परमेश्वर को विजयी होने दो
क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर को विजयी बनना चाहते हैं? क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर को सबसे महत्वपूर्ण प्रभावशाली हिस्सा बनाना चाहते हैं?
मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, मैं इस सम्मेलन के अद्भुत संदेशों और अब आपके साथ बात करने के सौभाग्य के लिए बहुत आभारी हूं।
प्रेरित रहते हुए मुझे 36 साल से अधिक हो गए हैं, और इस्राएल के एकत्र किए जाने के सिद्धांत ने हमेशा मेरा ध्यान आकर्षित किया है। 1इसके बारे में सब कुछ मेरे लिए पेचीदा रहा है, सेवाकाइयों और इब्राहीम, इसहाक, और याकूब के नामों सहित; 2उनका जीवन और उनकी पत्नियां; वह अनुबंध जो परमेश्वर ने उनके साथ बनाएं और उनके द्वारा उनके वंश को मिलें; 3बारह जातियों का बिखरना; और हमारे समय में एकत्र किए जाने के बारे में कई भविष्यवाणियां।
मैंने एकत्र किए जाने का अध्ययन किया है, इसके बारे में प्रार्थना की है, हर संबंधित धर्मशास्त्र का अध्ययन किया है, और प्रभु से मेरी समझ बढ़ाने के लिए प्रार्थना की है।
तो, मेरी प्रसन्नता की कल्पना करो जब हाल ही में एक नई अंतर्दृष्टि की ओर मेरा मार्गदर्शन किया गया था। दो इब्रानी विद्वानों की मदद से, मुझे पता चला है कि इस्राएल शब्द का प्राचीन यहूदी अर्थों में से एक है “परमेश्वर को विजयी होने दो”।4 इस प्रकार, इस्राएलका नाम एक ऐसे व्यक्ति की ओर इशारा करता है जो चाहता या चाहती है कि परमेश्वर उसके जीवन में विजयी हो। यह विचार मुझे बहुत प्रभावित करता है!
इस्राएल की इस व्यख्या में शब्द चाहना बहुत महत्वपूर्ण है।5 हम सभी के पास चुनने की स्वतंत्रता है। हम इस्राएल से संबंधित होने या ना होने का चुनाव कर सकते हैे। हम परमेश्वर का हमारे जीवनों में विजयी होना चुन सकते हैं, या नहीं। हम परमेश्वर का हमारे जीवनों में अत्यधिक प्रभावशाली होना चुन सकते हैं,और नहीं भी।
एक क्षण के लिए, हम इब्राहीम के पोते, याकूब के जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण मोड़ को याद करते हैं। उस स्थान पर जिसका नाम याकूब ने पनीएल रखा था (जिसका अर्थ है “परमेश्वर का चेहरा”), याकूब ने एक गंभीर चुनौती का सामना किया था।6 उसकी चुनने की स्वतंत्रता की परिक्षा ली गई थी। इस चुनौती का सामना करते हुए, याकूब ने साबित किया था कि उसके लिए क्या अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उसने प्रदर्शित किया था कि वह चाहता था परमेश्वर उसके जीवन में विजयी हो। इसके जवाब में, परमेश्वर ने याकूब का नाम इस्राएल रखा था, 7 जिसका अर्थ था “परमेश्वर को विजयी होने दो।” परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि जो आशीषें इब्राहीम से प्रतिज्ञा की गई थीं वे सभी उसे भी प्राप्त होंगी।8
दुर्भाग्य से, इस्राएल के वंशजों ने परमेश्वर के साथ अपने अनुबंध को तोड़ दिया था। उन्होंने भविष्यवक्ताओं पर पत्थराव किया था और वे परमेश्वर को अपने जीवनों में विजयी नहीं होने देना चाहते थे। इसके परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने उन्हें पृथ्वी के चारों कोनों में तितर-बितर कर दिया था।9 सौभाग्य से, उसने उन्हें एकत्र करने की प्रतिज्ञा की थी, जैसा यशायाह ने लिखा था: “क्षण भर ही के लिये मैं ने तुझे छोड़ दिया था, परन्तु अब बड़ी दया कर के मैं फिर तुझे रख लूंगा।”10
इज़राइल की प्राचीन यहूदी परिभाषा को ध्यान में रखते हुए, हम पाते हैं कि इस्राएल के एकत्र होने में एक अतिरिक्त अर्थ शामिल हो जाता है। प्रभु उन्हें एकत्र कर रहा है जो अपने जीवनों में परमेश्वर का विजयी होना चाहते हैं। प्रभु उन्हें एकत्रतित कर रहा है जो अपने जीवनों में परमेश्वर का अत्यधिक प्रभावशाली होने का चुनाव करेंगें।
