महा सम्मेलन
मुझे स्वर्गदूतों में विश्वास है
अक्टूबर 2020 महा सम्मेलन


10:45

मुझे स्वर्गदूतों में विश्वास है

प्रभु आपके सामने आने वाली चुनौतियों को जानता है। वह आपको जानता है, वह आपसे प्रेम करता है, और मैं वादा करता हूं, वह आपकी मदद करने के लिए स्वर्गदूतों को भेजेगा।

भाईयों और बहनों, मुझे स्वर्गदूतों में विश्वास है, और मैं उनके साथ अपने अनुभवाें काे आपके साथ साझा करना चाहूंगा। ऐसा करने में, मैं आशा और प्रार्थना करता हूं कि हम अपने जीवन में स्वर्गदूतों के महत्व को पहचानेंगे।

यहां एल्डर जैफ्री आर. हॉलैंड के पिछले महासम्मेलन से शब्द है : “जब हम उन लोगों के बारे में बात करते हैं जो परमेश्वर के हाथ में साधन बन चुके हैं, तो हमें याद दिलाया जाता है कि सभी स्वर्गदूत परदे के दूसरी तरफ से नहीं होते। उनमें से कुछ के साथ हम चलते हैं और बात करते हैं - यहां, अभी, हर दिन। उनमें से कुछ हमारे ही पड़ोस में रहते हैं। … वास्तव में स्वर्ग कभी भी इतना पास प्रतीत नहीं होता जब हम परमेश्वर के प्रेम को लोगों की दया और भक्ति में इतने अच्छे और इतने शुद्ध रूप में प्रकट होते देखते हैं कि दिव्य एकमात्र शब्द है जो मन में आता है ” (“The Ministry of Angels,” Liahona, Nov. 2008, 30).

जो मैं बात करना चाहता हूं वह इस तरफ के स्वर्गदूतों के बारे में है। हमारे रोजाना के जीवन में हमारे बीच चलने वाले स्वर्गदूत हमारे लिए परमेश्वर के प्रेम के शक्तिशाली अनुस्मारक हैं।

पहले स्वर्गदूत का जो मैं उल्लेख करूंगा, वे दो बहन प्रचारक हैं सिस्टर विल्मा मोलिना और सिस्टर इवोने रीविटी जिन्होंने मुझे, सुसमाचार पढ़ाया था जब मैं एक युवा था। मेरी छोटी बहन और मुझे एक गिरजा के कार्यकर्म में आमंत्रित किया गया था जहां हम इन दो स्वर्गदूतों से मिले। मैंने कभी नहीं सोचा था कि उस सामान्य कार्यकर्म से मेरा जीवन बदल जाएगा।

मेरे माता-पिता और भाई-बहन उस समय गिरजा के बारे में अधिक जानने में रुचि नहीं रखते थे। मेरे परिवार वाले घर में मिशनरियों के लिए भी तैयार नहीं थे, इसलिए मैंने गिरजा की इमारत में मिशनरी सबक लिया। गिरजा में वह छोटा कमरा मेरा “पवित्र जंगल” बन गया।

अपनी बहन के साथ युवा एल्डर गोडोय

एक महीने बाद इन स्वर्गदूतों ने मुझे सुसमाचार से परिचित कराया, मैंने बपतिस्मा लिया। मेरी उम्र 16 साल थी। दुर्भाग्य से, मेरे पास उस पवित्र आयोजन की तस्वीर नहीं है, लेकिन मेरे पास उस कार्यकर्म में भाग लेने के समय की मेरी बहन और मेरी तस्वीर है। मुझे यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि इस तस्वीर में कौन है। मैं दाईं ओर खड़ा हुआ लम्बा व्यक्ति हूं।

जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, एक किशोर के लिए गिरजा में सक्रिय रहना कितना चुनौतीपूर्ण होगा, जिसका जीने का तरीका अभी बदला था और जिसका परिवार उसके निर्णय से सहमत नहीं था।

जैसा कि मैं अपने नए जीवन, एक नई संस्कृति और नए दोस्तों के साथ मिलने करने की कोशिश कर रहा था, मुझे अलग सा महसूस हुआ। मैंने खुद को कई बार निराशा और अकेले महसूस किया। मुझे पता था कि गिरजा सच था, लेकिन मुझे इसका एक हिस्सा होना कठिन लग रहा था। जब मैं अपने नए धर्म को समझने की कोशिश कर रहा था तो असहज और अनिश्चित था, मैंने तीन दिवसीय युवा सम्मेलन में भाग लेने का साहस पाया, जो मुझे लगा कि मुझे नए दोस्त बनाने में मदद करेगा। यह तब हुआ जब मैं मोनेका ब्रांडो नामक एक बचाने वाले स्वर्गदूत से मिला।

