था । जब हम आज की और आने वाली उन चुनौतियों का सामना करते हैं, तो हमें भी इसी उदाहरण को अपनाने की आवश्यकता होगी । अध्यक्ष ब्रिंगम यंग ने कहा था, “मैं अंतिम-दिनों के लिए अपने हृदयों और विचारों में परमेश्वर से निरंतर प्रार्थना करने के सिवाए किसी अन्य मार्ग को नहीं जानता ।” 5
प्रभु-भोज प्रार्थना के इन शब्दों को तब हमारे प्रतिदिन के जीवन को व्यक्त करना चाहिए: “सदा उसे याद रखने ।” “उसे” यीशु मसीह को दर्शाता है । आगे के शब्द, “उन आज्ञाओं को मानने के इच्छुक हैं जो उसने उन्हें दी हैं” बताते हैं कि उसे याद करने का क्या अर्थ होता है ।6 जब हम यीशु मसीह को सदा याद करते हैं, हम मौन प्रार्थना में पूछ सकते हैं, “वह मुझ से क्या करवाना चाहता है ?”
यीशु मसीह में विश्वास से की गई इस तरह की प्रार्थना से, इस अंतिम युग में प्रवेश किया गया था । और यह उस भूमिका का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा है जो हम में से प्रत्येक इस कार्य को आगे बढ़ाने में निभाएगा । मैंने ऐसी प्रार्थना के शानदार उदाहरणों को पाया है, जैसा आपने भी पाया होगा ।
पहला उदाहरण जोसफ स्मिथ है । उसने एक बच्चे के समान विश्वास में प्रभु से पूछा था कि वह उससे क्या करवाना चाहता है । उसको मिले उत्तर ने संसार का इतिहास को बदल दिया था ।
मेरे लिए, सबसे महत्वपूर्ण पाठ शैतान के आक्रमण के प्रति जोसफ की प्रतिक्रिया से मिलता है जब जोसफ प्रार्थना के लिए घुटने बल झुका था ।
मेरे लिए, एक सबसे महत्वपूर्ण पाठ शैतान के आक्रमण के प्रति जोसफ की प्रतिक्रिया से मिलता है जब जोसफ प्रार्थना करने के लिए घुटने बल झुका था । मेरे लिए, एक सबसे महत्वपूर्ण पाठ शैतान के आक्रमण के प्रति जोसफ की प्रतिक्रिया से मिलता है जब जोसफ प्रार्थना करने के लिए घुटने बल झुका था ।
पुनर्स्थापना के आरंभ को विफल करने के लिए शैतान का प्रयास बहुत गंभीर था क्योंकि जोसफ की प्रार्थना बहुत महत्वपूर्ण थी । आपको और मुझे इस जारी पुनर्स्थापना में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी होंगी । जबकि पुनर्स्थापना का शत्रु हमें प्रार्थना करने से रोकने का प्रयास करेगा । जोसफ के विश्वास का उदाहरण और उसकी दृढ़ता हमारे संकल्प में हमें मजबूती दे सकती है । यह कई कारणों में से एक है कि क्यों मेरी प्रार्थनाओं में भविष्यवक्ता जोसफ के प्रति स्वर्गीय पिता के लिए धन्यवाद शामिल है ।
मॉरमन की पुस्तक में इनोस का विश्वास की मेरी प्रार्थना के लिए एक अन्य उदाहरण है जब मैं पुनर्स्थापना को जारी रखने में अपनी भूमिका निभाने का प्रयास करता हूं । आपकी भूमिका कुछ भी हो, आपको उसे एक व्यक्तिगत सलाहकार मानना चाहिए ।
जोसफ के समान, इनोस ने विश्वास में प्रार्थना की थी । उसने अपने अनुभव की व्याख्या इस प्रकार की थी:
“और मेरी आत्मा को भूख लगी; और मैंने अपने बनाने वाले के सामने घुटने टेके, और मैंने अपनी पूरी शक्ति से प्रार्थना और अपनी आत्मा के लिए विनती की; और मैं सारा दिन उसे पुकारता रहा; हां, और जब रात आई मैं फिर भी इतनी जोर से पुकारता रहा कि वह स्वर्ग तक पहुंच गई ।
“और मैंने एक वाणी को यह कहते सुना: इनोस, तुम्हारे पाप क्षमा कर दिए गए हैं, और तुम आशीषित किये जाओगे ।
“और मैं, इनोस, जानता था कि परमेश्वर झूठ नहीं बोल सकता; इसलिए, मेरे अपराध धुल गए थे ।
“और मैंने कहा: प्रभु, यह कैसे हुआ ?