सदियों से, भविष्यवक्ताओं ने इस एकत्र किए जाने की भविष्यवाणी की थी, 11और अब यह हो रही है! प्रभु के द्वितीय आगमन से पूर्व यह कार्य संसार में अति महत्वपूर्ण है।
यह हज़ार वर्ष पूर्व सभा लाखों लोगों के लिए बढ़ते विश्वास और आत्मिक साहस की एक व्यक्तिगत गाथा है। और अंतिम-दिनों के संतों के यीशु मसीह के गिरजे के सदस्यों के रूप में, या “अंतिम-दिनों के परिवर्तित इस्राएल” के रूप में, 12हमें प्रभु को इस अति महत्वपूर्ण कार्य में सहायता करने की जिम्मेदारी दी गई है।13
जब हम परदे के दोनों ओर इस्राएल के एकत्र होने के बारे में बात करते हैं, तो हम अवश्य ही प्रचारक, मंदिर, और पारिवारिक इतिहास कार्य के बारे में बात करते हैं। हम उनके हृदयों में विश्वास और गवाही का निर्माण करने की बात भी करते हैं जिनके साथ हम रहते, कार्य, और सेवा करते हैं। किसी भी समय हम कुछ भी करते हैं जिससे किसी की मदद होती है—परदे के दोनों ओर—परमेश्वर के साथ अनुबंधों को बनाने और पालन करने के लिए. तो हम इस्राएल के एकत्र होने में मदद करते हैं।
कुछ समय पहले, हमारे पोतों में से एक की पत्नी आत्मिकरूप से संघर्ष कर रही थी। मैं उसे “जिल” कहूंगा। उपवास, प्रार्थना, पौरोहित्य आशीषों के बावजूद जिल के पिता मरने के करीब थे। उसे भय था कि वह अपने पिता और अपनी गवाही दोनों को खो देगी।
एक शाम. मेरी पत्नी, बहन वैंडी नेलसन, ने मुझे जिल के बारे में बताया था। अगली सुबह वैंडी ने जिल को बताया था कि उसके आत्मिक संघर्ष के लिए मेरा जवाब एक शब्द था। और वह शब्द था अदूरदर्शी।
बाद में जिल ने वैंडी को बताया कि पहले वह मेरे जवाब से स्तब्ध रह गई थी। उसने कहा, “मैं आशा कर रही थी दादा जी मेरे पिता के लिए चमत्कार की बात करेंगे। मैं निरंतर सोचती रही थी कि क्यों उन्हें अदूरदर्शी शब्द कहना पड़ा था।
जिल के पिता की मृत्यु के पश्चात, शब्द अदूरदर्शी उसके मन में बार बार आ रहा था। उसने अधिक गहराई से समझने के लिए गंभीरता से विचार किया कि अदूरदर्शी का अर्थ “कमबीन” है। और उसका सोचने का तरीका बदलने लगा था। जिल ने बाद में बताया था, “अदूरदर्शिता ने मुझे रोका, समझाया, और चंगा किया था। यह शब्द मुझे अब शांति से परिपूर्ण करता है। इसने मुझे अपने दृष्टिकोण में विस्तार करना और अनंत आशीषें खोजना याद दिलाया है। इसने मुझे याद दिलाया है कि एक दिव्य योजना है और कि मेरे पिता अभी भी जीवित हैं और मुझ से प्रेम करते और मेरी देख-भाल करते हैं। अदूरदर्शिता ने मुझे परमेश्वर के निकट किया है।”
मुझे हमारी बहू पर अत्यधिक गर्व है। इस आत्मिक रूप से कठिन समय के दौरान उसके जीवन में, अपने स्वयं के जीवन में एक अनंत दृष्टिकोण के साथ, जिल अपने पिता के लिए परमेश्वर की इच्छा को गले लगाना सीख रही है। परमेश्वर का विजयी होना चुनकर , उसे शांति मिलती है।
यदि हम ऐसा करेंगे, तो बहुत से तरीके हैं जिनसे इस्राएल का इब्रानी अर्थ हमारी सहायता कर सकता है। कल्पना करें कैसे हमारे प्रचारकों के लिए हमारी प्रार्थनाएं—और इस्राएल को एकत्र करने के हमारे स्वयं के प्रयासों के लिए—मन में इस विचार को बदल सकती हैं। हम अक्सर प्रार्थना करते हैं कि हमारे प्रचारक उनका मार्गदर्शन करेंगे जो यीशु मसीह के पुन:स्थापित सुसमचार की सच्चाई को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। मैं सोचता हूं, हम किसका मार्गदर्शन करेंगे जब हम उन्हें पाने की प्रार्थना करते हैं जो अपने जीवनों में परमेश्वर को विजयी कराना चाहते हैं?