बहन गोडॉय

वह इस क्षेत्र में नई थी, ब्राजील के एक किसी अन्य हिस्से से आई हुई थी। उसने जल्दी से मेरा ध्यान आकर्षित किया और मेरे लिए यह सौभाग्य था, की उसने मुझे एक दोस्त के रूप में स्वीकार कर लिया। मुझे लगा कि उसने मुझे बाहर से ज्यादा अंदर से देखा।

क्योंकि उसने मुझसे मित्रता की, मुझे उसके दोस्तों से मिलवाया, जो बाद में मेरे दोस्त बन गए क्योंकि हमने बाद में कई युवा कार्यकर्म में भाग लिया था। वे कार्यकर्म मेरे इस नए जीवन में मेरे एकीकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे।

एल्डर गोडॉय के दोस्त

इन अच्छे दोस्तों ने एक बड़ा बदलाव किया, लेकिन परिवार में सुसमाचार नहीं होने से मेरी चल रही मन फिराने की प्रक्रिया को संकट में डाल दिया। गिरजा में मेरी सुसमाचार से बातचीत मेरे लिए और भी महत्वपूर्ण हो गई। तब दो और स्वर्गदूतों को प्रभु ने मदद के लिए भेजा।

उनमें से एक लेडा विटोरी थी, मेरी सुबह-सुबह की सेमिनरी शिक्षक। उसके प्यार और शिक्षा को स्वीकार करने से, उसने मुझे “परमेश्वर के अच्छे वचन ” (मरोनी 6:4)से एक दैनिक खुराक दी, जो मेरे पूरे दिन की जरूरत थी। इससे मुझे आत्मिक ताकत हासिल करने में मदद मिली।

एक और स्वर्गदूत मेरी मदद करने के लिए भेजा गया,अध्यक्ष मार्को एंटोनियो फुस्को। उन्हें मेरे ग्रह शिक्षक साथी के रूप में भी नियुक्त किया गया था। मेरे अनुभव की कमी के बावजूद, उन्होंने मुझे याजक परिषद् की बैठकों और सेवकाई शिक्षण के लिए नियुक्त किया। उन्होंने मुझे न सिर्फ देखने के लिए बल्कि कार्य करने और उसे सीखने का भी मौका दिया। उन्होंने मुझ पर इतना भरोसा किया, जितना मैंने कभी खुद पर भी नहीं किया था।

इन सभी स्वर्गदूतों, और उन अन्य लोगों के लिए धन्यवाद, जिन्होंने मुझे उन महत्वपूर्ण प्रारंभिक वर्षों के दौरान सहायता की, मुझे वाचा मार्ग पर बने रहने के लिए पर्याप्त शक्ति मिली और मैंने सच्चाई की आत्मिक गवाही प्राप्त की।

और , वह युवा स्वर्गदूत लड़की, मोनीका? जब हम दोनों ने अपना मिशन पूरा किया, वह मेरी पत्नी बन गई।

मुझे नहीं लगता कि अच्छे दोस्त, गिरजा की ज़िम्मेदारिया, और परमेश्वर के वचनो द्वारा पोषण एक संयोग था, बल्कि यह उस प्रक्रिया का हिस्सा था। अध्यक्ष गॉर्डन बी. हिंकली ने समझदारी से बताया: “इस गिरजा में शामिल होने के लिए इन सभी घटनाओं से गुजरना इतना आसान नहीं है। इसका मतलब है पुराने संबंधों को हटाना। इसका मतलब है दोस्तों को छोड़ देना। इसका मतलब हो सकता है कि सच्चे विश्वास को अपनाना। इसके लिए आदतों में और चाल चलन में बदलाव लाने की आवश्यकता हो सकती है। कई बार इसका मतलब है अकेलापन और यहां तक ​​कि अनजान होने का डर। परिवर्तन के इस कठिन दौर के दौरान विश्वास की शक्ति और पोषण की कड़ी आवश्यकता होती है।”(“There Must Be Messengers,” Ensign, Oct. 1987, 5)।

बाद में उन्होंने कहा, “हर एक को तीन चीजों की आवश्यकता होती है: एक दोस्त, एक जिम्मेदारी, और परमेश्वर के वचनों के साथ पोषण” (“Converts and Young Men,” Ensign, May 1997, 47).

मैं इन अनुभवों को आपके साथ क्यों साझा कर रहा हूं?