“और उसने मुझ से कहा: मसीह में तुम्हारे प्रेम के कारण, जिसे तुमने पहले कभी न तो सुना है न ही देखा है । और बहुत साल बीत जाने पर वह अपने-आपको शरीर में प्रकट करेगा; इसलिए, जाओ, तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें चंगा किया ।” 7
वह पाठ जिसने मुझे आशीषित किया इन शब्दों में है: “मसीह में तुम्हारे प्रेम के कारण, जिसे तुमने पहले कभी न तो सुना है न ही देखा है ।”
जोसफ को उपवन में जाने और शैतान की शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करने के लिए भी मसीह में विश्वास था । उसने पिता और पुत्र को तबतक नहीं देखा था, फिर भी उसने अपने हृदय की पूरी उर्जा से प्रार्थना की थी ।
इनोस के उदाहरणों ने भी मुझे वही अनमोल पाठ सीखाएं हैं । जब मैं विश्वास से प्रार्थना करता हूं, तो पिता के पास मेरे सहायक रुप में उद्धारकर्ता है और मैं महसूस कर सकता हूं कि मेरी प्रार्थनाएं स्वर्ग तक पहुंचती हैं । उत्तर आते हैं । आशीषें मिलती हैं । कठिन समयों में शांति और आनंद मिलता है ।
मुझे याद है जब, बारह प्रेरितों के परिषद के नवीनतम सदस्य के रूप में, मैं एल्डर डेविड बी. हेट के साथ प्रार्थना में घुटनों के बल झुका था । उनकी आयु मेरी आज की आयु जितनी थी, वही चुनौतियां थीं जिनका सामना मैं अब स्वयं कर रहा हूं । मुझे प्रार्थना करते समय उनकी आवाज याद है । मैंने देखने के लिए आंखें नहीं खोली थी, लेकिन मुझे ऐसा लगा मानो वह मुस्करा रहे थे । उन्होंने स्वर्गीय पिता से अपनी आवाज में आनंद के साथ बात की थी ।
मैं अपने मन में उनकी खुशी को सुन सकता था जब उन्होंने कहा था, “यीशु मसीह के नाम में ।” मुझे ऐसा लगा मानो एल्डर हेट ने उसी क्षण महसूस किया था कि उद्धारकर्ता ने उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली थी । और मुझे यकीन था इसे मुस्कान के साथ स्वीकार किया गया था ।
निरंतर जारी इस शानदार पुनर्स्थापना के प्रति अपना महत्वपूर्ण योगदान करने की हमारी क्षमता में वृद्धि होगी जब हम यीशु मसीह में अपने उद्धारकर्ता के रूप में और स्वर्गीय पिता में अपने प्रेमी पिता के रूप में विश्वास में वृद्धि करते हैं । जब हम विश्वास में प्रार्थना करते हैं, तो हम प्रभु के कार्य में महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे जब वह संसार को अपने द्वितीय आगमन के लिए तैयार करता है । मैं प्रार्थना करता हूं कि हम सभी उस कार्य को करने में आनंद प्राप्त करेंगे जिसे करने के लिए वह हम में से प्रत्येक को निमंत्रण देता है ।
मैं गवाही देता हूं कि यीशु मसीह जीवित है । पृथ्वी पर यह उसका गिरजा और राज्य है । जोसफ स्मिथ पुनर्स्थापना का भविष्यवक्ता है । अध्यक्ष रसल एम. नेलसन पृथ्वी पर आज प्रभु के भविष्यवक्ता हैं । वह अंतिम-दिनों के यीशु मसीह के गिरजे में सभी पौरोहित्य कुंजियों को धारण करते हैं । यीशु मसीह के नाम में, आमीन ।