हम उनका मार्गदर्शन कर सकते हैं जिन्होंने कभी परमेश्वर या यीशु मसीह पर विश्वास नहीं किया था लेकिन जो अब उनके और खुशी की उनकी योजना के बारे में जानना चाहते हैं। कुछ ने हो सकता है “अनुबंध में जन्म लिया हो14लेकिन अब अनुबंध के मार्ग से भटक गए हैं। वे अब पश्चाताप करने, लौटने, और परमेश्वर के विजयी होने के लिए तैयार हैं। उनका स्वागत हम खुली बांहों और हृदयों से करके उनकी सहायता कर सकते हैं। और कुछ जिनके लिए हम नेतृत्व कर सकते हैं, उन्होंने हमेशा महसूस किया होगा कि उनके जीवन में कुछ कमी थी। वे, भी, उस परिपूर्णता और आनंद को चाहते हैं जो उन्हें मिलता है जो अपने जीवनों में परमेश्वर को विजयी चाहते हैं।
बिखरे हुए इस्राएल को एकत्र करने के लिए सुसमाचार की क्षमता बहुत विशाल है। प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए स्थान है जो पूर्ण रूप से यीशु मसीह के सुसमाचार को गले लगाता है। प्रत्येक परिवर्तित परमेश्वर के अनुबंधित बच्चों में से एक हो जाता है, 15 चाहे जन्म से या गोद लेने से। प्रत्येक उस आशीष का संपूर्ण वारिस बन जाता है जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने इस्राएल के विश्वासी बच्चों से की है!16
हम में से प्रत्येक के पास दिव्य क्षमता है क्योंकि प्रत्येक परमेश्वर की संतान है। उसकी दृष्टि में सब समान हैं। इस सच्चाई का अनुमान गहरा है। भाइयों और बहनों, कृपया ध्यान से सुनें कि मैं क्या कहने जा रहा हू। परमेश्वर किसी एक जाति को दूसरी से अधिक प्रेम नहीं करता है। इस विषय में उसका सिद्धांत स्पष्ट है। वह सभी को उसके निकट आने का निमंत्रण देता है, “काले और गोरे, गुलाम और स्वतंत्र, पुरूष और स्त्री।”17
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि परमेश्वर के सामने खड़े होना आपके रंग से निर्धारित नहीं होता है। परमेश्वर के साथ आपका संबंध उसकी आज्ञाओं के प्रति आपके प्रेम पर निर्भर करता है न कि आपकी त्वचा के रंग पर।
मुझे दुख है कि दुनिया भर में हमारे अश्वेत भाई-बहन नस्लवाद के दर्द का सामना कर रहे हैं। आज मैं हर जगह अपने सदस्यों से आह्वान करता हूं कि वे पक्षपात को त्याग दें। मैं आप सभी से परमेश्वर की संतानो के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने की विनती करता हूं।
हम में से प्रत्येक के लिए, बेशक नस्ल कोई भी हो, प्रश्न एक ही है। क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर को विजयी कराना चाहते हैं? क्या आप अपने जीवन में परमेश्वर को सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव होने देने के लिए तैयार हैं? क्या आप चाहेंगे कि, उसके वचन, उसकी आज्ञाएं, और उसके अनुबंध आपके के प्रत्येक कार्य को प्रभावित करें? क्या आप अनुमति देंगे कि उसकी वाणी को किसी भी अन्य से अधिक प्राथमिकता दी जाए? क्या आप चाहते हैं कि वह जो कुछ भी आप से कार्य करने को कहता है वह आपके लिए प्रथम होगा? क्या आप चाहते हैं कि आपकी इच्छा उसकी इच्छा में पूरी हो ?18
विचार करें इस प्रकार की इच्छा आपको कितना आशीषित कर सकती है। यदि आप अविवाहित हैं और अनंत साथी की खोज कर रहे हैं, तो “इस्राएल के समान” होने से आपको यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि किससे और कैसे मिलना है।
यदि आप किसी ऐसे साथी से विवाहित है जिसने अपने अनुबंधों को तोड़ दिया है, तो अपने जीवन में परमेश्वर का विजयी होना चाहने से आपको परमेश्वर से अपने अनुबंध कायम रखने में मदद मिलेगी। उद्धारकर्ता आपके टूटे हृदयों को जोड़ेगा। आपको स्वर्ग से आशीषें प्राप्त होंगी जब आप आगे बढ़ने की खोज करते हैं। आपको भटकने या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