सबसे पहले, ऐसी प्रक्रिया से गुजरने वालों को एक संदेश भेजना है। हो सकता है कि आप एक नए परिवर्तित हों, या थोड़ी देर के लिए इधर-उधर भटकने के बाद गिरजा में वापस आ रहे हों, या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो संघर्ष कर रहा हो। कृपया करके इस बड़े परिवार का हिस्सा बनने के अपने प्रयासों को न छोड़ें। यह यीशु मसीह का गिरजा है ।

जब आपकी खुशी और उद्धार की बात आती है, यह हमेशा प्रयास करते रहने के लायक है। यह आपके जीने के तरीको और परंपराओं को ठीक करने के प्रयास के लायक है। प्रभु आपके सामने आने वाली चुनौतियों को जानता है। वह आपको जानता है, वह आपसे प्यार करता है, और मैं वादा करता हूं, वह आपकी मदद करने के लिए स्वर्गदूतों को भेजेगा।

अपने शब्दों में उद्धारकर्ता ने कहा: “मैं तुम्हारे साथ चलूंगा। मैं तुम्हारे दाहिने हाथ पर और तुम्हारे बाईं ओर रहूंगा, … मेरी आत्मा तुम्हारे [हृदय] में होगी, और मेरे स्वर्गदूत तुम्हारे साथ रहेंगे, तुम्हें बचाने के लिए “(सिद्धांत और अनुबंध 84:88)।

इन अनुभवों को साझा करने का मेरा दूसरा उद्देश्य गिरजा के सभी सदस्यों के लिए एक संदेश भेजना है —सभी के लिए। हमें याद रखना चाहिए कि नए परिवर्तित सदस्य, वापस लौटे मित्र और विभिन्न जीवनशैली वाले लोगों के लिए यह आसान नहीं है कि वे तुरंत योग्य हो जाएं। प्रभु उनकी चुनौतियों को जानता हैं, और वे स्वर्गदूतों के द्वारा मदद के लिए तैयार हैं। प्रभु हमेशा स्वयंसेवकों को दूसरों के जीवन में स्वर्गदूत बनने के लिए खोजता है।

भाइयों और बहनों, क्या आप परमेश्वर के हाथों में एक यंत्र बनने के इच्छुक होंगे? क्या आप इन स्वर्गदूतों में से एक बनना चाहेंगे? परमेश्वर की ओर से भेजे गए एक स्वर्गदूत की तरह, उसके लिए मदद करना, जिसके के लिए वह चिंतित है? उसे आपकी जरूरत है। उन्हें आपकी जरूरत है।

बेशक, हम हमेशा अपने प्रचारकाें पर भरोसा कर सकते हैं। वे हमेशा से मौजूद है, और एक स्वर्गदूत की तरह काम करते हैं। लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं।

यदि आप ध्यान से चारों ओर देखे, तो आप जानेंगे कि बहुत से हैं जिनको एक स्वर्गदूत की आवश्यकता हैं। हो सकता है कि ये लोग सफ़ेद कमीज, या किसी गिरजा की पोशाक के परिधान में न हों। वे अकेले बैठे हो सकते हैं, गिरजे या कक्षा के पीछे की ओर, कभी-कभी ऐसा महसूस करते हुए कि वे अदृश्य हैं। हो सकता है कि उनका हेयरस्टाइल अलग हो या उनकी शब्दावली अलग हो, लेकिन वे वहां हैं, और वे कोशिश कर रहे हैं।

कुछ सोच रहे होंगे, “क्या मुझे वापस आना चाहिए? क्या मुझे कोशिश करते रहना चाहिए?” कुछ लोग सोच रहे होंगे कि क्या एक दिन उन्हें प्रेम से स्वीकार किया जायेगा। स्वर्गदूतों की जरूरत है, अभी; स्वर्गदूत जो उन्हें गले लगाने के लिए अपना सुविधा क्षेत्र छोड़ने को तैयार हैं; “[जो लोग] इतने अच्छे और इतने शुद्ध हैं कि एंजेलिक एकमात्र ऐसा शब्द है जो दिमाग में आता है [वर्णन करने के लिए]“ (Jeffrey R. Holland, “The Ministry of Angels,” 30).

भाइयों और बहनों, मैं स्वर्गदूतों पर विश्वास करता हूं! आज हम सभी यहा हैं, स्वर्गदूतों की एक विशाल सेना की तरह अंतिम दिनों के संतो की, एक प्रेम करने वाले रचेता के हाथ बन के दूसरों की सेवकाई करने के लिए। मैं वादा करता हूं कि अगर हम सेवा करने के लिए इच्छुक हैं, तो प्रभु हमें सेवकाई स्वर्गदूत बनने का अवसर देगा। वह जानता है कि किसे स्वर्गीय मदद की जरूरत है, और वह उन्हें हमारे मार्ग में प्रस्तुत करेगा। प्रभु उन लोगों को हमे दिखाते हैं जिन्हें रोज़ाना स्वर्गीय मदद की जरूरत है।

मैं बहुत सारे स्वर्गदूतों के लिए आभारी हूं, जिन्हें प्रभु ने मेरे जीवन मार्ग में भेजा है। उनकी जरूरत थी। मैं उनके सुसमाचार के लिए भी आभारी हूं जो हमें बदलने में मदद करता है और हमें बेहतर होने का मौका देता है।

यह प्रेम, सेवकाई का सुसमाचार है। इसकी मैं यीशु मसीह के नाम में गवाही देता हूं, आमीन ।