यदि आपके पास सुसमाचार या गिरजे के बारे में ईमानदार प्रश्न हैं, जब आप परमेश्वर का विजयी होना चुनते हैं, तो आपका उन परिपूर्ण, अनंत सच्चाइयों को खोजने और समझने के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा जो आपके जीवन का निर्देशन करने और अनुबंधित मार्ग पर आपको दृढ़ता से कायम रहने में मदद करेंगी।
जब आप प्रलोभन का सामना कर रहे हो—भले ही प्रलोभन तब आता है जब आप थके हुए या अकेला महसूस करते हो या आपको गलत समझा जाता है—तो आप उस साहस की कल्पना करें जब आप अपने जीवन में परमेश्वर का विजयी होना चुनते हैं और जब आप उससे आपको मजबूत करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
जब आपकी सर्वोत्तम इच्छा परमेश्वर का विजयी होना, इस्राएल का हिस्सा होना होती है, तो बहुत से निर्णय सरल हो जाते हैं। बहुत से मुद्दे उतने महत्वपूर्ण नहीं हैं। आप जानते हैं किस प्रकार स्वयं को संवारना है। आपको पता होता है क्या देखना और पढ़ना है, कहां अपना समय बिताना है, और किसके साथ संबंध रखना है। आप जानते हैं आपको क्या प्राप्त करना है। आप जानते हैं आप वास्तव में किस प्रकार के व्यक्ति बनना चाहते हैं।
अब, मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, परमेश्वर को विजयी होने के लिए विश्वास और साहस दोनों की आवश्यकता होती है। इसमें पश्चताप के लिए लगातार, आत्मिक कार्य करने और यीशु मसीह के प्रायश्चित के द्वारा प्राकृतिक स्वभाव को बदलने की आवश्यकता होती है। 19 इसमें सुसमाचार अध्ययन की व्यक्तिगत आदतों का विकास करने, स्वर्गीय पिता और यीशु मसीह के बारे में अधिक सीखने, और व्यक्तिगत प्रकटीकरण की खोज करने और जवाब देने के लिए प्रतिदिन दृढ़ प्रयास करने की आवश्यकता होती है।
इन भयानक समयों के लिए जिनकी भविष्यवाणी प्रेरित पौलुस ने की थी, 20की शैतान परमेश्वर की योजना पर अपने हमलों को छिपाने का प्रयास भी नहीं करेगा। संसार में अनेकों बुराइयां बहुत लोकप्रिय हैं। इसलिए, आत्मिक रूप से जीवित रहने का एकमात्र तरीका यह निर्धारित करना है कि परमेश्वर को हमारे जीवन में विजयी होने दें, उसकी वाणी सुनना सीखें, और इस्राएल को एकत्र करने में मदद करने के लिए अपनी ऊर्जा का उपयोग करें।
अब, प्रभु उनके बारे में कैसा महसूस करता है जो परमेश्वर को विजयी होने देना चाहते हैं। नफी ने इसे अच्छी तरह संक्षिप्त किया था: “[प्रभु] उनसे प्रेम करता है जो उसे अपना परमेश्वर मानते हैं। देखो, उसने हमारे पूर्वजों से प्रेम किया, और उसने उनके साथ अनुबंध बनाया, हां, इब्राहीम, इसहाक, और याकूब के साथ भी; और उसने उन अनुबंधों को याद रखा जो उसने बनाएं [थे]।”21
और प्रभु इस्राएल के लिए क्या करना चाहता है? प्रभु ने प्रतिज्ञा की है कि वह “[हमारे] युद्धों को, और [हमारी] संतानो के युद्धों को, और [हमारी] संतानो की संतानो के युद्धों को तीसरी और चौथी पीढ़ी तक [लड़ेगा]!”22
जब आप अगले छह महिनों के दौरान अपने धर्मशास्त्रों का अध्ययन करते हैं, तो मैं आपको उन सब बातों की सूची बनाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जिनकी प्रभु ने प्रतिज्ञा की है कि वह अनुबंधित इस्राएल के लिए करेगा। मैं सोचता हूं आपको अध्यधिक आश्चर्य होगा। इन प्रतिज्ञाओं का मनन करें। अपने परिवार और मित्रों से उनके बारे में बात करें। फिर इनके अनुसार जीवन जीएं और इन प्रतिज्ञाओं को अपने स्वयं के जीवन में परिपूर्ण होते देखें।
मेरे प्रिय भाइयों और बहनों, जब आप अपने जीवन में परमेश्वर का विजयी होना का चुनाव करते हैं, तो आप स्वयं अनुभव करेंगे कि हमारा परमेश्वर “चमत्कारों का परमेश्वर” है।23 हम सभी एक हैं, हम सब उसके अनुबंधित बच्चे हैं, और हम उसके नाम के द्वारा बुलाए जाएंगे। मैं इसकी गवाही यीशु मसीह के पवित्र नाम में देता हूं, आमीन।